शुक्रवार, 27 मार्च 2020

Global Foods Trading Company

ग्लोबल फूड्स ट्रेडिंग (GFT, Global Foods Trading GmbH, जीएफटी) यूरोप की एक महत्वपूर्ण व्यापारिक कंपनी है जो एशियाई खाद्य पदार्थों को आयात करके, दोबारा साफ़ और पैक करके अपने ब्राण्ड से यूरोप के कई देशों में बेचती है। मसाले, अनाज, डिब्बा बन्द फल और सब्जियां, पापड़, आचार, पेय पदार्थ आदि सहित एक हज़ार से भी अधिक तरह के खाद्य पदार्थ जीएफटी समूह द्वारा पूरे यूरोप में वितरित होते हैं। जर्मनी, नॉर्वे, स्वीडन, डेनमार्क, हॉलैण्ड, बेल्जियम, फ्रांस, लक्समबर्ग, स्विट्जरलैण्ड, इटली और ऑस्ट्रिया जैसे यूरोप के कई देशों में स्थित तीन हज़ार से भी अधिक थोक और खुदरा विक्रेताओं, रेस्त्रां, स्वास्थय केन्द्रों को यहां से माल वितरित होता है। फ़्रैंकफ़र्ट से लगभग 50 किलोमीटर दूर बीबेस्हाईम नामक गांव में इसका मुख्य कार्यालय है। कंपनी के पास जर्मनी और यूरोप के कई लोकप्रिय ब्राण्डों के वितरण के एकाधिकार भी हैं जैसे अंगूरी रेड और व्हाईट वाईन, लैला बासमती चावल, पटक आचार और चटनियां, शानी मसाले, नमस्ते और किंगफिशर बीयर आदि। इसके अलावा कंपनी का स्पेन के माटारो शहर में 'स्पाइसी ओरिएंटल फूड्स' के नाम से एक शाखा कार्यलय भी है जहां से स्पेन, पुर्तगाल और दक्षिणी फ़्रांस को माल भेजा जाता है। 2003 और 2005 के मध्य की मन्दी को छोड़कर जीएफटी समूह का कारोबार पांच से दस प्रतिशत नियमित दर से बढ़ता रहा है। पर 2006 में दोबारा तीस प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई। जीएफटी समूह में 36 कर्मचारी कार्यरत हैं। इस कंपनी की नींव 1980 में पवन कुमार भण्डारी नामक एक भारतीय उद्धमी ने 'Bhandari GmbH' के नाम से फ़्रैंकफ़र्ट में रखी। यहां उन्होंने इंगलैण्ड से भारतीय खाद्य पदार्थ आयात करके बेचना आरम्भ किया। अगले दशक तक उनका काम फैल गया और वे ये खाद्य पदार्थ भारत, श्री लंका और थाईलैण्ड से सीधे आयात करने लगे। उभरते बाज़ार को देखते हुए उन्होंने श्री के जे हेरमान नामक एक अनुभवी व्यवसायी के साथ मिलकर 'ग्लोबल फूड्स ट्रेडिंग' नामक कंपनी बनाई। उनके पार्टनर के 2005 में सेवा निवृत्त होने के बाद कंपनी अब पूरी तरह से श्रि पवन कुमार भण्डारी के स्वामित्व में है।

सफ़लता के मील पत्थर - 70m² से 5000m² तक
1980 में श्री पवन कुमार भण्डारी ने फ़्रैंकफ़र्ट में लगभग 70m² की किराए की जगह लेकर 'Bhandari GmbH' का संस्थापन किया। यहां वे इंगलैण्ड से सामान आयात करके बेचने लगे। थोड़ी देर बाद माल के भण्डारण के लिए और जगह किराए पर ले ली। 1983 में बढती ज़रूरतों के मद्देनज़र उन्होंने पास के एक गांव में 320m² की भण्डारण क्षमता वाला गोदाम किराए पर ले लिया। 1985 में उन्होंने भारत, श्री लंका और थाईलैण्ड से सीधा आयात करना शुरू किया। 1986 और 1990 के मध्य उन्होंने कई अन्तरराष्ट्रीय ब्राण्डों के वितरण के एकाधिकार ले लिए, उत्पाद बढ़ा दिए, बाज़ार में ज़बरदस्त उपस्थिति दर्ज करवाई, इंगलैण्ड पर निर्भरता कम की और मूल देशों से सीधा आयात शुरू किया। 1991 में अधिक भण्डारण के लिए उसी शहर में 520m² क्षमता वाला आधुनिक तकनीक युक्त गोदाम खरीद लिया गया। इससे ग्राहकों भी माल देखने और चुनने में सुविधा हो गई। 1992 में लगातार बढ़ते हुए बाज़ार को भुनाने के लिए एक अट्ठारह वर्ष के लंबे अनुभव वाले व्यवसायी के साथ मिलकर 'ग्लोबल फूड्स ट्रेडिंग' कंपनी का संस्थापन किया। जल्द ही एशियाई खाद्य पदार्थों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए यह जगह भी कम पड़ने लगी। इसलिए 1993 में जीएफटी कंपनी को डार्मस्टाड्ट नामक शहर के एक 4000m² बड़े गोदाम में स्थानन्त्रित कर दिया गया। वहां पर दालों और मसालों को अपने ब्राण्ड जीएफ़टी (GFT) और 'शानी' (Schani) में पैक करने की सुविधा भी थी। 1994 में यूरोपियन संघ के खुलने पर यूरोपियन देशों में व्यापार आसान हो गया। जीएफ़टी ने भी अपने ट्रकों के साथ दूसरे यूरोपीय देशों में अपने ग्राहकों को माल भेजना शुरू कर दिया। 1998 में भारतीय वाइनों का यूरोप में आयात आरम्भ हुआ। इन्हें अपने ब्राण्ड 'अंगूरी' (Angoori) के नाम से बेचना शुरू किया। 1999 में डेनमार्क, ऑस्ट्रिया और फ्रांस के बाद अब इटली, स्पेन और स्कैण्डीनेवियन देशों को भी निर्यात शुरू किया गया। 2001 में फ़्रैंकफ़र्ट से करीब 50 किलोमीटर दूर बीबेस्हाईम नामक शहर में 5000m² बड़ा गोदाम खरीदा गया। 2004 में भारत और अन्य सुदूर पूर्वी देशों से आने वाले खाद्य पदार्थों को बर्फ में भण्डारण करने के लिए 1500m³ की अतिरिक्त जगह का निर्माण किया। साथ ही स्पेन के माटारो शहर में शाखा कार्यालय खोला। 2006 में 'नमस्ते' ब्राण्ड से एक कीमती लागर बीयर लांच की।
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