मंगलवार, 31 अक्तूबर 2023

शैतानी छंदों का कालक्रम

1947 में मुम्बई के एक Muslim परिवार में अहमद सलमान रुश्दी का जन्म हुआ. 1961 में रुश्दी England के एक स्कूल में गए और बाद में Cambridge में इतिहास पढ़ने गए. 1981 में उनके दूसरे उपन्यास 'Midnight's Children' को अन्तर-राष्ट्रीय सफ़लता मिली और उन्हें Booker's prize मिला. सितंबर 1988 में भारत में उनकी नई पुस्तक 'The Satanic Verses' (TSV) के बारे में दो साक्षात्कार छपे. 'The Union of Muslims' (UoM) ने इसे भारत में प्रतिबन्धित करवाने के लिए एक अभियान चलाया. London में यह पुस्तक Viking Penguin द्वारा प्रकाशित हो गई. अक्तूबर 1988 में यह पुस्तक भारत में प्रतिबन्धित हो गई. UoM ने इसे England में भी प्रतिबन्धित किए जाने की मांग की. नवंबर 1988 में रुश्दी Johannesburg में censor के बारे में बात करने वाले थे, लेकिन उनकी जान को खतरे को देखते हुए निमन्त्रण cancel कर दिया गया. TSV को Whitbread Award मिला. UK की प्रधान मन्त्री Margaret Thatcher ने रुश्दी या TSV के विरुद्ध कोई कदम उठाना ज़रूरी नहीं समझा. December 1988 तक TSV को Sudan, बंगलादेश, दक्षिण Africa, साउदी अरब, कतार, मिस्र, Somalia, मलेशिया और श्री लंका में प्रतिबन्धित किया जा चुका था. और बाद में इसे ईरान, Kenia, Thailand, Sierra Leone और पाकिस्तान में भी प्रतिबन्धित किया गया. January 1989 में UK के Bradford शहर में TSV की प्रति को एक Muslim प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक रूप से जलाया गया. February 1989 में TSV USA में प्रकाशित हुई. इस्लामाबाद में दस हज़ार लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया. 'American Cultural Centre' पर हमले के दौरान छह प्रदर्शनकारी मारे गए. Ayatollah Ruhollah Khomeini ने रुश्दी और उस के प्रकाशक को मारने के लिए फतवा जारी किया. ईरान की धार्मिक संस्था '15 Khordad Foundation' ने रुश्दी की हत्या के लिए दस लाख अमरीकी dollar के इनाम की घोषणा की. रुश्दी अगले नौ साल के लिए police के संरक्षण में रहे. सुन्नी मौलवी भी पुस्तक के प्रतिबन्ध के पक्षधर थे लेकिन Khomeini के फतवे के विरुद्ध थे. रुश्दी ने सार्वजनिक रूप से अपनी पुस्तक द्वारा धर्मनिष्ठ मुसलमानों को हुए नुकसान के लिए माफ़ी मांगी. Khomeini ने घोषणा की कि फतवे को वापस नहीं लिया जा सकता. march 1989 में UK और USA के दर्जनों book stores को धमकियां दी गईं और उन पर हमले किए गए. London में पन्द्रह-बीस हज़ार Muslims ने TSV के विरुद्ध प्रदर्शन किया और रुश्दी का पुतला जलाया. रुश्दी की हत्या करने के इरादे से बम बनाते हुए गल्ती से बम के जल्दी फटने के कारण 'Mustafa Mahmood Mazeh' की मृत्यु हो गई. Mazeh को तेहरान में शहीद के तौर पर दफ़नाया गया. अक्तूबर 1989 में Germany में एहतियाती कारणों से केवल TSV के प्रकाशन के लिए 'Artikel 19' प्रकाशन स्थापित किया गया. प्रकाशन के लोगों और अनुवादकों के नामों का और प्रकाशन के स्थान का उल्लेख नहीं किया गया. 'Frankfurter Buchmesse' के एक दिन बाद TSV का German अनुवाद प्रकाशित हुआ. 1991 में TSV के जापानी अनुवादक 'Hotoshi Igarashi' की Tokyo के पास हत्या कर दी गई. उससे दस दिन पहले TSV के इतालवी अनुवादक 'Ettore Capriolo' पर Mailand में चाकू से हमला किया गया पर उस की जान बच गई. 1993 में TSV के Norway के प्रकाशक 'William Nygaard' पर गोली चलाई गई और वह गम्भीर रूप से घायल हुआ. 2 July 1993 को तुर्की के Sivas शहर के Madimak hotel में आग लगा दी गई. यहां 16वीं शताब्दी के अलेवी कवि पीर सुल्तान अब्दाल के जीवन का जश्न मनाने के लिए अनेक कलाकार, लेखक और संगीतकार एकत्रित हुए थे. इस सम्मेलन में वामपंथी तुर्की बुद्धिजीवी और TSV के तुर्की अनुवादक 'Aziz Nesin' भी भाग ले रहे थे. इस आगजनी में दो अपराधियों सहित 37 लोग मारे गए, लेकिन Aziz Nesin बच गए. माना जाता है कि इस हमले का एक कारण अलवियों और मुस्लिमों के बीच नफ़रत भी थी। 1998 में ईरानी सरकार ने घोषणा की वह रुश्दी पर आक्रमण का ना तो समर्थन करेगी और ना ही रोकेगी. 2006 में ईरान की आधिकारिक समाचार agency 'IRNA' ने कहा कि फतवा अनिश्चित काल तक वैध रहेगा. 2007 में रुश्दी ने कहा कि उन्हें अभी तक फतवे की सालगिरह पर उनकी हत्या की शपथ को याद दिलाने के लिए एक card प्राप्त होता है. England में उन्हें Nighthood की उपाधि दी गई जिस के परिणाम-स्वरूप फिर से विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए. 2010 में रुश्दी को अल-कायदा ने अपनी मृत्यु सूचि में शामिल किया. 2012 में रुश्दी के निजी सुरक्षा के अन्तर्गत गुज़ारे वर्षों के संस्मरण के रूप में उनके गुप्त नाम 'Joseph Anton' के नाम से उनकी जीवनी प्रकाशित हुई. 2017 में Khomeini ने फतवे की पुष्टि की. 2022 में Germany की Stern पत्रिका के साथ एक साक्षात्कार में रुश्दी ने कहा कि America निर्वासित लेखकों के लिए सुरक्षित ठिकाना है और वे अब बिना किसी सुरक्षा के वहां रहते हैं. लेकिन कुछ दिन बाद ही New York के Chautauqua शहर में एक व्याख्यान के दौरान एक व्यक्ति ने उन पर चाकू से गम्भीर रूप से हमला कर दिया. हमलावर Lebanon मूल का अमरीकी नागरिक था. उसे मौके पर ही गिरफ़्तार कर लिया गया. ईरान और Hisabollah ने किसी भी संलिप्तता से इनकार किया लेकिन हमले की निन्दा भी नहीं की. रुश्दी एक आंख से अन्धे हो गए और अब दर्दनाक घटनाओं के परिणामों से मनोवैज्ञानिक रूप से भी पीड़ित हैं. हमले से कुछ दिन पूर्व ही समाप्त किए गए उपन्यास 'Victory City' में वे लिखते हैं: 'मैं लिखता ज़रूर हूं, पर यह केवल खालीपन और कचरे का एक मिश्रण है.'

सोमवार, 30 अक्तूबर 2023

Kasseler Liste

Kasseler Liste censor और प्रतिबन्धित किताबों की दुनिया की सब से बड़ी निर्देशिका है.  इस में सभी शताब्दियों और देशों के लगभग 120,000 शीर्षक सूचीबद्ध हैं जो किसी सूचकांक में थे या हैं.  निर्देशिका 1 मई, 2019 को online हो गई. Kassel विश्व-विद्यालय की साहित्यिक विद्वान Nikola Roßbach कहती हैं, 'परियोजना का उद्देश्य वैश्विक censorशिप का दस्तावेज़ीकरण करना और अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता की रक्षा करना है.' यह सूची सम्पूर्ण नहीं है: censor की गई पुस्तकें, चाहे पहले के समय की हों या वर्तमान मामलों की, website पर report की जा सकती हैं. आरम्भकर्ताओं के अनुसार, सत्यापन योग्य साक्ष्य आवश्यक है.
https://www.kasselerliste.com/die-kasseler-liste/

प्रतिबंधित पुस्तकों की प्रदर्शनी

म्युनिक के Literaturhaus में पिछली चार सदियों में सारे विश्व में आंशिक या पूर्ण रूप से प्रतिबंधित की गईं या अतीत में प्रतिबंधित की जा चुकी कुछ चुनिंदा पुस्तकों की प्रदर्शनी चल रही है। सभी पुस्तकों के मूल भाषा के और जर्मन अनुवाद के नमूने भी वहां देखें जा सकते हैं। बिक्री के लिए केवल थोड़ी सी प्रतिबंधित पुस्तकें ही उपलब्ध हैं। पुस्तकों को प्रतिबंध के तीन कारणों के अनुसार श्रेणीबद्ध किया गया है, राजनीति, नैतिकता और धर्म।

पंद्रहवीं सदी में जब से पुस्तकों का चलन शुरू हुआ है, तब से कलात्मक स्वतंत्रता और सख्त नैतिक, राजनीतिक या धार्मिक विचारों के बीच एक कड़वा संघर्ष होता रहा है। चाहे निरंकुश शासक हों, चिंतित माता-पिता या नैतिकता के संरक्षक, उन्होंने पठन सामग्री पर नियंत्रण रखने का प्रयास किया है। राजनीतिक रूप से अवांछनीय लोगों, महिलाओं, सामाजिक रूप से वंचितों लोगों को शिक्षा से दूर रख कर उन्हें स्वतंत्र रूप से सोचने और खुद को सशक्त बनाने से रोका जाता रहा है। मुद्रण के आविष्कार के बाद से ही सेंसरशिप अस्तित्व में है और अब यह दुनिया के कई क्षेत्रों में नए आयामों तक पहुँच रही है। अनेक लोकतंत्रों में भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर रोक लगाई जाती रही है।

"अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता ही जीवन है।" - सलमान रुश्दी

रोमन साम्राज्य के 'librorum prohibitorum' नामक सूचकांक से लेकर 1933 में राष्ट्रीय समाजवादियों द्वारा पुस्तकों को जलाए जाने से होते हुए 2022 में  'The Satanic Verses' के लेखक सलमान रुश्दी की हत्या के प्रयास तक, जिसमें वह मुश्किल से बच पाए थे, यह प्रदर्शनी बदलते समाजों की समझ और प्रतिबंध के बीच अंतर की पड़ताल करती है।

https://www.literaturhaus-muenchen.de/ausstellung/vorschau-verbotene-buecher/

रविवार, 29 अक्तूबर 2023

Foucault pendulum

Foucault pendulum एक सरल उपकरण है जिस का नाम French भौतिक विज्ञानी Léon Foucault के नाम पर रखा गया है. इसकी कल्पना पृथ्वी के घूर्णन को प्रदर्शित करने के लिए एक प्रयोग के रूप में की गई थी.  एक गोलाकार क्षेत्र के ऊपर ऊंची छत से लटके एक लम्बे और भारी pendulum की लम्बे समय तक निगरानी की गई, जिस से पता चला कि इसका दोलन तल घूमता है. यह pendulum 1851 में पेश किया गया था और यह पृथ्वी के घूमने का सरल, प्रत्यक्ष प्रमाण देने वाला पहला प्रयोग था.  अब तक विश्व के कई सौ विज्ञान संग्रहालयों और विश्व-विद्यालयों में Foucault pendulum को प्रदर्शित किया जा चुका है. Munich के Deutsches Museum में प्रदर्शित किए गए pendulum की तार की लम्बाई 60 meter है और लटकते हुए सीसे के bob का भार तीस किलो है.

LMU Munich में लगे इस pendulum को आप हमेशा live देख सकते हैं.
https://www.geophysik.uni-muenchen.de/pendel

शनिवार, 28 अक्तूबर 2023

फ़िरौती ना देने पर काटा कान

1973 में Italy के एक खतरनाक गिरोह 'Ndrangheta' ने England के अरबपति तेल व्यवसायी John Paul Getty के पोते, 16 वर्षीय John Paul Getty III (JPG III) का अपहरण कर लिया. लेकिन उम्मीद के विपरीत धनाढ्य दादा ने फ़िरौती का भुगतान करने से मना कर दिया, तो gangsters ने अपने शिकार का दाहिना कान काट दिया. Getty को रिहा कर दिया गया, लेकिन तब से उस के जीवन पर काली छाया छाई रही.

Rome शहर के सोहलवीं सदी के एक प्रभावशाली परिवार 'Farnese' द्वारा बनाया गया इसी नाम का एक भव्य महल आज French दूतावास का कार्यालय है. इस महल के निर्माण में शामिल कई वास्तुकारों में से एक Michelangelo भी थे. 10 July 1973 को रात तीन बजे इस महल के सामने इसी नाम के एक चौक पर पूरी शांति थी. एक लाल घुंघारले बालों वाला, पतला सा सोलह वर्षीय लड़का एक party से पैदल वापस घर जाते हुए वहां से गुज़र रहा था. तभी एक गाड़ी आई और गाड़ी में से निकल कर कुछ लोगों ने उसे तेज़ी से अन्दर खींच लिया और वहां से गायब हो गए. वे उसे कई सौ kilometre दूर दक्षिण Italy के Calabria क्षेत्र में ले आए. थोड़े दिन बाद ही पूरे विश्व के media ने उस के भाग्य पर अटकलें लगानी शुरू कर दीं. अपहकृत किया गया लड़का तेल पूंजीपति John Paul Getty (JPG, 1892-1976) का पोता था जो उस समय दुनिया का सब से अमीर व्यक्ति माना जाता था. अपहरण-कर्ता, Calabria के खतरनाक गिरोह 'Ndrangheta', जो आज भी सक्रिय है, के सदस्य थे. उन्हें पूरी उम्मीद थी कि इस अपहरण से एक बड़ी रकम फ़िरौती के रूप में वसूली जा सकती है. पर वे तेल अरबपति JPG की कंजूसी और सनकीपन से वाकिफ नहीं थे. JPG, जो Sutton Place नामक England के भव्य महल में रहता था बहुत कञ्जूस माना जाता था. उस के बारे में किवदन्तियां बनी हुई थीं कि उस के अपने महल में एक सिक्कों वाला telephone लगा रखा है ताकि उसे मेहमानों द्वारा की गई अन्तर-राष्ट्रीय calls का भुगतान ना करना पड़े. आम ख़रीददारी में भी वह बड़ी कड़वाहट के साथ मोलभाव करता था. उस के बारे में लिखने वालों को उस के व्यवहार पर मजा भी आता था और उससे घृणा भी होती थी. उस की पांचवीं पत्नी Louiya Theodore Lynch कहती थी कि उस का पति उनके मरणासन्न रूप से बीमार बेटे Timothy Getty के मंहगे इलाज के लिए डांटता था. वह लड़का बारह वर्ष की उम्र में मर गया. उस के कुछ देर बाद उनका तलाक हो गया.

JPG की चौथी शादी से JPG II (1932-2003) पैदा हुआ. JPG II ने 1956 में water polo खिलाड़ी Abigail Harris, यानि Gail से शादी की और अपने पिता की company की इतालवी इकाई 'Getty Oil Italiana' का प्रबन्धन देखने के लिए Italy में रहने लगा. उन दोनों के साथ उनका पहला बेटा JPG III (1956-2011) भी था. JPG III का बचपन अपने अन्य तीन भाई-बहनों के साथ Italy में बीता. पर परिवार की ख़ुशियां जल्द ही बिखर गईं. माता-पिता का तलाक हो गया. JPG II ने अभिनेत्री Talitha Pol से शादी कर ली. वे दोनों नशीली दवाओं का खूब सेवन करते थे. वे अक्सर Morocco के शहर Marrakesch में पाए जाते थे और अमरीकी पत्रिका Vogue में उनकी तस्वीरें छपती थीं. 1971 में Talitha की नशीली दवाओं की अत्यधिक खुराक के कारण मृत्यु हो गई.

JPG III का अधिकतर समय अपनी मां Gail के साथ Rome में बीता. अपने पिता और उनकी दूसरी पत्नी का असर उस पर भी हुआ. वह hippi आन्दोलन का हिस्सा बना. वह दो German जुड़वां बहनों, Gisela Martine Zacher और Jutta Winkelmann के साथ एक किराए के मकान में रहने लगा. Gisela की पिछले तीन सालों में दो शादियां टूट चुकी थीं, और दूसरी शादी से एक वर्षीय बेटी Anna भी थी। इन बहनों का सम्पर्क Berlin के 'Kommune 1, K1' नामक आन्दोलन से था जो एकल परिवार की विचारधारा को तोड़ना चाहता था. वे मानते थे कि एकल परिवार राज्य की सब से छोटी इकाई है जिस के दमनकारी चरित्र से फासीवाद उत्पन्न होता है. इस में पुरुष और महिलाएं एक-दूसरे पर निर्भर रहते हैं और व्यक्ति के रूप में विकसित नहीं होते. उन तीनों के सहवास को media द्वारा 'ménage à trois' का नाम दिया जाता था, जिस का मतलब होता है तीन लोगों का शारीरिक सम्बन्धों के साथ इकट्ठे रहना. JPG III अक्सर सामाजिक सवप्नलोक की बातें करता था, दुनिया बदलना चाहता था और नशीली दवाओं का सेवन करता था. उसे कई schools से निष्कासित किया गया. कभी वह स्कूल के निर्देशक के विरुद्ध दीवारों पर नारे लीप देता था, कभी शिक्षकों के साथ मार पीट करता था और कभी आग लगा देता था. एक विरोध प्रदर्शन में उसने Molotow-Cocktail फेंकी. प्रदर्शनकारी अक्सर एक बोतल में एक ज्वलनशील पदार्थ डाल कर और उस के मुंह में जलता हुआ कपड़ा डाल कर फेंकते हैं, जिसे Molotow-Cocktail कहते हैं. और वह हर party में जाता था, इतालवी पत्रिकाएं उसे 'सुनहरी hippi' और 'तेल राजकुमार' का नाम देती थीं. वह बहुत प्रतिभाशाली भी था. उसे sketch बनाना और आभूषण तैयार करना आता था जिसे वह बेच कर कुछ पैसे भी कमाता था. Gisela ने बाद में बताया कि उस के मन में अपने अपहरण का नाटक करने का भी विचार आया था जिस से वह अपने दादा से पैसे वसूल सके. इस पैसे से वह एक अलग Kommune खड़ा करना चाहता था. इस लिए उस का पाला अक्सर mafia के लोगों से पड़ता रहता था. वह एक अरबपति का पोता होने की भूमिका को तो अस्वीकार करता था पर उस के साथ जुड़े हुए अहंकार से छुटकारा पाने में वह असमर्थ था. mafia के लोग हैरान होते थे कि यह कैसा लड़का है जिसे लगता है कि उस का कोई कुछ बिगाड़ नहीं सकता. mafia वालों ने उस के साथ कोई नाटक करने पर विचार किया या नहीं, इसका तो पता नहीं, पर वे इतना ज़रूर जानते थे कि वे उसे कहां दबोच सकते हैं.

