गुरुवार, 6 अगस्त 2020

बादशाह - Hindi Movie (1998)

180810
1999 की film बादशाह मेंने देखी नहीं मैं इसे एक action film समझता था। youtube पर by chance इस film के कुछ comedy clips देखने के बाद पता चला कि यह एक comedy film है। इस video में भी यही बताया गया है कि इस film के flop होने का मुख्य कारण यही था कि इसे एक action film की तरह market किया गया था। लोग action देखने गए और उन्हें comedy देखने को मिली। वैसे भी वे अब्बास मुस्तान से action की उम्मीद कर रहे थे। लेकिन मेरे ख्याल से शाहरुख जैसी comedy कोई नहीं कर सकता। उन के लिए ख़ास तौर पर comedy लिखे जाना ज़रूरी नहीं। वे किसी भी scene को comedy बना सकते हैं।

सोमवार, 27 जुलाई 2020

संजू

करीब एक महीना पहले youtube पर KRK का review देख कर लगा कि संजू film ख़ास अच्छी नहीं होगी। पर film देख कर लगा कि KRK ठीक आदमी नहीं है। क्योंकि उस ने review में केवल इतना ही कहा कि film संजय दत्त को निर्दोष साबित करने का propaganda है। जब कि film में दिखाया गया है कि अदालत में संजय दत्त बकायदा निर्दोष पाए गए हैं। लेकिन इस बात को media ने highlight नहीं किया क्योंकि इस में किसी का फ़ायदा नहीं था।

जो संजय दत्त के बारे में नहीं जानता, उसे film देख कर यह नहीं लगेगा कि यह किसी जीवित व्यक्ति पर आधारित है। क्योंकि पुरानी फ़िल्मों से कम से कम reference लिया गया है और पुराने किरदारों में से केवल मुन्ना भाई MBBS का circuit दिखाया गया है वह भी केवल एक सैकेंड के लिए। Rocky के गाने 'क्या यही प्यार है' की shooting में टीना मुनीम की जगह एक spot boy को देख कर संजय दत्त (रणबीर कपूर) गाता है, जिस समय उस का नशीली दवाओं का दौर चल रहा था और वह अभिनेता बनने के लिए अभी परिपक्व और गंभीर नहीं था। अभिनय उस पर थोपा जा रहा था। ऊपर से उस की पहली film Rocky के release होने से ठीक तीन दिन पहले उस की मां का गुज़र जाना उसे नशीली दवाओं की गर्त में और गहरा ले गया। इसी कारण संजय दत्त अपनी प्रेमिका के साथ शादी भी नहीं कर पाया। उस का यह दौर बड़ी ईमानदारी के साथ दिखाया गया है। असली समस्या तब शुरु हुई जब सुनील दत्त राजनीति में उतरे। उन्हें चारों तरफ़ से धमकियां मिलने लगीं। लेकिन पारिवारिक समस्याओं का दोष सुनील दत्त को कोई नहीं देगा। सब संजय दत्त को ही दोष देंगे। film लोगों के मन से यह धारणा बिल्कुल हटा देगी कि संजय दत्त का आतंकवाद से कोई लेना देना था। AK-56 उस ने अपने परिवार की रक्षा के लिए रखी थी क्योंकि पिता की राजनैतिक गतिविधियों के कारण उन के समूचे परिवार पर ख़तरा बहुत बढ़ गया था। लेकिन सुनील दत्त पर कोई उंगली नहीं उठाएगा। आख़िर एक अभिनेता को राजनीति में उतरने की क्या ज़रूरत होती है? केवल इस लिए कि उसे लगता है वह अपनी लोकप्रियता को भुना पाएगा? मेरे ख्याल से राजनेता बनने के लिए बिल्कुल अलग तरह का दिल-ओ-दिमाग चाहिए होता है। media की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाया गया है। media किसी पर भी कीचड़ उछालने से कतराता नहीं है। headline में कोई भी मनगढंत इल्ज़ाम लगा कर लोगों की इज़्ज़त उतारता है और अन्त में question mark लगा कर पल्ला झाड़ लेता है। पाठक उस समाचार को विस्तार से पढ़े बिना headline के इल्ज़ाम को मन ही मन सच मान बैठते हैं। यह film हर उम्र के दर्शकों को पसन्द आ रही है। इस लिए आश्चर्य नहीं, होना चाहिए कि यह film अच्छी कमाई कर रही है।

