मंगलवार, 26 दिसंबर 2023

पुराने mobile phones में दुर्लभ धातुएं

Germany में वर्तमान में लगभग 21 करोड़ पुराने cell phones घरों में बेकार पड़े हैं. cell phones में बहुत सारी मूल्यवान धातुएं होती हैं जिन का पुनर्चक्रण किया जा सकता है. इन अप्रयुक्त उपकरणों में 3356 टन लोहा, 1947 टन silicon, 1388 टन ताम्बा, 546 टन Nickel और 3.6 टन सोना, 400 kg Palladium, 100 kg Platinum शामिल हैं. साथ ही Neodymium जैसी कई दुर्लभ और विशेष धातुएं भी शामिल होती हैं. वे housing में, touchscreen में, screw, circuit board, cable, battery और speaker में, camera और vibration motor में मौजूद होती हैं. कुल मिला कर इन सामग्रियों की कीमत लगभग 24 करोड़ Euro है. पहली नज़र में यह बहुत ज़्यादा लगता है, लेकिन प्रति cell phone में केवल एक Euro से थोड़ा अधिक की धातुएं हो सकती हैं. फिर भी इनका पुनर्चक्रण किया जाना चाहिए. क्योंकि पुनर्चक्रण से खनन की तुलना में काफ़ी कम greenhouse gas उत्सर्जित होती है. और चूंकि Germany में अब शायद ही किसी धातु का खनन किया जाता है, इस लिए ये पुराने cell phones और भी मूल्यवान हो जाते हैं. एक टन पुराने cell phone में एक टन अयस्क की तुलना में लगभग 40 गुना अधिक सोना होता है; एक cell phone में 0.017 ग्राम सोने का मूल्य लगभग 80 cent है. विशुद्ध रूप से गणितीय शब्दों में Germany के पुराने cell phone से पुनर्नवीनीकृत धातुएं दस वर्षों तक नए smartphones बनाने के लिए पर्याप्त होंगी. लेकिन ऐसा करने के लिए सब से पहले उन्हें पुराने device से बाहर निकालना होगा. तथा-कथित एकीकृत smelters से लगभग 20 धातुएं निकाली जा सकती हैं. लेकिन Europe में ऐसे smelters अभी गिने चुने ही हैं. सरल प्रणालियों में electrolysis का उपयोग कर के केवल ताम्बा, सोना, चांदी, Palladium, Platinum और शायद Nickel जैसी कुछ मूल्यवान धातुएं निकाली जा सकती हैं. इस तरह 90% से भी अधिक मूल्य की धातुएं दोबारा प्राप्त की जा सकती हैं. पुनर्चक्रण की दक्षता को और बढ़ाने के लिए cell phones को अन्य छोटे विद्युत उपकरणों से अलग कर के संसाधित करना होगा. लेकिन इसे सार्थक बनाने के लिए सौंपे गए पुराने cell phone की संख्या में वृद्धि करनी होगी.

लेकिन क्या पुनर्नवीनीकृत कच्चे माल का वास्तव में दोबारा उपयोग किया जाता है? अधिक से अधिक cell phone निर्माता पर्यावरण तटस्थ बनने और पुन: उपयोग की जाने वाली सामग्रियों के अनुपात को बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं. उदाहरण के लिए, Apple पहले से ही iPhone 15 के नवीनतम model की battery में 100% पुनर्नवीनीकृत cobalt, charging port में सोना, solder और PCB coating में सोना और टिन का उपयोग करता है. cell phone के चुम्बक में केवल पुनर्चक्रित दुर्लभ धातुओं का उपयोग किया जाता है. कई उपकरणों में housing पूरी तरह से पुन: उपयोग किए गए aluminium से बनी होती है. Apple दुनिया के सब से बड़े smartphone निर्माताओं में से एक है और उस की बाज़ार हिस्सेदारी लगभग 20% है. 2022 में दुनिया भर में 40,000 टन से अधिक Apple उपकरणों का पुनर्चक्रण किया गया. विशेष रूप से design किए गए Daisy नामक robot iPhone को अलग करते हैं. ऐसा एक robot Austin (Texas) में है और एक Breda (Netherland) में. एक Daisy robot प्रति घंटे 200 iPhones को अलग कर सकता है, यानि एक साल में 12 लाख. इस तरह phones को तोड़ कर धातुएं निकालने की बजाए इस तरह के प्रारम्भिक कार्य से बेहतर recycling हो सकती है. Daisy द्वारा एकत्रित किए गए एक टन motherboard, तारों और camera module से Apple के recycling partner 2,000 टन से अधिक खनन किए गए अयस्कों के समान ही सोना और ताम्बा पुनर्प्राप्त कर सकते हैं. एक अनुमान के अनुसार 2019 से ले कर batteries से 11 टन से भी अधिक cobalt निकाला जा चुका है. आगे के विकास चरणों में निराकरण machines दुर्लभ धातुओं को बेहतर ढंग से पुनर्प्राप्त करने में मदद करेंगी. लेकिन अभी भी Daisy का उपयोग क्षमता के अनुसार नहीं किया जा रहा है, क्योंकि सभी ग्राहक iPhones को वापस नहीं कर रहे हैं. Germany में phones की return दर लगभग 45% है जो European संघ द्वारा निर्दिष्ट 65% से काफ़ी कम है. 

इस के अलावा ताम्बा, लोहा, steel और aluminium के उत्पादन के लिए बड़ी मात्रा में scrap का आयात किया जाता है. recycling कीमत में उतार-चढ़ाव, वितरण कठिनाइयों और चीन पर निर्भरता के खिलाफ़ एक महत्वपूर्ण तरीका है. तथा-कथित खनिज कच्चे माल के लिए German उद्योग काफ़ी हद तक सुदूर पूर्व पर निर्भर है. Germany में दुर्लभ धातुएं के आयात का दो तिहाई अकेले चीन से आता है. दुनिया भर में सभी aluminium और कच्चे इस्पात का आधा हिस्सा वहीं से आता है. लगातार पुनर्चक्रण कम से कम इन आर्थिक निर्भरताओं को कम कर सकता है.

एक smartphone में यह कच्चे माल होता है: 25% धातुएं (15% ताम्बा, 3% लोहा, 3% aluminium, 2% Nickel, 1% टिन, 1% अन्य दुर्लभ धातुएं और दुर्लभ मृदाएं), 16% कांच और चीनी मिट्टी की चीज़ें, 56% plastic, 3% अन्य.