जब अपहरण-कर्ता JPG III को Calabria के पहाड़ों में ले गए, जहां वह पांच महीने तक रहने वाला था, तब उस के घर में किसी के मन में कोई बुरा ख्याल नहीं आया. वह अपने स्वच्छन्द जीवनशैली के लिए जाना जाता था. उन्होंने सोचा कि वह अपने आप घर आ जाएगा. दो दिन बाद अपहरण-कर्ताओं ने उस की मां Gail को phone कर के बताया कि उस का बेटा अगवा किया जा चुका है और और उस के बदले में उन्हें दस अरब Lira (उस समय लगभग 1.7 करोड़ dollar) चाहिए. Gail ग़रीब तो नहीं थी पर यह रकम बहुत बड़ी थी. JPG III के पिता, जो अब England में रहते थे, के लिए भी यह रकम बहुत बड़ी थी. स्वभाविक रूप से अपहरण-कर्ताओं ने JPG III के दादा से ही उम्मीद लगा रखी थी कि दुनिया के सब से अमीर व्यक्ति के लिए अपने सगे पोते की जान बचाने के लिए यह बहुत छोटी रकम है. लेकिन तेल-पूंजीपति को लगा कि उस का पोता उससे धन ऐंठने के लिए खुद ही नाटक कर रहा है. Gail के लगातार हताश होकर phone करने पर वह उत्तर नहीं देता था. इसकी बजाए उसने media को बयान दे दिया कि वह फ़िरौती का भुगतान नहीं करेगा. उस के 14 पोते पोतियां हैं. अगर आज उसने एक पैसे का भी भुगतान कर दिया तो कल उस के सारे पोते पोतियों को अगवा कर लिया जाएगा. Italy की police चारों ओर छान-बीन और JPG III के सारे जान-पहचान वालों से पूछताछ करने लगी. इन में कई mafia वाले भी थे. Gisela और Jutta को अस्थायी तौर पर गिरफ़्तार कर लिया गया. अपहरण-कर्ता JPG III को एक जगह से दूसरी जगह छिपाते फिरते रहे, इस उम्मीद में कि फ़िरौती का भुगतान जल्द ही हो जाएगा. JPG III के माता-पिता उस के दादा को उस की जान बचाने के लिए हाथ जोड़ कर विनती करते रहे पर वह अपनी जिद पर अड़ा रहा. दादा को भी अभी भी शक था कि दाल में कुछ काला है. उसने इसकी छान-बीन के लिए अपने एक आदमी को Italy भेजा. शायद वह केवल इन्तज़ार करना चाहता था या अपहरण-कर्ताओं को बात-चीत के लिए मजबूर करना चाहता था. अपने पोते की जान की उसे कोई खास परवाह नहीं थी. धीरे धीरे अपहरण-कर्ताओं को विश्वास हो चला कि भुगतान नहीं होगा. एक पत्र में उन्होंने उसे परपीड़क कह कर सम्बोधित किया जो अत्यन्त धनवान होने के बावजूद अपने बच्चों को कष्ट से नहीं बचाना चाहता.

आपसी बात-चीत कभी थमी नहीं. अक्सर एक व्यक्ति JPG III के वकील Giovanni Jacovoni को बहुत कर्कश आवाज़ में phone करता था. Giovanni ने JPG III को तब बचाया था जब वह Molotow-Cocktail के कारण कचहरी में घसीटा गया था. Giovanni ने अपहरण-कर्ताओं के साथ मोलभाव करने की और उन्हें साफ़ तौर बताने की कोशिश की कि उन्हें 1.7 करोड़ dollar की उम्मीद छोड़ देनी चाहिए. कम से कम अपहरण-कर्ताओं को यकीन होने लगा कि वाकई इतने पैसे नहीं मिल सकते. पर इसका परिणाम यह होने लगा कि Giovanni और police, अपहरण-कर्ताओं की गम्भीरता पर सार्वजनिक रूप से सवाल उठाने लगे. Giovanni ने एक पत्रकार को कहा: 'मुझे कभी कभी लगता है कि यह सब एक मज़ाक है.' England के महल में रहने वाले अरबपति को लग रहा था कि सब उस के अन्दाजे के मुताबिक चल रहा है. जब JPG III को खुफाओं और टीन की झोंपडियों में छुपाते हुए तीन महीने गुज़र चुके थे, तो अपहरण-कर्ताओं ने फ़िरौती की रकम को काफ़ी हद तक घटाने का निर्णय लिया, 32 लाख dollar. पर अब वे साफ़ तौर पर बता देना चाहते थे कि यह कोई मज़ाक नहीं चल रहा है. उन्होंने JPG III को बिना सुन्न किए, पूरे होश-ओ-हवास में उस का दाहिना कान काट लिया, और इसे उस के कुछ बालों के साथ एक plastic के लिफाफे में डाल कर 'Il-Messaggero' नामक समाचार-पत्र को भेज दिया, और साथ ही यह नोट भी कि अगर अगले दस दिन तक भी परिवार को यह सब एक मज़ाक लगा तो दूसरा कान भेज दिया जाएगा, यानि उसे टुकड़ों में भेजा जाएगा.

पर Italy की डाक-सेवा में हड़ताल के कारण वह packet तीन सप्ताह के बाद पहुंचा. 10 नवंबर 1972 को, यानि अपहरण के पूरे चार महीने बाद Il-Messaggero के सम्पादकों ने Giovanni को phone कर के सारी बात बताई. अपहरण-कर्ताओं को हड़ताल के बारे में नहीं पता था. सामान्यत: दस दिन की समय सीमा कब की गुज़र चुकी थी. लेकिन JPG III की सेहत पहले घाव के कारण बहुत ख़राब हो चुकी थी. घाव और फेफड़ों में संक्रमण हो गया था. पैसे मिलने से पहले उस की मौत के डर से उन्होंने उसे खूब मात्रा में Penicillin और alcohol दिया.

अब जा कर JPG भुगतान के लिए तैयार हुआ. पर अब भी पूरी रकम नहीं. एक आखरी मोलभाव में वह 29 लाख dollar देने के लिए तैयार हुआ. अपने सलाहकार के कहने पर वह उसमें से 22 लाख खुद देना चाहता था क्योंकि उसे आयकर से अधिकतम इतनी राशि की ही छूट मिल सकती थी. और बाक़ी वह अपने बेटे JPG II को चार प्रतिशत ब्याज की दर से उधार देना चाहता था.

फ़िरौती का भुगतान हो गया और JPG III को रिहा कर दिया गया. 15 December 1973 को उन्होंने उसे Neapel के एक highway पर छोड़ दिया. क्षीण, उपेक्षित, बीमार और आघातग्रस्त JPG III वहां से जितनी तेज हो सका, भागा. उस की मां Gail उसे आराम दिलवाने के लिए Alps के पहाड़ों में ले गई. अन्तर-राष्ट्रीय media में वह अब एक star था. उसे उत्साहित युवा महिलाओं के ढेरों पत्र मिलने लगे. भय से ग्रस्त होने बावजूद वह वह अपने जीवन को आगे बढ़ाने के लिए दृढ़ संकल्पित था. उसे फिल्मों में छोटी-मोटी भूमिकाएं मिलने लगीं. 1974 में उसने Gisela से शादी कर ली. इस समय वह केवल 18 वर्ष का था. कम उम्र में शादी, Gisela की पहली दो शादियों और उस की दो वर्षीय बेटी Anna के कारण JPG III को अपने दादा की सम्पत्ति से बेदखल होना पड़ा.

शादी के तत्काल बाद वे Los Angeles में रहने लगे जहां JPG III को Gisela के सम्पर्कों के कारण 'The State of Things' फिल्म में काम मिला. वहां 1975 में उनके बेटे Balthazar Getty का जन्म हुआ. पर क्योंकि JPG III अपने आघात और निर्भरता को कम करने के लिए बहुत नशीली दवाएं लेता था, इस लिए Gisela और बच्चों ने धीरे धीरे उससे दूरी बना ली.

1981 में JPG III Coma में चला गया. उस के रक्त में alcohol, शामक दवा Valium और दर्द-निवारक दवा Methadon (Diazepam) का मिश्रण पाया गया. जब उसे होश आया तो वह लकवाग्रस्त, गूंगा और आधा अन्धा हो चुका था. उस की मां ने उस की देख-भाल की ज़िम्मेदारी सम्भाली. इस के लिए उसे फिर से पैसों की ज़रूरत थी. पर दादा JPG का 1976 में उस के महल में देहांत हो चुका था. अपनी सम्पत्ति का एक बड़ा हिस्सा वह Los Angeles के J. Paul Getty museum को दान कर चुका था. अब JPG II ही परिवार का मुखिया था. पैसों के लिए Gail को उस पर मुकदमा करना पड़ा. अन्तत: 2011 में लम्बी बीमारी और दवाओं की अत्यधिक खुराक के कारण 54 साल की उम्र में JPG III की मृत्यु हो गई.

2017 में Ridley Scott ने feature फिल्म 'All the Money in the World' बनाई, जो इस अपहरण से सम्बन्धित है. इस में Charlie Plummer ने JPG III की भूमिका निभाई है. Danny Boyle की 2018 television श्रृंखला 'Trust' में JPG III की भूमिका को Harris Dickinson ने निभाया है.

शुक्रवार, 27 अक्तूबर 2023

डॉ॰ वसुंधरा दोरास्वामी के साथ विशुद्ध शास्त्रीय नाट्य पर्व

29 मई को लगातार दूसरी बार बेंगलुरू की 74 वर्षीय विश्व-प्रसिद्ध भरतनाट्यम नृत्यांगना डॉ॰ वसुंधरा दोरास्वामी के साथ Munich के Kulturzentrum Trudering में 'Natya Fest' कार्यक्रम का आयोजन हुआ जिस में Germany के विभिन्न शहरों से 25 नर्तकियों के साथ विशुद्ध और प्रामाणिक शास्त्रीय नृत्य की अनेक झल्कियां प्रस्तुत की गईं. कार्यक्रम की आयोजक Munich निवासी software engineer और तीस साल से भरतनाट्यम सीख रहीं शुभदा सुब्रमण्यम ने इस बात का ख्याल रखा कि कार्यक्रम में Bollywood और अर्ध-शास्त्रीय नृत्य के संलयन (fusion) की बजाए केवल विशुद्ध शास्त्रीय नृत्य प्रस्तुत किया जाए. करीब साढे तीन सौ दर्शकों में से दो तिहाई ग़ैर भारतीयों का होना इस बात का प्रमाण था कि प्राचीन कलाओं की सांस्कृतिक धरोहर को बचाए रखने का जज़बा ग़ैर भारतीयों में भी है. Munich के भारतीय कोंसलावास, Munich नगरपालिका के सांस्कृतिक विभाग और प्रयोजकों ने कार्यक्रम में भरपूर सहयोग दिया. अखिला अवधानी द्वारा भगवान गणेष की प्रार्थना के साथ कार्यक्रम शुरु हुआ. Munich के भारतीय कोंसलावास से अन्तर-राष्ट्रीय सम्बन्धों की कोंसल श्रीमती सत्य हेम-रजनी ने भारतीय सरकार द्वारा चलाए गए अभियान 'अमृत काल' का आह्वान करते हुए सभा को सम्बोधित किया. फिर डॉ॰ वसुंधरा दोरास्वामी ने महान भारतीय पौराणिक कथा 'महाभारत' से विचारोत्तेजक महिला पात्र 'द्रौपदी' के प्रति सांस्कृतिक रूढ़िवादिता को 80 minute के भरतनाट्यम नृत्य के रूप में ढाल कर प्रस्तुत किया. फिर break के बाद विभिन्न समूहों द्वारा पुष्पांजलि, नटेशा कुटुवम, ब्रह्मांजलि, जातिस्वर, देवरमण, पल्लवी पदम और कुचिपुड़ि तरंगम प्रस्तुत किए गए.

जाली सहकारी समिति बना कर सवा करोड़ Euro ठगे

Oberpfalz की एक 50 वर्षीय महिला, उस के 54 वर्षीय पति और 30 वर्षीय बेटे ने मिल कर "WSW Wohnsachwerte eG" नामक एक जाली सहकारी समिति बना कर 2018 और march 2022 के बीच पूरे Germany में करीब बीस हज़ार निवेशकों से करीब 1.35 करोड़ Euro ठग लिए हैं. उन्होंने अपने internet portal "förderhelden.de" (http://xn--frderhelden-rfb.de/) के माध्यम से सरकारी funding का विज्ञापन किया जिसे नि:शुल्क और आसानी से प्राप्त किया जा सकता था. उस के लिए निवेशक और उस के नियोक्ता के व्यक्तिगत data की आवश्यकता थी. Weiden क्षेत्रीय न्यायालय के सरकारी अभियोजक ने प्रतिवादियों पर आरोप लगाया है कि निवेशकों को नहीं पता था कि वे अपना data दर्ज कर के "WSW Wohnsachwerte eG" के सदस्य बनने जा रहे हैं. निवेशकों के नियोक्ताओं को भी नहीं पता था कि उनके कर्मचारी इस सहकारी समिति में शामिल नहीं होना चाहते थे. इस अवधि में इस सहकारी समिति ने Weiden में 78,000 Euro मूल्य का केवल एक apartment ख़रीदा. उस के लिए भी बहुत ऊंचा commission दिया गया जो अन्त में इस परिवार की जेब में गया. उनकी जीवन शैली शानदार थी जिस में luxury घड़ियां, कारें और अन्तर-राष्ट्रीय यात्राएं शामिल थीं. Weiden क्षेत्रीय न्यायालय में February 2024 तक कुल 30 दिनों की सुनवाई होने वाली है. अदालत ने बचाव पक्ष के वकील और प्रतिवादियों को प्रमाणित कागज़ के 1,100 पृष्ठों का अभियोग सौंपा है. बचाव पक्ष के वकीलों ने अभियोग पर प्रतिक्रिया देने के लिए दो सप्ताह का और समय मांगा है. march 2022 में छापे के बाद से यह जोड़ा हिरास्त में है. कुछ महीने बाद महिला के बेटे को jail से रिहा कर दिया गया था.

सोनू निगम का Berlin Show

29 मई 2023 को Berlin के Tempodrom में भारत के 49 वर्षीय अत्यन्त लोकप्रिय गायक सोनू निगम का live show आयोजित हुआ जिसे Germany और आस पास के देशों से लगभग 20% ग़ैर भारतीयों के साथ लगभग 2200 लोग देखने आए. सोनू निगम ने तीन घंटों तक श्रोताओं को अपनी मधुर, सुरीली और जानदार आवाज़ के साथ बांधे रखा. दर्शकों का ऐसा जूनून सोनू निगम और उनके कलाकारों ने पहले कभी नहीं देखा था. जो लोग भाषा नहीं समझ पा रहे थे, उन्हें भी show बहुत मनोरञ्जक लगा. Berlin concert के अगले दिन 30 मई को सोनू निगम की संगीत मण्डली ने Berlin शहर देखा. उनके साथ Babylon Theater में एक प्रश्न-उत्तर बैठक भी आयोजित की गई. इस show को New2, Babylon, MyKinoplex, Lokah Films, रितेश तौरानी, रोहित प्रभु और अमित सोमानी ने मिल कर आयोजित किया. MATX Structures, Audi Deutschland और JW Marriot इस show के मुख्य प्रयोजक थे. इस के अलावा कई भारतीय रेस्त्रां, दुकानों और स्थानीय सामुदायिक संस्थाओं ने भी भरपूर मदद की. Germany में भारतीय समुदाय के लिए पहली बार इतने बड़े स्तर पर कोई कार्यक्रम आयोजित हुआ है. इसकी सफ़लता ने आने वाले समय में और भी ऐसे कार्यक्रम होने की सम्भावना बढ़ा दी है. सोनू निगम अपनी पत्नी, चार सहायक गायकों और 22 संगीत वादकों के साथ Europe Tour पर थे जिस में 28 मई को Rotterdam में और 4 जून को Lisbon में भी live shows शामिल थे. इस Tour को केवल दो महीनों के अन्तराल में योजनाबद्ध और क्रियांवित किया गया.

रोमांचपूर्ण जीवन जीने की मिसाल - प्रज्ञा पाधी वकील

Munich शहर में शायद ही कोई ऐसा भारतीय होगा जो 'प्रज्ञा पाधी वकील' को नहीं जानता होगा. परिवार और काम के साथ साथ वर्षों से लगातार अनेक व्यक्तिगत, corporate और भारतीय कार्यक्रम आयोजित करते रहने के कारण हज़ारों लोग उन्हें व्यक्तिगत रूप से और Facebook के द्वारा जानते हैं. उनके अनेक करीबी लोग उनसे तरह तरह के प्रश्न पूछते नहीं थकते कि वह आखिर इतना कुछ कैसे कर लेती है, क्या वह कोई काम वाम भी करती है या हर समय घूमती रहती है, क्या वह अपने परिवार के लिए भी समय निकालती है, वह कितना पढ़ी है, वग़ैरह वग़ैरह. Munich वासियों को शायद किसी अन्य व्यक्ति के बारे में जानने की इतनी उत्सुकता नहीं होगी. भरा-पूरा, सकारात्मक और रोमांच-पूर्ण जीवन जीने की एक बड़ी मिसाल हैं उड़ीसा में जन्मीं और 2012 में अपने गुजराती पति के साथ Germany आईं 39 वर्षीय प्रज्ञा. उन्होंने 'मानव संसाधन' (MBA, Human Resources) के क्षेत्र में अपनी पूर्णकालिक नौकरी के अनुभव से अपने अनेक विचारों को अपनी हिम्मत के साथ ऐसा वास्तविक रूप दिया है कि हज़ारों लोगों के साथ उनका दिली रिश्ता बन गया है, खास कर भारतीय महिलाओं में. वे जिस काम में हाथ डालती हैं, वह चल पड़ता है. नौकरी के साथ साथ 'Indian Food Train' जैसे कल्याणकारी काम करना, किराने की दुकान खोलना, अनेक लोगों के लिए गोद भराई (baby shower), theme based birthday parties (Disney, Princess, Peppa Pig, Super Heroes, Frozen, Cocomelon आदि) और शादियों (intimate weddings) का सारा प्रबन्ध करना, corporate events (L&T Corporation award function, HDFC award function, Ambuja Cement Celebration आदि) आयोजित करना, और दीवाली, होली, करवा चौथ, राखी, डाण्डिया आदि जैसे भारतीय त्योहारों के कार्यक्रम आयोजित करने का उनका लम्बा इतिहास है. अपने अनेक आयोजनों में उन्होंने अनेक भारतीय महिलाओं को अपने शौक़ से थोड़े बहुत पैसे कमाने में मदद की है, जैसे मेहन्दी के stall लगाना, खुद की बनाई हुई jewellery, राखियां, सजावट का सामान और पूजा का सामान बेचना और beauty parlour, photography, website आदि जैसी सेवाएं देना. अनेक भारतीय गृहिणियों के मन से उन्होंने धंधे के पञ्जी करण (Gewerbeanmeldung) से ले कर tax return (Steuererklärung) का डर निकाला. उनके Facebook Group 'Indian Women's Association' में आज 2700 सदस्य हैं. Corona के समय जब भारत से माता-पिता और रिश्तेदारों को visa मिलने पर रोक लग गई थी, तब उन्होंने अनेक स्वयं सेवी महिलाओं के साथ मिल कर पहली बार मां बनने जा रही अनेक गर्भवति भारतीय युवा महिलाओं और उनके परिवार के लिए एक सप्ताह से ले कर दो सप्ताह तक के लिए दो समय का भोजन मुफ़्त उपलब्ध करवाया. इस परियोजना को उन्होंने 'Indian Food Train' का नाम दिया जो lockdown खुलने तक लगभग एक साल तक चलती रही. इस परियोजना के बारे में यहां के प्रमुख समाचार पत्र 'Süddeutsche Zeitung' में बहुत बड़ा लेख छपा. 2020 और 2021 के बीच उन्होंने दो partners के साथ मिल कर एक किराने की दुकान भी खोली जिस का नाम भी उन्होंने 'किराने की दुकान' ही रखा और इसका board भी देवनागरी में ही लगवाया. अब यह दुकान एक नए मालिक के साथ अच्छा खासा धंधा कर रही है. फिर भी प्रज्ञा वकील अपने जीवन के हर पहलू को पर्याप्त समय और स्थान देने में समर्थ हैं, जैसे परिवार, नौकरी, social media, शौक़ और नींद.