लेकिन एक अन्य video ने संजू film के कई अन्य पहलूओं पर दोबारा सोचने पर मजबूर किया। उस में कहा गया है कि राजकुमार हिरानी और विधु विनोद चोपड़ा ने मुन्ना भाई 3 के आने से पहले बड़ी सफ़ाई से संजय दत्त की छवि साफ़ करने की कोशिश की है। film के शुरू में दिखाया गया है कि संजय दत्त ख़ुद की गांधी के साथ तुलना नहीं करना चाहता जब कि एक बार संजय दत्त ने ख़ुद ही 'आप की अदालत' में ख़ुद को film industry का गांधी कहा था। मैंने youtube पर संजय दत्त को एक आयोजन में यह कहते हुए भी देखा है कि उसे बन्दूकों से प्यार है। वह शहर से दो तीन सौ किलोमीटर दूर जा कर यह बन्दूक इस्तेमाल करना चाहता था। इस लिए उस ने यह बन्दूक रख ली। जब कि संजू film में यह दिखाया गया है कि बन्दूक उस ने अपने परिवार की रक्षा के लिए रखी थी। मुझे भी यह लगता है कि जब तक कोई बन्दूकों का इस्तेमाल अच्छी तरह से ना जानता हो, वह इतनी बड़ी बन्दूक रखने की हिम्मत नहीं करेगा। इस video की एक और बात से मैं सहमत हूं, कि जब संजय दत्त अपनी पत्नी मान्यता के सामने Winnie Dias (अनुष्का शरमा) को बताता है कि वह करीब 350 लड़कियों के साथ सो चुका है, तो अनुष्का का reaction बेहद बेहूदा था, एक लेखक होने का नाते। video के अनुसार विधू विनोद चोपड़ा की पत्नी अनुपमा चोपड़ा ने भी अपने channel पर इस film का review नहीं डाला। शायद वह इस झमेले से दूर रहना चाहती हो। video के अनुसार 1993 के मुम्बई बम धमाके दाऊद द्वारा करवाए गए थे जब कि film में उन का रिश्ता एक हिन्दू gang के साथ जोड़ा गया है जो दत्त को गणपति विसर्जन पर न्यौता देता है। हिरानी ने पहले भी PK film में हिन्दूओं और हिन्दू देवताओं का मज़ाक उड़ाया है। तो हिरानी क्या सचमुच Hindu phobic और spineless है? क्योंकि उस में समाज के असली खलनायकों के विरुद्ध बोलने की हिम्मत नहीं है। video में एक साक्षात्कार में ऋषि कपूर को यह कहते हुए भी दिखाया गया कि वह दाऊद साहब का phone आने पर कितना ख़ुश था। वही दाऊद साहब जिन्होंने हज़ारों लोगों को मारा। ऐसे ही कितने celebrities भारत को intolerant बताते हैं और दाऊद जैसों के पैर धो कर पानी पीते हैं। इसी समय पर परमाणु film भी आई जिस में भारत की एक परमाणु महाशक्ति बनने की दास्तान थी। लेकिन यह film कब आई कब गई किसी को पता भी नहीं चला। संजू ने तीन ही दिन में सवा सौ करोड़ कमाए जब कि परमाणु ने कुल मिला कर पैंसठ करोड़ कमाए।

बुधवार, 15 जुलाई 2020

Bollywood Rock on Show

2008. Hamburg, Frankfurt और Munich में हुए Bollywood Rock on Show को औसतन दर्ज़े की सफ़लता ही मिली। अपने ज़माने में हिन्दी और पंजाबी films के hero रह चुके रमन खन्ना की company 'Sangini Entertainment' के द्वारा गायन, नृत्य और वादन के क्षेत्रों में भारत से उभरते हुए 18 कलाकारों ने इस शो में अपनी प्रतिभा दिखाई। सारेगामापा 2009 की finalist प्रतिभा बघेल और Indian Idol 4th finalist भानू प्रताप ने karaoke पर कई filmy गाने गाए। जानी मानी कथक नर्तकी 'अदिति भागवत' ने कई सारे नृत्य पेश किए। उस्ताद ज़ाकिर हुसैन के भानजे फैज़ान हुसैन ने ढोलक पर अपनी लाजवाब कला दिखाई। इनके अलावा बहुत सारे हिन्दी filmy गीतों पर अनेक कलाकारों द्वारा choreographies प्रस्तुत की गईं। इन में से एक शीतल नाम की कलाकार भी थीं, जो अनेक TV धारावाहिकों में काम कर रही हैं, जैसे सोनी TV पर चलनी वाली silent comedy 'गुटरगूं' और 'भूत वाला सीreal' आदि। कई प्रायोजकों का कहना है कि अच्छी प्रतिभाओं के बावजूद शो के सफ़ल ना हो पाने का कारण शायद विज्ञापन के लिए पर्याप्त समय ना मिल पाना है। Hamburg के दोस्ताना बाज़ार से सुनीलः 'हमें विज्ञापन के लिए केवल एक सप्ताह मिला था। इस लिए कम लोग आए। पर शो बेहतरीन था।' शो की tickets भी भारतीय public के लिए महंगी थी। यह शो किसी कहानी के रूप में नहीं, बल्कि एक के बाद एक नृत्य, गायन या वादन प्रदर्शनों के रूप में प्रस्तुत किया गया। Munich की Indien Institut से Armin B. Meyer का मानना था कि यह बहुत विकसित कला प्रदर्शन है, पर इसकी marketing ठीक से नहीं हो पाई। वे रातों रात ढेर सारे flyer छाप कर सभी metro stations पर बांटने के पक्ष में थे ताकि अगले दिन वाला आखरी शो सफ़ल हो सके।

गुरुवार, 9 जुलाई 2020

आखिर खुल गया दक्षिण भारतीय रेस्त्रां


At last, the long awaited south Indian restaurant has opened in Munich to serve Masala Dosa, Idli, Uttapam and many more south Indian dishes. There has been a dearth of south Indian food in Germany. North Indian food has traditionally been representing the Indian food. Time to break monotony and add up spice. Good news especially for south Indians but also for other people.

