बुधवार, 29 नवंबर 2023
हिमालय संकट में
मंगलवार, 28 नवंबर 2023
समाचार 28.11.23
सोमवार, 27 नवंबर 2023
अपनी बेटी से करवाई वेश्यावृत्ति
रविवार, 26 नवंबर 2023
फुटबाल खिलाड़ियों की आक्रामक ख़रीद-फरोख्त
3 January, 2023, वह दिन जब football जगत में एक नई शक्ति का उदय हुआ।
पांच बार के विश्व footballer Christiano Ronaldo को January 2023 की शुरुआत में एक बड़े laser show के साथ सऊदी अरब में अपने नए club अल-नासर से परिचित कराया गया. उस समय कोई नहीं जानता था कि Ronaldo की यह प्रतिबद्धता एक अभूत-पूर्व आक्रामक ख़रीदारी की शुरुआत है और एक खतरनाक रणनीति का हिस्सा है जिस के साथ रेगिस्तानी राज्य पैसे के नए स्रोत खोलना चाहता है, युवाओं को अपनी तरफ़ आकर्षित करना चाहता है और मानवाधिकारों के उल्लंघन से ध्यान भटकाना चाहता है.
खिलाड़ियों की ख़रीदारी की होड में एक नया देश
Christiano Ronaldo के बाद 2023 की गर्मियों में 50 से अधिक खिलाड़ी European clubs को छोड़ कर सऊदी अरब लीग में आ गए. केवल स्थानांतरण पर 80 करोड़ Euro से अधिक खर्च किए गए. ख़रीदे गए कई सितारे उच्चतम स्तर पर खेल चुके हैं: Benzema, Mané, Mahrez, Firmino, Henderson और Kanté वर्तमान या पूर्व Champions League विजेता हैं. पत्रकार Martyn Ziegler ने संक्षेप में कहा, »अब एक नया खिलाड़ी बाज़ार में है.« Ronaldo ने कहा हैं: »मैंने मार्ग प्रशस्त किया, और अब सभी खिलाड़ी यहां आ रहे हैं.«
3 January, 2023 को football के 37 वर्षीय स्वयंभू राजा Christiano Ronaldo का अल-नासर club में laser show, एक बड़े आतिशबाज़ी प्रदर्शन और उत्साही प्रशंसकों के 'we love you' के नारों के साथ भव्य स्वागत हुआ. आखिरकार पूरा अरब देश उस के चरणों में पड़ा था. €200m के अपने कथित वार्षिक वेतन को देखते हुए उसने ख़ुशी से बयान दिया »Europe में मैं अपना काम कर चुका हूं. अब नई चुनौती का समय है.« उम्रदराज़ superstar के पास सभी आलोचकों के लिए एक सन्देश भी था, भले ही अनजाने में यह एक मज़ाक बन गया: »मुझे इसकी परवाह नहीं है कि लोग क्या कहते हैं. दक्षिण Africa में आना मेरे career का अन्त नहीं है.« Ronaldo का सऊदी अरब को गलती से दक्षिण Africa में स्थित मान लेना उन लोगों को पसन्द आया जिन्होंने Ronaldo के इस रेगिस्तानी राज्य में जाने के बाद उस का तिरस्कार और उपहास किया है. आखिर Ronaldo का तिरस्कार करने वालों का आरोप कि वह मोटी रकम के लिए वह तीसरे दर्जे की circus league में अपना career बरबाद कर रहा है, अनुचित नहीं है. लेकिन Ronaldo तो केवल शुरुआत है. क्योंकि उस के कुछ ही महीनों बाद, एक अभूत-पूर्व ख़रीदारी अभियान में कई football सितारे रेगिस्तान में उस का पीछा करते आए. और Ronaldo के विपरीत, उन में से अधिकांश अभी तक अपने career के शिखर तक नहीं पहुंचे हैं.
सउदी की ख़रीदारी सूची में कौन है?
बड़ी ख़रीदारी की होड जून 2023 में पूर्व Real Madrid star footballer Karim Benzema के अल-इत्त-ए-हाद में स्थानांतरित होने के साथ शुरू हुई. अगले हफ़्तों में कई football खिलाड़ियों ने उस का अनुसरण किया. इन में Bayern Munich के Sadio Mané, Liverpool के कप्तान Jordan Henderson और Brazil के superstar Neymar शामिल थे. Roberto Mancini और Steven Gerrard जैसे प्रमुख coach भी पैसे के पीछे भागते आए. लेकिन विशेष रूप से Neymar का €90m का अनुबन्ध, जिस में कथित तौर पर आठ luxury कारें, एक निजी Jet और सऊदी अरब का प्रचार करने के लिए प्रत्येक social media post के लिए 500,000 Euro का bonus भी शामिल है, ने विशेष हल-चल पैदा की. लेकिन विश्व football के सब से प्रमुख खिलाड़ी, Paris St. Germain के striker Kylian Mbappé को लुभाया नहीं जा सका. football club अल-हिलाल ने 24 वर्षीय French खिलाड़ी को एक season के लिए €700m की पेशकश की. लेकिन Mbappé ने इसे स्वीकार नहीं किया. megastar Lionel Messi के रेगिस्तान में जाने की बजाए America के Inter Miami में जाने के लिए लोगों ने तारीफ़ की. लेकिन बहुत लोग यह नहीं जानते कि 36 वर्षीय Messi सऊदी अरब का आधिकारिक पर्यटन राजदूत है और कथित तौर पर उसे प्रति वर्ष €25m मिलते हैं.
2023 की शुरुआत से Ronaldo की मशहूर number 7 वाली T-Shirt दिन में लगभग 400 बार बिकती है और tickets की बिक्री दोगुनी हो गई है. Ronaldo €200m के अनुमानित वार्षिक वेतन के साथ सऊदी Pro League में शीर्ष कमाई करने वाले व्यक्ति हैं. उनके बाद N'Golo Kanté (€100m), Neymar (€80m), करीम Benzema (€50m) और Sadio Mané (€40m) हैं. अल-एत्तिफाक में शामिल होने के साथ Liverpool के दिग्गज Steven Gerrard दुनिया में सब से अधिक भुगतान पाने वाले coaches में चौथे स्थान पर पहुंच गए हैं. अनुमानित वार्षिक वेतन: €17m.
खेल में इस आक्रामकता के पीछे कौन है?
