रविवार, 3 दिसंबर 2023

भारत से फ़ारस का BC तक का संक्षेप इतिहास

Mesopotamia के पूर्व में, आज के ईरान, अफ़गानिस्तान, पाकिस्तान और भारत के क्षेत्र में, ईसाई-पूर्व काल में प्रारम्भिक उन्नत संस्कृतियां, महान साम्राज्य और कई धर्म विकसित हुए जो आज भी मौजूद हैं.

2600 BC और 1900 BC के बीच लगभग 40,000 निवासियों वाले मोहनजो-दारो और हड़प्पा जैसे बड़े शहर सिंधु घाटी में उभरे. वे Mesopotamia तक माल का व्यापार करते थे.

सिंधु घाटी आज के पाकिस्तान में सिंधु नामक एक विशाल नदी के आस पास का इलाका है. वहां 2600 BC के आस-पास एक रोमांचक उन्नत सभ्यता विकसित हुई, जिस के बारे में आज बहुत से लोग नहीं जानते. यह सिंधु सभ्यता लगभग 700 वर्षों तक चली. इसका साम्राज्य प्राचीन मिस्र और Mesopotamia के संयुक्त साम्राज्य से भी बड़ा था. सिंधु संस्कृति के लोगों ने शहरों का निर्माण किया, उनकी अपनी एक लिखित प्रणाली यानि लिपि थी, और वे कृषि और लम्बी दूरी का व्यापार करते थे. वे कुम्हार के चाक पर चीनी मिट्टी के बरतनों का उत्पादन करते थे, कपडों की बुनाई और रंगाई करते थे, धातु का प्रसंस्करण करते थे और Carnelian और Lapis lazuli रत्नों से गहने बनाते थे. Carnelian नामक लाल पत्थर को रेखाओं से सजा कर आभूषणों में संसाधित किया जाता था. सिंधु लोग साबुन के पत्थर पर जानवरों और अक्षरों को उकेरते थे और इन पत्थरों का इस्तेमाल मोहरों के रूप में करते थे.

सिंधु संस्कृति के लोगों के शहर New York जैसे दिखते थे. गगनचुम्बी इमारतों के कारण नहीं, बल्कि समकोण पर बनी सड़कों के कारण. घर मिट्टी की ईंटों से बने होते थे जिन में कई कमरे होते थे और लगभग हमेशा उनका अपना स्नानघर होता था. हर जगह पानी के कूंए थे और पानी की नालियों से ताज़ा और साफ़ पानी बहता था. शौचालय भी थे जिन का मल एक नाले के माध्यम से बहता था. दुर्गन्ध को फैलने से रोकने के लिए नालों को ढक दिया जाता था. नहाने के लिए तालाब भी हुआ करते थे. इस तरह पानी की नालियों और swimming pool का अविष्कार रोम में नहीं बल्कि सिंधु सभ्यता में हुआ. रोम में उस समय केवल बकरियों की चिरागाहें हुआ करती थीं. 

पाकिस्तान में खोदे गए मोहनजो-दारो शहर में 4,000 साल से अधिक पुराना एक पकी हुई ईंटों का तालाब है, जिस का आकार लगभग 12 गुणा 7 meter और 2.5 meter गहरा है. पानी के रिसाव को रोकने के लिए इसे अन्दर से सील किया गया है. इस में दो तरफ़ सीढ़ियां हैं. लेकिन दुनिया के ये पहले swimming pool शायद मनोरञ्जन के लिए कम और धार्मिक शुद्धि के लिए ज़्यादा थे.

लेकिन कुछ चीज़ें ऐसी हैं जिन के बारे में शोध-कर्ता अभी भी अन्धेरे में हैं. सिंधु सभ्यता का उदय कैसे हुआ और इसका पतन क्यों हुआ? उदाहरण के लिए, आप नहीं जानते कि उस समय प्रभारी कौन था. वहां कोई बड़े महल नहीं हैं, कोई समृद्ध कब्रें नहीं हैं, ना ही कोई हथियार हैं और ना ही सेना का कोई सबूत है. हम उनकी भाषा नहीं जानते और उनकी लिखावट अभी भी समझी नहीं जा सकी है.

इस के विपरीत साबुन का अविष्कार सम्भवत: सिंधु लोगों ने नहीं, बल्कि Mesopotamia के लोगों ने किया. पौधे की राख और तेल से साबुन बनाने का नुस्खा लगभग 2500 BC के एक Cuneiform tablet पर पाया गया. 

1500 से 600 BC के दौरान ईरानी आर्य जातीय समूह ने भारत पर आक्रमण किया. वे लोग गंगा नदी तक फैल गए और राज्य स्थापित किए. लोगों को चार वर्गों में बांटा गया, जिन्हें जातियां कहा गया : 1. पुजारी, 2. कुलीन और सैनिक, 3. किसान और व्यापारी, 4. नौकर और दास. जातियों के बाहर अछूत थे जिन्हें परिया कहा जाता था.