भारतीय खाने के नाम पर विदेशों में मुगलाई खाना ही प्रसिद्ध है। शाही पनीर, चिकन बादामी आदि तो सभी को पता है। पर दक्षिण भारत की विलक्षण रसोई को बहुत कम लोग जानते हैं। म्युनिक में मसाला डोसा, इडली, उत्तपम आदि की कमी भारतीयों को भी बहुत देर से खल रही थी जो अब पूरी हो गई है। Prinzregentenplatz के पास ही 1 जनवरी से म्युनिक का पहला दक्षिण भारतीय रेस्त्रां खुला है जिसका नाम है 'केरला'। यहां व्यंजनों से लेकर साज सज्जा, वातावरण पूर्ण रूप से दक्षिण भारत का प्रतिनिधित्व करता है। चेन्नई से गणेष और कृष्ण की खास तौर से लायी गई मूर्तियां और चित्र, केले और नारियल के पेड़, मेज़ों पर पीतल की कटोरी में पानी में तैरता गुलाब, प्रवेशद्वार पर बड़े से पीतल के बर्तन में पानी में तैरती गुलाब की पंखुड़ियां, दक्षिण भारत से पांच सितारा होटलों में अनुभव वाले खास तौर पर आमन्त्रित किये गये रसोइयों द्वारा तैयार किये गये सांबर डोसा, इडली रसम, उत्तपम और अन्य ढेर सारे व्यंजनों को खाकर आप अंगुलियां चाटते रह जायेंगे। रेस्त्रां की ओर से इकबाल कहते हैं कि इस रेस्त्रां में आपको उत्तर भारत की तनिक भी झलक नहीं मिलेगी। यहां पहुंचना भी बहुत आसान है, U4 Prinzregentenplatz, Bus 100 / Tram 18 Friedensengel यहां से चन्द मिनटों की पैदल दूरी पर हैं। रेस्त्रां इतना बड़ा है कि आप अन्दर डेढ सौ लोगों तक की पार्टी भी आयोजित कर सकते हैं। गर्मियों में बाहर अलग से करीब सौ लोगों के बैठने की जगह है। एक बार आज़माईये।

http://www.kerala-restaurant.de/

अपाहिज व्यक्तियों के लिए कानून

Tax saving tips for handicapped or chronically suffering people in Germany.

क्या आप या आपके परिवार का कोई सदस्य अपाहिज है या लंबे समय से बीमार है या उसको कोई रोग है या आपके बच्चे को कोई स्वास्थ्य-सम्बंधित तकलीफ़ है तो यह सूचना आपके लिए टैक्स सम्बंधित बहुत लाभकारी हो सकती है।

ਜਰਮਨੀ ਵਿੱਚ ਅਪਾਹਿਜ ਅਤੇ ਲੰਬੇ ਸਮੇਂ ਤੋਂ ਬੀਮਾਰ ਲੋਕ ਟੇਕਸ ਤੋਂ ਕਈ ਤਰਾਂ ਦੀ ਛੁੱਟ ਪਾ ਸਕਦੇ ਹਨ. ਪੜੋ ਵੇਰਵਾ.

शारीरिक, मानसिक और आत्मिक अक्षमता

जर्मनी की सामाजिक नियमावली की धारा 2 के पैरा 1(§2 Abs. 1 SGB IX) अनुसार कोई व्यक्ति तब अपाहिज कहलाया जाता है, „जब उसकी शारीरिक क्षमता, मानसिक योग्यता और आत्मिक तन्दुरूस्ती में उसकी उमर के लोगों की सामान्य दशा से छ महीने से अधिक का अन्तर हो और इस कारण वह समाजिक जीवन में भाग लेने में अशक्त हों“। धारा 2 के पैरा 2 (§2 Abs. 2 SGB IX) अनुसार वे लोग अति-अपाहिज माने जाते हैं जिनको अपाहिज केन्द्रों (Versorgungsamt) द्वारा अपाहिजता श्रेणी (Grad der Behinderung, GdB) कम से कम 50% प्रदान की गई है, इसका मतलब है कि उनकी शारीरिक क्षमता, मानसिक योग्यता और आत्मिक तन्दुरूस्ती उस उमर के सामान्य लोगों 50% कम है। इस प्रकार अपाहिज लोगों को सरकार द्वारा कई विशेष अधिकार प्रदान किए गये हैं जिनसे उनकी अपाहिजता की क्षति का नौकरी या समाजिक जीवन में सन्तुलन किया जा सके। इसके अतिरिक्त अपाहिज-कार्ड (Behindertenausweis) में लगे विशेष चिन्हों (Merkzeichen) द्वारा पता चल सकता है कि उस व्यक्ति को किस प्रकार की अक्षमता है और किस प्रकार के लाभ मिल सकते है, जैसे कार-पार्किंग में या टैक्स भरने में छूट।

अपाहिज-कार्ड क्या होता है?

यह कार्ड आपको तब मिल सकता है अगर आप छ महीने से अधिक किसी रोग से पीड़ित हैं और उस रोग के कारण आप समाजिक जीवन और रोज़मर्रा के कार्य पूरे करने में अक्षम है।

इस कार्ड के क्या लाभ हैं?