इस वैश्विक खेल आक्रामकता के पीछे PIF है, सऊदी अरब के राज-कुमार और वास्तविक शासक मुहम्मद बिन-सलमान द्वारा नियन्त्रित $650b का सम्प्रभु धन-कोष, यानि 'सार्वजनिक निवेश कोष' (PIF). उस के माध्यम से अरबों dollar formula 1, मुक्केबाज़ी, golf और football में प्रवाहित होते हैं. चाहे England में Newcastle United हो, जहां सऊदी अरब के लाखों Dollers की बदौलत Champions League फिर से खेली जा रही है, या सऊदी के अल-नासर, अल-हिलाल, अल-इत्त-ए-हाद और अल-अहली clubs हों, ये सभी PIF के हाथों में हैं. सऊदी के चारों शीर्ष clubs में PIF की 5% हिस्सेदारी है. इसका $650b का budget भविष्य के निवेश के लिए लगभग अटूट भण्डार है. इस के अलावा, December में Italian Super-Copa, Spanish Supercup या FIFA club विश्व कप जैसे खेल आयोजन सऊदी अरब में होंगे. बिन-सलमान सरकारी television पर खुले तौर पर कहते हैं कि अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रभाव की आवश्यकता है, और PIF इस के लिए एक-दम सही साधन है: »यदि आपके पास दुनिया में प्रभाव है और कई क्षेत्रों में एक प्रेरक शक्ति होने की प्रतिष्ठा है तब दुनिया आपके निवेश के लिए अधिक खुली होगी, और इससे नए अवसर पैदा होंगे.« Princeton विश्व-विद्यालय के मध्य पूर्व विशेषज्ञ Bernard Haykel इसकी पुष्टि करते हैं: »लोग सोचते होंगे कि सऊदी अरब यात्रा करने के लिए एक अच्छी जगह है, आप वहां मौज-मस्ती कर सकते हैं, वहां मनोरञ्जन है, और यह एक ऐसी जगह है जहां आपको पैसा निवेश करना चाहिए. सऊदी एक brand बनाने की कोशिश कर रहा है.«
यह आक्रामकता एक बड़े पैमाने की रणनीति का हिस्सा है जिस के माध्यम से crown prince धन के नए स्रोत खोलना चाहता है और अपने देश को मध्यम अवधि में तेल निर्यात से होने वाली आय से स्वतन्त्र बनाना चाहता है. खेल में निवेश के अलावा कई अन्य महत्वाकांक्षी निर्माण परियोजनाएं भी इस में शामिल हैं. जैसे लाल सागर पर 'Neom' शहर जिस में 170km लम्बी इमारत बनाई जाएगी, या रियाद में बनाई जा रही 'Mukaab' नामक 400 meter ऊंची और चौड़ी cube-नुमा इमारत. 38 वर्षीय तानाशाह बिन-सलमान सऊदी अरब के रूढ़िवादी साम्राज्य को एक उच्च तकनीक वाले राज्य में बदलना चाहता है जो दुनिया भर से निवेशकों और पर्यटकों को आकर्षित करेगा. साथ ही वह इन निर्माण परियोजनाओं और खेल आयोजनों के साथ विशेष रूप से युवा सऊदी आबादी को अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिश कर रहा है जिस में 70% लोग 35 से कम उम्र के हैं. बाहरी दुनिया को वह आधुनिक और खुले दिल का प्रतीत होता है. 2018 में उसने cinema-घरों को खोलने और महिला कलाकारों के प्रदर्शन की अनुमति दी. उसने महिलाओं को football stadium जैसे खेल स्थलों तक पहुंच की भी अनुमति दी. इस तरह बिन-सलमान को आलोचनात्मक आवाज़ों के उठने से बचने की उम्मीद है. उसे एक अन्य अरब क्रांति के अलावा किसी चीज़ का डर नहीं.
मृत्यु दण्ड की संख्या नाटकीय रूप से बढ़ रही है
लेकिन आलोचनात्मक आवाज़ें बढ़ेंगी, क्योंकि सऊदी अरब में मानवाधिकारों का उल्लंघन अभी भी खुल कर हो रहा है. भले ही भव्य खेल आयोजनों के द्वारा इससे ध्यान भटकाया जा रहा हो. सऊदी वकील ताहा अल-हाजी बताते हैं »इन सौदों और बड़े खेल आयोजनों के साथ सऊदी सरकार फ़ांसियों और दमन को छुपाना चाहती है और press और जनता को धोखा देना चाहती है.« मानवाधिकार कार्य-कर्ता Lina AL-Hathloul इसकी पुष्टि करती हैं: »लोगों को मनमाने ढंग से गिरफ़्तार किया जाता है और दर्शकों के लिए jail में डाल दिया जाता है. फ़ैसले बन्द दरवाज़ों के पीछे पारित किए जाते हैं. पूछताछ के दौरान लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है, जिन में मेरी बहन भी शामिल है. मृत्यु दण्ड की संख्या में नाटकीय रूप से वृद्धि हुई है.« वास्तव में 2017 में बिन-सलमान को crown prince नियुक्त किए जाने के बाद से देश में फ़ांसी की सजा लगभग दोगुनी हो गई है.
इस लिए हर किसी को इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि इन लेन-देन से उत्पन्न प्रत्येक पैसा सिंहासन के उत्तराधिकारी के पास वापस जा रहा है. »हम उसे और अधिक शक्ति दे रहे हैं.« AL-Hathloul ने कहा, »हम किसी ऐसे व्यक्ति को सशक्त बना रहे हैं जो मौतों के लिए ज़िम्मेदार है.« इस बयान में अन्तर-राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करता हुआ यमन युद्ध और 2018 में मारा गया सऊदी अरब का पत्रकार 'Jamal Khashoggi' भी सन्दर्भित है. अमेरिकी खुफिया जानकारी के अनुसार crown prince की कहने पर उस की हत्या कर दी गई थी. इस के अलावा मानवाधिकार संगठन 'human rights watch' के अनुसार सऊदी सीमा रक्षकों ने पिछले डेढ साल में Ethiopia के सैकड़ों शरणार्थियों को जान-बूझ-कर गोली मार दी है.
अगला गन्तव्य: WM 2034
मुहम्मद बिन-सलमान तमाम आलोचनाओं से घबराता नहीं है. हाल ही में एक साक्षात्कार में जब उससे इस बारे में पूछा गया, तो उसने जवाब दिया: »अगर sportwashing से हमारा सकल घरेलू उत्पाद एक प्रतिशत बढ़ता है, तो हम इसे जारी रखेंगे!« अगले प्रमुख आयोजनों की योजना पहले से ही बनाई जा चुकी है: 2029 में Asian शीतकालीन खेल सऊदी अरब के रेगिस्तान के बीच में होंगे. October के अन्त में सऊदी अरब को 2034 के football विश्व कप से भी सम्मानित किया गया. और जल्द ही अरब प्रायद्वीप में नए football सितारे लाए जा सकते है. अल-हिलाल ज़ाहिर तौर पर अपने घायल superstar Neymar को किसी अन्य प्रतिष्ठित नाम के साथ बदलना चाहेगा. Lionel Messi और Kylian Mbappé फिर से club की इच्छा सूची में शामिल हो सकते हैं. अगला record स्थानांतरण January 2024 में फिर से सऊदी अरब में आतिशबाज़ी और laser show के साथ मनाया जा सकता है.
