रविवार, 21 अप्रैल 2013

फ्रैंकफर्ट मन्दिर का भव्य लोहड़ी कार्यक्रम



चित्र में सबसे बाईं ओर बैठी हुई स्वर्ण कौर और उनकी सहेलियां, भोजन तैयार करते हुए।फ्रैंकफर्ट मन्दिर को शुरू करने के लिए लोगों को इकटठा करने के लिए जनवरी में Nordwestzentrum में भव्य लोहड़ी कार्यक्रम किया गया जिसमें कोई चार सौ लोगों ने शरीक होकर खूब मौज मस्ती की। सरबजीत सिंह सिद्धु, ब्रिज मोहन अरोड़ा, वसन्त भाटिया, सीमा खेर, बलराम जी, सुभाष पटेल और रमेश शर्मा की पहल के कारण मन्दिर शुरू करने के लिए इतने सारे लोगों को इकट्ठा करना सम्भव हुआ। लोहड़ी कार्यक्रम में न तो प्रवेश शुल्क लिया गया और न ही रात्र भोजन के लिए कोई शुल्क लिया गया। मन्दिर के अधिकतर लोग निशुल्क प्रवेश के विरुद्ध थे पर सरबजीत सिंह सिद्धू ने प्रवेश निशुल्क रखने पर ज़ोर दिया। रात्रि भोज के लिए Morsestraße में मन्दिर परिसर में भोजन तैयार किया गया जिसमें सरबजीत सिंह सिद्धु के हाथों का बना सरसों का साग, स्वर्ण कौर और उनकी सहेलियों के हाथों की बनी दो सौ से अधिक मक्की की रोटियां शामिल थीं। यही नहीं, बाद में कार्यक्रम शुरू होने पर भी कई लोग ढेर सारी मिठाइयां, रेवड़ियां लेकर आए। गुरदीप सिंह चीमा भारत से खास इस कार्यक्रम के लिए दस किलो रेवड़ियां लेकर आए, स्वर्ण कौर ने अपनी पोती की पहली लोहड़ी भी इस कार्यक्रम में मनाई और करीब पन्द्रह किलो मिठाईयां बांटीं। रत्ती परिवार ने भी पन्द्रह किलो मिठाईयों का योगदान दिया। मनोज टण्डन ने भी अपने बेटे की पहली लोहड़ी यहीं पर मनाई और खूब सारी मिठाईयां लेकर वहां पहुंचे।

हालांकि इसमें कोई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित नहीं किया गया था, पर लोगों ने खूब नाच कर आनन्द लिया। गिद्धे, भांगड़े और डीजे स्टीफन लोबो ने संगीत पर लोग खूब नाचे। वहां इतने लोग एकत्रित हो गए कि हॉल छोटा पड़ने लगा और आधी रात होने के बाद लोगों को निवेदन कर करके कार्यक्रम का समापन करना पड़ा।

इस कार्यक्रम से मन्दिर में लोगों का आनाजाना बढ़ा है। एक भक्त ने अष्टधातुओं की बनी पंच मूर्तियां मन्दिर को दान में दी हैं। इनमें से दुर्गा मां की मूर्ति सबसे बड़ी है जिसका भार करीब अस्सी किलो है। इसके अलावा नवग्रह, राम, सीता और लक्षमण और शिवलिंग की मूर्तियां भी साथ हें। मन्दिर हर रविवार सुबह ग्यारह बजे से तीन बजे तक खुलता है। 6 फरवरी को सुबह बजा ग्यारह बजे मन्दिर में मूर्ति स्थापना होगी। सभी श्रद्धालुओं से वहां पहुंचने के लिए निवेदन है।