अगर अपाहिज केन्द्र (Versorgungsamt) द्वारा आपकी रोग-संबधित अक्षमता 50% सिद्ध की गई है तो आपको निम्नलिखित सहूलियतें प्रदान हो सकती हैं:
  • टैक्स भरने में छूट
  • सार्वजनिक परिवहन में किराये से छूट /रियायत
  • रहने के मकान पर रियायत
  • कार्य-स्थल पर अपाहिज कानून द्वारा व्यवसाय में सहूलते
यह कार्ड इस बात का कानूनी सबूत है कि आप अपाहिज हैं और किसी रोग से पीड़ित हैं। अपाहिजता श्रेणी (Grad der Behinderung, GdB) से अपाहिजता का अनुमान लगाया जा सकता है।

अपाहिज-कार्ड में उपलब्ध विशेष चिन्ह (Merkzeichen)

aG का अर्थ है चलने में असामान्य कठिनता Bl का अर्थ है अंधा G का अर्थ है चलने में कठिनता GI का अर्थ है बहरा H का अर्थ है सहायता की आवश्यकता है B का अर्थ है सदा कोई साथ होना चाहिए RF का अर्थ है रेडियो और टीवी शुल्क से छूट

विशेष चिन्हों द्वारा असुविधा का सन्तुलन


  • BI, H, aG: कार-टैक्स (Befreiung von Kfz Steuer) की छूट और कार-बीमा (Beitragsnachlass bei Kfz-Haftpflicht) में रियायत
  • G, aG, H, Bl: परिवहन साधनों के किराये में छूट (Freifahrtberechtigung im öffentlichen Nahverkehr)
  • G: नौकरी-स्थल पर पहुंचने के लिए या रोग सम्बंधित यात्रा के लिए हर कि.मी. के लिए पैसे मिल सकते हैं (Kfz-Kosten)
  • B: इस चिन्ह के साथ अपाहिज व्यक्ति किसी को परिवहन साधनों में (बस, ट्रैम, एस-बॉन) अपने साथ निशुल्क ले जा सकता है। कई एयरलाइने जैसे लुफ़्थांज़ा अपाहिज के साथ जाने वाले यात्री (Begleitperson) को निशुल्क ले जाते है, वैसे ही जर्मन रेल में (Deutsche Bahn) में भी साथ जाने वाले यात्री (Begleitperson) बिना किराया भरे साथ जा सकते है।
अधिकतर अपाहिज व्यक्ति भी घर से 50 किमी तक की दूरी तक यात्रा बिना किराये से की जा सकती है। इसके लिए कार्ड जारी करने वाले अपाहिज केन्द्र (Versorgungsamt) द्वारा सार्वजनिक परिवहन में सफ़र करने के लिए एक कूपन (Wertmarke für Freifahrt) जारी किया जाता है जिससे आप मुफ़्त में या थोड़े पसों से सफ़र कर सकते हैं। या कार होने पर € 0.30 / किमी के लिए प्रदान किए जाते है। बिना सबूत पेश किए 3000 km तक टैक्स ऑफ़िस से स्वीकार किया जाता है, इसका मतलब है कि साल में 3000 km x e 0.30 = € 900,- छूट मिल सकती है। साल में 3000 km से अधिक होने पर आपको सबूत देना होगा कि यात्रा रोगी के साथ की गई और इसके लिए कापी (Fahrtenbuch) में हर यात्रा आरम्भ करने से पहले और उसके अन्त में कि. मी. लिखने होंगे और यात्रा का कारण लिखना होगा। यह कि. मी. लिखने की कापी (Fahrtenbuch) आप किसी भी कापी की दुकान में खरीद सकते हैं। अगर रोगी या अपाहिज व्यक्ति किसी म्यूजियम, सिनेमा या अन्य सांस्कृतिक स्थल में जाना चाहे तो अधिकतर साथ जाने वाले की टिकट मुफ़्त होती है। ध्यान रहे कि टिकट काउंटर पर यह पूछना न भूले।RF रेडियो और टीवी की फ़ीस न भरने के लिए समाज-कल्याण कार्यालय (Sozialamt) में जाकर फ़ार्म ले आयें और इसे भर के भेज दें।टेलीकॉम (Telekom) से फ़ोन के बिल में भी रियायत पाने की अर्जी करना न भूले।

अपाहिज को नौकरी से नोटिस देने में कानूनी बाधा

इस नियमावली का महत्वपूर्ण तत्व यह है कि किसी को उसकी अक्षमता के कारण नौकरी से नोटिस नही दिया जा सकता। पर ध्यान रहे: शारीरिक, मानसिक और आत्मिक अक्षमता के कारण नौकरी मिलना भी कोई आसान बात नही। अधिकतर कंपनियों के मालिक अपाहिज व्यक्ति को नौकरी देने से हिचकाते हैं और अपाहिज को नौकरी पर न रखने के कारण सरकार द्वारा लगाया कानूनी कर भरने को तैयार होते हैं।

ओवर-टाइम

अगर अपाहिज व्यक्ति अपनी बीमारी के कारण ओवर-टाइम पर काम नही कर सकते तो वे इस बारे में अर्जी कर सकते है तथा उन्हें ओवर-टाइम पर नही लगाया जा सकता।

वार्षिक अवकाश

अपाहिज कर्मचारी को सालाना अवकाश के 5 दिन अधिक मिलते हैं।

टैक्स कटौती में रियायत (Steuerermäßigung bei Behinderung)

अर्जी करने पर अपाहिज व्यक्ति को आय-कर दफ़्तर (Finanzamt) से टैक्स भरने में काफ़ी छूट की जाती है। वह बीमारी सम्बंधित अधिकतर खर्च टैक्स में से कटवा सकते है। कटौती करने की अनुमित रकम को आयकर-कार्ड (Lohnsteuerkarte) में दर्जित करवाया जा सकता है। अपाहिजता की फ़ीसदी अनुसार रियायत होगी।

