शुक्रवार, 27 मार्च 2020

बवेरिया फ़िल्म स्टूडियो की सैर

म्युनिक शहर का एक मुख्य आकर्षण है यहां का फ़िल्म स्टूडियो जहां कई बड़ी फ़िल्मों के मूल सैट अभी भी मौजूद हैं। इनके अलावा वहां का सबसे बड़ा आकर्षण है 'स्टण्ट शो'। इस शो में करीब सौ मीटर चौड़ी और भव्य स्टेज पर आपको दिखाया जाता है कि लड़ाई के सीन, गोला बारी, आग, धमाके, कारों के पीछा करने आदि के सीन कैसे फ़िल्माए जाते हैं। तीन चार पेशेवर स्टण्ट-मैन के साथ लड़ने के लिए तीन चार लोग दर्शकों में चुने जाते हैं।शो बिल्कुल एक एक्शन फ़िल्म की तरह प्रदर्शित किया जाता है। पर यहां चोरों और पुलिस की बजाय स्टण्ट-मैन होते हैं और हीरो हीरोइन की जगह दर्शकों में से चुने गए एक लड़का और एक लड़की। चुने गए प्रतिभागियों को पहले सुरक्षा निर्देश दिए जाते हैं, फिर असली सीन आपके सामने फिल्माया जाता है, बिल्कुल लाइव, वो भी प्रकाश और बड़े बड़े स्पीकरों से निकलती ध्वनि के साथ। घूंसों, लातों, बन्दूकों की गोलियों और धमाकों की आवाज़ें दर्शकों के पीछे कमरे में बैठे कर्मचारी द्वारा लाईव नियन्त्रित की जाती हैं। यही नहीं, गोलियां लगने से चमकने वाली बिजली, धमाकों के निकलती हुई आग भी बिल्कुल नियन्त्रित की जाती है। आपको ऐसा लगेगा कि सचमुच कोई फ़िल्म आपके सामने चल रही है, पर पर्दे पर न होकर सचमुच आपके सामने घट रही है। सीन इस तरह से होता हैः एक सर्दी की हल्की सी गिरती हुई बर्फ़ की एक रात को प्रेमी प्रेमिका हाथ में हाथ डाले में धीरे धीरे अपने घर की ओर आ रहे हैं। उन्हें पता नहीं कि दो उचक्के चुपके से उनका पीछा कर करे हैं। लेकिन जब चोर उनके घर में घुस आते हैं तो दोनों प्रेमी बहादुरी के साथ उनसे लड़ते हैं, लात घूंसे मारते हैं और उन्हें खदेड़ते हैं। जब अचानक पुलिस की कार आती है तो प्रेमिका कार के ऊपर से उड़कर चोर को दबोच लेती है, गोलाबारी होती है, पीछा करने पर चोर खण्डहरों में ऊपर चढ़ जाते हैं। वहां भी लड़ाई गोलाबारी होती है, कभी चोर ऊपर से सीधा नीचे ज़मीन पर गिरता है तो कभी हीरो। सबकुछ एक असली एक्शन फ़िल्म की तरह। चुने गए लोग पहले थोड़ा हिचकिचाते हैं, पर थोड़ी देर बाद उन्हें मज़ा आने लगता है। आखिर जो दिखता है वह होता नहीं। सर पर फ़ोड़ने वाली बोतल भी एक खास तरह के प्लास्टिक की बनी होती है जो हल्की चोट लगने पर कांच की तरह टुकड़े टुकड़े होकर बिखर जाती है, पर उसकी आवाज़ कांच की तरह आती है और उससे चोट भी नहीं लगती। स्टण्ट शो देखने का शुल्क फ़िल्म स्टूडियो की सैर के शुल्क से अलग है। बवेरिया फ़िल्म स्टूडियो में आप कई महत्वपूर्ण फ़िल्मों के मूल सेट देख सकते हैं जैसे Asterix und Obelix gegen Cäsar, Das Boot, Die Unendliche Geschichte, Die wilden Kerle, Baader Meinhof Komplex, Wickie und die starken Männer (हाल ही में रिलीज़ हुई बच्चों की फ़िल्म)। ट्रेलर नीचे देखें। इस फ़िल्म में दिखाया गया लकड़ी का जहाज़ और बाकी सेट अब फ़िल्म स्टूडियो परिसर में है। एक टीवी धारावाहिक 'Sturm der Liebe' का एक सीन दर्शकों में किसी महिला को लेकर फ़िल्माया जाता है। यह सीन एक होटल की रिसेप्शन में काउण्टर पर खड़ी एक महिला और एक ग्राहक के बीच का है। दोनों को आमने सामने से अलग अलग कैमरों द्वारा फ़िल्माया जा रहा है। मज़े की बात यह है कि ग्राहक का सीन पहले ही फ़िल्माया जा चुका है। यानि अब अकेले रिसेप्शनिस्ट को बोलना है, उसके सामने कोई नहीं है, लेकिन उसे एक एक स्क्रीन की ओर देखना है जिससे यह लगे कि वह सचमुच ग्राहक को देख रही है। स्क्रीन पर लगातार उसके द्वारा बोले जाने वाले संवाद आ रहे हैं। उसे ग्राहक के संवादों के ठीक बीच अपने वाक्य बोलने हैं। करीब तीन चार मिनट के इस सीन के द्वारा आपको फ़िल्म निर्माण की कई मूलभूत गतिविधियों के बारे में जानने को मिलेगा जैसे कैमरा, डायलॉग, एडिटिंग आदि। इसके अलावा कई पुरानी शैली की गलियां और इमारतों के सेट स्थाई रूप से वहां बने हुए हैं जिनकी आवश्यकता यदा कदा पड़ती रहती है। गलियां ऐसे घुमावदार बनाई हुई हैं कि कहीं से भी उनके अन्त नज़र नहीं आते। इससे अत्यन्त दूरी का आभास होता है। शुल्क और समय आदि आप वेबसाइट से चेक कर सकते हैं। http://www.bavaria-film.de/