रविवार, 21 अप्रैल 2013

फोन कॉल का वो आखिरी 1 सैकेण्ड

Mr. Richard Thiess from criminal police of Munich tells about a real murder case he handled where the suspect had taken care to create a perfect alibi...well....almost.

15 March 2002, शुक्रवार को मैं एक अच्छा सप्ताहांत बिताने के mood में था. बहार आने को थी और मुझे हत्या आयोग में आए अभी कुछ महीने ही हुए थे और पिछले महीनों में छोटे मोटे cases को छोड़ कर कुछ खास नहीं हुआ था. पर अभी सुबह के सवा दस ही बजे थे कि phone द्वारा एक छोटे से flat में एक औरत की लाश मिलने की खबर आई. मैं ने तुरंत साथियों को, वकील को और सुराग ढूंढने वालों को सूचित किया और फौरन वहां चला गया. यह मेरा पहला केस था जिस में सच-मुच हत्या कर दी गई थी. करीब बीस minute बाद मैं ने जो नज़ारा देखा, वह नरम दिल वालों के लिए नहीं था. चौथी मंज़िल पर छोटे से flat में एक छोटी से कद सी औरत की लाश खून से लथपथ फर्श पर पड़ी थी. उस का सर किसी भारी चीज़ से बार बार वार करने पर इतना विकृत हो गया था कि उस की उम्र का अन्दाज़ा लगाना मुश्किल था. उसे काफी बेरहमी से मारा गया लगता था. कमरे में गन्दगी का राज था. कोई डेढ सौ brandy की बोतलें चिपचिपे फर्श पर बिखरी पड़ीं थीं. रसोई गन्दे बरतनों और बचे हुए सड रहे भोजन के टुकड़ों से भरी पड़ी थी. दीवारें, परदे और चादरें खून के छींटों से सनी पड़ी थीं. कई महीनों से किराया न देने के कारण इस flat का बिजली और पानी पहले से कटा हुआ था. दरअसल इस का किराएदार Siegfrid नामक आदमी था जो उस समय पूरी तरह नशे में धुत था. उस ने लडखड़ाती आवाज में ब्यान दिया: 'कल दोपहर को Christa नामक मेरी एक जानकार औरत मेरे flat में आ कर सफ़ाई करने लगी थी. आज सुबह जब मेरी नींद खुली तो देखा कि वह फर्श पर मृत पड़ी है. मैं ने हड़बड़ा कर इमारत के बाहर अखबार वाले को इस के बारे में सूचित किया. और उस ने आगे police को सूचित किया. मुझे समझ नहीं आ रहा था कि यह सब कैसे हो गया.'

हमें सन्देह था कि शायद Siegfrid और मृत Christa के बीच बहुत झगड़ा हुआ होगा. पर वह प्रश्नों के उत्तर देने की हालत में नहीं था. उस के खून में 4‰ alcohol पाया गया (चार milligram alcohol प्रति ग्राम रक्त. जानकारी के लिए, Germany में गाड़ी चलाने के लिए अधिकतम आधा milligram alcohol प्रति ग्राम रक्त अनुमित है). उसे निगरानी के साथ अस्पताल भेज दिया गया.