शनिवार, 25 नवंबर 2023
भांग के पौधे की शक्ति
अपने सपनों को कैसे हासिल करें
चांद पर दावा करने वालों में भारत शामिल
शुक्रवार, 24 नवंबर 2023
सवाद का विज्ञान
पाक-विधि - नींबू चावल
lemon rice, काजू, बादाम और धनिए के साथ
4 व्यक्तियों के लिए सामग्री:
200 ग्राम लम्बे दाने वाले चावल
400ml पानी
1 छोटा प्याज़
1 चम्मच नमक
1 बड़ा चम्मच गर्म मसाला
1/2 गुच्छा धनिया
तुलसी का ½ गुच्छा
¼ छोटा चम्मच chili flakes
120 ग्राम कतरे हुए बादाम
2 बड़े चम्मच तिल का तेल
1 बड़ा चम्मच बिना छिले तिल
1 नींबू
1 चम्मच नारियल तेल
1 चम्मच maple syrup
2 बड़े चम्मच जैतून का तेल
40 ग्राम काजू
सजाने के लिए कुछ smoked paprika powder
तैयारी: 30 minute
विधि
चावल को धो कर पानी वाले बरतन में डाल दीजिए. प्याज़ को छील कर बारीक टुकड़ों में काट लीजिए और नमक के साथ चावल में डाल दीजिए. गर्म मसाला डालें. धीमी आंच पर उबालें; यदि आवश्यक हो तो पानी दोबारा भरें. धनिया और तुलसी को धो कर सुखा लें और लगभग ⅓ सजाने के लिए अलग रख दें. बची हुई जड़ी-बूटियों को बारीक काट लें. चावल में मिर्च के गुच्छे, बादाम, तिल का तेल और तिल डालें. नींबू को धो कर उस का छिलका उतार लें. नींबू के छिलके का आधा हिस्सा बारीक काट लें और चावल में मिला दें. नींबू निचोड़ें और उस का रस चावल में मिला दें. चावल में नारियल का तेल, maple syrup और नींबू जैतून का तेल मिलाएं. काजू को बारीक काट लीजिए और आधा चावल में मिला दीजिए. लगभग 20 minute बाद चावल पकने तक बार-बार हिलाते रहें. lemon rice को बची हुई जड़ी-बूटियों, नींबू के छिलके, बीज और smoked paprika powder के साथ परोसें.
टिप्पणी
काजू को आम-तौर पर मेवे के रूप में जाना जाता है लेकिन ये काजू के पेड़ के फल के बीज हैं. इस छोटे से बीज में कई स्वस्थ पदार्थ होते हैं जैसे B-vitamin, magnesium और polyunsaturated fatty acid. वे चावल के व्यंजनों में मुख्य आकर्षण के रूप में या बीच में snacks के रूप में विशेष रूप से अच्छे हैं. bread पर puree के रूप में वे मक्खन का एक बढ़िया विकल्प हैं.
रविवार, 19 नवंबर 2023
अफगानी व्यंजन: नरेन्ज पुलाव
शुक्रवार, 17 नवंबर 2023
भविष्य को ले कर बच्चों के कुछ सवाल
संघीय शिक्षा और अनुसंधान मन्त्रालय ने बच्चों के लिए अपनी मुफ़्त पत्रिका forscher ने कुछ शोधकों के साथ मिल कर भविष्य के बारे में 14 साल तक के बच्चों के कुछ चुनींदा सवालों का उत्तर देने की कोशिश की है.
1. क्या भविष्य में भी दुनिया सच-मुच उतनी ही तकनीक-युक्त दिखाई देगी जितनी हम फिल्मों और किताबों में देखते हैं? जैसे ढेर सारी गगनचुम्बी इमारतें और उड़ने वाली कारें?
दुनिया भर में अधिक से अधिक लोग शहर में रहना चाहते हैं. और क्योंकि हर किसी को एक apartment की आवश्यकता होती है लेकिन जगह सीमित है, इस लिए ऊंचा निर्माण करना ही उचित है. ऊंची इमारतें एक छोटी सी जगह में कई लोगों को समायोजित कर सकती हैं. लेकिन अगर किसी ऊंची इमारत के बगल में बस एक ऊंची इमारत हो, तो वातावरण नीरस हो जाता है और लोग सहज महसूस नहीं करते हैं. आपको शहर में स्थान और प्रकृति की आवश्यकता है, जहां लोग मिल सकें, आराम कर सकें और खेल-कूद कर सकें.
जलवायु परिवर्तन के कारण गर्मियों में भारी वर्षा और अत्यधिक गर्मी आम होती जा रही है. इसलिए भविष्य के शहरों को हरा-भरा होना चाहिए ताकि बहुत सारा पानी घास के मैदानों और parks में रिस सके, पेड़ और लगाए गए अग्रभाग छाया प्रदान कर सकें.
जहां तक यातायात का सवाल है, उड़ने वाली कारें एक अच्छा विचार नहीं है क्योंकि उड़ने वाली हर चीज़ को बहुत अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है और हमें भविष्य में जहां भी सम्भव हो ऊर्जा को बचाने की ज़रूरत है. packet पहुंचाने वाले छोटे drone सम्भव हैं. ऐसी companies भी हैं जो helicopter taxis पर शोध कर रही हैं. वे विज्ञापन देते हैं कि जो यात्री जल्दी में हैं वे सड़कों पर traffic jam से बचने के लिए आसानी से उड सकते हैं. लेकिन केवल अमीर लोग ही इसे वहन कर पाएंगे. भविष्य में traffic jam से बचने से ज़्यादा ज़रूरी है कि traffic jam कम किए जा सकें, ताकि हर कोई अपनी मंज़िल तक जल्दी पहुंच सके. और इस के लिए अधिक प्रौद्योगिकी की आवश्यकता नहीं है, बल्कि कम की है. कारों के बजाय, कई शहर योजनाकार cycle चलाने और पैदल चलने पर जोर दे रहे हैं. लम्बी दूरी के लिए ऐसी बसें और trains हैं जो जलवायु-अनुकूल electric या hydrogen engine पर चलती हैं. कई जगहों पर आप electric scooter, cargo bike और electric कार सस्ते में किराए पर ले सकते हैं। शायद ऐसे वाहन भी जो खुद चलते हों. तब शायद ही किसी को अपनी कार की ज़रूरत होगी, ना ही parking की जगह की ज़रूरत होगी. ऐसे शहर में शांति होगी, हवा बेहतर होगी और लोग स्वस्थ जीवन जी सकेंगे. ये अच्छी सम्भावनाएं हैं!
