सोमवार, 23 अक्तूबर 2023

Hitler से तुलना करना गलत

Der Spiegel ने अरुंधति राय पर फिर से एक भारत विरोधी लेख छापा है. इस पर Dr. Renate Syed के साथ चर्चा के दौरान उन्होंने कुछ बातें बताईं. उन्होंने कहा कि अरुंधति राय भारत को नफ़रत करती है. उस का परिवार करीब सौ साल पहले केरल में ईसाई बन गया था. उस की मां एक ईसाई दलित थी. उसने कुछ समय बंगाल में एक शादी-शुदा ब्राह्मण के घर में काम किया. अरुंधति उन्हीं दोनों की अवैध सन्तान है. जब वह दो साल की थी तो उस की मां उसे ले कर केरल वापस आ गई. Wikipedia में लिखा है कि उस के माता-पिता का तलाक हो गया था. पर उन दोनों की शादी ही नहीं हुई थी. वह केरल में अपनी मां के साथ ग़रीबी में रही और हिन्दुओं से नफ़रत करने लगी. उसने एक बार Berlin में एक व्याख्यान में मोदी की तुलना Hitler से कर दी. यह आज कल एक fashion बन गया है. जो लोग आसानी किसी नेता की Hitler के साथ तुलना कर देते हैं, वे Hitler के किए हुए दुष्कर्मों को बहुत हलके में लेते हैं. यह हिंसा सरकार द्वारा संचालित थी जिस में विधिवत तरीके से लाखों यहूदियों, Roma, Sinti, रूसियों और पूर्वी Europe के लोगों को मार दिया गया था. एक आदर्श आर्यन नस्ल को परिभाषित करने के तमाम तरीके नाजियों ने गढ़ लिए थे जिन में उन में से अधिकतर खुद Nazi भी खरे नहीं उतरते थे. कुछ बेवकूफ हिन्दुओं द्वारा की गई छिटपुट हिंसा के कारण मोदी की तुलना Hitler से करना गलत है. भारत के आम जनजीवन में हिन्दुओं और मुसलमानों के बीच विवाद ना के बराबर है. भारत एक शांतिप्रिय देश है. वह एक टापू की तरह है जिस के लगभग तीन ओर समुद्र है और एक ओर हिमालय है. लम्बे समय तक भारतीयों का बाहर की दुनिया से कोई लेना देना नहीं था. उस व्याख्यान में किसी पत्रकार ने अरुंधति राय से पूछा कि आपके Germany आने-जाने और रहने का खर्च कौन उठाता है. इसका जवाब नहीं दिया गया.