doctors ने लाश की शिनाख्त की और सुराग पता लगाने वाली team ने flat की अच्छी तरह से छान-बीन की. हम flat के बाहर तंग गलियारे में खड़े धीमी आवाज में बातें कर रहे थे. गलियारा हम लोगों के suitcases और बस्तों से भरा हुआ था. इमारत में इसकी खबर फैल चुकी थी. पड़ोसी बार बार हमारे पास से गुजरते हुए flat के अन्दर की झलक पाने की चेष्टा कर रहे थे. आम अनुभवों की तरह यहां भी सभी बिना पूछे बाहर आने का कोई न कोई बहाना बता रहे थे. कोई डाक देखने बाहर निकला था, कोई कूडा फेंकने, कोई बिल्ली के लिए खाना लाने के लिए. उन से थोड़ी  पूछ-ताछ करने और उनका परिचय नोट करने के बाद हम उन्हें जाने दे रहे थे. पर कुछ देर बाद हम ने तीस अन्य police-कर्मी बुला कर पड़ोसियों से गहराई से पूछ-ताछ शुरू की. उन में से कईयों ने सच-मुच गई रात को ढाई और साढे तीन बजे के बीच शोर और कुछ पीटे जाने की आवाज़ें सुनी थीं. एक ने किसी मर्द की आवाज भी सुनी थी जो कह रहा था 'दरवाज़ा खोलो, मुझे अन्दर आने दो.' एक ने जब वह साढे तीन बजे काम पर जा रहा था, देखा कि दरवाज़े के बाहर सामान्य तौर पर पड़ी हुई rubber की भारी चटाई गायब है. वह हमें बाद में तलघर की सीढ़ियों में पड़ी मिली. इस से हमें सन्देह हुआ कि शायद कोई तीसरा व्यक्ति रात के समय में इस flat में घुसा होगा. उस ने बिना चाबी के इमारत में चुपके से घुसने के लिए पहले यह चटाई दरवाज़े में फंसाई होगी. इतने में सुराग पता लगाने वाली team की एक सदस्य को मृत महिला की जेब में पड़ा हुआ एक पहचान पत्र मिला जिस पर एक मुस्कुराती हुई महिला की तस्वीर थी. मैं ने उस पर दी गई सूचनाएं नोट कर लीं. पर हमें flat में कोई ऐसी चीज़ नहीं मिली जो मारने के लिए उपयोग की गई लगती हो. ऐसा लग रहा था कि जैसे किसी भारी और तीखे सिरों वाली छडी से सर पर वार किए गए हों. इमारत के आस पास छान-बीन पर भी ऐसी कोई चीज़ नहीं मिली. यहां तक कि कूडे के सारे bag भी खोल कर छान दिए गए, उन में भी cognac brandy की महंगी खाली बोतलों को छोड़ कर और कुछ नहीं मिला.

फिर मैं कुछ साथियों के साथ उस पहचान पत्र में दिए गए पते पर चल दिया. औरत के बारे में इतना ही पता चला कि वह उत्तर Germany से थी और कुछ सालों से Munich में उस पते पर रह रही थी. उस के flat पर पहुंच कर पहले हम थोड़ी चुप-चाप खड़े होकर वहां की टोह लेते रहे. वहां बिल्कुल शांति थी. फिर हम ने flat की घंटी बजाई और दरवाज़ा खटखटाया. जब किसी ने कोई उत्तर नहीं दिया तो हम ने दरवाज़ा खोलने वाली सेवा को बुला कर ताला तुड़वाया. flat अन्दर से साधारण पर साफ़ सुथरा था. अलमारियों में रखे कपड़ों और गुसलखाने में रखी चीज़ों से लग रहा था कि वहां कोई मर्द भी रह रहा है. सारे कोने छानने के बाद भी हमें उस मर्द के बारे में कोई खास सुराग नहीं मिला. सुराग वाली team के सदस्य ने flat से Christa की DNA जांच के लिए कुछ निशान जुटाए. फिर हम flat में नया ताला लगवा कर और एक लिफाफे में उस आदमी के लिए सन्देश छोड़ कर चले आए. उस सन्देश में लिखा था कि police ने flat की छान-बीन की है, नई चाबी police के पास है, कृपया वह police से सम्पर्क करे. इसी बीच DNA जांच द्वारा साबित हो गया कि पहचान पत्र उस मृत महिला Christa का ही था.