2. क्या आज के बच्चे भी भविष्य में अपने बच्चों के साथ skiing अवकाश पर जा सकेंगे?
skiing छुट्टियां सम्भवत: 30 या 40 वर्षों में भी सम्भव होंगी, लेकिन आज से भिन्न! क्योंकि जलवायु परिवर्तन के कारण सर्दियां कम हो रही हैं, जहां बर्फ़ की बजाय बारिश होती है. निचले इलाकों में हमें कई दिनों तक टिकने वाली ठोस बर्फ़ की चादर मुश्किल से ही मिल पाती है. यहां तक कि Harz या Erzgebirge जैसी निचली पर्वत श्रृंखलाओं में भी प्राकृतिक बर्फ़ कम गिरती है. वह भी या तो एक ही बार में बहुत सारी या फिर छुट्टियों की अवधि के बाहर. केवल Alpine क्षेत्र में अधिक ऊंचाई पर ही भविष्य में पर्याप्त बर्फ़बारी की उम्मीद की जा सकती है. तब ski छुट्टियां सम्भवत: काफ़ी अधिक महंगी हो जाएंगी. क्योंकि एक ओर ऊंचे पहाड़ों तक पहुंचने के लिए आपको आगे तक गाड़ी चलानी पड़ेगी. दूसरी ओर, क्योंकि बहुत से लोग कुछ hotel के कमरों, अवकाश गृहों और ski passes के लिए होड कर रहे होंगे. सब से ख़राब स्थिति में भविष्य में केवल अमीर लोग ही शीतकालीन अवकाश का खर्च वहन कर पाएंगे. सर्वोत्तम स्थिति में, 2050 तक हमारी छुट्टियों की आदतें बदल जाएंगी और लोगों को हर साल skiing पर ना जाना पूरी तरह से सामान्य लगेगा. यदि हम कम यात्रा करते हैं, तो कम जलवायु-हानिकारक gases उत्पन्न होती हैं और global warming कम हो जाती है. यदि ऐसा होता है तो भविष्य के बच्चों को और यहां तक कि पोते-पोतियों को भी बर्फ़ीले पहाड़ों पर दौड़ लगाने का अवसर मिलेगा.
3. क्या भविष्य में भी Corona रहेगा?
हां, Corona-virus, जो 2020 की शुरुआत में उभरा और जिस ने हमारे रोजमर्रा के जीवन को प्रभावित किया, पृथ्वी पर रहेगा. लेकिन वैश्विक प्रकोप, तथा-कथित महामारी, समाप्त हो जाएगी. और यही महत्वपूर्ण बात है. क्योंकि तब इतने सारे लोग इतने कम समय में गम्भीर रूप से बीमार नहीं होंगे या मर नहीं जाएंगे. और हमें अब लम्बी अवधि में सुरक्षात्मक उपायों की आवश्यकता नहीं होगी, जैसे बन्द स्कूल, mask पहनना, परीक्षण इत्यादि. कोई भी भविष्य-वाणी नहीं कर सकता कि ऐसा कब होगा. यह मुख्य रूप से इस बात पर निर्भर करता है कि virus कितनी जल्दी बदलता है. और क्या अचानक नए, अधिक खतरनाक variant सामने आ रहे हैं. यह महत्वपूर्ण है कि टीकाकरण पूरी दुनिया में हो, ना केवल अमीर देशों में. जितने कम लोगों में यह virus होगा, इस के बदलने की सम्भावना उतनी ही कम होगी. शोध-कर्ताओं का मानना है कि वर्तमान महामारी रोग-जनक एक सामान्य virus बन जाएगा जो कभी-कभी छोटे प्रकोपों को trigger करेगा. और शायद हम हर साल टीका लगवा सकें, जैसे हम flu के लिए लगवाते हैं. कई virus हर सर्दियों में वापस आते हैं जिन से हमें गले में खराश, नाक बहने या खांसी की तकलीफ होती है. सर्वोत्तम स्थिति में अन्तत: एक सार्वभौमिक टीका उपलब्ध हो सकता है जो सभी virus variant के खिलाफ़ काम करेगा. दुर्भाग्य से, नई महामारी विकसित होने की सम्भावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. क्योंकि वे इतिहास में बार-बार घटित हुई हैं.
4. क्या हम भविष्य में प्रकाश की गति से यात्रा कर पाएंगे - उदाहरण के लिए अन्य ग्रहों तक?
हम कभी भी प्रकाश की गति से यात्रा नहीं कर पाएंगे; केवल प्रकाश ही ऐसा कर सकता है. हालांकि, विशुद्ध रूप से, गणितीय रूप से, यह सम्भव है कि हम किसी बिन्दु पर लगभग उसी गति तक पहुंच पाएं. और यह गति इतनी तेज होगी कि मंगल ग्रह की उड़ान में कई महीनों के बजाय केवल कुछ minute लगेंगे. Switzerland में CERN अनुसंधान संस्थान के भौतिक विज्ञानी और engineer कई वर्षों से एक कण त्वरक में छोटे कणों को प्रकाश की गति के 99 प्रतिशत से अधिक तक तेज करने में सक्षम हैं. कण एक विशाल गोलाकार tube से होकर गुज़रते हैं और प्रत्येक चक्कर के साथ और तेज हो जाते हैं. भले ही वे इतने छोटे और बेहद हल्के हैं लेकिन फिर भी कणों को इतनी तेज़ी से आगे बढ़ने के लिए भारी मात्रा में ऊर्जा की आवश्यकता होती है. यदि आप इस प्रयास को 100 टन के अन्तरिक्ष यान में स्थानांतरित करते हैं, तो आप गणना कर सकते हैं कि इसे लगभग प्रकाश की गति से मंगल पर भेजने में कितनी ऊर्जा लगेगी. अर्थात 15 million billion kilowatt घंटे. यानि 15x10¹⁵ kWh. तुलना के लिए: इस मात्रा में ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए एक आधुनिक पवन turbine को 1.5 अरब वर्षों तक चलना होगा, एक परमाणु ऊर्जा संयन्त्र को 1,500 वर्षों तक चलना होगा. दूसरी ओर, सूर्य हमारे अन्तरिक्ष यान को एक second के हज़ारवें हिस्से में इतनी ऊर्जा प्रदान कर सकता है. दुर्भाग्य से, यह उम्मीद नहीं है कि हम ऐसी drive का अविष्कार कर पाएंगे जो अगले 100 वर्षों के भीतर इतनी अकल्पनीय बड़ी मात्रा में सौर ऊर्जा को परिवर्तित कर सके.
