सोमवार, 18 दिसंबर 2023

क्या मुर्गे खुद को आईने में पहचानते हैं?

व्यवहार जीव-विज्ञान
Bonn विश्व-विद्यालय के शोध-कर्ताओं को इस बात के प्रमाण मिले हैं कि मुर्गे खुद को दर्पण में पहचान सकते हैं. महत्वपूर्ण बात यह है कि ऐसी प्रायोगिक स्थितियां बनाई जाएं जो उनके प्रकार के अनुरूप हों. दर्पण परीक्षण यह पता लगाने का एक मानक है कि जानवरों में आत्म-जागरुकता है या नहीं. आम-तौर पर, जानवर के शरीर पर एक रंगीन धब्बा लगाया जाता है और उस के सामने एक दर्पण रखा जाता है. यदि अब वह अपने शरीर पर चिन्हित क्षेत्र की जांच करता है, तो इसे इस बात का प्रमाण माना जाता है कि उसने खुद को पहचान लिया है. chimpanzee, dolphin और मैगपाई के विपरीत, मुर्गे हमेशा ऐसे परीक्षणों में विफ़ल रहे हैं.

लेकिन Bonn के लोगों ने अपने मुर्गों को चिन्हित नहीं किया, बल्कि छत पर शिकारी पक्षी की छवि बनाई. इस के पीछे का विचार: मुर्गे ऐसे खतरे की चेतावनी देने के लिए विशेष आवाज़ों का उपयोग करते हैं. हालांकि, केवल तभी जब आस-पास अन्य जानवर हों. यदि वे अकेले हैं, तो वे अपनी चोंच को बन्द रखते हैं ताकि शिकारी पक्षी सचेत न हों. 58 परीक्षण मुर्गों में से अधिकांश तब चिल्लाए जब कोई अन्य मुर्गा पास में था, लेकिन तब चुप रहे जब यह माना गया कि दूसरा मुर्गा सिर्फ़ उनका प्रतिबिम्ब है. तो आखिरकार वे सम्भवत: स्वयं को पहचानते हैं.