इस बीच अस्पताल में Siegfrid की हालत बेहतर थी और उसे अस्पताल से छोड़ दिया गया था. अगले दिन यानि शनिवार को हम ने उसे अपने दफ़्तर में पूछ-ताछ के लिए बुलाया. उस के कपड़े तो पहले ही ज़ब्त कर लिए गए थे. उन पर कोई खून के निशान साफ़ नज़र नहीं आ रहे थे. फिर भी उस के साथ पूछ-ताछ से कुछ बातों का पता चला. कई बरसों से Siegfrid किसी इंसान के नाम पर केवल Christa को ही जानता था. वह कभी कभी उस के flat में आ कर थोड़ी सफ़ाई करती थी. उस ने हिचकिचाते हुए यह भी बताया कि वह किसी 'Ingo' नामक मर्द के साथ रह रही थी. उसे लग रहा था कि बृहस्पतिवार की रात को उस के flat में Christa के साथ वह मर्द भी था. पर वह नशे में इतना धुत था कि विश्वास के साथ नहीं कह सकता था. क्योंकि Christa ने उस शाम अचानक उस के flat में आ कर सफ़ाई शुरु कर दी थी और शराब की खाली बोतलें कूडे में फेंकनी शुरू कर दी थीं, इस लिए वह नीन्द में नाराज़ होकर बेड पर लेट कर सो गया था. उस ने इतनी पी रखी थी कि उसे कुछ नहीं पता चला कि उस के flat में क्या हो रहा है. हम ने उस की बातों और उस की हालत से अन्दाज़ा लगाया कि इतने नशे में वह इतनी ताकत तो नहीं जुटा सकता था कि वह कई बार इतनी जोर से उस औरत पर वार करे. न तो वह हथियार मिल रहा था और न ही महिला को मार डालने का कोई उद्देश्य समझ में आ रहा था. इस लिए फिलहाल हम ने उसे एक अन्य इमारत में रहने के लिए भेज दिया क्योंकि उस का flat तो सील कर दिया गया था. अब हम ने 'Ingo' का पता लगाने की सोची. इसी बीच phone आया कि Ingo police station चाबी लेने आया है और अपनी प्रेमिका के बारे में और छान-बीन का कारण पूछ रहा है. मैं ने तुरंत उसे पूछ-ताछ के लिए अपने दफ़्तर बुलवाया.

इसी बीच हमारे अन्य साथियों ने पता लगाया कि 'Ingo ' अपनी प्रेमिका के खर्च पर Christa के flat में रह रहा था और उस के पैसे शराब में उड़ा रहा था. इस लिए उन में कभी कभी झगड़ा भी होता रहता है. अन्त में बृहस्पतिवार की उस रात को महिला ने तंग आ कर उस से रिश्ता तोड़ने का निर्णय किया और उसे flat छोड़ कर चले जाने के लिए कहा. जब उस ने विरोध किया तो वह अपने flat से चली गई और Siegfrid के यहां पहुंच गई. Ingo के लिए flat छोड़ कर चले जाने का मतलब था, न तो रहने की जगह और न ही पैसे का कोई स्रोत. उस के ऊपर प्रेमिका का उसे छोड़ कर किसी और के पास चले जाना भी उसे गवारा न हुआ होगा. हालांकि Siegfrid भी किसी तरह से सपनों का राजा होने के लायक नहीं हो सकता था, फिर भी इस ईर्ष्या को हत्या का उद्देश्य मानने से इनकार नहीं किया जा सकता था.

जब Ingo को हमारे पास पहुंचाया गया तो मैं ने उसे इस कारवाई का कारण बताया और उस की प्रेमिका के मरने पर अफ़सोस जताया. हालांकि वह चौंका और दुखी हुआ पर जल्द ही उस ने बिना पूछे उस रात के लिए एक बहाना बताना शुरू कर दिया कि वह तो उस रात करीब दो से चार बजे तक प्रेमिका के flat से एक sex hotline को phone कर रहा था. जब हम ने उस से पूछा कि उसे बिना पूछे कहानी बताने की क्या ज़रूरत है तो वह सतब्ध रह गया. वह कहने लगा कि उस ने TV में कई आपराधिक धारावाहिक देखें हैं जिन में सन्दिग्ध को घटना-स्थल पर उस की उपस्थिति के बारे में पूछा जाता है. उस ने यह भी कहा कि अगर हम चाहें तो पता करवा सकते हैं कि वाकई उस ने वह phone किया था या नहीं. हमें भी इस के बारे में ठीक से पूछ-ताछ करना ज़रूरी लगा. इतना तो यकीन था कि उस की कहानी में कोई गडबड ज़रूर है. पर हम ने उस से कुछ नहीं कहा. उस के ब्यान ठीक से नोट कर के हम ने उसे छोड़ दिया. पर न तो वह उस औरत के साथ विवाहित था और न ही उस flat के लिए उस का कोई सीधा अनुबन्ध था, इस लिए अदालत की ओर से उसे flat में घुसने और वहां से कोई भी सामान ले जाने की अनुमति उसे नहीं मिली. उसे कुछ दिन किसी दोस्त के पास रुकना पड़ा.