प्रकाश की गति = 299,792,458 meter प्रति second. प्रकाश को पृथ्वी और चन्द्रमा के बीच यात्रा करने में लगभग 1.3 second का समय लगता है.
5. क्या भविष्य में और भी जानवरों की प्रजातियां विलुप्त हो जाएंगी? क्या हम उन्हें Jurassic park की तरह वापस ला सकेंगे?
जानवरों की प्रजातियों का विलुप्त होना प्रकृति की प्रक्रिया का हिस्सा है. लेकिन वर्तमान में पृथ्वी पर जो बड़े पैमाने पर विलुप्ति हो रही है, वैसी dinosaur के गायब होने के बाद से नहीं हुई है. विशेषज्ञों ने गणना की है कि सामान्य परिस्थितियों में पिछले 100 वर्षों में केवल लगभग दस कशेरुक प्रजातियां ही विलुप्त हो जानी चाहिए थीं. इस में कंकाल वाली सभी पशु प्रजातियां शामिल हैं, यानी मछली, उभयचर, सरीसृप, पक्षी और स्तनधारी. लेकिन वास्तव में इस दौरान उन में से 450 से अधिक प्रजातियां गायब हो गई हैं. 66 million वर्ष पहले उल्कापिण्ड का प्रभाव सम्भवत: dinosaurs के लिए ज़िम्मेदार था. इस बार हम मनुष्य उल्कापिण्ड हैं. हम अपनी आवश्यकताओं के अनुरूप पृथ्वी के बड़े हिस्सों को फिर से design कर रहे हैं और इस प्रक्रिया में अधिक से अधिक प्रजातियों को विस्थापित कर रहे हैं. बढ़ते वैश्विक तापमान के कारण कई स्थानीय प्रजातियों के आवास उनके अनुरूप ढलने की अपेक्षा बहुत तेज़ी से परिवर्तन हो रहे हैं. उदाहरण के लिए कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि arctic के ध्रुवीय भालू वर्ष 2100 तक खत्म हो जाएंगे. यह बहुत सम्भव है कि विज्ञान तब तक मृत पशु प्रजातियों को वापस लाने के लिए तैयार हो जाएगा. इस उद्देश्य के लिए, दुनिया भर के शोध-कर्ता लुप्तप्राय प्रजातियों से कोशिका के नमूने एकत्र करते हैं और उन्हें -196°C पर तरल nitrogen tank में संग्रहीत करते हैं. अत्यधिक लुप्तप्राय गैण्डा प्रजाति के व्यवहार्य भ्रूण के नमूनों से प्रजनन करना पहले से ही सम्भव हो चुका है. यह तकनीक बहुत सारी प्रजातियों के लिए जीवनरक्षक हो सकती है. लेकिन यह हर प्रजाति के लिए सम्भव नहीं होगा, क्योंकि यदि हम भविष्य में विलुप्त ध्रुवीय भालू वापस ले भी आते हैं, लेकिन अगर arctic में बर्फ़ ही नहीं होगी तो जानवर जाएंगे कहां? यदि हम भविष्य में लुप्तप्राय प्रजातियों को बचाना चाहते हैं, तो हमें तत्काल उनके आवासों की रक्षा करने की आवश्यकता करनी होगी.
6. क्या भविष्य में दुनिया में कम युद्ध और कम नफ़रत होगी?
यदि आप मानव इतिहास पर नज़र डालें तो आप देखेंगे कि दुनिया भर में युद्ध कम हो गए हैं. इससे यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि भविष्य में हिंसा में कमी आएगी. यह तो शुभ समाचार है. बुरी ख़बर यह है कि हम इस पर भरोसा नहीं कर सकते. Ukraine पर रूस के हमले से ये साफ़ हो गया. भले ही युद्ध दुर्लभ हो जाएं, फिर भी प्रत्येक युद्ध भयानक होता है और इसे रोका जाना चाहिए. सौभाग्य से, अब हम इस बारे में बहुत कुछ जानते हैं कि शांति किस चीज़ से पैदा होती है. European संघ (EU) जैसे गठबन्धन इसी का हिस्सा हैं. यहां 27 देश मिल कर काम करते हैं, जिन में से कई देश पहले भी एक-दूसरे से लड चुके हैं. आज भी वे हमेशा सहमत नहीं होते और अक्सर टकराव की स्थिति पैदा हो जाती है. उदाहरण के लिए किस देश को Atlantic से कितने टन मछली पकड़ने और बेचने की अनुमति है जैसे सवालों को ले कर. लेकिन ऐसे विवादों को शांति से सुलझाया जाता है: बात-चीत से, अनुबन्धों से और पैसे से भी जो European संघ के अमीर सदस्य देश कम अमीर देशों को भुगतान करते हैं. यदि गठबन्धन में सभी लोग समान रूप से अच्छा प्रदर्शन करेंगे तो संघर्ष की सम्भावना कम है. युद्धों के खिलाफ़ एक और सिद्ध उपाय मजबूत लोक-तन्त्र है. यानी ऐसे देश जहां लोगों को अपनी बात कहने का अधिकार है, ना कि गिने चुने शासकों या छोटे समूहों को. लोक-तन्त्र विवादों को अहिंसक तरीके से हल करना पसन्द करते हैं. क्योंकि जब युद्ध छिड़ता है तो जनता ही सैनिक के रूप में अपनी जान को जोखिम में डालती है. मजबूत लोक-तन्त्रों में हर कोई स्वतन्त्र रूप से जानकारी प्राप्त कर सकता है और इस के लिए दण्डित होने की चिन्ता किए बिना अपनी राय व्यक्त कर सकता है. दुर्भाग्य से यह दुनिया की लगभग आधी आबादी पर ही लागू होता है. विश्व शांति के लिए दूसरी आधी आबादी के अधिकारों को मजबूत करना ज़रूरी है. इसे सफ़ल बनाने के लिए हमें भविष्य में अपने व्यापारिक सम्बन्धों में शर्तें जोड़नी होंगी: उदाहरण के लिए, Germany या European संघ केवल उन देशों से कच्चे माल और उत्पाद ख़रीदने का निर्णय ले सकते हैं जो अपने नागरिकों के साथ अच्छा व्यवहार करते हैं. इससे हमें नुकसान हो सकता है क्योंकि फिर हमें कुछ चीज़ों के लिए ज़्यादा पैसे चुकाने पड़ेंगे. लेकिन लम्बी अवधि में यह लाभकारी होगा. क्योंकि आज की परस्पर जुड़ी हुई दुनिया में हर युद्ध हमें प्रभावित करता है, चाहे वह कितना भी दूर क्यों ना हो.
7. क्या भविष्य में हम जानवरों को मारे बिना मांस खा सकेंगे?
