रविवार, 21 अप्रैल 2013

बवेरिया के कुछ पारंपरिक खेल

Short description of some bayerish traditional sports.यह कहना गलत होगा कि पश्चिमी या यूरोपीय देशों में संस्कृति तथा परंपरायें नहीं हैं, या फिर खराब हैं। यहां भी सदियों से धीरे धीरे बन रहीं और विकसित हो रही परंपराओं को न केवल जीवित रखा जा रहा है बल्कि बहुत औपचारिक रूप से उन्हें एक संगठित रूप दिया जा रहा है। केवल परंपरायें ही नहीं बल्कि पारंपरिक संगीत ने भी अब एक औपचारिक रूप धारण कर लिया है। इन सभी में बहुत कड़े नियमों का पालन किया जाता है। गांव गांव शहर शहर ऐसी संस्थायें बनी हैं जो नियमित तौर पर प्रशिक्षण, कार्यशालायें और कार्यक्रम आयोजित करती हैं। बहुत से समूह तो शादियों या पार्टियों में इन्हें सेवाओं के रूप में या कार्यशालाओं के रूप में प्रदान करते हैं और अतिथियों का मनोरंजन करते हैं। और बहुत सी परंपरायें भारत से भी मिलती हैं। जैसे नसवार का सेवन। जर्मनी, खासकर बवेरिया में अभी भी गांवों में नसवार (Schnupftabak, तंबाकू का पाउडर) का सेवन किया जाता है। इसे हथेली के पीछे रख कर नाक द्वारा अन्दर खींचा जाता है। कई जगह तो नसवार सेवन की प्रतियोगितायें भी आयोजित होती हैं। महफ़िलों में जो लोग पहली बार नसवार को आज़माना चाहते हैं, उनके लिये एक लकड़ी की मशीन (Schnupftabakmaschine) का उपयोग किया जाता है। इसमें एक पतली सी पत्ती के एक सिरे पर थोड़ी सी नसवार रख कर एक झटके से नसवार को नाक के अन्दर फेंका जाता है।

मर्दों को तो भारत में भी पंजे मिलाकर यह दिखाने का शौक रहता है कि कौन अधिक ताक़तवर है। इसी का जर्मन संस्करण है एक चमड़े के रिंग में बीच वाली उंगली फंसा कर खींचना (Fingerhackeln). जो अपने प्रतिद्वधी को अपनी ओर खींच लेता है, वह जीत जाता है।

एक अन्य खेल भारत में बच्चों को खिलाये जाने वाले लोकप्रिय खेल musical chair से मिलता जुलता है। पर इसमें सीडी कि बजाय लाईव बवेरियन संगीत बजाया जाता है और कुर्सियों के इर्द गिर्द भागने की बजाय सभी को बवेरियन टोपी पहनाई जाती है और पीछे वाले व्यक्ति को आगे वाले की टोपी खींच कर पहननी होती है। संगीत रुकने पर जिसके सर पर टोपी नहीं है उसे खेल से निकलना पड़ता है। रोमांच तब बढ़ जाता है जब प्रतिभागी एक हाथ से अपनी टोपी तब तक पकड़े रहना चाहते हैं जब तक आगे वाले की टोपी उनके दूसरे हाथ में नहीं आ जाती। आखिरी चरण तक पहुंचते पहुंचते तो ज़बरदस्ती उठा पटक करके किसी तरह टोपी छीनने की नौबत आ जाती है।

एक अन्य परंपरा है बवेरियन मर्दों का लोकनृत्य Schuhplattler, यानि जूतों के साथ खास तरह का नृत्य। इसमें मर्द लोग संगीत के साथ (अधिकतर तीन ताल वाला संगीत, सीडी पर या लाईव) जूते फ़र्श पर पटकते और फिर हाथों से टकराते हैं।