शनिवार, 20 अप्रैल 2013

भरत के भारत वर्ष का नाम India क्यों?

Why 'Bharat' is still being called India even by indians themselves? R.P.Sharma analyses. अपने देश का नाम भरत से भारत वर्ष है, यह सत्य तो सर्व विदित है ही। भारत सरकार अपने को अभी भी अंग्रेज़ी में हमेशा 'Government of India' लिखती आ रही है। मीडिया में भी India शब्द को बहुत हवा मिल रही है। 'डांस इण्डिया डांस' इत्यादि बहुत से उदाहरण हमारे सामने हैं। शिक्षितवर्ग में भारत वर्ष शब्द का उच्चारण लुप्त होता जा रहा है। पूर्वी व पश्चिमी पाकिस्तान भी कभी India के अंग थे। वे भी कभी Indians थे। उनकी पहचान इण्डियन्ज़ के नाते ही होती थी। आज़ादी के बाद उन्होंने तो पाकिस्तान को अंग्रेज़ी में India नहीं लिखा। गोरों के India के टुकड़े टुकड़े होने के बाद जब वह तथाकथित India रहा ही नहीं तो कम से कम इस बचे हुए भूखण्ड को उस विदेशी कलंक से 1947 में ही मुक्त कर देना चाहिए था। हमारे ही पड़ोस में भूतपूर्व साईलोन ने कुछ ही वर्ष पूर्व अपनी दासता के प्रतीक वाले नाम को त्याग कर आत्म सम्मान के द्योतक नाम 'श्री लंका' को अपनाया। पूर्वी पाकिस्तान से बंगलादेश बना। बर्मा से मन्यामार बना। जर्मनी देश को अंग्रेज़ी में लोग जर्मनी कहते हैं। स्पेन, फ्रांस, तुर्की और अन्य कई देश इसे आलेमानिया लिखते हैं, पर जर्मनी के सारे स्वदेशी कार्यों में कहीं भी जर्मनी शब्द नहीं मिलेगा। ये अपने आप को 'डॉयचलैण्ड' ही लिखते और कहते हैं। संसार ने इन नए नामों को मान्यता दी है। बांबे, कलकत्ता, मद्रास के बदले नामों से वहां कोई धन की बहार तो नहीं आई पर नाम लेते ही अपनेपन का बोध अवश्य होने लगता है। इन नाम परिवर्तनों की श्रंखला के चलते सम्भव था कि दिल्ली को भी हस्तिनापुर में बदला जाता। विदेशियों द्वारा दिए गए नाम को स्वीकार कर हम अपनी दासतां वाली मानसिकता का दर्पण नहीं तो और क्या बने हैं? कोई देश तब तक पराधीन नहीं होता जब तक उसकी संस्कृति जीवित है। क्या हम अभी भी गुलाम हैं कि सिर उठाकर अपने देश को इसके प्राचीन सांस्कृतिक नाम भारत वर्ष कह कर उच्चारण न कर सकें? क्या भारत सरकार अभी भी अपने आप को 'Government of India' लिखकर हमें गुलाम बनाने वाले लोगों को यह अहसास करवाना चाहती है कि हम उनकी इज़्ज़त करते हैं? क्या 'Government of India' सदियों पुरानी मानसिक दासतां से मुक्त होकर अपने आपको अंग्रेज़ी भाषा में भी 'Government of भारत वर्ष' लिखकर स्वाभिमान व आत्मनिष्ठा के द्योतक नाम भारत को उसका प्रतिष्ठित स्थान प्रदान करेगी? -राम प्रहलाद शर्मा, अनुवादक, म्युनिक