विशेष चिन्ह (Merkzeichen)

अपाहिजता की फ़ीसदी के साथ-साथ आप अपाहिज केन्द्र (Versorgungsamt) में अर्जी कर सकते हैं कि आपको अपाहिज-कार्ड पर विशेष चिन्ह भी लगा कर दिए जायें। कौन से विशेष चिन्ह का आपको अधिकार है यह आपकी बीमारी और अपाहिजता की फ़ीसदी (Grad der Behinderung) पर निर्भर करता है। बच्चों के लिए यहां विशेष नियम लागू हैं।

बच्चों के लिए विशेष नियम

बच्चों के लिए H और B के चिन्ह बहुत महत्वपूर्ण हैं। यह चिन्ह बच्चों को तब दिए जाते है अगर बच्चे बिना सहायता से रोज़मर्रा के कार्य पूरा करने में अक्षम हैं।

आय-कर में कटौती (Pauschalbetrag - Außergewöhnliche Belastung)

अपाहिज बच्चे के लिए माता-पिता को आय-कर भरने में बहुत छूट मिलती है। H चिन्ह पाने से माता-पिता वार्षिक कर की रकम से 3700,- यूरो की कटौती कर सकते हैं।G, aG और H चिन्ह पाने से माता-पिता बच्चे के साथ किए हर सफ़र पर आय-कर में से 0.30 यूरो/कि.मी. कटवा सकते हैं, चाहे बच्चे को डाक्टर, स्कूल, अस्पताल, छुट्टीयों आदि में ले जाना हो।इसके अतिरिक्त अपाहिजता की फ़ीसदी (Grad der Behinderung, GdB) अनुसार नीचे लिखी रकमों की छूट (Pauschalbetrag) मिल सकती है: 25% - 30% € 310,- 35% - 40% € 430,- 45% - 50% € 570,- 55% - 60% € 720,- 65% - 70% € 990,- 75% - 80% € 1060,- 85% - 90% € 1230,- 95% - 100% € 1420,- विशेष चिन्ह H और Bl होने पर € 3700,- की रकम टैक्स में से रियायत दी जाती है। अगर आपके टैक्स की रकम इस से कम है तो बाकी बची रकम आपको टैक्स ऑफ़िस (Finanzamt) से वापिस दी जाई है इसका मतलब है कि आपको अपाहिज्ता के कारण टैक्स रिटर्न करने के बाद राशि वापिस मिल सकती है। इसलिए ध्यान रहे कि परिवार के किसी भी सदस्य को कोई रोग है तो सब से पहले अपाहिज-कार्ड (Behindertenausweis) बनवाने की अर्जी करें। कार्ड मिलने पर टैक्स ऑफ़िस (Finanzamt) से पूछ कर आप आय-कर-टैक्स कार्ड (Lohnsteuerkarte) में अपाहिजता की फ़ीसदी अनुसार कर-मुक्त करने की रकम दर्ज करवा सकते है। इससे आपकी मासिक आय में से शुरू से ही टैक्स कम काटा जाएगा या यह रकम टैक्स रिटर्न के समय आपको वापिस मिल जाएगी। जर्मनी में टैक्स ऑफ़िस (Finanzamt) का फ़र्ज़ है कि आपको वहां से सही और आपके हित में ठीक सूचना दी जाए। इसलिए बिना डर के टैक्स ऑफ़िस (Finanzamt) में फ़ोन कर के सूचना ले या चर्टेड एकाउंटेंट से राय लें।

ध्यान रहे अगर किसी को कोई रोग या अपाहिजता है तो टैक्स रिटर्न भरना न भूलें। यह टैक्स ऑफ़िस (Finanzamt) से नकद पैसे पाने के समान है।


  • विशेष चिन्ह H होने पर आपको वार्षिक €924,- पाने का हक है जिस से आप किसी को घरेलू काम में सहायता पाने के लिए (जैसे नौकरानी) (Haushaltshilfe) रख सकते हैं।
  • इसके साथ-साथ विशेष चिन्ह H होने पर आपको वार्षिक €924,- पाने का भी हक है अगर रोगी की घर में देख-भाल (Pflegepauschalbetrag) की जाती है। रोगी की देख-भाल का कार्य परिवार का कोई भी सदस्य या रिश्तेदार कर सकता है जैसे मां/बाप, बेटा-बेटी, दादा/दादी आदि। टैक्स रिटर्न के समय उस व्यक्ति का नाम देना होगा।

अपाहिज-कार्ड कहां से मिल सकता है?