गुरुवार, 26 अक्तूबर 2023

भारतीय महिला की चुनावी जीत

19 march 2023 को Munich शहर के 'प्रवासी सलाहकार board' (Foreigners Advisory Board, Migrationsbeirat) के चुनावों में भारतीय मूल की 31 वर्षीय अंशिका (राठी) सिंह ने लगभग चार हज़ार (3967) मत प्राप्त कर के तीसरा स्थान प्राप्त किया. इस चुनाव के लिए पात्र करीब चार लाख मतदाताओं में से लगभग साढे बारह हज़ार मतदाताओं ने मतदान किया (लगभग 3%). इन चुनावों में हर वह व्यक्ति मतदान कर सकता था जिस की उम्र 19 march 2023 को 18 साल से अधिक हो, जो कम से कम छह महीने से Munich में रह रहा हो, जो German नागरिक ना हो या जिस ने 18 march 2011 के बाद German नागरिकता प्राप्त की हो. लगभग यही पूर्वापेक्षाएं इस चुनाव का उम्मीदवार बनने के लिए भी लागू होती हैं.

Migrationsbeirat के पचास सदस्यों में से चालीस सदस्य चुनाव द्वारा चुने जाते हैं और दस सदस्य नगर परिषद (city council, Stadtrat) द्वारा नामजद (nominate) किए जाते हैं. इन चालीस seats के लिए विभिन्न राजनीतिक parties से कुल 268 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा. पहले दोनों स्थानों पर Ukraine के नागरिक रहे. Ukraine युद्ध के शुरू होने के बाद Munich शहर में बड़ी तादाद में Ukrainian शरणार्थी रह रहे हैं. Migrationsbeirat में और भी अनेक देशों के उम्मीदवार चुने गए हैं, जैसे Spain, Hungary, तुर्की, Poland, Croatia, ईरान आदि. अंशिका सिंह को पहली बार में इतनी सफ़लता की उम्मीद नहीं थी. वे अपनी सफ़लता का श्रेय अपने पति के असीम प्रेम, परिश्रम, समर्थन और प्रोत्साहन के अलावा भगवान की कृपा, लोगों के प्यार, और अपने द्वारा किए गए अनेक जागरुकता अभियानों को देती हैं. वे इस जीत को भारत की जीत मानती हैं. हालांकि उनका नाम सूचि क्रम 06 (AMM, Allianz Münchner Migranten) में छठे स्थान पर था पर उन्होंने अपने से पहले वाले उ्म्मीदवारों को भी पछाड़ दिया. हालांकि Migrationsbeirat के चुनाव और Stadtrat के चुनाव (Kommunalwahl), दोनों छह साल के बाद होते हैं, पर फिलहाल इनका आपस में तीन साल का अन्तर है. Bayern सरकार भविष्य में दोनों चुनावों को एक-साथ क्रियांवित करना चाहती है. इस लिए 2026 में दोनों चुनाव एक साथ होंगे, और उस के बाद हर छह साल बाद.

Migrationsbeirat की सदस्यता स्वैच्छिक है, यानि इस के लिए सदस्यों को पारिश्रमिक नहीं मिलता. Migrationsbeirat के पास कानून बनाने की शक्ति नहीं है, वह नगर परिषद को प्रवासी समुदाय के मुद्दों पर कानून बनाने के लिए सलाह देती है. इस के अलावा Migrationsbeirat के पास विभिन्न एकीकरण कार्यक्रमों पर अनुदान करने के लिए सालाना लगभग डेढ लाख Euro का fund भी उपलब्ध है. चालीस साल से भी अधिक वर्षों पहले अस्तित्व में आया Migrationsbeirat Munich शहर में रह रहे प्रवासियों की राजनीतिक, कानूनी, सामाजिक और सांस्कृतिक समानता और हितों का प्रतिनिधित्व करता है. इस के द्वारा अन्तर-सांस्कृतिक रूप से उन्मुख संघ (Vereine) और समूह एकीकरण कार्यक्रमों के लिए अनुदान के लिए आवेदन कर सकते हैं. अंशिका सिंह भी Munich शहर में मौजूद अनेक भारतीय संघों (Vereine) को उनके एकीकरण कार्यक्रमों (जैसे संगीत और नृत्य कार्यक्रम, food festivals आदि) के लिए अनुदान प्राप्त करने में मदद करना चाहती हैं. यहां तक कि वे इन कार्यक्रमों का विज्ञापन Migrationsbeirat के website (migrationsbeirat-muenchen.de) पर भी प्रकाशित करवा सकती हैं ताकि अधिक से अधिक German और अन्तर राष्ट्रीय लोग इन कार्यक्रमों में शामिल हों.

अंशिका सिंह Migrationsbeirat की सदस्य बनने के बाद इत्मीनान से बैठने और अपनी ज़िम्मेदारियों से पल्ला झाड़ने की बजाए और भी सक्रिय हो गई हैं. चुनाव के बाद भारतीय समुदाय का धन्यवाद करने के लिए उन्होंने एक 'meet and greet' बैठक आयोजित की, जिस में अनेक भारतीय लोगों, भारतीय संघों के अध्यक्षों और कई स्थानीय नेताओं ने भाग लिया. भारतीयों ने उन नेताओं से स्थाई visa के लिए अनिवार्य B1 स्तर के German भाषा प्रशिक्षण को निशुल्क उपलब्ध करवाने, निवास-स्थान के पञ्जी करण में आसानी, visa extension आदि के लिए घंटों तक पंक्तियों में खड़े रहने की समस्या, माता-पिता को तीन महीने से अधिक समय तक ठहरने की अनुमति, मकान के किराया अनुबन्धों में गड़बड़ियों, हद से अधिक किराए बढ़ने की समस्या, बच्चों की स्कूल के बाद tuition (Nachhilfe) में मदद आदि अनेक मुद्दों के बारे में प्रश्न पूछे. पहली बार भारतीयों को लगा कि राजनीतिक स्तर पर उन्हें सुनने वाला कोई है. पर अपनी पूर्ण-कालिक नौकरी और अपने ढाई साल के बेटे की देख-भाल के साथ इस तरह की सामाजिक और राजनीतिक जद्द-ओ-जहद पारिवारिक मदद के बिना सम्भव नहीं है. पारिवारिक मूल्यों का सम्मान करने वाली अंशिका सिंह का कहना है कि भारत में तो माता-पिता या सास-ससुर की भरपूर मदद मिल जाती है. पर यहां office, बच्चों, घर की सफ़ाई और भोजन तैयार करने के बाद सामाजिक सेवा के लिए समय केवल नींद का त्याग कर के ही मिल सकता है. इस लिए वे भाग्यशाली हैं कि उनके पति सौरभ (खरब) सिंह उनकी हर तरफ़ से मदद करते हैं और घर की अनेक ज़िम्मेदारियों का निर्वाह करते हैं.

हरियाणा के बहादुरगढ़ शहर में जन्मीं और दिल्ली में बड़ी हुई आंशिका सिंह पेशे से Mechanical Engineer हैं. 2015 में अपने पति के साथ Germany आने के बाद उन्होंने masters degree हासिल की और साथ ही German भाषा के C1 स्तर तक का प्रशिक्षण प्राप्त किया. 2019 में German नागरिकता प्राप्त करने के बाद उनका राजनीति में आने का मन हुआ. उन्होंने Munich शहर में स्थित सभी बड़ी राजनीतिक parties के कार्यालयों से सम्पर्क किया और और उनकी बैठकों में हिस्सा लिया. हर party ने उनका तह-ए-दिल से स्वागत किया और उन्हें प्रोत्साहित किया. अन्त में उन्होंने CSU party में शामिल होने का मन बनाया. हालांकि यह party रूढ़िवादी और ईसाई मूल्यों को मानने वाली party मानी जाती है, पर अंशिका सिंह का मानना है कि CSU party Bayern राज्य पर पिछले दो से भी अधिक दशकों से राज कर रही है. आज Bayern राज्य की सुन्दरता, समृद्धि और सुरक्षा को ले कर जो छवि है, वह CSU party के कारण ही है. उन्होंने 2020 के नगर परिषद के चुनावों (Kommunalwahl) और 2021 के संघीय चुनावों (Bundestag Wahl) के दौरान अपने क्षेत्र (Neuhausen) में घर घर जा कर और जगह जगह Info stands लगा कर CSU party का खूब प्रचार किया. वे अच्छी German बोल लेती हैं. अनेक German लोगों को एक भारतीय को, वह भी एक भारतीय महिला को German चुनावों में रुचि लेते हुए बहुत उत्सुकता भी हुई और अच्छा भी लगा. वे उनसे अनेक प्रश्न पूछते, जैसे वह एक भारतीय होते हुए CSU जैसी रूढ़िवादी party के लिए प्रचार क्यों कर रही है. वे ये भी पूछते कि CSU party उनके लिए क्या करेगी. ज़ाहिर है कि इस तरह के प्रश्नों का उत्तर देने के लिए के लिए उन्हें ज़रूरी प्रशिक्षण मिलता था और उन्हें party का घोषणा पत्र (manifesto) कण्ठस्थ करना था. वह लोगों को बताती कि जहां अन्य parties घर के किरायों की अधिकतम सीमा तय करने की कोशिश कर रही हैं, वहीं CSU party अधिक से अधिक apartments के निर्माण के हक में है जिस से किराए अपने आप कम हो जाएंगे. Neuhausen में Landshuter Allee और Nymphenburger Straße के मोड़ पर अत्यधिक यातायात होने के कारण वहां के निवासियों को शोर के कारण बहुत समस्या होती है. CSU party वहां एक भूमिगत सुरंग बनाने चाहती है. अंशिका सिंह के अनुसार Germany में राजनीति में प्रवेश करने के लिए ढेर सारी निशुल्क सेवा और खूब समय समर्पित करने के लिए तैयार रहना चाहिए जिस के लिए परिवार का पर्याप्त समर्थन और मदद ज़रूरी है.

Migrationsbeirat के चुनावों के लिए उन्होंने अनेक भारतीय आयोजनों में जा कर प्रचार किया और भारतीयों को उनके vote देने के हक और मतदान प्रक्रिया के बारे में समझाया. जहां भारत में केवल एक voter card से आप हर चुनाव में मतदान कर सकते हैं, वहीं Germany में हर व्यक्ति के निवास स्थान और उस की कानूनी स्थिति के आधार पर उसे हर सम्बन्धित चुनाव से पहले डाक द्वारा अधिसूचित किया जाता है. जो लोग किसी खास चुनाव में मतदान करने के पात्र नहीं है, उन्हें अधिसूचित नहीं किया जाता. साथ ही Germany में चुनाव स्थान पर जाने की बजाए केवल डाक द्वारा मतदान करने की भी सुविधा है ताकि लोग समय ले कर इत्मीनान से अपने प्रिय उम्मीदवारों को vote दे सकें. क्योंकि उदाहरण के लिए इन Migrationsbeirat के चुनावों में आप अपने चालीस vote विभिन्न parties और उम्मीदवारों में विभाजित कर सकते हैं. यहां तक कि आप अपने प्रिय उम्मीदवार को अधिकतम तीन vote दे सकते हैं. अंशिका सिंह के अनुसार बहुत से भारतीयों को पता ही नहीं था कि भारतीय या अन्तर राष्ट्रीय passport के साथ भी इस चुनाव में मतदान किया जा सकता है. अनेक भारतीयों को तो बीस बीस साल Germany में रहने के बाद भी vote देने के अपने अधिकारों का नहीं पता था. कईयों ने तो ये German भाषा समझ ना आने के कारण ये पत्र कूड़ेदान में फेंक दिए थे. अनेक भारतीयों ने चुनाव स्थान पर vote देने के बाद अंशिका सिंह को phone पर बता कर उनका धन्यवाद किया.

Migrationsbeirat के कई विभाग (Ausschuss) हैं जैसे संस्कृति, समाज, शिक्षा, नस्लवाद. हर सदस्य को अपना मनपसन्द क्षेत्र चुनना होता है. सदस्यों के मतदान द्वारा Migrationsbeirat के अधयक्ष और उप-अधयक्ष चुने जाते हैं. हर विभाग की माह में एक बार सामान्य बैठक होती है जिस में सदस्य अपने अपने समुदाय की तकलीफों के बारे में विचार-विमर्श कर सकते हैं. फिर वाञ्छित समाधानों के लिए नगर परिषद को आवेदन करने के लिए मतदान होता है. पचास प्रतिशत से अधिक vote मिलने पर यह आवेदन नगर परिषद को भेज दिया जाता है. वहां भी उस पर मतदान होने के बाद उस पर कार्यवाही का निर्णय लिया जाता है. इन मासिक बैठकों में Migrationsbeirat के सदस्य अपने मित्रों और जानकारों को भी अतिथि के तौर पर आमन्त्रित कर सकते हैं. बहुत बार इन बैठकों में इतनी बहस होती है कि आधी रात तक भी खत्म नहीं होती. Migrationsbeirat की पहली बैठक मई महीने के अन्त में है पर अंशिका सिंह के पास अभी से अपने कार्यक्रमों के लिए अनुदान प्राप्त करने, मुख्य अतिथियों में आमन्त्रित करने और अन्तरराष्ट्रीय अतिथियों में विज्ञापन करने के लिए अनेक संघों के आवेदन आ चुके हैं. वे जी जान से इन अपेक्षाओं को पूरा करने में लगी हैं.

समाचार

15 सितंबर 1981 को शाम करीब साढे सात बजे Bayern के एक जंगल में से cycle पर घर जा रही एक दस वर्षीय बच्ची Ursula Herrmann को किसी ने पकड़ कर कुछ सुंघा कर बेहोश कर दिया और एक लकड़ी के डिब्बे में बन्द कर के वहां खोदे गए एक बड़े गड्ढे में दबा दिया और ऊपर से रेत और पौधे डाल कर ढक दिया. हालांकि उस बड़े डिब्बे में (72 × 60 × 139 cm) सांस लेने के लिए एक सुराख था. ये कार्य बच्ची के घर वालों से बीस लाख D-Mark (उस वक्त की मुद्रा) की फिरौती मांगने के लिए किया गया था. पर किसी कारणवश उस बच्ची की डेढ घंटे के भीतर ही मृत्यु हो गई. police ने हज़ारों व्यक्तियों से पूछताछ की, DNA नमूने मिलाए, पर कोई सफ़लता नहीं मिली. 2008 में (27 साल बाद) एक अन्य प्रांत में Werner Mazurek नामक एक व्यक्ति को इस गुनाह के लिए गिरफ़्तार किया गया, जो 1981 में उस बच्ची के पड़ोस में रहता था. हालांकि उस के गुनाह का कोई सीधा सबूत नहीं था पर बहुत सारे संकेतों को मिला कर पांच judges वाली अदालत ने 2010 में उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई. वह Lübeck की jail में आज भी बन्द है. बच्ची का भाई आज तक यह मानता है कि असली दोषी कोई और है. इस केस के बारे में आप Wikipedia सहित internet पर बहुत सारे video audio ढूंढ सकते हैं.

Bayern में अपराधियों ने 2022 में 28 ATMs को विस्फ़ोटकों के द्वारा उड़ा दिया. अब gas की बजाए ठोस विस्फ़ोटकों का अधिक इस्तेमाल होने लगा है जो अधिक घातक होते हैं. ये ATM की तिजोरी के करीब तीस किलो के दरवाज़े को उखाड़ कर 30-meter दूर तक फेंक सकते हैं.

Nürnberg-Fürth के जिला न्यायालय ने Fürth की एक 59 वर्षीय doctor को October 2018 और January 2019 के बीच पच्चीस बार भांग (cannabis flowers) के नुस्खे देने और 14 बार भांग के सेवन के बावजूद गाड़ी चलाने के लिए उचित स्वास्थ्य का प्रमाण पत्र जारी करने के लिए साढे पन्द्रह हज़ार Euro का जुर्माना किया है.

Nittenau में शुक्रवार (30.12.22) को एक Opel गाड़ी में बैठे 17 वर्षीय युवक ने नए साल का जश्न मनाते हुए कुछ जलते हुए पटाखे खिड़की से बाहर फेंके. बदकिस्मती से पीछे ही एक police की गाड़ी आ रही थी. police ने गाड़ी को रोक कर युवक के विरुद्ध विस्फ़ोटक सामग्री अधिनियम (Sprengstoffgesetz) के तहत मामला दर्ज किया और गाड़ी से चीन में बने हुए करीब एक सौ पटाखे जब्त किए.

Ukraine युद्ध के कारण महंगाई बढ़ने के बावजूद Germany में नए वर्ष पर डेढ करोड़ Euro के पटाखे चलाए गए हैं. कई शहरों की हवा में नव वर्ष पर कणों की मात्रा अधिकतम सीमा 50 microgram/ m³ से ऊपर चली गई थी. जलवायु संरक्षण उपायों के बावजूद पटाखों पर प्रतिबन्ध ना लगाने का कारण pyrotechnic उद्योग की निरन्तर बढ़ती गुणवत्ता बताया जा रहा है जो plastic की जगह लगातार पुन: प्रयोज्य (recyclable) सामग्री इस्तेमाल कर रही है. पर अनेक शहरों में लोगों ने पटाखों के साथ police, दमकल-कर्मियों और बचाव सेवा कर्मियों पर हमले किए हैं जिस के कारण सैंकड़ों गिरफ़्तारियां की गई हैं और पटाखों पर प्रतिबन्ध पर विचार हो रहा है.

