शुक्रवार, 27 मार्च 2020

Nuernberg में खिलौनों का व्यापार मेला

Nuernberg में 5 फरवरी से 10 फरवरी 2009 तक बच्चों और बड़ों के लिए खेल-कूद के सामान के व्यापार मेले का आयोजन हुआ जिसमें विश्व के 118 देशों से ढाई हज़ार से अधिक खिलौने बनाने वाली कंपनियों ने भाग लेकर अपने नए उत्पाद दिखाए। इसमें भारत से 22 कंपनियों ने भाग लिया और भारत से 125 लोग इस मेले को देखने आए। साठ वर्ष से Spielwarenmesse 2009 नामक इस व्यापार मेले का आयोजन न्यूर्नबर्ग की Spielwarenmesse eG नामक कंपनी कर रही है। इसमें छोटे बच्चों के लिए लकड़ी, प्लास्टिक के साधारण खिलौने, किशोरों के लिए मल्टीमीडिया, इलेक्ट्रॉनिक, जादुई, दिमाग लड़ाने वाले अथवा बड़ों के लिए बाग बगीचे में खेल कूद के लिए बहुत से नवीन डिज़ाइन के उत्पाद थे। सात विभिन्न श्रेणियों में नवीन उत्पादों को पुरस्कार भी दिया गया। इस बार खिलौनों में पर्यावरण संरक्षण, बच्चों की सुरक्षा और मानसिक विकास को बहुत महत्व दिया गया। इस बार मेले की साठवीं जयंती थी और मेले का उद्घाटन जर्मनी की चांसलर एंगेला मैर्कल ने किया। मेले में भारत की आधिकारिक भागीदारी का प्रतिनिधित्व 'Sports Goods Export Promotion Council' (SGEPC) ने किया। उनके बैनर तले आठ कंपनियों ने हिस्सा लिया। भारतीय कोंसलावास से भी एक अधिकारी ने मेले में जाकर भारतीय प्रदर्शकों से विचार विमर्श किया। अधिकतर भारतीय कंपनियों का मानना था मंदी के बावजूद उनके पास पूछताछ के लिए पर्याप्त व्यापार आंगतुक आए।

भारतीय कोंसलावास और SGEPC ने मिलकर 7 फरवरी को न्यूर्नबर्ग के Le-Meridan होटल में 'Colours of India' नामक व्यावसायिक और सांस्कृतिक आयोजन भी किया। इस आयोजन में जर्मन और अंतरराष्ट्रीय खेल उद्योग से, मीडिया, भारतीय प्रदर्शकों से लगभग 110 मेहमान आमंत्रित थे। अतुल्य भारत ने सहायक पर्यटन निदेशक 'अनिल ओराव' की निगरानी तहत एक इन्फ़ो डेस्क लगाया जिसमें भारतीय पर्यटन के बैनर, पोस्टर आदि बाँटे गए। स्टुटगार्ट के एक भांगड़ा समूह ने भांगड़ा भी प्रस्तुत किया।

आयोजकों के अनुसार मंदी के बावजूद व्यापार आंगतुक ने इस मेले को बहुत महत्व दिया। 82.5% व्यापार आंगतुक और 89.3% प्रदर्शक अगले वर्ष फिर भाग लेने को उत्सुक हैं। जर्मनी का खेल उद्योग 1022 कंपनियों और 3.4 खरब यूरो वार्षिक कारोबार के साथ करीब 12000 कर्मियों को रोज़गार देता है। इस उद्योग में जर्मनी का सबसे अधिक निर्यात इंगलैंड को होता है और सबसे अधिक आयात चीन से होता है।

भारतीय कंपनियां इस मेले में कई वर्षों से भाग लेती आ रही हैं और उनकी गिनती लगातार बढ़ रही है। भारतीय कंपनियों ने अनेक प्रकार के शैक्षिक खिलौने, पज़्ज़ल, जादुई खिलौने, क्रिकेट, फुटबॉल, कलाकारी के खेल आदि पेश किए। SGEPC के अध्यक्ष श्री अनिल मुकिम ने भी मेले का दौरा किया और प्रदर्शकों से बातचीत की। यूरोप में जर्मनी भारत का सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है। मौजूदा वार्षिक द्विपक्षीय व्यापार बारह खरब यूरो का है और 2012 तक ये बीस खरब यूरो तक बढ़ने की संभावना है।
http://www.spielwarenmesse.de/