बहुत अधिक सम्भावना के साथ: हां. companies आज प्रयोग-शालाओं में मांस का उत्पादन कर रही हैं. हालांकि यह अभी steak या Schnitzel के रूप में उपलब्ध नहीं हैं, बल्कि एक मिश्रण है जो burger patties के लिए उपयुक्त है. और यह अभी बहुत महंगा है. लेकिन इस पर शोध जारी है. अगले पांच दस सालों में यह प्रयोग-शाला मांस ख़रीदने के लिए उपलब्ध हो सकता है. लेकिन यह जानना भी ज़रूरी है कि इस के लिए भी जानवरों की भी ज़रूरत होती है. क्योंकि मांस तथा-कथित stem कोशिकाओं से बनाया जाता है. इसे पाने के लिए एक जीवित जानवर की मांसपेशी का एक टुकड़ा निकालना पड़ता है. यह एक छोटी सी प्रक्रिया है जो निशान छोड़ जाती है. इसका लाभ यह है कि इस के लिए बहुत कम जानवरों की आवश्यकता होती है. लेकिन मुख्य प्रश्न यह है: हम इन जानवरों को रखते कैसे हैं. क्या उन्हें तंग, अन्धेरे अस्तबलों में रखा जा रहा है? क्या हर शहर के एक चारागाह में केवल दस-पंद्रह जानवर हो सकते हैं जिन्हें लोग पालने, सहलाने के लिए जा सकें, और समय-समय पर उनकी मांसपेशियों के नमूने लिए जा सकें? हमारे शोध समूह के सर्वेक्षणों से पता चला है कि लोग प्रयोग-शाला के मांस का समर्थन केवल तभी करेंगे जब इससे जानवरों की सेहत बेहतर होगी.
8. क्या भविष्य के schools में robot पढ़ाएंगे?
नहीं, स्कूल में अभी भी शिक्षकों की आवश्यकता है. क्योंकि वे भी कभी बच्चे थे. और इस लिए वे अच्छी तरह से जानते हैं कि 8+17 की गणना 20+5 से अधिक कठिन क्यों है. इस के लिए सब से पहले एक robot को program करना होगा. और एक मशीन विवादों को इतनी अच्छी तरह से नहीं निपटा सकती या बच्चों को हंसा नहीं सकती. लेकिन यह सच है कि भविष्य में कक्षा में अधिक से अधिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल होगा. इससे यह सुनिश्चित करने में मदद मिल सकती है कि प्रत्येक बच्चे को अपने स्वयं के कार्य मिलें. अर्थात, बिल्कुल वही कार्य जो उस बच्चे को सुधारने में मदद करें. प्रौद्योगिकी स्कूली पाठों में विविधता ला सकती है. आज कक्षाओं में या तो केवल बोला जाता है या फिर मौन रह कर काम किया जाता है. लेकिन कैसा रहेगा यदि बच्चे कठिन रसायन विज्ञान प्रयोग स्वयं कर सकें? VR चश्मे और दस्ताने के साथ वे वस्तुत: प्रयोग कर सकते हैं और यहां तक कि गलत पदार्थों को भी एक साथ उण्डेल सकते हैं. इस तरह वे बिना किसी खतरे के सीख सकते हैं कि कौन से पदार्थ test tube में विस्फ़ोट का कारण बनते हैं. शारीरिक शिक्षा कक्षाओं में बच्चों को कूदने का तरीका दिखाने के लिए camera और censor द्वारा शरीर की गतिविधियों को record किया जा सकता है. संगीत में गायन के दौरान एक screen आपको दिखा सकती है कि आपने सही स्वर कब पकड़ा है. इस तरह की प्रौद्योगिकी-युक्त कक्षाएं सभी इन्द्रियों को आकर्षित कर सकती हैं जो अधिक मज़ेदार है और सीखने में मदद करता है.
बुधवार, 15 नवंबर 2023
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कला के माध्यम से परिप्रेक्ष्य में बदलाव
शिक्षा के लिए एक निवेदन
राजनीतिक सक्रियता के लिए कार्य-शालाएं और panel चर्चा
कला, राजनीतिक सक्रियता और मानसिक स्वास्थ्य को आपस में जोड़ता हुआ, कार्य-शालाओं, panel चर्चा, live संगीत और सांझे भोजन के साथ एक शुल्क रहित आयोजन.
रविवार, 12.11.2023
15:00 – 21:00
Fat Cat
Kellerstraße 8a
81667 München
कार्य-शालाएं (15:00 - 17:30):
शुक्रिया सूफी
Caritas & Refugio München
सदमा और अभिघात-जन्य तनाव विकार (PTSD) से निपटने के दौरान क्या महत्वपूर्ण है. एक मनो-वैज्ञानिक के साथ बैठक कैसी दिखती है? अफगान मनो-वैज्ञानिक और आघात विशेषज्ञ 'शुक्रिया सूफी' के साथ कार्य-शाला इस विषय से सम्बन्धित है. उन्होंने काबुल विश्व-विद्यालय में मनो-विज्ञान का अध्ययन किया. उन्होंने 100 से अधिक doctors, nurses, police अधिकारियों, धार्मिक नेताओं और विभिन्न INGO और ग़ैर सरकारी संगठनों के कर्मचारियों को आघात संवेदनशीलता में प्रशिक्षित किया है.
Agnes Fuchsloch
Bellevue di Monaco
यह कार्य-शाला कानूनी स्तर पर प्रदर्शनों और कार्यक्रमों के आयोजन से सम्बन्धित हर चीज़ के बारे में है. हमारे पास क्या अधिकार हैं? हम संरचनात्मक शक्ति, उत्पीड़न के तन्त्र और विविध भेदभाव को कैसे पहचानें? हमारे पास क्या रणनीतियां हैं?
Fátima de Souza
कला स्वयं के द्वन्द्वों से निपटने और खुद को व्यक्त करने का एक अद्भुत माध्यम है. Brazil में जन्मी और acrylic और कला शैली अमूर्त कला के साथ Germany आईं 68 वर्षीय Fátima de Souza एक व्यावहारिक कार्य-शाला के साथ समझाएंगी.
Kevin Ostoyich
Gastprofessor
Institut für Bayerische Geschichte
LMU
München
स्मृति (विशेष कर holocaust) और रंगमंच के बीच सम्बन्ध में माहिर प्रसिद्ध वैज्ञानिक और theatre व्यवसायी Ostoyich ऐतिहासिक स्रोतों और यादों को एक मनोरम और मार्मिक नाटकीय अनुभव में बदलने की कला सिखाएंगे.
panel चर्चा (शाम 6:30 - 8:00 बजे)
Lise-Christine Kobla Mendama ने 2020 में Germany में सब से बड़े 'Black Lives Matter' demo का सह-आयोजन किया. वहां उन्होंने उपस्थित 25,000 प्रदर्शनकारियों के सामने भाषण दिया. जिस ने उनकी ज़िन्दगी बदल दी. media प्रचार के बाद वे एक freelancer के रूप में "QUEEN Lizzy" नाम से प्रमुख मंचों पर दिखाई दीं. इस वर्ष उन्होंने असन्तोष को एक प्रेरक शक्ति के रूप में उपयोग करने के विषय पर एक TEDx वार्ता दी. 2022 में उन्हें Bayrischen Rundfunk के द्वारा 'Münchnerin des Jahre' चुना गया.