October 2020 में, Denklingen में दो भवनों के निर्माण कार्य के दौरान अस्थिर मचान के कारण छत ढह गई. मलबे और बहते हुए ताज़े concrete के नीचे वहां काम कर रहे चार निर्माण श्रमिक दब गए. दो की वहीं मृत्यु हो गई और दो की बाहर निकाले जाने के बाद. post-mortem report के अनुसार, तीन श्रमिकों की कुचले जाने से और एक की दम घुटने से मृत्यु हुई. दो साल की जांच के बाद Augsburg के सरकारी वकील ने निर्माण company के दो प्रबन्ध निदेशकों पर भवन निर्माण के लिए बनाए गए मचान की जांच में लापरवाही, और अन्तत: लापरवाही से हत्या का आरोप लगाया है. 6 march को Landsberg की जिला अदालत में सुनवाई होगी.

22 December 2022 को Bad Staffelstein में एक व्यक्ति ने अपने घर की खिड़की से एक 45 वर्षीय पड़ोसी को अपने घर में मृत पड़े देख कर police को बुलाया. police ने मृत व्यक्ति के घर की तलाशी ली तो deep freezer से उस की 70 वर्षीय मां की लाश भी मिली. postmortem report के अनुसार दोनों की प्राकृतिक मृत्यु हुई है. आत्महत्या या किसी तीसरे व्यक्ति का कोई संकेत नहीं है. व्यक्ति की मृत्यु कुछ दिन पहले और मां की मृत्यु कुछ महीनों पहले हुई थी. मृत व्यक्ति के कागज़ातों की छान-बीन से police ने अन्दाज़ा लगाया है कि मां की pension को जारी रखने के लिए उसने मां की मृत्यु को सार्वजनिक नहीं किया और उस की लाश को deep freezer में छुपा दिया. उस की मां वैसे भी बीमारी के कारण अकसर अस्पताल में रहती थी और गांव में उस की कोई जान पहचान नहीं थी.

2 January 2023 को सुबह दस बजे German - Switzerland सीमा के पास A5 highway पर Swiss सीमा शुल्क police ने सामान्य जांच के लिए एक 7 seater Seat Alhambra गाड़ी को रोका और सन्तोषजनक जांच के लिए यात्रियों को गाड़ी से उतरने के लिए कहा. police के आश्चर्य की सीमा नहीं रही जब गाड़ी से एक एक कर के कुल 23 यात्री नीचे उतरे. 9 व्यस्क और 14 बच्चे. उन में से 22 लोग एक ही परिवार से थे और वे लोग Poland से चल कर Switzerland के शहर Bern जा रहे थे. police ने German police को सूचित किया. चालक को बिना सुरक्षा पेटी बांधे लोगों को ले जाने के लिए जुर्माना हुआ. सब को विभिन्न गाड़ियों में जाने की शर्त पर Switzerland में प्रवेश करने की अनुमति दी गई.

6 January 2023 को police ने एक 33 वर्षीय Thüringen निवासी को 2020 में Regensburg में तीन युवतियों का revolver से डरा कर बलात्कार करने के आरोप में गिरफ़्तार किया है. police को 2020 में चारों ओर poster लगाने और ढेर सारी सूचनाएं मिलने के बावजूद सफ़लता नहीं मिली. फिर एक पीड़िता के हाथ से मिले sperm के आधार पर February 2021 में DNA database में खोजने से भी कोई सफ़लता नहीं मिली. पर इस के आधार पर अपराधी की आंख, बाल और त्वचा का रंग निर्धारित किया जा सका जो पीड़ितों के द्वारा दिए गए विवरणों से भी मेल खाता था. फिर मई 2021 में Regensburg में 2020 में चल रहे Integration courses में भाग ले रहे लोगों में से विवरण से मेल खाते 514 व्यक्तियों की सूची तैयार की गई और उन्हें स्वेच्छा से DNA नमूने देने का निवेदन किया गया. यह बहुत मुश्किल और थकाऊ काम था क्योंकि इस के लिए व्यक्ति को सुबह उठ कर बिना कुछ खाए आधे घंटे के अन्तराल पर पांच बार अपने थूक का नमूना देना होता है. इस सूची में आरोपी भी शामिल था, जो एक बच्चे का बाप है और 2013 में Madagascar से Germany आया. लेकिन वह अब तक Thüringen shift हो चुका था. पर वह DNA नमूना देने के लिए तैयार हो गया. और यहीं police को अन्तत सफ़लता मिली. उसने गिरफ़्तारी पर कोई प्रतिरोध नहीं किया पर उस के घर की तलाशी से वह revolver नहीं मिला है. उसे सुनवाई के लिए Regensburg लाया जाएगा.

5 January 2023 को Rachid Chouakri नामक Algeria का एक 40 वर्षीय हत्यारा Regensburg की एक अदालत में सुनवाई के दौरान वहां से भागने में सफ़ल हो गया. चार दिन बाद France की police ने उसे पौने पांच सौ kilometre दूर पकड़ा. 2011 में उसने Nürnberg में एक तंबाकू की दुकान की 76 वर्षीय मालकिन की गला घोंट कर हत्या कर दी. 2013 में उसे उम्र कैद की सजा सुनाने के बाद उसे Straubing की jail में डाल दिया गया. वहां उसने किसी अधिकारी के साथ हाथापाई की तो उसे Würzburg की jail में shift कर दिया गया. इस हाथापाई की सुनवाई के लिए उसे अदालत में हाजिर होना था.

July 2021 में Münster में पांच लोगों को दो छोटे बच्चों, जो उस समय केवल चार और आठ साल के लड़के थे, के नशा खिला कर यौन शोषण करने, उनके फोटो और video बना कर internet में फैलाने के जुर्म में कई सालों की सजा हुई. इस के मुख्य आरोपी Adrian V., जो उस समय 28 वर्षीय का था, ने ना केवल अपनी महिला दोस्त के आठ वर्षीय बच्चे का कई सालों तक यौन शोषण किया, बल्कि अपने कई दोस्तों को भी बच्चे का शोषण करने दिया. उसने अपने तीन साथियों के साथ April 2020 में अपनी मां द्वारा दिए गए एक बगीचे के घर में अपना जन्मदिन मनाने के लिए तीन दिन तक दो छोटे बच्चों, जो उस समय केवल चार और आठ साल के थे, का तीन दिन तक शोषण किया. उस की मां को भी इस के बारे में पता था. Adrian V. को चौदह साल की, उस के तीन दोस्तों को बारह, साढे ग्यारह और दस साल की सजा हुई. उस की मां Carina V., जो उस समय 46 साल की थी, को पांच साल की सजा हुई. सभी को सजा preventive detention के साथ हुई क्योंकि उन्हें समाज के लिए खतरनाक माना गया है. यानि वे सजा काटने के बाद भी बाहर नहीं आ सकते. Adrian V. की दोस्त, Sabrina K., जो उस समय 32 वर्षीय की थी, को भी उस की मदद करने और बच्चे की मदद ना करने के जुर्म में अक्तूबर 2021 में सात साल नौ महीने कैद की सजा सुनाई गई. Adrian V. के एक अन्य paedophilic दोस्त, बवेरिया के शहर Roding के एक 35 वर्षीय स्वास्थ्य कर्मचारी को वैसे ही जुर्म में 11 January 2023 को Regensburg की अदालत में पेश किया गया है. उसने भी अपनी 35 वर्षीय दोस्त के बेटे का यौन शोषण किया और अपनी दोस्तों को भी आमन्त्रित किया. उस की महिला दोस्त की सुनवाई 13 January को हई.

22 नवंबर 2022 की रात को Ingolstadt के पास 2006 में खोले गए 'Kelten Römer Museum' नामक संग्रहालय में से दो हज़ार साल पुराने 3.7-kilogram के पांच सौ सोने के सिक्के चुरा लिए गए. 1999 में Manching में खोजा गया यह सोने के सिक्कों का संग्रह पिछली शताब्दी का सब से बड़ा celtic खज़ाना था. केवल सोने की कीमत ढाई लाख Euro के आस-पास है, लेकिन इन ऐतिहासिक सिक्कों का व्यावसायिक मूल्य करोड़ों में है. इस चोरी में चोरों ने पेशेवर तरीके से काम किया. चोरी से एक घंटा पहले उन्होंने Manching शहर के telephone exchange की fibre optic cable काट दी. नतीजतन संग्रहालय की alarm प्रणाली लकवाग्रस्त हो गई. सिक्कों की चोरी में केवल नौ minute लगे. संग्रहालय का camera system भी पुराना था. पर उस दिन की कोई video recording भी नहीं उपलब्ध है. पर Bayern के संग्रहालयों में से चोरी की यह कोई अकेली घटना नहीं है. 2017 से 2021 तक 27 ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, हालांकि यह घटना सब से बड़ी थी. 2022 के आंकड़े अभी उपलब्ध नहीं हैं.

10 February 2022 को Schwandorf / Mossendorf के एक खेत में एक 43 वर्षीय महिला अपने तीन साल के छोटे से Shih tzu/Havaneser कुत्ते को घुमाने ले कर जा रही थी तो एक तीन साल के 76cm ऊंचे Dobermann कुत्ते ने उस के कुत्ते पर हमला कर दिया. गरदन सहित कई जगह काटे जाने से छोटे कुत्ते की वहीं मृत्यु हो गई. जब महिला ने अपने कुत्ते को बचाना चाहा तो Dobermann ने महिला को भी दोनों हाथों सहित 15 जगहों पर काट लिया. उस समय ना तो Dobermann रस्सी से बन्धा हुआ था और ना उस के मालिक का कहीं अता-पता था. मालिक वहां दस minute बाद पहुंचा और उसने छोटे कुत्ते की मृत्यु और महिला के घावों की ज़िम्मेदारी लेने से साफ़ इनकार कर दिया. उसने कहा कि उस का कुत्ता यह नहीं कर सकता. महिला के हाथ का operation हुआ. लम्बे समय तक दोनों हाथों से काम ना कर पाने की वजह से उस की नौकरी चली गई. 17 January 2023 को Schwandorf की जिला अदालत में Dobermann के मालिक को दो महीने की आमदनी का जुर्माना हुआ.

137 देशों में लगभग 65,000 अनाथ बच्चों की देख-भाल करने वाली ग़ैर-सरकारी संस्था SOS-Kinderdorf की दान से होने वार्षिक आय करीब 1.4 खरब Euro मानी जाती है. कई देशों में इस के अन्तर्गत पल रहे बच्चों के प्रति यौर शोषण और हिंसा की खबरें आती रहती हैं. 2022 में Germany में 160 ऐसी reports आई हैं.

January 2023 में Schwandorf के पास Bruck शहर में एक बत्तखें पालने वाली company में bird flu (Influenza A virus subtype H5N1) फैल गया जिस के कारण 70000 बत्तखों को carbon dioxide और अक्रिय gases के मिश्रण से बेहोश कर के मार दिया गया.

19.01.2023 को 62 वर्षीय SPD party के नेता Boris Pistorius को Germany का रक्षा मन्त्री बना दिया गया. इससे पहले वे Niedersachsen राज्य की संसद के सदस्य थे. media में बहुत दिनों से लगातार पूर्व रक्षा मन्त्री Christine Lambrecht को असक्षम साबित करने का अभियान चल रहा था. मंगलवार को इस्तीफा देने के समय भी उन्होंने इसका मुख्य कारण media में बदनामी बताया था.

14 December 2021 की रात को Kelheim के Goldberg-Klinik नामक अस्पताल में जब Ronja H. नामक एक 23 वर्षीय nurse काम पर आई तो उस के सर में भयंकर दर्द था. उसने Codeine युक्त दर्द निवारक दवा ले रखी थी. पर आधी रात से कुछ देर पहले उसने अपनी एक सह-कर्मी को बताया कि उस का सर-दर्द बहुत बढ़ गया है. करीब सवा एक बजे उस की सह-कर्मी ने उसे एक injection दिया और उसे एक शांत कमरे में आराम करने के लिए कहा. करीब डेढ बजे उस की मृत्यु हो गई. लेकिन उस की मृत्यु का उस के सह-कर्मियों को पांच घंटे बाद सुबह साढे छह बजे पता चला. port-mortem report से पता चला कि उस की मृत्यु Propofol नामक एक narcotic तत्व और Codeine की आपसी रसायन क्रिया से हुई है, जिस से Popstar Michael Jackson की मृत्यु भी हुई थी. लेकिन उस की सह-कर्मी ने बाद की पूछ-ताछ में इससे इनकार किया कि यह दवा उसने दी थी. Ronja H. के पिता वकीलों और आपराधिक police के साथ मिल कर एक घटना को सुलझाने का हर प्रयत्न कर रहे हैं. अभी तक यह साफ़ नहीं है कि इस दवा को अस्पताल में रखने और उसे मरीज़ों को देने के क्या माप-दण्ड हैं. यह भी साफ़ नहीं है कि क्या इस मृत्यु के लिए कोई खास व्यक्ति ज़िम्मेदार है या फिर अस्पताल का प्रबन्धन. या फिर उसने आत्महत्या की है. यह भी साफ़ नहीं है कि उस की लाश पांच घंटे तक अस्पताल में कैसे पड़ी रही.

जिस ने 1980 की हिन्दी फिल्म 'The Burning Train' नहीं देखी, वह इसे शुक्रवार 20 January को दक्षिण पूर्वी Bayern में अस्ल ज़िन्दगी में देख सकता था. सुबह तीन बजे दक्षिण Bayern के Straß गांव के पास खड़ी एक रेलगाड़ी में अज्ञात कारणों से आग लग गई. दमकलकर्मियों के पहुंचने तक दोनों चालक गाड़ी से उतर चुके थे. अन्यथा गाड़ी खाली थी. जैसे ही दमकलकर्मियों ने आग बुझानी शुरु की, हल्की ढलान के कारण रेलगाड़ी Freilassing की ओर लुढ़कनी शुरू हो गई और धीरे-धीरे उसने तेज गति पकड़ ली. दमकल-कर्मियों के पास जलती हुई और बिना चालक के तेज भागती हुई रेलगाड़ी का पीछा करने और धर्मेन्द्र या Bruce Willis जैसे किसी करिश्मे की उम्मीद करने के अलावा कोई चारा ना था. सौभाग्य से railway कर्मचारी पटरी को switch कर के गाड़ी को आठ kilometre दूर Freilassing के एक buffer stop वाले track पर लाने में सफ़ल हो गए. buffer stop से टकराने से गाड़ी हल्की सी पटरी से उतर गई लेकिन रुक गई.

Germany की डाक सेवा 'Deutsche Post' में पक्के तौर काम कर रहे लगभग डेढ लाख कर्मियों के वेतन में 15% वृद्धि का दबाव डालने के लिए श्रमिक संघ Verdi ने पूरे Germany के DP केन्द्रों में कार्यरत अपने करीब 15 हज़ार सदस्यों को पिछले बृहस्पतिवार और शुक्रवार (19 और 20 January 2023) को हडताल के लिए बुलाया. इससे एक चौथाई चिट्ठियां (करीब 1.3 करोड़) और एक तिहाई packet (करीब 2.3 करोड़) प्रभावित हुए. DP ने मांग को कुछ ज़्यादा बड़ा बताया है और February में एक नई पेशकश का वादा किया है.

Germany में पिछले साल 869 लोगों ने अपनी मृत्यु के बाद 46 प्रत्यारोपण केन्द्रों में 2762 अंग दान किए, जिन से गम्भीर रूप से बीमार 2,695 रोगियों की जान बचाई जा सकी या उन्हें बेहतर जीवन मिल सका. इस के बावजूद Germany में इस समय करीब 8,500 लोग अंग प्रत्यारोपण (organ transplantation) की प्रतीक्षा सूची में हैं. प्रत्यारोपित किए जाने अंगों में गुर्दे, हृदय, यकृत (lever), फेफडे, अग्न्याशय (pancreas) और आन्तें (intestines) मुख्य हैं. Germany में अंगदान या तो मृत व्यक्ति के जीवित रहते दी गई अनुमति से होता है या फिर मृत्यु के पश्चात उस के रिश्तेदारों की अनुमति से. कुछ European देशों में अनुमति (Einwilligung) की बजाय आपत्ति विनियमन (Widerspruch) का भी नियम है. यानि अगर मृत व्यक्ति ने जीवित रहते लिखित रूप से आपत्ति नहीं जताई, तो उस के अंग प्रत्यारोपित किए जा सकते हैं. अंग प्रत्यारोपण दो स्वतन्त्र और योग्य चिकित्सकों द्वारा मस्तिष्क के समग्र कार्य की अप्राप्य विफलता (unrecoverable failure of the overall function of the cerebrum, cerebellum and brainstem) निर्धारित किए जाने के पश्चात ही सम्भव है. ये दोनों चिकित्सक ना तो अंगों को निकालने और ना ही स्थानांतरित करने में शामिल होने चाहिए. 

Schwandorf में एक 61 वर्षीय महिला ने अपने बगीचे में दीवार बनाने के लिए कारीगर ढूंढने के लिए Ebay-Kleinanzeigen में विज्ञापन डाला. तो एक व्यक्ति ने telephone पर खुद को कारीगर बताते हुए काम की पेशकश की और एक हज़ार Euro अग्रिम भुगतान की मांग की. भुगतान हो जाने पर उसने दोबारा phone कर के कहा कि अगर वह अतिरिक्त दो हज़ार Euro का अग्रिम भुगतान करती है तो वह जल्दी काम शुरू कर सकता है. इससे महिला को शक हुआ और उसने सौदे को रद्द किया और अपने पैसे वापस मांगे. कुछ देर टालने के बाद व्यक्ति ने सम्पर्क तोड़ दिया.

शनिवार 14.01.23 को Cham शहर के पास B20 सड़क पर तीन गाड़ियों की भयानक दुर्घटना हो गई जिस में एक की मृत्यु हो गई और गम्भीर रूप से घायल पांच लोगों को दो helicopters के द्वारा अस्पताल ले जाया गया. दोपहर करीब एक बजे Cham शहर की ओर जा रही एक Mazda गाड़ी अचानक अज्ञात कारणों से बीच की दोनों सफ़ेद पट्टियां लांघ कर उलटे track पर आ गई और सामने से आ रही Ford Ranger के साथ इतनी जोर से टकराई कि वह ज़बरदस्त धमाके के साथ वापस पीछे की ओर उछल गई और पीछे से आती हुई एक Skoda के साथ टकरा गई. Mazda गाड़ी इस कदर कुचली गई कि 61 वर्षीय चालक गाड़ी में ही फंस गया और तमाम कोशिशों के बावजूद उसे नहीं बचाया जा सका. उसे मृत्यु के बाद भी गाड़ी के बाहर निकालना आसान नहीं था. Ford Ranger के 44 वर्षीय चालक, उस के आठ वर्षीय बेटे, Skoda की 33 वर्षीय चालिका और उस के दो सह-यात्रियों को अस्पताल पहुंचाया गया. दुर्घटना स्थल पर छह आपातकालीन चिकित्सक, बचाव-दल और दमकल-कर्मी उपस्थित थे.