अपाहिज-कार्ड पाने के लिए आपको अपाहिज केन्द्र (Versorgungsamt) में अर्जी करनी होगी। अर्जी करने से पहले आप अपने डाक्टर से इस बारे में बात कर सकते हैं। डाक्टर आपको आवश्यक मेडिकल कागज़ात दे देंगे जिन्हे आप अपनी अर्जी के साथ भेज सकते हैं। इसके बाद आपको अपाहिज केन्द्र (Versorgungsamt) से एक फ़ार्म भेजा जाएगा या यह फ़ार्म आप समाज-कल्याण कार्यालय (Sozialamt) में जाकर खुद ले सकते हैं। यह फ़ार्म आप भर के वापिस भेज दें। फ़ार्म में आपको भरना होगा कि आप अपाहिज केन्द्र (Versorgungsamt) को अधिकार देते हैं कि वे आपके डाक्टर से आपकी बीमारी बारे सूचना ले सकें। ध्यान रहे कि आप हर बीमारी बारे पूरी सूचना दें और समस्त डॉक्टरों के नाम लिखे जिनके पास आप जा चुके हैं। फ़िर उनसे आपकी फ़ाइल मंगाई जाती है। जितनी अधिक सूचना कार्यालय के पास होगी उतनी अधिक संभावना होगी कि आपको अपाहिजता की फ़ीसदी अधिक मिल सके। कुछ हफ़्तों बाद आपको अपाहिज केन्द्र (Versorgungsamt) से जवाब मिलेगा कि आपको अपाहिज-कार्ड (Behindertenausweis) मिलने का अधिकार है या नही और आपकी अपाहिजता की फ़ीसदी (Grad der Behinderung) कितनी है। अगर आपकी बीमारी के कारण आपको कार्ड पाने की अधिकार है तो आपको कार्ड पत्र के साथ ही भेजा जाता है।

अपाहिजता की फ़ीसदी किस प्रकार सिद्ध की जाती है?

आपकी समस्त डॉक्टरी फाइलों का निरीक्षण एक मेडिकल विशेषज्ञ द्वारा करवाया जाता है। इसके अतिरिक्त जो रोज़मर्रा के कार्य आप करने में असमर्थ है उन पर ध्यान दे कर यह फ़ीसदी सिद्ध की जाती है। यह भी हो सकता है कि कोई मेडिकल विशेषज्ञ आपके घर आकर देखे कि आप क्या कार्य करने में असमर्थ है और इस बारे सवाल करें। अधिकतर यह बच्चों के केस में किया जाता है।

अपाहिज केन्द्र (Versorgungsamt) के फ़ैसले खिलाफ़ अपील कैसे की जाए?

अगर आप समझते है कि यह फ़ैसला आपके हित में नही हुआ या आपको अपाहिजता की फ़ीसदी अधिक मिलनी चाहिए या आपको विशेष चिन्ह (Merkzeichen) आपकी बीमारी अनुकूल नही मिले तो आप इस फ़ैसले के खिलाफ़ अपील कर सकते हैं। इस के लिए आप अपाहिज केन्द्र (Versorgungsamt) को इस बारे एक पत्र लिख कर अपने कारण बता दें। इसके बाद जिला कार्यालय से जांच की जाती है तथा आपको पत्र द्वारा इसका नया फ़ैसला भेजा जाता है।

अदालत में इस फ़ैसले के खिलाफ़ केस कैसे किया जाए?

अगर आप समझते हैं कि जिला कार्यालय का फ़ैसला भी आपके हित में नही हुआ तो आप इसके खिलाफ़ अपने निवास-स्थान की अधिकृत समाज-कल्याण अदालत (Sozialgericht) में केस कर सकते हैं या किसी वकील द्वारा यह केस करवा सकते हैं। अगर आपके पास वकील लेने के लिए आर्थिक साधन नही हैं तो आप केस चलाने के लिए कानूनी सहायता (Prozeßkostenhilfe) पाने की अर्जी कर सकते है। यह कानूनी सहायता (Prozeßkostenhilfe) आपके वकील द्वारा की जा सकती है या आप लोकल अदालत (Amtsgericht) में जाकर इसकी अर्जी कर सकते हैं।

इस विषय में अन्य सूचना पाने के लिए क्लिक करें:
behindertenbeauftragte
http://www.intakt.info/75-0-ausweis-und-beantragung.html

© Jasminder Nagpal-Metzger
www.nagpal.de

वृद्ध पर हमला

Munich में Großhadern क्षेत्र में 25 January 2010 को दोपहर ढाई बजे घर लौटते हुए एक 73 वर्षीय वृद्ध ने देखा कि कोई 25 वर्षीय, अनुमानित german युवक इमारत के दरवाज़े के पास खड़ा है। पूछने पर युवक ने बताया कि वह अपने दोस्त से मिलने आया है। यह कहकर वह युवक बुड्ढे के साथ इमारत के अन्दर घुस आया। बुड्ढा अभी दरवाज़े के पास अपनी डाक देख रहा था कि वह युवक सीढ़ियां चढकर ऊपर चला गया। जब बाद में बुड्ढे ने पहली मंज़िल पर जा कर अपने फ़्लैट का दरवाज़ा खोला तो अजनबी ने उस पर हमला कर दिया। वृद्ध को फ़र्श पर गिराकर उसने उसके कपड़े तलाश लिए, लेकिन उसे कुछ मिला नहीं। वृद्ध के मदद के लिए ज़ोर से चिल्लाने पर वह वहां से भाग गया। एक गवाह ने उसे पास के metro station की ओर जाते देखा। वृद्ध को काफ़ी चोट आई और उसे अस्पताल भेजा गया।