Yumn Ammar एक media निर्माता, podcaster और migration पृष्ठ-भूमि वाली प्रस्तुतकर्ता हैं. वह विशेष रूप से नस्लवाद-विरोधी और समावेशन के क्षेत्रों के लिए प्रतिबद्ध हैं.
Sophie Eisenried 'global dis:connect' नामक LMU के एक अनुसंधान केन्द्र का हिस्सा हैं. एक कला इतिहासकार के रूप में उनका ध्यान कला सिद्धांत, कलात्मक प्रथाओं, संस्थागत आलोचना और विशेष रूप से सामाजिक और राजनीतिक आन्दोलनों और कला के सम्बन्ध और वियोग पर है.
34 घंटे के विशेष कार्य बल operation के बाद आदमी अटारी में मृत पाया गया
Bangkok का एक sex toy store कैसे महिलाओं के अधिकारों को मजबूत करना चाहता है
शनिवार, 11 नवंबर 2023
प्रवासन सलाहकार board के वार्षिक अनुदान में वृद्धि नहीं
Munich प्रवासन सलाहकार board का एकीकरण प्रकृति की परियोजनाओं, अभियानों और आयोजनों के लिए 160,000 Euro का वार्षिक budget है. इस तरह, प्रवासन सलाहकार board Munich में अन्तर-सांस्कृतिक संवाद और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व को बढ़ावा देता है. जो एक ओर हमें बहुत गौरवांवित करता है, लेकिन साथ ही हमारे लिए नई चुनौतियां भी प्रस्तुत करता है, क्योंकि 2023 के लिए नियोजित 160,000 Euro का वार्षिक budget August में लगभग पूरी तरह से समाप्त हो गया था. यह, अन्य बातों के अलावा वर्तमान मुद्रास्फीति के परिणाम-स्वरूप परियोजना लागत में वृद्धि के कारण है. प्रवासन सलाहकार board ने इस budget को कई गुना बढ़ाने का आह्वान किया है और सम्बन्धित प्रस्ताव तैयार किए हैं. लेकिन हमारे प्रयासों के बावजूद budget, जो आखिरी बार 2016 में बढ़ाया गया था, समायोजित नहीं किया गया है. प्रवासन सलाहकार board का उद्देश्य अधिक से अधिक संगठनों और संघों को उनकी परियोजनाओं के कार्यान्वयन में वित्तीय सहायता प्रदान करना है और इस प्रकार हमारे शहर में विविधता को मजबूत करना है. इस लिए प्रवासन सलाहकार board वार्षिक budget में वृद्धि के लिए अपना आह्वान दोहराएगा और 27 नवंबर, 2023 को अगली आम बैठक में एक और आवेदन प्रस्तुत करेगा.
https://migrationsbeirat-muenchen.de/downloads/pressemitteilungen/23-11-10-Pressemitteilung-Zuschuesse.pdfonline प्रदर्शनी: 100 साल पहले की फिल्में
Schwandorf city अभिलेखागार उन फिल्मों को इच्छुक जनता के सामने लाना चाहता है जो 100 साल पहले Schwandorf में दिखाई जाती थीं. इस परियोजना का विचार 2022 की गर्मियों में पूर्व Metropol cinema में "cinema इतिहास" विषय पर चली बेहद सफ़ल प्रदर्शनी के दौरान ही आया था. चूंकि हमारे पास अभी भी उस समय के दैनिक समाचार पत्र हैं, इस लिए उस समय की फिल्मों के विज्ञापनों को शीर्षक एवं अतिरिक्त जानकारी के साथ city archives website पर प्रकाशित किया जाएगा. तो एक नज़र डालें और पता लगाएं कि 100 साल पहले Schwandorf के लोग किन "classics" पर हंसते थे, सोचते थे या इस अपेक्षाकृत नए मनोरञ्जन विकल्प का आनन्द लेते थे.
क्या आपने कभी सोचा है कि आपके माता-पिता, दादा-दादी या परदादा-परदादा मनोरञ्जन के लिए कौन सी फिल्में देखा करते थे? उस समय कोई आरामदायक अस्बाब वाली कुर्सियां या Dolby surround sound नहीं थे. यहां तक कि रंगीन या ध्वनि वाली फिल्में भी ज़रूरी नहीं थीं. लेकिन Schwandorf के कई cinema-घरों में तब भी अच्छी दर्शक संख्या होती थी. फिल्में हमेशा कुछ दिनों तक चलती थीं, आम-तौर पर शाम को या सप्ताहांत पर. उस समय फिल्में दिल बहलाने का, रोजमर्रा की ज़िन्दगी से बदलाव, बात-चीत का विषय, चलचित्र में अपने सपनों को जीने का एक ज़रिया थीं. कुछ फिल्मों पर आज हम हंस सकते हैं, जैसे comedy "Der Weiberfresser" (A woman eater), लेकिन उस समय वे बहुत लोकप्रिय थीं. शायद उस समय लोग बेहद कठिन रोजमर्रा की ज़िन्दगी से बदलाव की तलाश में थे. विशेष रूप से वर्ष 1923 (अक्सर संकट के वर्ष के रूप में जाना जाता है) ने Germany और Schwandorf शहर के लोगों के लिए बड़ी चुनौतियां प्रस्तुत कीं. France ने Ruhr क्षेत्र को घेर लिया, जिस से इस क्षेत्र में उत्पादन लगभग पूरी तरह ठप्प हो गया. अत्यधिक मुद्रास्फीति ने छोटे कर्मचारियों को सब से अधिक प्रभावित किया. हर चीज़ अधिक महंगी हो गई. बचत का कोई फ़ायदा नहीं था. सरकार ने अक्सर हड़ताल करने वाले कर्मचारियों के वेतन का भुगतान करने के लिए बहुत सारे नोट छापे. नवंबर 1923 में Adolf Hitler और general Ludendorff ने सरकार को अपदस्थ घोषित कर दिया. पर तख्तापलट का प्रयास विफल हो गया और Hitler jail चला गया.