2022 December अन्त में Cologne चिड़ियाघर में Swabian-Hall प्रजाति के दस सूअरों का एक साथ जन्म हुआ. यह एक पुरानी लुप्तप्राय पशुधन नस्ल है जिस का रंग गुलाबी होने की बजाय दो रंगा होता है. इन सूअरों का सर, गरदन और पीछे का हिस्सा काला होता है बाकी का रंग सफ़ेद. पुराने समय में ये सूअर अपने वसायुक्त मांस के कारण बहुत लोकप्रिय हुआ करते थे. पर अब उपभोक्ता इसे कम पसन्द करते हैं. इन सूअरों की संख्या हाल ही में गिर गई है. अब उन्हें गम्भीर रूप से संकट-ग्रस्त माना जाता है.

Kiel से Hamburg जा रही एक regional express रेलगाड़ी में एक 33 वर्षीय फिलीस्तीनी व्यक्ति ने चाकू से यात्रियों पर हमला कर दिया जिस से दो लोगों की मृत्यु हो गई और सात यात्री गम्भीर रूप से घायल हो गए. कुछ लोग उसे रोकने में सफ़ल हो गए. वह खुद भी घायल हो गया.

Munich-Freising के cardinal Reinhard Marx ने 2022 में बड़ी हिम्मत दिखाते हुए पिछले दशकों में चर्च के पादरियों द्वारा बच्चों के यौन शोषण किए जाने पर छान-बीन करने के लिए एक आयोग बनाया. इससे सम्बन्धित कुछ घटनाओं की सुनवाई Traunstein की जिला अदालत में होगी. कुछ लोगों ने, जिन की उम्र आज 60 से ऊपर है, करीब पचास साल पहले चर्च के पादरियों द्वारा शोषित किए जाने की शिकायत की है. उन्होंने सारी ज़िन्दगी चर्च के डर से घुट घुट कर गुज़र दी. चर्च के बड़े अधिकारी भी सब पता होते हुए भी अनजान बने रहे. यहां तक कि Pope Benedikt XVI (Joseph Alois Ratzinger, † 31. Dezember 2022) जिन की हाल ही में मृत्यु हुई है, भी लपेटे में आ सकते हैं. बहुत सालों तक चर्च इस नियम का फ़ायदा उठा रही थी कि यौन अपराधों के लिए मुकदमा करने की एक सीमा होती है जो गम्भीरता के अनुसार तीन से तीस साल तक हो सकती है. Germany में ऐसे कई मुकदमों में चर्च को लाखों Euro का हर्जाना देना पड़ा है. बहुत से लोगों का चर्च से विश्वास उठ गया और उन्होंने चर्च को tax देना बन्द कर दिया. पर अब छवि और धन के द्वंध से निकल कर cardinal Reinhard Marx ने बड़ी पहल की है. हो सकता है इससे मुकदमों की बाढ़ आ जाए. जो लोग सारी ज़िन्दगी चुप रहे, उन में बोलने की हिम्मत आ जाए.

CSU Bayern के पूर्व general secretary Gerold Tandler की बेटी Andrea Tandler और उस के एक साथी को मंगलवार 24 January 2023 को Corona महामारी की शुरुआत में एक Switzerland की company और Bayern के स्वास्थ्य मन्त्रालय के बीच नकली और बहुत मंहगे Corona mask (€8.90 / mask) का धंधा करवाने के एवज में लाखों का commission कमाने और tax चोरी के आरोप में गिरफ़्तार किया गया है.

21 December 2022 को Berlin में German खुफिया विभाग BND के कर्मचारी  Carsten L. को रूस के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया. उस पर Ukraine युद्ध शुरू होने के बाद रूस को German दण्ड संहिता के कुछ गुप्त आंकड़े उपलब्ध कराने का आरोप है. पिछले रविवार 22 January को एक अन्य व्यक्ति Arthur E. को Munich airport पर America से पहुंची एक उड़ान से Carsten L. की मदद करने के आरोप में remand में लिया गया. Arthur E. के पास German passport है और वह BND का कर्मचारी नहीं है.

Munich की company 'Krauss-Maffei Wegmann (KMW)' के द्वारा 1978 से बनाया जाने वाला युद्धक tank (main battle tank, MBT, Kampfpanzer) Leopard फिलहाल दुनिया का सब से उन्नत tank है. इसकी 120mm bore वाली तोप चारों दिशाओं में पांच kilometre तक मार कर सकती है. company अब तक इसकी 3500 प्रतियां बना चुकी है. इसका सब से आधुनिक संस्करण Leopard 2A7 है. दुनिया के 19 देश, अधिकतर European देश इसे ख़रीद चुके हैं. कोई भी देश इसे Germany की अनुमति के बिना आगे निर्यात नहीं कर सकता. Ukraine रूस से लड़ने और अपने खोए हुए इलाके वापस पाने के लिए इसकी 300 प्रतियां चाहता है. Germany अन्तत Ukraine को रूस का सामना करने के लिए 14 Leopard 2A6 युद्धक tank देने के लिए राजी हो गया है. इस में सैनिकों का प्रशिक्षण और tanks के लिए ज़रूरी गोला-बारूद भी शामिल है. पर इस के अलावा और कोई भी मदद के लिए उसने साफ़ मना कर दिया है, जैसे Germany से सैनिक और जंगी हवाई जहाज़ भेजना. Germany यह सुनिश्चित करना चाहता है कि Germany और Nato सीधे तौर पर Ukraine - रूस युद्ध में शामिल ना हों. हालांकि America का M1 Abrams भी इतना ही उन्नत है पर इस के लिए अलग तरह का ईंधन चाहिए. और बहुत सारे M1 Abrams tanks America से अन्ध महासागर (Atlantic Ocean) के द्वारा Ukraine तक पहुंचाना मुश्किल है. फिर भी America Ukraine को 31 M1 Abrams tanks भेजने के लिए राजी हो गया है.

Nord Stream Pipelines विस्फ़ोट के पीछे America

Compact magazine ने America के जाने माने खोजी पत्रकार Seymour Hersh के website seymourhersh.substack.com के हवाले से कुछ बातें लिखी हैं जो आम media में देखने को नहीं मिलतीं. Seymour Hersh के अनुसार Germany के chancellor Olaf Scholz को पहले से पता था कि Nord Stream Pipelines उड़ा दी जाएंगी. वह America में Joe Biden के साथ ही था जब Joe ने press वालों के सामने कहा था कि हम Pipelines को ज़्यादा देर तक टिकी नहीं रहने देंगे. तब Olaf केवल मुस्कुरा कर रह गया था. यह February 2021 में रूस के Ukraine में घुसने से कुछ दिन पहले की बात है. America नहीं चाहता था कि रूस Europe को methane gas बेच कर वह पैसा युद्ध में लगाए. पर अब America fracking तकनीक से निकाली गई gas Germany को छह गुना दाम पर बेच रहा है. जून 2022 में Baltic Sea में NATO के Baltops 22 नामक युद्धाभ्यास के दौरान ही Pipelines पर लगभग 500 किलो विस्फ़ोटक सामग्री बांध दी गई थी. लेकिन इसे sonarbuoy की मदद से सितंबर 2022 में फोड़ा गया ताकि किसी को NATO पर शक ना हो. काण्ड को ढकने के लिए Andromeda नामक एक Yacht के साथ एक नक़ली कहानी गढ़ी गई. हास्यप्रद बात यह कि यह नक़ली कहानी America और Germany के अखबारों में एक समय पर प्रकाशित हुई. जिस का मतलब साफ़ है कि यह कहानी किसी छान-बीन का नतीजा नहीं बल्कि CIA द्वारा बताई गई कहानी है.

जर्मनी में भारतीय छात्र

एक अनुमान के अनुसार जर्मनी में लगभग तीस हज़ार भारतीय छात्र हैं को जर्मन विश्वविद्यालयों के सस्ते शिक्षा शुल्क, पाठ्यक्रम की लचीली अवधि, कई शोध विकल्प और विश्वविद्यालयों की अच्छी प्रतिष्ठा के कारण जर्मनी में अध्ययन करने आते हैं। अध्ययन के साथ साथ उन्हें विश्वविद्यालयों में शोध सहायक के रूप में काम करने और उद्योगों में internship करने के भी अवसर मिल जाते हैं। जर्मनी के विश्वविद्यालयों का अनेक कंपनियों के साथ अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में सहयोग होता है। इसके अलावा जर्मनी का बुनियादी ढांचा और अच्छे उद्योग छात्रों को अध्ययन के बाद यहां नौकरी करने के लिए लुभाते हैं। समय समय पर होने वाले नौकरी मेलों में नए अवसरों के बारे में जानकारी मिलती रहती है। वर्तमान स्थिति में अंतरराष्ट्रीय छात्रों को जर्मनी में दाखिला पाने के लिए प्रति वर्ष €11,172.00 की कुल राशि को block करना होता है जो हर महीने किश्तों में वापस कर दी जाती है। इसके अलावा खर्च चलाने के लिए छात्रों को गोदाम, रेस्तरां, भोजन और किराने की delivery कंपनियों और supermarkets में अंशकालिक काम मिल जाता है। बड़े शहरों में रहने में खर्च अधिक आता है, इसलिए छात्र अन्य छात्रों के साथ सांझे apartments की तलाश करते हैं। कई विश्वविद्यालयों में कम किराए वाले विशेष छात्रावास भी उपलब्ध होते हैं। छात्रों को संग्रहालयों, चिड़ियाघरों जैसे अनेक स्थानों में घूमने के लिए छूट भी मिलती है। जर्मनी में आने वाले भारतीय छात्रों को सबसे पहले भाषा की समस्या होती है। छात्रों को भाषा को अच्छी तरह से सीखने और दैनिक जीवन में और काम पर इसका इस्तेमाल करने में कई महीने या साल लग जाते हैं। चूंकि वे अंग्रेजी और हिंदी के साथ सहज होते हैं, इसलिए उन्हें जर्मन भाषा अपनाने में समय लगता है। अधिकतर विश्वविद्यालयों में जर्मन पाठ्यक्रम भी उपलब्ध होता है जहां वे अपने जर्मन भाषा के कौशल को सुधार सकते हैं। भाषा की समस्या के कारण रहने के लिए सस्ता आवास ढूंढना भी मुश्किल हो जाता है। भारत में गर्म मौसम के अभ्यस्त होने के कारण यहाँ के ठंडे और बरसाती मौसम में भी उन्हें काफ़ी समस्या होती है। पर जर्मनी में पढ़ाई के अपने फायदे भी हैं। छात्रों को अध्ययन और शोध के लिए विश्व-स्तरीय बुनियादी ढांचे तक पहुंच प्राप्त होती है। काम या अध्ययन के उद्देश्यों के लिए यूरोपीय संघ के अन्य देशों में प्रवेश आसानी से मिल जाता है। जैसे-जैसे जर्मनी में भारतीय समुदाय बढ़ रहा है, वैसे-वैसे युवा छात्रों को अनेक कार्यक्रमों में अन्य भारतीयों से मिलने के लिए अनेक अवसर मिलते हैं। भारत और जर्मनी के बीच सहयोग हर साल बढ़ रहा है और इससे छात्रों को जर्मनी में अध्ययन करने और भारत में जर्मन कंपनियों के कारोबार को बढ़ाने और भारतीय कंपनियों को जर्मनी की नई तकनीकों को अपनाने में मदद करने के अवसर मिलते हैं।

जर्मनी से वापस भारतीय राजनीति में

मेरठ निवासी गौरव चौधरी की कहानी किसी filmy कहानी से कम नहीं है. Germany के businessman से ले कर UP के मेरठ के जिला पञ्चायत अध्यक्ष बनने तक का उनका सफ़र काफ़ी रोमांचक है. गौरव चौधरी पिछले एक दशक से Germany में अपना अच्छा खासा business चला रहे थे. लेकिन कुछ समय बाद उन्हें महसूस हुआ कि जो बात अपनी मिट्टी में है वो कहीं नहीं. फिर क्या, बिना सोचे गौरव मेरठ लौट आए. उन्हें हमेशा से अपने राज्य के लिए कुछ करने की चाह थी. इसी बीच गौरव चौधरी ने यह फ़ैसला लिया कि चुनाव के ज़रिए वे अपने राज्य के लिए कुछ बेहतर कर पाएंगे जिस के बाद मेरठ के ward-18 से जिला पञ्चायत सदस्य के लिए दावेदारी की. जिस के दौरान भाजपा में entry के साथ जिला पञ्चायत के चुनावों के लिए ticket मिल गया. उन्होंने चुनाव लड़ा और गौरव चौधरी जिला पञ्चायत सदस्य बन गए. भाजपा से पांच जीत हासिल करने वालों में से वह एक हैं. शनिवार को वह निर्विरोध जिला पञ्चायत अध्यक्ष निर्वाचित हो गए. बता दें कि गौरव चौधरी ने अपनी पढ़ाई कुरुक्षेत्र से की. business management की पढ़ाई के लिए वे Germany चले गए. वहां उन्होंने import, export और construction का काम शुरू किया. फिर वे gastronomy की दिशा में चले गए और Bayern के Oberpfalz इलाके के कई छोटे-छोटे शहरों में गणेष नाम के कई restaurant खोल दिए. वे अब भी Germany के कई restaurant के मालिक हैं और कभी कभार Germany में अपने व्यवसाय को देखने आते हैं.

यूरोप ने किया यात्राएं आयोजित करने के लिए प्रेरित

Berlin निवासी 36 वर्षीय मधुवन्त सत्यनारायण, जिन्हें लोग Maddy Satya के नाम से जानते हैं, विभिन्न देशों से आने वाले प्रवासियों के लिए Germany और अन्य European स्थानों में लम्बी पैदल यात्राएं आयोजित करते हैं. ये Berlin के आस-पास के स्थानों पर एक दिन यात्राओं से ले कर Germany के विभिन्न हिस्सों में, जैसे black forest, Rügen island, Harz आदि में कई दिनों की यात्राएं हो सकती हैं. यहां तक कि Norway की Northern lights यात्राएं भी वे आयोजित करते हैं. भविष्य में iceland, Corsica, Mallorca जैसे और स्थान जोड़ने की योजना है. ये यात्राएं वे अपने Urbanturetravel brand के तहत Joinmytrip, Meetup.com, Facebook और ticket tailor आदि माध्यमों द्वारा आयोजित करते हैं. यात्रा करना उनका जुनून और जीवन जीने का तरीका है और उन्हें लोगों से मिलना, खुद को चुनौती देना और अपने क्षितिज को और व्यापक बनाना अच्छा लगता है.

भारतीय माता-पिता की रूस में जन्मी सन्तान, मधुवन्त भारत, New Zealand, Australia और UK में रह चुके हैं. उनके पिताजी भारतीय नौसेना में सेवा के बाद और माता जी मुम्बई में stock broker के रूप में काम करने के बाद 1999 में Auckland (New Zealand) चले गए. Auckland में 12 वर्ष में प्रवास के दौरान उन्होंने Engineering और business degree पूरी की, Finance में काम किया और उनके माता-पिता ने एक भारतीय supermarket चलाई. इस के बाद मधुवन्त Melbourne, Sydney और London में रहे. London में अपने समय के दौरान वे Europe के समृद्ध इतिहास और संस्कृति के बारे में जानने के लिए अक्सर Europe की यात्रा करते थे. 2015 में वे Germany आ गए और परिवार और दोस्तों के लिए यात्राएं आयोजित करने लगे. धीरे धीरे यह शौक़ बड़ा आकार लेने लगा. पांच देशों में रहने और करीब चालीस देशों में घूमने के बाद भी उन्हें यही लगता है कि उन्होंने अभी पृथ्वी का एक छोटा सा अंश ही देखा है. उनके अनुसार जहां New Zealand जैसे छोटे से भू-भाग में अत्यन्त सुन्दरता बसी हुई है, भारत के कोने कोने में रंग बिरंगी संस्कृति, रोमांच और इतिहास बसा हुआ है, Australia में अगर शहरों को छोड़ दें तो यह एक अत्यन्त विशाल और कठोर भू-भाग है.

बुधवार, 25 अक्तूबर 2023

पुलिस

Germany एक लोकतांत्रिक देश है. हर व्यक्ति को अपने जीवन, अपने शरीर पर और अपनी स्वतन्त्रता पर पूरा अधिकार है. सभी लोग इकट्ठे शांति के साथ रह सकें, इस लिए किसी को अपनी रक्षा करने के अलावा किसी अन्य कारण से हिंसा करने की अनुमति नहीं है, जैसे कि बदला लेने के लिए या लूटपाट के लिए. यहां तक कि परिवार में भी हिंसा की अनुमति नहीं है. नागरिक अपने चुने हुए नेताओं द्वारा हिंसा का अधिकार सरकार को देता है जो अपने तीन स्तंभों, यानि संसद, न्यायपालिका और कार्य-पालिका द्वारा इसे सन्तुलित रखती है.

police और सेना, ये कार्य-पालिका के दो महत्वपूर्ण और हथियारबन्द हिस्से हैं. सेना बाहरी सुरक्षा के लिए और police अन्दरूनी सुरक्षा के लिए ज़िम्मेदार है. सेना का काम बाहरी हमलों से देश को बचाना और ज़रूरत पड़ने पर युद्ध करना है और police का काम आम जनजीवन की सुरक्षा, व्यवस्था और यातायात की देख-रेख, अपराधों की जांच-पड़ताल और खतरों की रोकथाम करना है. सेना रक्षा मन्त्रालय के तहत काम करती है और police हर राज्य के आन्तरिक मामलों के मन्त्रालय के अन्तर्गत काम करती है. इस लिए Germany में Bundeswehr नामक एक संघीय सेना है और सभी 16 राज्यों के अपने अपने police विभाग हैं जो ज़रूरत पड़ने पर एक दूसरे की मदद करते हैं. बाढ़ जैसी आपदाओं के आने पर Bundeswehr को भी तैनात किया जा सकता है. Bundeswehr का संस्थापन नवंबर 1955 में केवल 101 स्वैच्छिक सैनिकों के साथ पश्चिम Germany में हुआ था. आज इस में ढाई लाख सैनिक हैं. जहां वायु सेना परिवहन के लिए हवाई जहाज़ों को इस्तेमाल करती है, वहीं police helicopters का.