http://www.polizei.bayern.de/muenchen/news/presse/aktuell/index.html/108977

महिला वकील ने मारा पति और बेटे को


Lörrach नामक एक कस्बे में 19 सितम्बर 2010 को एक 41 वर्षीय महिला वकील ने दो गोलियों से अपने पति की हत्या कर दी, फिर अपने पांच वर्षीय बेटे के सर पर कई वार करके और उसके सर को एक प्लास्टिक के लिफाफे में बन्द करके दम घोंट कर मार दिया। फिर उस घर में पेट्रोल लगा कर आग लगा दी जिसमें उसका पति और उसका बेटा रह रहे थे। फिर वह सड़क पर निकल कर गोलाबारी करती हुई पास के एक अस्पताल में चली गई। वहां भी उसने एक कर्मचारी को गोलियों और चाकू से मार दिया। इस अस्पताल में कुछ साल पहले एक गर्भपात में उसका बच्चा मर गया था। पुलिस के आने पर उसने एक पुलिसकर्मी को भी ज़ख्मी कर दिया। नियन्त्रण न हो पाने पर  वह पुलिस द्वारा मार दी गई। उसे कुल 17 गोलियां लगीं। इस घटना में कुल चार मौतें हुई। वह वकील होने के साथ साथ एक शूटिंग क्लब की सदस्य भी थी जिसके कारण उसके पास कई हथियार भी थे और वह उन्हें चलाने में प्रवीण भी थी। पति के साथ झगड़ा होने पर कुछ महीने पहले वह घर छोड़कर अलग रहने लगी थी। इसी नए घर में उसने वकील का कार्यालय भी बनाया था। बच्चे को रखने का अधिकार उसके पति को मिला था। उसका पति, नया प्यार से ख़रीदा और सजाया घर, बच्चा सब छिन चुका था। इस घटना से वहां उपस्थित कई पुलिसकर्मियों को भी गहरा धक्का लगा है।
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Die Amokläuferin von Lörrach
http://www.polizei-loerrach.de/
http://www.amtsgericht-loerrach.de/
http://www.staatsanwaltschaft-freiburg.de/
http://www.landgericht-heidelberg.de/

Golf

कहा जाता है कि तकनीकी तौर पर golf दूसरा सबसे कठिन खेल है। दिखने में जितना आसान लगता है, ठीक तरह से खेल पाना उतना ही मुश्किल। Germany में कोई पांच लाख लोग golf खेलते हैं। पर इन में से दस हज़ार लोग भी ऐसे नहीं होंगे जो गेन्द को ठीक तरह से मार पाते हों। हालांकि Germany में यह खेल बहुत ज़्यादा नहीं फैला है पर पहले की तरह केवल अमीरों का खेल भी नहीं है। England, अमरीका, Africa में तो यह घर घर का खेल है, बच्चों को school में भी सिखाया जाता है। Germany में नौ या अधिक सुराखों वाले कोई सात सौ club हैं जहां लोग golf खेलने जा सकते हैं। केवल Munich में ही तीस के आस पास मैदान हैं। इनका दिन का किराया लगभग पचास Euro प्रति व्यक्ति होता है। लेकिन कुछ घण्टे खेलने से ही थकावट बहुत ज़्यादा हो जाती है। इस खेल की ओर आकर्षित बनाने वाली चन्द बातें इस प्रकार हैं। एक तो चार पांच घण्टे के लिए बाहर प्रकृति में सैर हो जाती है जो सेहत के लिए अच्छा है। दूसरा इसकी scoring करना बहुत आसान है और उसमें विवाद होने की सम्भावना बहुत कम होती है। जितने कम shots में गेन्द को सुराख में डाला, उतना अच्छा। तीसरी बात है कि आप किसी के विरुद्ध नहीं, बल्कि केवल मैदान के विरुद्ध खेलते हैं। यानि इस में लगातार प्रतिद्वन्धिता की भावना नहीं होती। इस लिए यह बहुत ही शान्तिपूर्वक खेल है। ऐसा भी नहीं कि golf के लिए मैदान शहर के अन्दर बनाए जाते हों जिससे आम नागरिक को शिकायत हो कि उनके घूमने फ़िरने की जगह को ऊंचे नाक वाले लोगों के लिए उपयोग किया जा रहा है। बल्कि अक्सर ये शहर के बाहर बनाए जाते हैं। Putter के लिए तो घर में बिछाने के लिए भी छोटे छोटे golf के मैदान आते हैं जो बिल्कुल घास की होते हैं। Driving और woods की छड़ियों में अब titanium का उपयोग बहुत होने लगा है। बाज़़ार में नरम प्रकार की गेन्दें भी मिलती हैं और बहुत ठोस भी। ठोस गेन्दें बहुत दूरी तय कर लेती हैं पर उनके साथ खेलने से अन्दाज़़ा नहीं होता कि गेन्द कितनी दूर जाएगी। नरम गेन्दें इनके विपरीत होती हैं। यानि वे कम दूरी तय करती हैं पर उनके साथ खेलने से बहुत ठीक अन्दाज़़ा रहता है।  गेन्दों में छोटे छोटे गड्ढे भी होते हैं जिनके कारण हवा में उड़ते हुए गेन्द की दिशा नहीं बदलती। golf के लिए जूतों की sole बहुत ठोस होती है, वह मुड़ती नहीं। उसके नीचे फिसलन से बचने के लिए spikes लगे होते हैं।

http://www.golftage-muenchen.de/

दालचीनी वाले बिस्कुट

सर्दियों में दाल-चीनी वाले biscuit ना यहां केवल Christmas बाज़़ार में बहुत मिलते हैं, बल्कि Christmas के लिए लोग घरों में भी बहुत बनाते हैं। पेश है ख़ुद आज़माई हुई एक पाक विधि, वह भी चीनी की बजाए गुड़ के साथ।