550 से 330 BC के दौरान महान कहे जाने वाले फ़ारसी राजा Cyrus द्वितीय ने फ़ारस (आज का ईरान) को एक महान साम्राज्य में विस्तारित किया. 539 BC उसने Babylon पर विजय प्राप्त की और पकड़े गए इस्राएलियों को उनकी भूमि पर लौटने की अनुमति दी. उस के उत्तराधिकारियों के फ़ारसी युद्धों के माध्यम से, फ़ारस Greece से आज के तुर्की और Mesopotamia से होते हुए भारत और दक्षिण से उत्तरी Africa तक फैल गया.

फ़ारसी साम्राज्य लगभग 200 वर्षों तक अस्तित्व में रहा. आज के ईरान में Persepolis और Susa जैसे शहर इसकी समृद्धि को दर्शाते हैं. राजा Darius प्रथम द्वारा 518 BC में स्थापित Persepolis में, विशाल महल, hall और एक खज़ाना बनाया गया. Susa का शाही शहर भी भव्य रूप से सुसज्जित था. इस के महलों को रक्षकों और विभिन्न जानवरों को चित्रित करने वाली रंगीन चमकदार tiles से सजाया गया था. जब सिकन्दर महान ने 331 BC में Susa पर विजय प्राप्त की, तो उसे अपने सामान के परिवहन के लिए हज़ारों ऊंटों और गधों की आवश्यकता थी. Susa आज भी मौजूद है और दुनिया के सब से पुराने स्थायी रूप से बसे शहरों में से एक है.

800 BC से भारत में हिन्दू धर्म का प्रसार शुरू हुआ. हिन्दू नाम सिंधु नदी से आया. विश्व धर्म हिन्दू धर्म का आधार पवित्र ग्रन्थ, तथा-कथित वेद हैं. वे धार्मिक प्रथाओं और लोगों के एक साथ रहने के तरीके को नियन्त्रित करते हैं. पुजारी, जिन्हें ब्राह्मण कहा जाता है, यह सुनिश्चित करते हैं कि उनका पालन किया जाए. महत्वपूर्ण देवता विष्णु, शिव और ब्रह्मा हैं. उन्हें और लोगों के पूर्वजों को बलिदान चढ़ाया जाता है. ये अक्सर खाद्य पदार्थ होते हैं. हिन्दू लोग आत्मा के दूसरे शरीर में पुनर्जन्म में विश्वास करते हैं. धर्म में ध्यान और योग जैसे मानसिक और शारीरिक व्यायाम शामिल हैं.

लगभग 450 से 370 BC बौद्ध धर्म की स्थापना करने वाले पहले बुद्ध गौतम सिद्धार्थ भारत में रहे. भारत में ब्राह्मी लिपि का उदय हुआ, जो आज भारत और दक्षिण पूर्व Asia में मौजूद कई लिपियों की अग्रदूत है. 334 और 325 BC के दौरान सिकन्दर महान ने फ़ारसी साम्राज्य और राजधानी Persepolis को नष्ट कर दिया. उस की सेना भारत पहुंची. 

321 और 185 BC के मध्य पहला भारतीय साम्राज्य उत्तरी भारत में स्थापित हुआ. इसका विस्तार पाकिस्तान और अफ़गानिस्तान तक था. राजा अशोक ने 272 से 231 BC तक उत्तरी और मध्य भारत में एक विशाल साम्राज्य स्थापित किया. उसने बौद्ध धर्म का प्रचार किया. भारत की सब से पुरानी इमारतों में से एक सांची का महान धार्मिक स्तूप मध्य प्रदेश में बनाया गया. बौद्ध धर्म में देवताओं की पूजा नहीं की जाती. यह विश्व धर्म प्रथम बुद्ध सिद्धार्थ गौतम की शिक्षाओं पर केन्द्रित है. यह जीवन में लालच, घृणा और अज्ञानता से बचते हुए तथा-कथित मध्य मार्ग खोजने के बारे में है. अच्छे, अनुकरणीय व्यवहार और सभी जीवित प्राणियों के प्रति करुणा के माध्यम से, बौद्धों को दुख से बचना चाहिए और सर्व-व्यापी ज्ञान प्राप्त करना चाहिए. इसका लक्ष्य निर्वाण यानि आत्मज्ञान: है, यानि सभी अपूर्णताओं पर काबू पाना.

200 BC के आस पास दक्षिण भारत में तीन साम्राज्य स्थापित हुए. Bactrian और Parthian के ईरानी जातीय समूहों ने भारत पर आक्रमण किया. 100 BC के आस पास बौद्ध धर्म पूरे Asia में फैला हुआ था. यूनानियों और खानाबदोश जनजातियों ने भारत पर आक्रमण किया.