प्राचीन काल से ही police का अस्तित्व है. लोकतांत्रिक प्राचीन देश और शहर Athen में भी सार्वजनिक व्यवस्था की देख-रेख यूनानी नागरिक नहीं, बल्कि 1000 स्कीथियन गुलाम करते थे. आपसी लड़ाइयों में हस्तक्षेप करना और रात को पहरा देना उनका काम था. 1495 में Germany में पहली बार police शब्द का इस्तेमाल किया गया जहां राजाओं के अनुयायी और सेवक लोगों को ईश्वर से डर कर रहने, अपने राजा के प्रति आज्ञकारी रहने, उचित वस्त्र पहनने, पुस्तकों से दूर रहने को प्रोत्साहित करते थे और गाली-गलोच, लोलुपता, व्यभिचार, भोग विलास, मिलावटी भोजन, सूदखोरी और भिक्षावृत्ति पर अंकुश लगाते थे. 1700 के आस-पास राजतन्त्र के दौर तक यह police की संख्या बहुत बढ़ गई. वह प्रजा के सामान्य जीवन के हर क्षेत्र पर नज़र रखने का माध्यम थी. 1789 की France जैसी बुर्जुआ क्रांतियों को रोकने के लिए German और Austrian राजशाहियों ने police का बहुत गहनता से उपयोग किया. 1933-1945 के राष्ट्रीय समाजवादी राज्य के दौरान गुप्त police Gestapo (Geheim Polizei) बनाई गई जो Nazi तानाशाही के राजनीतिक विरोधियों की जासूसी, पीछा और हत्या करती थी. युद्ध के बाद इसे आपराधिक संगठन का करार दिया गया.

राज्य police के अन्तर्गत आपराधिक कार्यालय (Landeskriminalamt, LKA), दंगा police (Bereitschaftspolizei), सामान्य सुरक्षा police (Schutzpolizei, SchuPo), आपराधिक police (Kriminalpolizei, KriPo), यातायात police (Verkerspolizei) और जल-सुरक्षा police (Wasserschutzpolizei, WaPo) आते हैं. राज्यों की police के अलावा पूरे Germany के लिए उत्तरदायी एक संघीय आपराधिक कार्यालय (Bundeskriminalamt, BKA), संघीय police (Bundespolizei, BPol) और संसदीय police भी हैं. संसदीय police में 170 police-कर्मी हैं जो Berlin में संसद के परिसर, इमारत, संसद के सदस्यों और राष्ट्रपति की सुरक्षा करते हैं. 2013 में Germany के 16 राज्यों में लगभग सवा दो लाख police अधिकारी कार्यरत थे. 40,000 के साथ सब से अधिक NRW में और 2,800 के साथ सब से कम Bremen में. केवल BKA में 41,000 कर्मी हैं. इसे 2005 तक Bundesgrenzschutz कहा जाता था. यह Germany की 3,757 kilometre लम्बी जल, थल और वायु सीमा की रक्षा करती है. इस के अलावा यह Germany में आने वाले यात्रियों के कागज़ातों की जांच करती है और LKA और अन्य देशों के police विभागों के साथ मिल कर राष्ट्रीय और अन्तर राष्ट्रीय स्तर पर संगठित अपराध, नशीले पदार्थों का व्यापार, cyber crime और आतंकवाद के विरुद्ध लड़ती है. यह Interpol में भी Germany का प्रतिनिधित्व करती है. इसका कार्यालय Wiesbaden में है. इस में करीब 300 आधुनिक तकनीक से लैस जीव-विज्ञानी, रसायनज्ञ, भौतिक विज्ञानी, engineer, मनोविज्ञानी और आवाज़ और लिखावट की जांच करने वाले विशेषज्ञ कार्यरत हैं. इस के पास motor-cycle से ले कर बड़े trucks तक हर तरह के वाहन होते हैं जिन का number BP-XX-XXX होता है.

कोई भी समस्या आने पर या कोई सुराग देने के लिए हर नागरिक चौबीस घंटे 110 पर call कर के police को सम्पर्क कर सकता है. police नियन्त्रण केन्द्र में withheld number वाले phone का भी number दिखाई देता है. यहां एक कर्मचारी गहनता के अनुसार घटना को एक से ले कर पांच तक वर्गीकृत करता है और उस के हिसाब से आगे की कार्यवाही होती है. दुर्घटना को चोरी से पहले दर्जा दिया जाता है. police का काम आम जन-जीवन में दुर्घटना और चोरी की रोकथाम और यातायात को नियन्त्रित करना है. शहरों और गावों में, समुद्र तट पर, नदियों और झीलों के किनारे आप police को पैदल, गाड़ी में, cycle पर, motor cycle पर या घोड़ों पर गश्त लगाते हुए देखे जा सकते हैं.

police भी बिना कानून की इजाज़त के किसी की स्वतन्त्रता और अधिकार में हस्तक्षेप नहीं कर सकती. police-कर्मी भी सामान्य इंसान ही होते हैं जो अपने प्रशिक्षण में शासन और समाज के बीच संविधान के अनुसार अपनी महत्वपूर्ण भूमिका को ज़िम्मेदारी से निभाना सीखते हैं. खास कर वृद्ध, बीमार और अन्य संस्कृतियों के आए इंसानों के साथ शिष्टाचार के लिए बहुत समानुभूति की ज़रूरत होती है. इस लिए अपने प्रशिक्षण में वे जहां तक हो सके, बिना हिंसा के, केवल शब्दों के साथ पेचीदा स्थितियों को सुलझाना सीखते हैं. police को समाज का भरोसा चाहिए होता है ताकि लोग उन्हें एक सहायक, सलाहकार और प्राधिकारी के रूप में देखें, ना कि एक धमकाने वाले के रूप में. police-कर्मी न्याय-शास्र, राजनीतिक शिक्षा, शस्त्र विज्ञान, आपराधिक विज्ञान, आत्मरक्षा, प्राथमिक चिकित्सा, shooting, driving और swimming में पारंगत होते हैं. इस के अलावा जन-सम्पर्क बनाना, media के प्रति जवाबदेह होना, TV के आपराधिक कार्यक्रमों के निर्माण में मदद करना, सूचना सत्र आयोजित करना, बच्चों और युवाओं को यातायात और आपराधिक मामलों में अवगत और सचेत कराना भी उनके काम में शामिल है.

लेकिन police-कर्मी भी आखिर इंसान हैं और वे गल्ती कर सकते हैं. उन पर लगाम कसने के लिए कोई अलग से विभाग तो नहीं है पर police विभाग के अन्दर ही अन्दरूनी मसलों को सुलझाने के लिए विभाग हैं. 2010 में NRW राज्य में police कर्मियों के खिलाफ़ 1434 कार्यवाहियों में से 17 में police-कर्मियों को सजा हुई. चरम राजनीतिक या सामाजिक परिस्थितियों की जांच-पड़ताल के लिए संसद में समितियां बनाई जाती हैं, जैसे 2012 में NSU नामक एक नव-Nazi आतंकवादी संगठन के विरुद्ध कार्यविहियों में police और विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा की गई लापरवाहियों की जांच के लिए एक समिति बनाई गई. media को भी चौथे स्तंभ की तरह माना जाता है जो सरकारी लापरवाहियों को बेनकाब करता है. इस के अलावा 'Amnesty International' जैसे कई नागरिक अधिकार समूह हर तरह के भेद-भाव के विरुद्ध आन्दोलन करते हैं.

police के काम में कुत्तों की भी बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका है. वे नशीले पदार्थों, बारूद, या ज़मीन या बर्फ़ के नीचे दबे हुए इंसानों को ढूंढने में मदद करते हैं. कुत्तों की श्लेष्मा झिल्ली में बीस से पच्चीस करोड़ सूंघने वाली कोशिकाएं होती हैं, जब कि मनुष्य की श्लेष्मा झिल्ली में केवल पचास लाख. इस के अलावा अपनी जीभ में एक खास तरह की कोशिकाओं के कारण कुत्ते गन्ध का स्वाद भी चख सकते हैं. कुत्तों में stereo में सूंघने की शक्ति होती है, जिस से वे गन्ध की दिशा का पता लगा सकते हैं. इस के अलावा वे ultrasonic और infrasonic क्षेत्र की आवाज़ें भी सुन सकते हैं जो एक इंसान नहीं सुन सकता. कुत्तों से छह से आठ साल तक काम लिया जाता है. हर साल कुत्ते को पहले दस या ग्यारह सप्ताह का प्रशिक्षण दिया जाता है जिस में वे गुम हुए व्यक्तियों को ढूंढना, सन्दिग्ध अपराधी (अभिनय के साथ) को पहचानना और भौंकना आदि शामिल है. फिलहाल इसे Schutzhund कहा जाता है. Spürhund बनने के लिए उसे हर साल कई महीने का प्रशिक्षण दिया जाता है जिस में नशीले पदार्थों की, बारूद की गन्ध पहचानना शामिल है. कुत्ते पच्चीस हज़ार तरह की गन्ध पहचान सकते हैं. कई कुत्तों में पानी से निकल रही gas के आधार पर डूबे हुए व्यक्तियों का पता लगाने की क्षमता होती है. इन्हें Leichensuchhund कहा जाता है. इस तरह के काम के लिए German या Belgian Shepard कुत्ते उपयुक्त होते हैं. Niedersachsen में एक बार एक सूअर को भी काम पर रखा गया था. सूअरों की सूंघने की शक्ति कुत्तों से भी अधिक होती है. उस सूअर ने एक बार कुड़े के ढेर में छुपे हुए नशीले पदार्थों को ढूंढ निकाला था.

यातायात police (Verkehrspolizei, VP) भी सुरक्षा police का अंग है. 2012 में Germany में 24 लाख दुर्घटनाएं हुईं थी. इस लिए यातायात police के पास भी बहुत काम रहता है. यह Germany की सडकों की सुरक्षा का ध्यान रखती है. radar और laser की मदद से तेज गाड़ी चलाने वालों की फोटो खींचना, गाड़ियों की सुरक्षा से सम्बन्धित तकनीकी जांच करना उनके काम में शामिल है. आधुनिक laser उपकरणों की मदद से एक kilometre की दूरी तक आ या जा रही गाड़ियों को पहचाना जा सकता है. schools में बच्चों को यातायात नियमों के बारे में अवगत कराना भी उनके काम में शामिल है. क्योंकि बच्चे छोटी उम्र से ही खुद स्कूल जाना शुरू कर देते हैं. आम-तौर पर पहली class से पैदल और लगभग चौथी class से cycle पर. इसे Verkehrserziehung कहा जाता है. यह 1972 से schools के पाठ्यक्रम का हिस्सा है.

यातायात police अधिकारियों को उनकी सफ़ेद टोपियों से पहचाना जा सकता है. छोटी मोटी दुर्घटनाओं को वे खुद निपटते हैं और बड़ी दुर्घटनाओं के लिए विशेषज्ञों को बुलाना पड़ता है जो यह पता लगाने की कोशिश करते हैं कि कसूर किस का है. tyres के निशानों से गाड़ी की गति, दिशा आदि का पता लगाया जा सकता है. अगर एक चालक दुर्घटना के बाद बिना रुके भाग गया है, तो उस का पता लगाने के लिए सडक पर गिरे हुए गाड़ी के कुछ टुकड़े ही काफ़ी हैं. विशेषज्ञों के पास गाड़ियों के  रोगन के आठ हज़ार नमूने होते हैं, जिन के कारण microscope से अध्ययन करने से गाड़ी का बड़ी स्टीकता से पता लगाया जा सकता है. अगर यातायात police दुर्घटना स्थल पर आपात कालीन चिकित्सक से पहले पहुंचती है तो वह घायलों का ध्यान रखती है. सभी यातायात police अधिकारियों ने प्राथमिक चिकित्सा का प्रशिक्षण लिया होता है. कई बार एक खास स्थल पर बार बार दुर्घटनाएं होती रहती हैं. तो यातायात police उस स्थल का बदलाव करने का आवेदन करती है, जैसे कि गोल-चक्कर बनाना, या traffic lights लगाना.

Autobahnpolizei Germany के highways पर चोरियों और तस्करी की रोकथाम के लिए ज़िम्मेदार है. गाड़ियों के बीच उचित दूरी, truck चालकों ने नियमित और पर्याप्त विश्राम किया या नहीं, truck में लादा गया सामान ठीक से बन्धा हुआ है या नहीं और कहीं यह सीमा से अधिक भार तो नहीं, इन सब पर उनकी नज़र रहती है. वे गश्ती कारों में घूमते हैं. पर इनके अलावा ProViDa (Proof Video Data System) विशेषज्ञ भी होते हैं जिन की गाड़ियों को पहचाना नहीं जा सकता. इन लगभग 200HP (HP, horse power, PS, Pferdestärke, घोड़ा शक्ति) वाली गाड़ियों में आगे पीछे cameras लगे होते हैं जिन से वे तेज गाड़ी चलाने वालों का पीछा करने video recording करते हैं. इन अधिकारियों ने अत्यन्त तेज गाड़ी चलाने और skid करने का प्रशिक्षण लिया होता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे खुद दुर्घटना ना करें.

Germany के 1200-kilometre लम्बे समुद्र और 7000-kilometre लम्बे दरियायों और नहरों में चल रहे समुद्री जहाज़ों और नावों के तकनीकी और कानूनी निरीक्षण, उनके द्वारा किए गए पानी के प्रदूषण की रोकथाम (जैसे उनके द्वारा पानी में छोड़े गए रसायनों, तेल, मल या कूड़ा आदि), तस्करी की रोकथाम, मछुआरों द्वारा पकड़ी गई मछलियों की मात्रा और मछली पकड़ने के लिए इस्तेमाल किए गए जालों के नीरीक्षण (ताकि बहुत छोटी मछलियां ना पकड़ी जाएं) के लिए Wasserschutzpolizei और Küstenwache ज़िम्मेदार है. यह अपनी नावों में समुद्र तट से करीब 22 kilometre के घेरे में भ्रमण कर के जल-यातायात पर नज़र रखती है. इस के अलावा दरिया किनारे से 100 meter की दूरी तक 9 kilometre प्रति घंटे की गति से तेज नाव या जहाज़ चलाना प्रतिबन्धित है. police के गोताखोरों का काम बहुत मुश्किल है क्योंकि उन्हें हर मौसम में पानी में उतरना पड़ता है भले पानी साफ़ है या नहीं. उनके कार्यों में आ जा रहे जहाज़ों द्वारा सम्भावित पानी में छोड़े गए मल की जांच, जहाज़ की दीवारों से चिपका कर नशीले पदार्थों की तस्करी की जांच, डूबी हुई लाशों को निकालना, महत्वपूर्ण व्यक्तियों के दौरे के दौरान सम्भावित विस्फ़ोट की जांच शामिल है.

अपने शिशु को चाकू से गोदा

2 march 2023 को Schweinfurt की जिला अदालत ने Somalia की एक लगभग 28 वर्षीय शरणार्थी महिला को अपनी तीन महीने की बच्ची की हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा सुनाई. हालांकि दो दिन की सुनवाई के अन्त में chamber इस निष्कर्ष तक नहीं पहुंच सका कि उस महिला ने अपनी बच्ची को चाकू से क्यों मारा. फ़ैसला अभी तक कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं है (Az: 11 Js 9519/22). Germany में हत्या को दो रूप से समझा जाता है. जान-बूझ कर, ठण्डे दिमाग से, योजना के साथ की गई हत्या को Mord कहते हैं, और गुस्से में आ कर या अपने बचाव में की गई हत्या को Totschlag कहते हैं. अभियोजकों ने Totschlag के तहत नौ साल की सजा का अनुरोध किया. उन्होंने अपनी याचिका में कहा «प्रतिवादी अपनी शादी से असन्तुष्ट थी. Somalia से तुर्की, Greece और France के रास्ते Germany पहुंचने बाद वह अपने पति से अलग होना चाहती थी, क्योंकि वह समय-समय पर हिंसक रहता था. अपराध के दिन, 6 August, 2022 को, बच्चे का पिता Schweinfurt के पास Geldersheim में शरणार्थियों के लिए बने एक लंगर केन्द्र (Ankerzentrum) में अपने सांझे कमरे से चला गया और अपने दोस्तों के साथ शराब पीने, धूम्रपान करने और खेलने लगा. तंग आकर महिला ने लगभग 9:30 बजे रसोई का चाकू लिया और बच्ची के शरीर पर कुल आठ बार वार किए. बच्ची लहूलुहान हो गई. महिला के बचाव पक्ष ने भी Totschlag के पक्ष में आठ साल की सजा का अनुरोध किया. लेकिन पीठासीन न्यायाधीश ने कहा »ये सही है कि मां हताश और निराश थी. वह निश्चित रूप से अपने रिश्ते में समस्याओं से अभिभूत महसूस कर रही थी और शायद अपने पति से बदला लेना चाहती थी. पर फिर भी हत्या को न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता.« एक मनोचिकित्सक के अनुसार, मां Borderline personality disorder नामक अस्थिर व्यक्तित्व विकार से पीड़ित थी. उसने युवावस्था में बड़े पैमाने पर आघात झेले थे. लेकिन वह मानसिक रूप से बीमार नहीं थी.

लघु समाचार

8 अक्तूबर 2023 को Bayern में उन्नीसवें राज्य चुनाव होंगे. चुनावी parties एक दूसरे द्वारा किए गए घोटालों का भाण्डा फोड़ने में जुट गई हैं. फिलहाल दो बड़े मुद्दों की छान-बीन के लिए राज्य संसद में जांच समितियां बनाई गई हैं. एक Munich शहर के अन्दर April 2017 में शुरू हुई 11 kilometre लम्बी रेल पटरी की छान-बीन करेगी. यह रेल पटरी ज़मीन के 48 meter नीचे एक सुरंग में बन रही है. इसका उद्देश्य 1972 से बनी हुई इतनी ही लम्बी रेल पटरी की परिवहन क्षमता को बढ़ाना और समय की पाबन्दी में सुधार करना है. 25 October 2016 को, संघीय सरकार, Bayern राज्य, Munich शहर और railway (Deutsche Bahn, DB) के बीच वित्तपोषण समझौते पर हस्ताक्षर किए गए. शुरूआत में लगभग 3.2 खरब Euro की कुल लागत और 2028 में commissioning का अनुमान लगाया गया था. इस में लगभग 3.84 खरब Euro का जोखिम buffer भी शामिल था. पर समय के साथ यह परोयोजना नियन्त्रण से बाहर हो गई. सितंबर 2022 के अन्त में DB ने 7 खरब Euro की लागत और 2035 में commissioning की घोषणा की. दूसरी समिति 2021 में Nürnburg में खोले गए भविष्यात्मक तकनीक पर आधारित एक संग्रहालय (Zukunftsmuseum) में किए गए घोटाले की जांच करेगी. यह संग्रहालय Nürnburg शहर के बींचो-बीच Augustinerhof नामक एक निजी परिसर में खोला गया है जिसे पच्चीस वर्षों के लिए बहुत अधिक किराए पर लिया गया है. मरम्मत, निर्माण और भाड़े को मिला कर करीब बीस करोड़ Euro के खर्च का अनुमान है, जो आम करदाता की जेब से जा रहा है. इतना खर्च करने के बावजूद पच्चीस वर्षों के बाद इस इमारत का मालिक ना तो संग्रहालय होगा, ना Nürnburg शहर और ना ही Bayern राज्य. इस परिसर के मालिक को Bayern राज्य के मुख्य मन्त्री Markus Söder का नज़दीकी माना जाता है.