जांच से पता चला कि सच-मुच उस flat के phone से एक ऐसा number (0190-xxx वाला महंगा number) dial किया गया था और सम्पर्क की अवधि 59 minute और 59 second थी. उस के बाद phone कट गया था. 27 minute बाद फिर से वह number dial किया गया था. इस बार सम्पर्क 36 minute तक रहा. पहले वाले सम्पर्क से हमें आश्चर्य हुआ. क्या यह संयोग था कि phone सम्पर्क पूरे घंटे से ठीक एक second पहले टूट गया? जांच से पता चला कि ऐसे महंगे number ग्राहकों की सुरक्षा के लिए 59 minute और 59 second के बाद अपने आप कट जाते हैं. हो सकता था कि Ingo इस अवधि में phone पर बिठा ही न हो, बल्कि उस ने number घुमा कर छोड़ दिया हो और फिर क्रोध या ईर्ष्या के कारण करीब तेरह kilometre दूर अपने प्रतिद्वन्द्वी के flat में जा कर प्रेमिका की हत्या कर दी हो. और जब वापस आ कर देखा हो कि phone कटा हुआ है, तो इस उम्मीद में कि किसी को पता नहीं चलेगा, phone दोबारा घुमा दिया हो. हालांकि इस से शक और बढ़ जाता है.

अब यह पता लगाना था कि उस सेक्स सेवा की किसी औरत को यह बात-चीत याद है या नहीं. पूछ-ताछ के लिए हम लोगों के लिए सामान्यत प्रतिबन्धित ऐसे number हमारे लिए खोल दिए गए. जब मैं ने phone घुमाया तो एक automatic आवाज बड़े आ कर्षक सपने दिला रही थी और विभिन्न number दबाने का आग्रह कर रही थी. कई number दबाने और बहुत सारी record की हुईं मादा आवाज़ें सुनने के बाद भी दस minute तक जब किसी से बात नहीं हो पाई तो मैं ने phone काट दिया. फिर से पांच बार phone घुमाने पर भी जब किसी से बात न हो पाई तो हम ने निष्कर्ष निकाला कि ऐसी सेवाओं के number अगर घुमा कर छोड़ भी दिए जाएं तो भी उस पार किसी को कोई फर्क नहीं पड़ेगा. अब यह पता लगाना था कि क्या एक घंटे और 27 minute में दूसरे flat में जा कर, हत्या कर के वापस अपने flat में आना सम्भव था? हमारी जानकारी के अनुसार Ingo के पास कोई गाड़ी, motorcycle या cycle नहीं था. यानि उसे metro, tram, बस या taxi से ही जाना था. taxi के बारे में बहुत पूछ-ताछ करने पर भी कुछ पता नहीं चला. अब बाकी थी metro और बस. पर क्या पहले रात वाली बस में, जो केवल एक घंटे में एक बार चलती है, फिर metro (S-Bahn) में वहां जा कर अपराध कर के 87 minute के अन्दर वापस आना सम्भव था? अगले सप्ताह में हम ने इसकी भी जांच की. एक सह कर्मी यही रास्ता अपना कर वहां गया, वहां दस minute तक रुका जो अपराध के लिए शायद काफी थे, और सच-मुच इस अवधि में वापस आ गया. इन परिणामों के साथ हम दोबारा Ingo के पास पहुंचे. थोड़े टाल-मटोल के बाद उस ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया. उसे इस बात से बहुत तकलीफ थी कि उस की प्रेमिका उसे छोड़ कर किसी और के पास चली गई है. इस लिए उस ने उसे मारने का फ़ैसला किया. उसे यकीन था कि उस का प्रतिद्वंधी हमेशा की तरह नशे में धुत होगा और उसे पता नहीं चलेगा. उसे उम्र कैद की सजा हुई. हत्या के हथियार के बारे में उस ने कुछ नहीं बताया और न ही बहुत छान-बीन से भी कुछ पता चला. पर अब यह इतना महत्वपूर्ण भी नहीं था.

श्री Richard Thiess, Munich आपराधिक police में हत्या आयोग के उप निदेशक के तौर पर काम कर रहे हैं. वे चालीस से भी अधिक सालों से police में हैं. उस से पहले उन्होंने कुछ वर्ष बडी supermarkets में जासूस का काम किया जिन में उनका छोटे मोटे चोरों से ले कर हट्टे कट्टे और हथियार युक्त रूसी या अलबानी ठगों से पाला पड़ता रहा. police में रहते उन्होंने बड़े बड़े गिरोहों को पकड़वाने और लाखों Euro का माल बरामद करने में मदद की है. साथ ही वे करीब बीस सालों से एक जासूसी प्रशिक्षण देने की संस्था भी चला रहे हैं.

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