शुक्रवार, 27 अक्तूबर 2023

डॉ॰ वसुंधरा दोरास्वामी के साथ विशुद्ध शास्त्रीय नाट्य पर्व

29 मई को लगातार दूसरी बार बेंगलुरू की 74 वर्षीय विश्व-प्रसिद्ध भरतनाट्यम नृत्यांगना डॉ॰ वसुंधरा दोरास्वामी के साथ Munich के Kulturzentrum Trudering में 'Natya Fest' कार्यक्रम का आयोजन हुआ जिस में Germany के विभिन्न शहरों से 25 नर्तकियों के साथ विशुद्ध और प्रामाणिक शास्त्रीय नृत्य की अनेक झल्कियां प्रस्तुत की गईं. कार्यक्रम की आयोजक Munich निवासी software engineer और तीस साल से भरतनाट्यम सीख रहीं शुभदा सुब्रमण्यम ने इस बात का ख्याल रखा कि कार्यक्रम में Bollywood और अर्ध-शास्त्रीय नृत्य के संलयन (fusion) की बजाए केवल विशुद्ध शास्त्रीय नृत्य प्रस्तुत किया जाए. करीब साढे तीन सौ दर्शकों में से दो तिहाई ग़ैर भारतीयों का होना इस बात का प्रमाण था कि प्राचीन कलाओं की सांस्कृतिक धरोहर को बचाए रखने का जज़बा ग़ैर भारतीयों में भी है. Munich के भारतीय कोंसलावास, Munich नगरपालिका के सांस्कृतिक विभाग और प्रयोजकों ने कार्यक्रम में भरपूर सहयोग दिया. अखिला अवधानी द्वारा भगवान गणेष की प्रार्थना के साथ कार्यक्रम शुरु हुआ. Munich के भारतीय कोंसलावास से अन्तर-राष्ट्रीय सम्बन्धों की कोंसल श्रीमती सत्य हेम-रजनी ने भारतीय सरकार द्वारा चलाए गए अभियान 'अमृत काल' का आह्वान करते हुए सभा को सम्बोधित किया. फिर डॉ॰ वसुंधरा दोरास्वामी ने महान भारतीय पौराणिक कथा 'महाभारत' से विचारोत्तेजक महिला पात्र 'द्रौपदी' के प्रति सांस्कृतिक रूढ़िवादिता को 80 minute के भरतनाट्यम नृत्य के रूप में ढाल कर प्रस्तुत किया. फिर break के बाद विभिन्न समूहों द्वारा पुष्पांजलि, नटेशा कुटुवम, ब्रह्मांजलि, जातिस्वर, देवरमण, पल्लवी पदम और कुचिपुड़ि तरंगम प्रस्तुत किए गए.