28 January 2023 को HASA GmbH company ने अपने 'Mondo Italiano Steinofenpizza Funghi' नामक पिज्जे, जो Netto द्वारा बेचा जाता है, को 13 राज्यों में वापस लेने का ऐलान किया, क्योंकि इस pizza में एक तार पाई गई थी जो शरीर के लिए खतरनाक हो सकती है. यह ऐलान केवल 2x365gm वाली और 28 August 2023 की expiry date वाली packing के लिए था.

आए दिन छोटे शहरों में अवैध वेश्यावृत्ति के समाचार आते रहते हैं. अधिकतर लोग internet में विज्ञापन दे कर किराए के apartment में यौन सेवाएं उपलब्ध करवाते हैं. criminal code (Strafgesetzbuch, EGStGB) के परिचयात्मक अधिनियम के अनुच्छेद 297 के अनुसार तीस हज़ार से कम की जनसंख्या वाले शहर में यौन सेवाएं उपलब्ध करवाना अवैध है. जनसंख्या बढ़ने पर भी सामान्यत ज़िले की सरकार शहर के आवासीय क्षेत्र, schools, kindergarten, church, अन्य सामाजिक संस्थानों, युवा लोगों की सुरक्षा और सार्वजनिक शालीनता को देखते हुए एक प्रतिबन्धित क्षेत्र को परिभाषित करती है जिस के अन्दर वेश्यावृत्ति पूरी तरह प्रतिबन्धित होती है. फिर भी बिना permit लिए वेश्यावृत्ति अनुमित नहीं है.

Bayern सरकार ने निर्णय लिया है कि स्वैच्छिक संगठनों (Vereine) को प्रवेश शुल्क रहित संगीत आयोजनों के लिए 1 April 2023 से Gema शुल्क नहीं देना पड़ेगा. इस वजह से इस साल में करीब 47000 आयोजनों को प्रवेश शुल्क रहित कर दिया गया है.

सोमवार 13 February को Vohenstrauss में जब police ने एक Poland की गाड़ी की जांच की तो पता चला कि अपनी 26 वर्षीय गर्भवती पत्नी के साथ गाड़ी में बैठे 43 वर्षीय चालक को Munich के सरकारी वकील द्वारा चोरी के मामले में ढूंढा जा रहा है. उसे जांच के लिए पास के police थाने ले जाया गया. उस की पत्नी गाड़ी में बैठी रही. थोड़ी देर बाद जब गाड़ी से चीखों की आने लगी तो पता चला कि उस की पत्नी को ज़बरदस्त प्रसव पीड़ा हो रही है और जन्म पूरे ज़ोरों पर है. आपातकालीन चिकित्सक के आने से पहले ही बच्ची का जन्म हो चुका था. उस की सांस नहीं चल रही थी तो शिशु रोने की आवाज़ों के आने तक पुनसुसक्ति के प्रयास किए गए. इस के बाद परिवार को अस्पताल ले जाया गया.

European संघ ने पर्यावरण संरक्षण के लिए 2035 के बाद नए जीवाश्म ईंधन आधारित वाहनों की बिक्री पर प्रतिबन्ध लगा दिया है. इस के लिए अब वाहन निर्माताओं को बिजली से चलने वाली गाड़ियों की batteries बनाने के लिए कई गुना lithium, cobalt, nickel और graphite चाहिए होगा जो चीन जैसे देशों से प्राप्त करना आसान और सस्ता नहीं होगा. और बिजली की खपत भी बढ़ जाएगी जो ज़रूरी नहीं कि पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बग़ैर पैदा की जा सके. इस के अलावा लोग नई गाड़ियां ख़रीदने से बचेंगे और सड़कों पर पुरानी गाड़ियां घूमती मिलेंगी.

मई 2022 में Catholic चर्च के Regensburg केन्द्र ने एक 62 वर्षीय यौन-शोषण पीड़ित को bank द्वारा पैन्तीस हज़ार Euro का क्षति भुगतान किया. लेकिन यह धन उस के एक 64 वर्षीय मित्र के bank खाते में चला गया क्योंकि उसने December 2020 में कई पृष्ठों वाला आवेदन पत्र भरने में उस की मदद की थी और उसमें चालाकी से अपना bank खाता विवरण भर दिया था. 2013 में 5485 ओर 2021 में 14013 लोगों ने Regensburg की चर्च को छोड़ा. कुछ लोग वापस भी आए. करीब सवा सात लाख सदस्यों वाले Ruhr क्षेत्र के Catholic केन्द्र में यौन शोषण की अब तक 423 घटनाएं दर्ज की गई हैं और 201 लोगों को दोषी पाया जा चुका है. 163 पीड़ितों को 26 लाख Euro का क्षति भुगतान किया जा चुका है.

25-26 February 2023 को German chancellor Olaf Scholz की भारत यात्रा पर German media की टिप्पणी: भारतीय प्रधान-मन्त्री नरेन्द्र मोदी अपनी स्थिति से आश्वस्त हैं. इस लिए उन्होंने chancellor Olaf Scholz का बड़े आत्म-विश्वास के साथ अभिवादन किया. हालांकि भारत में भी बहुत सी समस्याएं हैं जो वह केवल अन्तर राष्ट्रीय मदद के साथ ही सुलझा सकता है, फिर भी वह एक वाञ्छित व्यापारिक भागीदार के तौर पर अपनी स्थिति से अवगत है. मोदी सरकार ने दोबारा संयुक्त राष्ट्र महासभा में Ukraine पर रूस के हमले की निन्दा करने से मना किया है. यह अच्छी तरह जानते हुए भी, कि भारत ऊर्जा और हथियारों की आपूर्ति के लिए दशकों से रूस पर बुरी तरह निर्भर है, Scholz का मोदी के साथ आर्थिक और रणनीतिक सम्बन्धों पर बात करने के कई अर्थ हैं. Europe अब अपने सब से बड़े व्यापारिक भागीदार चीन पर निर्भरता कम करने के लिए भारत को एक विकल्प के रूप में देखता है. वहां एक ओर करोड़ों उपभोक्ता हैं और दूसरी ओर लाखों युवा और उच्च शिक्षित कुशल श्रमिक हैं. इस लिए Scholz Europe ओर भारत के मध्य कई वर्षों से अटके मुक्त व्यापार समझौते को जल्द निपटाना चाहते हैं, भारत में पहले से ही मौजूद 1800 German companies के अतिरिक्त निवेश बढ़ाना चाहते हैं और भारतीय कुशल श्रमिकों को Germany में काम करने के सम्बन्धी कागज़ी कारवाई को आसान बनाना चाहते हैं. इस के अलावा भारतीय media के अनुसार भारतीय सरकार अपनी नौसेना के लिए पनडुब्बियां बनाने के लिए उपयुक्त भागीदार ढूंढ रही है जिस के लिए Germany की ThyssenKrupp Marine Systems company एक दावेदार हो सकती है. पर दक्षिण Korea भी इस दौड़ में शामिल है. यह अरबों Euro का व्यापार हो सकता है. इस समय भारत के पास एक परमाणु पनडुब्बी और 16 पारम्परिक पनडुब्बियां हैं. Scholz ने रक्षा उद्योग में भी भागीदारी पर जोर दिया है. इस क्षेत्र में भी German तकनीकी गुणवत्ता की भारत में विशिष्ट पहचान है.

लघु समाचार

अंग प्रत्यारोपण दो स्वतन्त्र और योग्य चिकित्सकों द्वारा मस्तिष्क के समग्र कार्य की अप्राप्य विफलता (unrecoverable failure of the overall function of the cerebrum, cerebellum and brainstem) निर्धारित किए जाने के पश्चात ही सम्भव है. ये दोनों चिकित्सक ना तो अंगों को निकालने और ना ही स्थानांतरित करने में शामिल होने चाहिए. 

Schwandorf में एक 61 वर्षीय महिला ने अपने बग़ीचे में दीवार बनाने के लिए कारीगर ढूंढने के लिए Ebay-Kleinanzeigen में विज्ञापन डाला. तो एक व्यक्ति ने telephone पर खुद को कारीगर बताते हुए काम की पेशकश की और एक हज़ार Euro अग्रिम भुगतान की मांग की. भुगतान हो जाने पर उसने दोबारा phone कर के कहा कि अगर वह अतिरिक्त दो हज़ार Euro का अग्रिम भुगतान करती है तो वह जल्दी काम शुरू कर सकता है. इससे महिला को शक हुआ और उसने सौदे को रद्द किया और अपने पैसे वापस मांगे. कुछ देर टालने के बाद व्यक्ति ने सम्पर्क तोड़ दिया.

शनिवार 14.01.23 को Cham शहर के पास B20 सड़क पर तीन गाड़ियों की भयानक दुर्घटना हो गई जिस में एक की मृत्यु हो गई और गम्भीर रूप से घायल पांच लोगों को दो helicopters के द्वारा अस्पताल ले जाया गया. दोपहर करीब एक बजे Cham शहर की ओर जा रही एक Mazda गाड़ी अचानक अज्ञात कारणों से बीच की दोनों सफ़ेद पट्टियां लांघ कर उलटे track पर आ गई और सामने से आ रही Ford Ranger के साथ इतनी जोर से टकराई कि वह ज़बरदस्त धमाके के साथ वापस पीछे की ओर उछल गई और पीछे से आती हुई एक Skoda के साथ टकरा गई. Mazda गाड़ी इस कदर कुचली गई कि 61 वर्षीय चालक गाड़ी में ही फंस गया और तमाम कोशिशों के बावजूद उसे नहीं बचाया जा सका. उसे मृत्यु के बाद भी गाड़ी के बाहर निकालना आसान नहीं था. Ford Ranger के 44 वर्षीय चालक, उस के आठ वर्षीय बेटे, Skoda की 33 वर्षीय चालिका और उस के दो सह-यात्रियों को अस्पताल पहुंचाया गया. दुर्घटना स्थल पर छह आपातकालीन चिकित्सक, बचाव-दल और दमकल-कर्मी उपस्थित थे.

2022 December अन्त में Cologne चिड़ियाघर में Swabian-Hall प्रजाति के दस सूअरों का एक साथ जन्म हुआ. यह एक पुरानी लुप्तप्राय पशुधन नस्ल है जिस का रंग गुलाबी होने की बजाय दो रंगा होता है. इन सूअरों का सर, गर्दन और पीछे का हिस्सा काला होता है बाक़ी का रंग सफ़ेद. पुराने समय में ये सूअर अपने वसायुक्त मांस के कारण बहुत लोकप्रिय हुआकरते थे. पर अब उपभोक्ता इसे कम पसन्द करते हैं. इन सूअरों की संख्या हाल ही में गिर गई है. अब उन्हें गम्भीर रूप से संकट-ग्रस्त माना जाता है.

Kiel से Hamburg जा रही एक regional express रेलगाड़ी में एक 33 वर्षीय फिलीस्तीनी व्यक्ति ने चाकू से यात्रियों पर हमला कर दिया जिस से दो लोगों की मृत्यु हो गई और सात यात्री गम्भीर रूप से घायल हो गए. कुछ लोग उसे रोकने में सफ़ल हो गए. वह खुद भी घायल हो गया.

Munich-Freising के cardinal Reinhard Marx ने 2022 में बड़ी हिम्मत दिखाते हुए पिछले दशकों में चर्च के पादरियों द्वारा बच्चों के यौन शोषण किए जाने पर छान-बीन करने के लिए एक आयोग बनाया. इससे सम्बन्धित कुछ घटनाओं की सुनवाई Traunstein की जिला अदालत में होगी. कुछ लोगों ने, जिन की उम्र आज 60 से ऊपर है, करीब पचास साल पहले चर्च के पादरियों द्वारा शोषित किए जाने की शिकायत की है. उन्होंने सारी ज़िन्दगी चर्च के डर से घुट घुट कर गुज़र दी. चर्च के बड़े अधिकारी भी सब पता होते हुए भी अनजान बने रहे. यहां तक कि Pope Benedikt XVI (Joseph Alois Ratzinger, † 31. Dezember 2022) जिन की हाल ही में मृत्यु हुई है, भी लपेटे में आ सकते हैं. बहुत सालों तक चर्च इस नियम का फ़ायदा उठा रही थी कि यौन अपराधों के लिए मुकदमा करने की एक सीमा होती है जो गम्भीरता के अनुसार तीन से तीस साल तक हो सकती है. Germany में ऐसे कई मुकदमों में चर्च को लाखों Euro का हर्जाना देना पड़ा है. बहुत से लोगों का चर्च से विश्वास उठ गया और उन्होंने चर्च को tax देना बन्द कर दिया. पर अब छवि और धन के द्वंध से निकल कर cardinal Reinhard Marx ने बड़ी पहल की है. हो सकता है इससे मुकदमों की बाढ़ आ जाए. जो लोग सारी ज़िन्दगी चुप रहे, उन में बोलने की हिम्मत आ जाए.

CSU Bayern के पूर्व general secretary Gerold Tandler की बेटी Andrea Tandler और उस के एक साथी को मंगलवार 24 January 2023 को Corona महामारी की शुरुआत में एक Switzerland की company और Bayern के स्वास्थ्य मन्त्रालय के बीच नक़ली और बहुत मंहगे Corona mask (€8.90 / mask) का धंधा करवाने के ऐवज में लाखों का commission कमाने और tax चोरी के आरोप में गिरफ़्तार किया गया है.

21 December 2022 को Berlin में German खुफिया विभाग BND के कर्मचारी  Carsten L. को रूस के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया. उस पर Ukraine युद्ध शुरू होने के बाद रूस को German दण्ड संहिता के कुछ गुप्त आंकड़े उपलब्ध कराने का आरोप है. पिछले रविवार 22 January को एक अन्य व्यक्ति Arthur E. को Munich airport पर America से पहुंची एक उड़ान से Carsten L. की मदद करने के आरोप में remand में लिया गया. Arthur E. के पास German passport है और वह BND का कर्मचारी नहीं है.

Munich की company 'Krauss-Maffei Wegmann (KMW)' के द्वारा 1978 से बनाया जाने वाला युद्धक tank (main battle tank, MBT, Kampfpanzer) Leopard फिलहाल दुनिया का सब से उन्नत tank है. इसकी 120mm bore वाली तोप चारों दिशाओं में पांच kilometre तक मार कर सकती है. company अब तक इसकी 3500 प्रतियां बना चुकी है. इसका सब से आधुनिक संस्करण Leopard 2A7 है. दुनिया के 19 देश, अधिकतर European देश इसे ख़रीद चुके हैं. कोई भी देश इसे Germany की अनुमति के बिना आगे निर्यात नहीं कर सकता. Ukraine रूस से लड़ने और अपने खोए हुए इलाके वापस पाने के लिए इसकी 300 प्रतियां चाहता है. Germany अन्तत Ukraine को रूस का सामना करने के लिए 14 Leopard 2A6 युद्धक tank देने के लिए राजी हो गया है. इस में सैनिकों का प्रशिक्षण और tanks के लिए ज़रूरी गोला-बारूद भी शामिल है. पर इस के अलावा और कोई भी मदद के लिए उसने साफ़ मना कर दिया है, जैसे Germany से सैनिक और जंगी हवाई जहाज़ भेजना. Germany यह सुनिश्चित करना चाहता है कि Germany और Nato सीधे तौर पर Ukraine - रूस युद्ध में शामिल ना हों. हालांकि America का M1 Abrams भी इतना ही उन्नत है पर इस के लिए अलग तरह का ईंधन चाहिए. और बहुत सारे M1 Abrams tanks America से अन्ध महासागर (Atlantic Ocean) के द्वारा Ukraine तक पहुंचाना मुश्किल है. फिर भी America Ukraine को 31 M1 Abrams tanks भेजने के लिए राजी हो गया है.

शिकारी तस्कर ने मारा दो पुलिस कर्मियों को

31 January 2022 को Kaiserslautern ज़िले में दर्जनों हिरनों का अवैध शिकार कर के एक truck में ले जा रहे एक 39 वर्षीय शिकारी ने सामान्य checking कर रहे एक 29 वर्षीय police अधिकारी और उस की 24 वर्षीय महिला police-कर्मी साथिन को अपना भाण्डा फूटने के डर से चार और दो गोलियां मार कर हत्या कर दी. उसे आजीवन कारावास की सजा मिली है. पहली गोली उसने महिला police-कर्मी के सर में बिल्कुल करीब से मारी और उसे मृत मान लिया. फिर उसने पुरुष अधिकारी पर दूर से गोली चलाई जो उस के नितंबों पर लगी. जब अधिकारी ने अपनी service pistol से उस पर fire किया तो उसने तीन गोलियां और मारीं. तीसरी गोली अधिकारी के सर में लगी और वह मर गया. फिर जब वह महिला police-कर्मी की ओर यह देखने के लिए मुड़ा कि उसने कुछ note तो नहीं किया है, तो उसने देखा कि वह अभी जीवित है. तो उसने महिला police-कर्मी के सर में गोली मार कर हत्या कर दी. फिर वह और उस का 33 वर्षीय साथी वहां से फ़रार हो गए. उन्हें घंटों की दौड़ भाग के बाद धर दबोचा गया. उस के पास ना तो शिकार करने का license था और ना हथियार रखने का. गोश्त का धंधा करोड़ों का है. इस लिए अवैध शिकार को गम्भीर अपराध माना जाता है. सामान्यत: वह 15 साल बाद jail से बाहर आ सकता था. पर क्योंकि उसने महिला police-कर्मी को जीवित देख कर जान बूझ कर मारा, इस लिए अब वह jail में ही मरेगा.

Darknet में नशीले पदार्थों की बिक्री

संघीय आपराधिक police और Bavarian cyber-crime police ने कई महीनों की अथक जांच पड़ताल के बाद 25 October को Landshut में एक 22 वर्षीय छात्र को Darknet में नशीले पदार्थों की बिक्री का एक बहुत बड़ा अवैध धंधा चलाने के लिए गिरफ़्तार किया है. नवंबर 2018 से चल रहे „Deutschland im Deep Web“ के नाम से चल रहे इस अवैध platform पर लगभग 16,000 पञ्जीकृत उपयोगकर्ता और 72 सक्रिय व्यापारी थे. इसी नाम से Darknet पर 2013 में एक अन्य व्यक्ति ने अवैध हथियारों की बिक्री का धंधा शुरू किया था. 22 July 2016 को Munich के Olympia-Einkaufszentrum (OEZ) में एक 18 वर्षीय German-इराकी लड़के ने इसी platform से हथियार ख़रीद कर नौ लोगों को मार डाला था और पांच लोगों को घायल कर दिया था. ढाई घंटे बाद police के हाथ आने से पहले उसने खुद को गोली मार ली थी. 2017 में इस platform के संचालक को पकड़ लिया गया था और 2018 में उसे सात साल jail की सजा सुनाई गई थी. लेकिन 2018 में Darknet में इसी नाम से दो platform और प्रकट हुए जिन में से एक के संचालक को अब पकड़ा गया है. उस पर criminal code की धारा 127 के तहत internet पर criminal trading platform चलाने के लिए एक से दस साल की jail की सजा हो सकती है.

