शुक्रवार, 27 अक्तूबर 2023

रोमांचपूर्ण जीवन जीने की मिसाल - प्रज्ञा पाधी वकील

Munich शहर में शायद ही कोई ऐसा भारतीय होगा जो 'प्रज्ञा पाधी वकील' को नहीं जानता होगा. परिवार और काम के साथ साथ वर्षों से लगातार अनेक व्यक्तिगत, corporate और भारतीय कार्यक्रम आयोजित करते रहने के कारण हज़ारों लोग उन्हें व्यक्तिगत रूप से और Facebook के द्वारा जानते हैं. उनके अनेक करीबी लोग उनसे तरह तरह के प्रश्न पूछते नहीं थकते कि वह आखिर इतना कुछ कैसे कर लेती है, क्या वह कोई काम वाम भी करती है या हर समय घूमती रहती है, क्या वह अपने परिवार के लिए भी समय निकालती है, वह कितना पढ़ी है, वग़ैरह वग़ैरह. Munich वासियों को शायद किसी अन्य व्यक्ति के बारे में जानने की इतनी उत्सुकता नहीं होगी. भरा-पूरा, सकारात्मक और रोमांच-पूर्ण जीवन जीने की एक बड़ी मिसाल हैं उड़ीसा में जन्मीं और 2012 में अपने गुजराती पति के साथ Germany आईं 39 वर्षीय प्रज्ञा. उन्होंने 'मानव संसाधन' (MBA, Human Resources) के क्षेत्र में अपनी पूर्णकालिक नौकरी के अनुभव से अपने अनेक विचारों को अपनी हिम्मत के साथ ऐसा वास्तविक रूप दिया है कि हज़ारों लोगों के साथ उनका दिली रिश्ता बन गया है, खास कर भारतीय महिलाओं में. वे जिस काम में हाथ डालती हैं, वह चल पड़ता है. नौकरी के साथ साथ 'Indian Food Train' जैसे कल्याणकारी काम करना, किराने की दुकान खोलना, अनेक लोगों के लिए गोद भराई (baby shower), theme based birthday parties (Disney, Princess, Peppa Pig, Super Heroes, Frozen, Cocomelon आदि) और शादियों (intimate weddings) का सारा प्रबन्ध करना, corporate events (L&T Corporation award function, HDFC award function, Ambuja Cement Celebration आदि) आयोजित करना, और दीवाली, होली, करवा चौथ, राखी, डाण्डिया आदि जैसे भारतीय त्योहारों के कार्यक्रम आयोजित करने का उनका लम्बा इतिहास है. अपने अनेक आयोजनों में उन्होंने अनेक भारतीय महिलाओं को अपने शौक़ से थोड़े बहुत पैसे कमाने में मदद की है, जैसे मेहन्दी के stall लगाना, खुद की बनाई हुई jewellery, राखियां, सजावट का सामान और पूजा का सामान बेचना और beauty parlour, photography, website आदि जैसी सेवाएं देना. अनेक भारतीय गृहिणियों के मन से उन्होंने धंधे के पञ्जी करण (Gewerbeanmeldung) से ले कर tax return (Steuererklärung) का डर निकाला. उनके Facebook Group 'Indian Women's Association' में आज 2700 सदस्य हैं. Corona के समय जब भारत से माता-पिता और रिश्तेदारों को visa मिलने पर रोक लग गई थी, तब उन्होंने अनेक स्वयं सेवी महिलाओं के साथ मिल कर पहली बार मां बनने जा रही अनेक गर्भवति भारतीय युवा महिलाओं और उनके परिवार के लिए एक सप्ताह से ले कर दो सप्ताह तक के लिए दो समय का भोजन मुफ़्त उपलब्ध करवाया. इस परियोजना को उन्होंने 'Indian Food Train' का नाम दिया जो lockdown खुलने तक लगभग एक साल तक चलती रही. इस परियोजना के बारे में यहां के प्रमुख समाचार पत्र 'Süddeutsche Zeitung' में बहुत बड़ा लेख छपा. 2020 और 2021 के बीच उन्होंने दो partners के साथ मिल कर एक किराने की दुकान भी खोली जिस का नाम भी उन्होंने 'किराने की दुकान' ही रखा और इसका board भी देवनागरी में ही लगवाया. अब यह दुकान एक नए मालिक के साथ अच्छा खासा धंधा कर रही है. फिर भी प्रज्ञा वकील अपने जीवन के हर पहलू को पर्याप्त समय और स्थान देने में समर्थ हैं, जैसे परिवार, नौकरी, social media, शौक़ और नींद.