शनिवार, 21 अक्तूबर 2023

तारा-मण्डल (planetarium) के सौ वर्ष पूर्ण

आज रात आठ बजे Munich के German संग्रहालय (Deutsches Museum) की सार्वजनिक वेध-शाला (Volkssternwarte München, Rosenheimer Str. 145h) में इस के तारा-मण्डल (planetarium) के सौ वर्ष पूरे होने के उपलक्षय पर professor Thomas W Kraupe द्वारा एक व्यख्यान प्रस्तुत किया जाएगा. ठीक 100 साल पहले, 21 October, 1923 को, दुनिया में पहली बार Munich की एक गुम्बददार इमारत में Zeiss company का "model I" कृत्रिम तारों वाला आकाश (planetarium) प्रस्तुत किया गया था. कई हफ़्तों तक चले परीक्षण चरण के बाद 7 मई, 1925 को इसे नियमित संचालन में लिया गया.
https://sternwarte-muenchen.de/event-vsw/100jahreplanetarium23/


लाखों तारों से भरा आकाश सदियों से मनुष्य के मन में उत्सुकता जगाता आया है. धीरे धीरे मनुष्य ने समझा कि हम एक सौरमण्डल में जी रहे हैं जिस में हमारी पृथ्वी सहित अनेक अन्य ग्रह सूर्य का चक्कर लगाते हैं. फिर उसने मनोरञ्जन और शिक्षा के लिए ग्रहों की परिक्रमा के model बनाने शुरू किए. सत्रहवीं सदी तक आते आते कुछ बड़े आकार के globe बनाए गए जिन के अन्दर घुस कर सुराखों के ज़रिए तारों की अनुभूति की जा सकती थी. हैरानी वाली बात है कि उन्हें भी planetarium ही कहा जाता था. तब से ले कर अब तक planetarium की तकनीक में ज़बरदस्त बदलाव आया है. सामान्य globe से ले कर bulb, projector, laser, optical fiber से होते हुए अब LED की तकनीक अपनाई जाने लगी है.

1913 से ही Munich के Deutsches Museum के संस्थापक Oskar von Miller के मन में bulbs का इस्तेमाल कर के एक घूमती हुई आकाशगंगा बनाने का विचार चल रहा था. उन्होंने Jena शहर में स्थित optical उपकरण बनाने वाली company Carl Zeiss से इसकी चर्चा की. पहले पहल इसे हंसी में उड़ाने के बाद अन्त उन्होंने इस पर काम करना शुरू किया. इसी बीच प्रथम विश्व युद्ध के कारण यह परियोजना कई सालों तक टली रही. अन्तत: 1923 में उन्होंने धातु के एक खोल में 35 सुराख कर के उस के अन्दर एक 500 Watt का bulb लगा कर पहला planetarium तैयार किया. फिर कुछ बदलाव कर के इसे 1924 में सार्वजनिक तौर पर खोला गया. इस के गुम्बद का व्यास 15m था. दूसरे चरण में company ने इसे एक बेलनाकार बनाया जिस के दोनों ओर bulb और सुराख थे ताकि पृथ्वी के दोनों गोलार्ध दिखाएं जा सकें. company ने कयी देशों में इसकी 25 प्रतियां बेचीं. तब कयी companies इस धंधे में कूद पड़ीं. घरेलू उपयोग के लिए छोटे छोटे planetarium भी बनने लगे. आज शिकागो, New York, Los Angeles, Las Vegas, Dubai और जापान के Nagayo शहर में सब से बड़े planetarium हैं.

Las Vegas के planetarium का व्यास 100m है. इसकी बाहरी सतह भी LED से भरी हुई है जिस के कारण इसे दिन के समय भी कोई भी आवरण पहनाया जा सकता है जैसे विशालकाय झपकती हुई आंख, Halloween वाला कद्दू, football और बहुत सारी आकर्षक आकृतियां. इस के निर्माण में 2.3 खरब Dollar से भी अधिक का खर्च आया. इस में 18 हज़ार लोग बैठ सकते हैं. इस में 16 speaker लगे हुए हैं और गोलाकार screen पर 26 करोड़ LED लगे हैं. यह एक घंटे में 5MW से भी अधिक बिजली खाता है. इसका लोकार्पण 29 सितंबर 2023 को U2 के concert और ज़बरदस्त effects के साथ हुआ. पर इस में अन्तरिक्ष सम्बन्धी शो नहीं आयोजित किए जाते.