भूरे कोयले के लिए एक और गांव सफाचट

Düsseldorf के पश्चिम दक्षिण में विद्युत company RWE के Garzweiler नामक एक बड़े कोयला चालित विद्युत संयन्त्र के पास Lützerath नामक छोटे से गांव के नीचे भूरे कोयले (lignite) का खनन करने के लिए RWE company 2006 से 2022 तक सारे निवासियों को विस्थापित करवा चुकी है और मध्य January 2023 से गांव के सारे मकान और इमारतें ध्वस्त कर के खुदाई शुरू करना चाहती है. यहां से उसे 28 करोड़ टन (1 टन = 1000 किलो) कोयला मिलने की उम्मीद है. लेकिन उन घरों में लगभग चार सौ पर्यावरण कार्यकर्ता घुस आए हैं जो गांव के विध्वंस का विरोध कर रहे है. उन्होंने गांव की सारी सड़कों पर barricades लगा कर वाहनों को रोकने की कोशिश की है. लगभग एक हज़ार police वाले वहां मौजूद हैं जिन से कार्यकर्ताओं की लगातार मुठभेड़ हो रही है. company और सरकार Ukraine युद्ध के कारण खड़ी हुई ऊर्जा समस्या का बहाना बना कर कर रही है कि इससे Germany 2038 की बजाए 2030 में ही कोयला आधारित ऊर्जा से मुक्त हो जाएगा और इसकी वजह से पांच अन्य गांव भी ध्वस्त होने से बच जाएंगे. लेकिन पर्यावरण कार्यकर्ताओं का कहना है कि ऊर्जा समस्या का समाधान करने के लिए गांव की नीचे छुपे कोयले के खनन की कोई ज़रूरत नहीं है. 2018 में जब lignite के खनन के लिए Lützerath के दक्षिण में Hambacher Forst नामक एक जंगल को हटाया जाना था, तब green party, जो उस समय सरकार में नहीं थी, इसका विरोध कर रही थी. लेकिन अब जब NRW राज्य में green party सरकार में है, तो इसे बढ़ावा दे रही है.

पिल्लों की तस्करी

Ebay Kleinanzeigen, Quoka और Deine Tierwelt जैसे बड़े बिक्री platforms पर सुन्दर लेकिन झूठे चित्रों और झूठी जानकारी के साथ, बहुत ही बेदर्द तरीके से बड़े पैमाने पर पैदा किए गए और पाले गए विभिन्न नस्लों के बीमार पिल्लों को पूर्वी Europe से Germany ला कर मंहगे दामों पर बेचने का काम बहुत सालों से चल रहा है और इस पर अभी लगाम नहीं कसी जा सकी है. कई सालों तक नज़र रखने के बाद अब Regensburg के सरकारी वकील ने Cham ज़िले के दो dealers सहित चार लोगों के खिलाफ़ 158 जानवरों के मामले में गिरोह और वाणिज्यिक धोखा-धड़ी के आरोप लगाए हैं. मुख्य सन्दिग्धों में से एक 54 वर्षीय महिला, Germany और पूर्वी Europe के कुछ देशों में बड़े पैमाने पर उत्पादित किए गए बीमार पिल्लों को बेचने में बड़ा नाम माना जाता है. अब वह Waldmünchen में एक 61 वर्षीय व्यक्ति के साथ मध्यस्थ के रूप में काम करती है, जब कि कुत्तों को Czeck Republic के सीमा क्षेत्र में कुछ kilometre आगे रखा जाता है. दो सह-आरोपियों (एक 52 वर्षीय पुरुष और एक 46 वर्षीय महिला), जिन्होंने पुनर्विक्रेताओं के रूप में काम किया, ने अपना अपराध कबूल कर लिया है. तीन पशु चिकित्सक भी ठगी की योजना में शामिल थे. उन पर कुत्तों की जांच और टीकाकरण किए बग़ैर European संघ के कागज़ात जारी करने का आरोप है. लेकिन उन्होंने भी अपना अपराध स्वीकार कर लिया है. सरकारी वकील ने आरोप मे कहा है कि पिल्लों को उनकी माताओं से केवल दो तीन सप्ताह के बाद ही अलग कर दिया जाता था फिर उन्हें बहुत ही तंग स्थिति में कई सौ kilometre दूर ले जाया जाता था, जिस से कई पिल्लों की बीमारी के कारण समय से पहले मौत हो जाती थी. इस के अलावा, पिल्लों को कम से कम 15 सप्ताह की आयु में सीमाओं के पार से आयात करने के नियम का पालन भी नहीं किया गया. सरकारी वकील का मानना है कि इन सौदागरों ने Germany में जीवित पिल्लों का बेरहमी से बेजान सामान की तरह व्यापार कर के लगभग दो लाख Euro कमाए. German animal welfare association के मुताबिक अकेले 2021 में 1938 कुत्तों का अवैध रूप से कारोबार किया गया. 2020 के बाद से मामलों की संख्या लगभग दोगुनी हो गई है. एक अन्य संस्था के अनुसार बड़े platforms पर अभी भी पिल्लों कि बेचने के लगभग उन्नीस हज़ार विज्ञापन देखे जा सकते हैं जिन में French bulldog, chihuahua, pomeranian और labrador जैसे बहुत लोकप्रिय पिल्लों की कीमत दो हज़ार से दस हज़ार Euro तक आंकी गई है. Golden Doodle और Maltipoo पिल्ले भी उनके घरेलू व्यवहार और allergic लोगों के साथ रह पाने की क्षमता के कारण बहुत लोकप्रिय हैं.

Schwandorf में दस्तावेज़ी फिल्मोत्सव

Schwandorf में 3 से 12 march तक विश्व के 25 उच्च कलात्मक वृत्तचित्रों के साथ Zwickl नामक एक छोटा सा Documentary Film Festival नौवीं बार आयोजित किया गया (2wickl.de). इन में से पांच फिल्मों को Bayern राज्य के फिल्मकारों ने बनाया था और उन में से एक को Zett पुरस्कार के नाम से विशेष रूप से design की गई trophy, एक हज़ार Euro की पुरस्कार राशी और पांच हज़ार Euro का camera rental voucher दिया गया. अधिकतर फिल्में शहर के बीच एक चर्च (Spitalkirche) में दिखाई गईं जो अब चर्च के सामान्य कार्य की बजाए अन्य आयोजनों के लिए इस्तेमाल होती है. Zwickl दो Euro के सिक्के को कहते हैं. पहले इस फिल्मोत्सव में हर फिल्म का प्रवेश शुल्क दो Euro होता था. इस लिए इस फिल्मोत्सव का नाम Zwickl पड़ा. पर इस साल से प्रवेश शुल्क चार Euro कर दिया गया है, यानि दो Zwickl. फिल्मोत्सव के लिए चर्च में विशेष रूप से एक बड़ी screen और cinema hall वाली सीटें लगाई गईं.

दिखाई गई फिल्मों में सब से प्रमुख है रूस के पूर्व विपक्ष नेता Alexei Nawalny (*1976), जो अब कई सालों के लिए रूस में एक jail में बन्द हैं, पर बनी दस्तावेज़ी फिल्म 'Nawalny'. इस फिल्म को 25 January 2022 को Sundance film festival में पहली बार दिखाया गया था. इस में दिखाई गई सनसनीखेज़ जानकारियों ने तहलका मचा दिया और इसे कई पुरस्कार मिले. बाद में इसे HBO Max पर release किया गया. यह फिल्म Alexei को August 2020 में ज़हर दिए जाने के पीछे लोगों की पोल खुलने की सच्ची कहानी है जो किस्मत से बन गई.

दरअसल 2020 के शुरू में Canada के एक मशहूर फिल्म निर्देशक Daniel Rohar, Netherlands की एक online खोजी पत्रकारों की company Bellingcat के एक Bulgaria में रहने वाले अन्वेषक Christo Grozev द्वारा खोजी गई कुछ महत्चपूर्ण जानकारियों के बारे में कुछ फिल्में बनाना चाहते थे. इसी बीच 20 august 2020 को Alexei Navalny को Siberia में Tomsk नामक शहर से उड़ान द्वारा वापस Moscow जाते हुए किसी ने ज़हर दे दिया. किस्मत से pilot ने रास्ते में Omsk नामक शहर में emrgency landing कर दी और Alexei को अस्पताल में coma में रखा गया. Alexei की पत्नी Yulia भी वहां पहुंच गई. पर उसे अपने पति को मिलने नहीं दिया जा रहा था. Yulia को लग रहा था कि अगर वह अपने पति तक नहीं पहुंची तो उसे मार दिया जाएगा. पर वह किसी तरह Alexei को बचाने और इलाज के लिए Germany में Berlin के Charite अस्पताल में भिजवाने में सफ़ल हो गई. Berlin के अस्पताल में इलाज के दौरान OPCW नामक एक संस्था ने पुष्टि की कि Alexei को दिए गए ज़हर का नाम novichok है जो Putin के अन्तर्गत चलने वाली रासायनिक हथियार बनाने वाली एक संस्था द्वारा बनाया जाता है. ज़हर दिए जाने के कुछ घंटों बाद novichok के लक्षण शरीर से गायब हो जाते हैं और लगने लगता है कि मृत्यु प्राकृतिक रूप से हुई है. इस हादसे के कारण Christo ने अपना पूरा ध्यान इस हादसे की खोज पर लगा दिया. उसने करीब डेढ लाख Euro खर्च कर के darknet से Alexei से जुड़े पिछले कुछ सालों की हवाई यात्राओं और telephone numbers की जानकारी हासिल की और सुरागों को जोड़ते जोड़ते वह अन्त में चार व्यक्तियों को पहचानने में सफ़ल हो गया जिन में से किसी एक ने Alexei को ज़हर दिया हो सकता है. उधर Alexei अस्पताल से बरी हो कर स्वस्थ होने के लिए अपनी पत्नी Yulia के साथ Germany में Black Forest में बहुत सी छोटे से गांव में रहने लगा. इसी बीच Christo ने उससे सम्पर्क किया और अपनी हासिल की गई जानकारी के बारे में उसे बताया और उससे से मिलने Germany चला गया. निर्देशक Daniel Rohar भी उस के साथ Germany चला आया. आखिर उसे फिल्म बनाने के लिए एक ज़बरदस्त मुद्दा मिल गया था. यह दस्तावेज़ी फिल्म 'Nawalny' मुख्यत यहीं Germany में उन लोगों के साथ रहते हुए shoot की गई है. चार सन्दिग्धों पता चलते ही Alexei ने उन्हें prank call किए. call करते समय Daniel ने अपना camera set कर रखा था. पहले तीन लोगों को call करते समय Alexei ने उन्हें अपना अपना असली नाम बताया और पूछा कि वे उसे क्यों मारना चाहते थे. पर उन तीनों ने phone काट दिया. चौथे व्यक्ति को call करने के लिए Alexei ने खुद को एक सुरक्षा अधिकारी बताया और गुस्से से पूछा कि Alexei Nawalny बच कैसे गया, मरा क्यों नहीं. तो वह व्यक्ति उसे सच-मुच सारी बात बताने लगा कि उड़ान थोड़ी लम्बी खिंचती और emergency landing नहीं होती तो Alexei का मरना तय था. यह एक सनसनीखेज़ जानकारी थी जो live shoot की गई थी.

अन्य फिल्मों में एक 2007 में बनी 'Am Limit' है, जो Bavaria में रहने वाले दो पेशेवर पर्वतारोही भाइयों की कहानी है जो America में California में Yosemite घाटी की एक हज़ार meter ऊंची चोटी 'The Nose' का दो घंटे और 48 minute में चढ़ने का record तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं और अपने खतरनाक और जानलेवा जुनून में जीवन का अर्थ ढूंढ रहे हैं. हालांकि फिल्म बनने के बाद वे यह record तोड़ने में सफ़ल हो गए थे.

'Girl Gang' नामक फिल्म Berlin में रहने वाली एक लड़की की कहानी है जो चौदह साल की उम्र में ही एक social media influencer बन चुकी थी और लाखों Euro कमाने लगी थी. हालांकि इस सफ़लता में उस के माता-पिता की बहुत बड़ी भूमिका थी जो अपना सामान्य पेशा छोड़ कर चौबीस गंटे केवल अपनी बेटी के लिए काम करने लगे थे. फिल्म में चार साल तक उस की निजी दिन-चर्या के पहलू को दिखाया गया है जिस से पता चलता है कि Instagram में लाखों followers होने के बावजूद असली ज़िन्दगी में उस का कोई दोस्त नहीं है और माता-पिता के साथ भी वह हमेशा तनाव के साथ बात करती है. फिल्म में बताया गया है कि कैसे companies अब अपने विज्ञापन के लिए पारम्परिक तरीकों को छोड़ कर influencers को नियुक्त कर रही हैं जिस से influencers पर लगातार mobile पर चिपके रहने का दबाव रहता है. एक ओर उन्हें हरेक post डालने का पन्द्रह हज़ार Euro तक भुगतान मिलता है पर उन्हें जल्दी जल्दी और समय पर content तैयार करते रहना पड़ता है.

'Liebe, D-Mark und Tod' में साठ के दशक में Ruhrgebiet में कोयले और लोहे की खानों में काम करने के लिए अस्थायी तौर पर आए तुर्की अतिथि श्रमिकों की कहानी है जिन्होंने अपनी कठिन और भेदभाव से भरी ज़िन्दगी को दर्द भरे और भड़काऊ गीतों में ढाल कर संगीत कार्यक्रम करने और albums record करने आरम्भ किए. उन में से कुछ लोग बड़े सितारे बन गए. उन्होंने सैंकड़ों albums release कीं और लाखों cassettes बेचे. पर Germany के किसी media में उनको जगह नहीं मिली.

'The Bubble' में Florida में सेवा-निवृत्त, वृद्ध और सफ़ेद चमड़ी वाले लगभग डेढ लाख अमीर लोगों के लिए बनाई गई एक आलीशान बंगलों वाली एक बस्ती, 'The Villages' के बारे में बताया गया है जहां वे अब अपने परिवारों, बाल-बच्चों से दूर हो के अपने रहे सहे जीवन को पूर्णता के साथ जीने की कोशिश कर रहे हैं. इस बस्ती में swimming pools, golf courses, shooting ranges हैं और एक सौ से भी अधिक तरह के खेल, सांस्कृतिक और संगीत आयोजन और कार्य-शालाएं आयोजित की जाती हैं. ये लगभग सभी लोग republican party का समर्थन करते हैं. चुनाव के दिनों में इन्होंने Trump के लिए खूब प्रचार किया था. इस बस्ती से बाहर निकलते ही असली जीवन से पाला पड़ता है, और काले African लोग दिखाई देते हैं जो दबाव के बावजूद बस्ती के लिए अपनी ज़मीन नहीं बेचना चाहते. अगले कुछ सालों में इस बस्ती का क्षेत्रफल दोगुना किए जाने की योजना है.

'Freiheit' (स्वतन्त्रता) के शीर्षक से एक कार्यक्रम में छह से पन्द्रह minute लम्बी सात लघु फिल्में दिखाई गईं. 2011 में बनी छह minute की 'The Centrifuge Brain' में Institute for Centrifugal Research के Dr. Nick Laslowicz को मेलों दिखने वाले अजीब-ओ-ग़रीब और डरावने झूले design कर के मानव मस्तिष्क पर उनके असर का अध्ययन करते हुए दिखाया गया है. Oktoberfest जैसे मेलों दिखने वाले झूले तो उनके सामने कुछ भी नहीं. आठ minute की 'Arefi. der Hirte' में ईरान के एक 55 वर्षीय चरवाहे को दिखाया गया है जो सुनसान पहाड़ी इलाकों में अपनी 300 बकरियों को पाल रहा है. हालांकि उस का परिवार है, दो बेटे university में पढ़ रहे हैं, पर उसे घर में पत्नी के साथ रहने की बजाए पहाड़ों में बकरियों के साथ रहना पसन्द है. आठ minute की 'Faxen' में Gelsenkirchen' ज़िले की jail में कैदियों द्वारा विकसित की गई इशारों द्वारा सन्देश भेजने की तकनीक को दिखाया गया है. पन्द्रह minute की 'Letters from Silivri' में Osman Kavala (*1957) नामक एक तुर्की मानवाधिकार कार्यकर्ता के द्वारा 2017 में सरकार विरोधी प्रदर्शनों में अपनी कथित भूमिका के लिए remand में लिए जाने के बाद कई महीनों, बल्कि तीन साल तक बिना सुनवाई के तुर्की के Silivri नामक ज़िले की jail से लिखी हुई चिट्ठियों से jail में उस की दिन-चर्या को बयान किया गया है.

Germany में pharmacists की कमी

Scheinfeld में रह रही शाशवति शीरीष कटोचा का अपने पति के साथ Patriamed के नाम से दवाइयों का काफ़ी बड़ा कारोबार है. उनकी company में करीब सौ pharmacists काम करते हैं और अभी उन्हें कई और pharmacists की ज़रूरत है. pharmacists को शुरू में inventory lists बनाना, और delivery track करना आदि काम दिया जाता है. धीरे धीरे उन्हें ग्राहकों के साथ संवाद करने दिया जाता है. वे online व्याखयान आयोजित कर के Philipines, Syria आदि से युवा pharmacists लाने में कामयाब हुई हैं, पर भारत से अभी तक उन्हें कोई कामयाबी नहीं मिली. शाशवति जी कहती हैं कि Germany में तकनीकी क्षेत्र में तो बहुत से भारतीय आते हैं, लेकिन चिकित्सा क्षेत्र में बिलकुल नहीं आते, जब कि Germany में कम से कम 25000 pharmacists की कमी है. भारत से pharmacists बुलाने के लिए उन्होंने दो विश्व-विद्यालयों में व्याख्यान भी दिया, पर कोई सफ़लता नहीं मिली. वे कहती हैं कि doctors की अपेक्षा pharmacists के आने के लिए इतनी खास समस्या नहीं है. उन्हें अपनी पढ़ाई के साथ C1 स्तर तक German भाषा आनी चाहिए. मारवाड़ी पृष्ठ-भूमि वाली शाशवति जी 1996 में सोलह साल की उम्र में undergraduation की पढ़ाई के लिए America गईं, तो उनकी मुलाकात एक German युवक Bernhard Metzger से हुई. वे राजनीतिक पृष्ठ-भूमि से थे. उस के बाद उनका आपस में email के द्वारा कुछ सम्पर्क रहा. 2001 में वे एक साल के लिए भारत वापस आईं, जिस के बाद उन्हें masters की पढ़ाई के लिए वापस America जाना था. इस दौरान Bernhard आयुर्वेद के बारे में कुछ जानकारी प्राप्त करने के लिए भारत आए और शाशवति जी के परिवार के साथ पूना में रहे. शाशवति जी ने भी उन्हें खूब घुमाया फिराया. इस दौरान उनकी घनिष्ठता बढ़ी जो अगले साल 2002 में शादी में बदल गई और वे शाशवति शीरीष कटोचा से शाशवति Metzger बन गईं. अपने दो बच्चों, जो अब बड़े हो चुके हैं, के साथ वे ख़ुशहाल जीवन बिता रही हैं.