A regularly organised evening of singing folk songs of other european languages.1949 में Josef Gregor नामक एक व्यक्ति ने एस्सन शहर में एक संस्था शुरू की जिसमें कुछ लोग मिलकर गिटार के साथ यूरोप की कई भाषाओं के लोक-गीत गाते थे। यह संस्था आज जर्मनी के 25 शहरों में फैल चुकी है। म्युनिक में भी हर महीने चार बार ये लोग मिलकर बहुत सारी यूरोपीय भाषाओं के लोक गीत गाते हैं, वे भी मूल भाषा में। सुविधा के लिए गीतों के बोलों को रोमन लिपि में और जर्मन भाषा में उनके अनुवाद को स्टाफ़ नोटेशन (staff notation) के साथ प्रिंट करके प्रतिभागियों को दे दिए जाते हैं। फिर लोग मिलकर इस गीत को गाने का प्रयत्न करते हैं। इसमें भाग लेने के लिए न किसी प्रकार के पंजीकरण की आवश्यकता है और न ही कोई शुल्क देने की। हां, हर बार आयोजन स्थल के किराए की पूर्ति के लिए थोड़े दान का आह्वान ज़रूर किया जाता है। लोग खुद भी उनकी भाषा में कोई गीत प्रस्तावित कर सकते हैं। म्युनिक में Margarete Löwensprung नामक महिला अपने पति के साथ बहुत वर्षों से यह संस्था चला रही हैं। वे तमाम भाषाओं की बारीकियों और शैलियों से भली भान्ति परिचित हैं। हर गीत शुरू करने से पहले वे गीत, उसकी भाषा और उस देश की संस्कृति के बारे में थोड़ा समझाती हैं। फिर वे गिटार पर वह गीत बजा के दिखाती हैं। फिर लोग भी उनके साथ वह गीत गाने का प्रयत्न करते हैं।
भाषाओं को सात श्रेणियों में बांटा गया है। जैसे लैटिन और रोमन भाषाएं (लैटिन, पुर्तगाली, यहूदियों की स्पेनिश, कातालान, ओसीटान, फ्रांसीसी, इतालवी, कोर्सीकन, रोमानियाई), जर्मन भाषाएं (अंग्रेजी, फ्रिसियन, डच, अफ्रीकी, जर्मन, लक्जमबर्गिश, स्वीडिश, डेनमार्क, नार्वे, आइसलैण्ड की भाषाएं), बाल्टिक भाषाएं (लिथुआनियाई, लातवियाई), स्लाव भाषाएं (बेलोरूसी, उक्रेनी, चेक, स्लोवाक, स्लोवेनियाई, क्रोएशियाई, बोस्नियाई, सर्बियाई, बल्गारिश, पोलिश, रूसी), सेल्टिक भाषाएं (ब्रेटन, वेल्श, स्कॉटिश, आयरिश, गेलिक), छिटपुट इण्डो-जर्मन भाषाएं (ग्रीक, अल्बेनियन), और अन्य भाषाएं जैसे फिनिश, एस्टोनियन, हंगरी, तुर्की, बास्क माल्टीज़ आदि। सुविधा के लिए हर श्रेणी के गीतों को अलग रंग के कागज़ पर छापा जाता है।
http://www.klingende-bruecke.de/
http://www.klingende-bruecke-muenchen.de/
http://www.loewensprung.net/bruecke_termine.html
भाषाओं को सात श्रेणियों में बांटा गया है। जैसे लैटिन और रोमन भाषाएं (लैटिन, पुर्तगाली, यहूदियों की स्पेनिश, कातालान, ओसीटान, फ्रांसीसी, इतालवी, कोर्सीकन, रोमानियाई), जर्मन भाषाएं (अंग्रेजी, फ्रिसियन, डच, अफ्रीकी, जर्मन, लक्जमबर्गिश, स्वीडिश, डेनमार्क, नार्वे, आइसलैण्ड की भाषाएं), बाल्टिक भाषाएं (लिथुआनियाई, लातवियाई), स्लाव भाषाएं (बेलोरूसी, उक्रेनी, चेक, स्लोवाक, स्लोवेनियाई, क्रोएशियाई, बोस्नियाई, सर्बियाई, बल्गारिश, पोलिश, रूसी), सेल्टिक भाषाएं (ब्रेटन, वेल्श, स्कॉटिश, आयरिश, गेलिक), छिटपुट इण्डो-जर्मन भाषाएं (ग्रीक, अल्बेनियन), और अन्य भाषाएं जैसे फिनिश, एस्टोनियन, हंगरी, तुर्की, बास्क माल्टीज़ आदि। सुविधा के लिए हर श्रेणी के गीतों को अलग रंग के कागज़ पर छापा जाता है।
http://www.klingende-bruecke.de/
http://www.klingende-bruecke-muenchen.de/
http://www.loewensprung.net/bruecke_termine.html