https://www.schwandorf.de/B%c3%bcrger-Stadt/Unsere-Stadt/Stadtarchiv
शुक्रवार, 10 नवंबर 2023
विज्ञान की नायिका - Vera Rubin
अमेरिकी खगोल-शास्त्री ने एक रहस्यमय पदार्थ की खोज की जो ब्रह्माण्ड का एक बड़ा हिस्सा है: dark matter
तारों को देखना सोने से कहीं अधिक रोमांचक है. Vera Rubin ने यह बात बहुत पहले ही जान ली थी. 1938 में, जब वह दस वर्ष की थी, वह और उस के यहूदी माता-पिता संयुक्त राज्य America की राजधानी Washington DC में एक नए घर में चले गए. वहां अटारी के नीचे उस का एक छोटा सा कमरा था. अपने बिस्तर से वह सीधे खिड़की से बाहर तारों से भरे आकाश को देख सकती थी. तब से वह रात में जाग कर सोचती रही कि ब्रह्माण्ड कैसे काम करता है. दिन के दौरान Vera Rubin ने खगोल विज्ञान के बारे में वह सब कुछ पढ़ा जो उस के हाथ आया. उस की मां ने उसे विशेष रूप से अनुमति दी ताकि वह पुस्तकालय के वयस्क अनुभाग से किताबें उधार ले सके. उनके पिता, जो एक electrical engineer के रूप में काम करते थे, ने उसे cardboard tube और एक lense से दूरबीन बनाने में मदद की. 1944 में उसने स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद एक महिला college, Vassar college में खगोल विज्ञान का अध्ययन किया. 19 साल की उम्र में अपनी पढ़ाई के दौरान ही उसने गणित के छात्र Robert Rubin से शादी कर ली. दोनों जीवन भर साथ रहे और उनके तीन बेटे और एक बेटी हुई. उस समय की आम प्रथा के विपरीत Vera Rubin बच्चों के साथ घर पर नहीं रहीं, बल्कि अपने पति की तरह ही विज्ञान के क्षेत्र में काम किया. पहले Washington विश्व-विद्यालय में, बाद में वहां के Carnegie institute में, जो अपने खगोलीय शोध के लिए प्रसिद्ध है. Rubin के लिए काम और परिवार के बीच सन्तुलन बनाना आसान नहीं था. यह केवल इस लिए सम्भव था क्योंकि दादा-दादी नाना-नानी बच्चों की देख-भाल में मदद करते थे. Vera Rubin अक्सर रात में काम करती थीं जब परिवार के बाक़ी लोग सो रहे होते थे. या जब बच्चे खेल रहे होते तो वह बीच-बीच में रसोई की मेज़ पर बैठ जाती. फिर उसने गणना की कि आकाश-गंगा में तारे कितनी तेज़ी से घूमते हैं. आकाश-गंगा अरबों तारों का एक संग्रह है, जो अक्सर केन्द्र में एक बिन्दु के चारों ओर चक्कर लगाते हैं. प्रकृति के नियमों के अनुसार जो तारे आकाश-गंगा के केन्द्र के करीब हैं, उन्हें सर्पिल भुजाओं के बिल्कुल बाहर वाले तारों की तुलना में तेज़ी से घूमना चाहिए. इसका सम्बन्ध गुरुत्वाकर्षण से है. पर 1970 के दशक में Vera Rubin ने पाया कि किसी आकाश-गंगा के बाहरी तारे भी उतनी ही तेज़ी से घूमते हैं, जितनी तेज़ी से आन्तरिक तारे घूमते हैं. यह वास्तव में असम्भव है. इतनी तेज गति से तारों को आकाश-गंगा से बाहर फेंकना चाहिए, मेले में हिण्डोले के समान. यह जितनी तेज़ी से घूमता है, सीटें उतनी ही ऊंची उड़ान भरती हैं. हिण्डोले पर ज़ंजीरें seats को उड़ने से रोकती हैं. लेकिन आकाश-गंगा में तारों को उनके स्थान पर कौन सी चीज़ रोक कर रखती है? यह कोई बहुत भारी वस्तु होनी चाहिए जिस में उच्च स्तर का आकर्षण हो, लेकिन साथ ही यह हमारी आंखों और मापने वाले उपकरणों के लिए पूरी तरह से अदृश्य हो. Swiss खगोल-शास्त्री Fritz Zwicky ने 1933 में ही ऐसे रहस्यमय अदृश्य द्रव्य-मान के बारे में लिखा था. उन्होंने इसे "dark matter" कहा क्योंकि यह ना तो प्रकाश उत्पन्न करता है और ना ही प्रकाश को प्रतिबिम्बित करता है. यह इसे दृश्यमान पदार्थ से अलग करता है, वह सामग्री जिस से तारे, ग्रह और हम बने हैं. Vera Rubin ने कल्पना की कि आकाश-गंगाएं बड़ी मात्रा में काले पदार्थ से ढकी हुई थीं और उन्होंने तारों को अपने गुरुत्वाकर्षण से अपनी जगह पर रोक रखा था. जब उन्होंने अपने सह-कर्मियों को इस के बारे में बताया, तो उन में से अधिकांश को सन्देह हुआ कि क्या यह सिद्धांत सच हो सकता है. क्योंकि इसका मतलब यह होगा कि खगोल विज्ञान ने अब तक ब्रह्माण्ड के केवल एक छोटे से हिस्से की ही जांच की होगी. अन्तरिक्ष में प्रकाश से कहीं अधिक अन्धकार है. यदि Vera Rubin सही थीं, तो यह अन्धेरा किसी चीज़ से नहीं, बल्कि एक अदृश्य पदार्थ से बना था, जिसे उनसे पहले के लगभग सभी शोधकर्ताओं ने नज़र-अन्दाज कर दिया था. आज, 40 से अधिक वर्षों के बाद हम जानते हैं कि Vera Rubin की गणना सही है: अन्तरिक्ष में दृश्य पदार्थ (5%) की तुलना में पांच गुना अधिक अदृश्य पदार्थ (27%) है. हालांकि, एक अन्य रहस्यमय घटक सब से बड़ा हिस्सा बनाता है: dark energy (68%). कोई नहीं जानता कि ये दोनों पदार्थ (dark matter, dark energy) किस से बने हैं. दुनिया भर के खगोल वैज्ञानिक इस पहेली को सुलझाने में लगे हुए हैं. Vera Rubin यह देखने के लिए जीवित नहीं हैं. 2016 में 88 वर्ष की आयु में उनकी मृत्यु हो गई. उनकी और उनकी उपलब्धियों की स्मृति में एक नई बड़ी दूरबीन का नाम उनके नाम पर रखा गया है. यह Chile के रेगिस्तान में बनाई जा रही है और 2024 में समाप्त होने वाली है जो अन्य चीज़ों के अलावा dark matter और dark energy की खोज करेगी.