सामग्रीः
125 ग्राम मक्खन
दो बड़े चम्मच शहद
175 ग्राम भूरी चीनी (बाज़़ार में मिलती है) या गुड़ (Asian दुकानों में मिलता है)
एक छोटा चम्मच दाल-चीनी वाला powder
एक बड़ा चम्मच chocolate powder
400 ग्राम मैदा
एक छोटा चम्मच baking powder
दो अण्डे

एक कड़ाही में मक्खन डाल कर पिघला लें। इस में भूरी चीनी या गुड़ डालें। अगर गुड़़ का उपयोग कर रहे हैं तो पहले गुड़ को तोड़ कर छोटे टुकड़े कर लें। गुड़ या चीनी को मक्खन में पूरी तरह मिल जाने तक प्रतीक्षा करें। फ़िर इसे आंच से उतार लें। फ़िर शहद, दाल-चीनी चूर और chocolate का चूर डालें और अच्छी तरह हिलाएं। कभी भी पकाते हुए शहद ना डालें। फ़िर आग (या heater) से उतार कर थोड़़ी देर ठण्डा होने दें। यह चाश्नी तैयार हो गई। इतने में दो अण्डों को फेंट कर आटे में मिलाएं। उसमें baking powder डालें और अच्छी तरह गून्थ कर लोई बना लें। लोई को भी ठण्डा होने दें। फ़िर चकले पर थोड़़ा सूखा आटा छिड़क कर लोई को करीब एक centimetre मोटी परत में बेल लें। फ़िर उसमें से अपने मनपसन्द आकार काट लें। इन biscuits को 175 degree तक पहले से गरम की हुई भट्ठी (oven) में दस बारह minute तक पकाएं (बेक करें)। दाल-चीनी वाले biscuit तैयार।

रसोई के लिए कुछ सुझाव

  1. अगर सब्ज़ी, दाल या सूप में नमक अधिक हो जाये तो बड़े आकार के कुछ उबले आलू काट कर डाल दें और थोड़ी देर बाद उन्हें निकाल दें। या फिर आटे के गोले बनाकर सब्ज़ी में डालें और थोड़ी देर बाद निकाल दें। ये आलू के टुकड़े और आटे के गोले अतिरिक्त नमक को सोख लेते हैं। इन्हें आप अलग से किसी अन्य व्यंजन में उपयोग कर सकते हैं।
  2. धनिए और पुदीने की पत्तियों को ज़्यादा दिनों तक ताज़ा रखने के लिए उनकी जड़ें काटकर अखबार में लपेट कर एक डिब्बे में बन्द करके फ्रिज में रखें। इससे वे लगभग 15 दिन तक ताज़ा रहेंगे।
  3. कुरकुरे और सुनहरे भूरे डोसे बनाने के लिए मिश्रण में एक चम्मच चीनी या एक चम्मच बेसन मिलाएं।
  4. पूरी या चपाती को मुलायम बनाने के लिए आटे में थोड़ा दूध मिलाकर गून्थें।
  5. हरी मिर्चों को ज़्यादा दिन तक ताज़ा रखने के लिए उनके ऊपर के डण्डल को तोड़कर हवाबन्द डिब्बे में बन्द कर के फ्रिज में रखें।
  6. पालक उबालते समय उसमें एक चुटकी बेकिंग सोडा या चीनी डालें। इससे पालक का रंग हरा बना रहेगा।
  7. बादाम के छिल्के जल्दी उतारने हों तो उन्हें गर्म पानी में दस मिनट तक भिगो कर उतारें।
  8. अगर सब्ज़ी या सूप में डालने के लिए क्रीम न हो तो मक्खन और दूध का मिश्रण मिलायें।
  9. अगर नींबू कड़े हो गये हों तो उन्हें 5-10 मिनट गर्म पानी में रखें। इससे नींबू आसानी से निचोड़े जा सकेंगे।
  10. आलू जल्दी बेक करने के लिए उन्हें बेक करने से पहले 15 मिनट तक नमकीन पानी में रखें।
  11. चावलों में थोड़ा सा नींबू का रस डालने से चावल ज़्यादा सफेद बनेंगे।
  12. अगर धनिये, कसूरी मेथी, पुदीने या कड़ी पत्ते आदि की सूखी पत्तियों का उपयोग कर रहे हैं तो उन्हें हाथों से मसलकर / रगड़कर डालें। इससे पत्तियों की सुगंध अधिक प्रगाढ़ होगी।
  13. घर में बनाए हुए अदरक, लहसुन या मिर्च के पेस्ट में एक चम्मच गर्म तेल और थोड़ा नमक मिलाने से वे ज़्यादा दिन तक ताज़ा और स्वादिष्ट रहेंगे।
  14. भिण्डी भूनते समय 2-3 चम्मच दही या 1 चम्मच नींबू का रस मिलाने से भिण्डियां आपस में चिपकेंगी नहीं।
  15. पनीर बनाते हुए सिरका पहले न डाल कर सबसे बाद में डालें। केक बनाते हुए भी बेकिंग सोडा या इनो आदि शुरू में न डालें, बल्कि बाद में डालें। शुरू में डालने से गैस जल्दी उड़ जाती है और छिद्र नहीं बनते।
शालिनी सिन्हा, म्युनिक

म्युनिक का शिकार संग्रहालय

Munich's hunting museum showcases over one thousand prepared models of wild animals and birds, hunting weapons of all era and souvenirs collected by many royal people of bygone times.

ਜਰਮਨੀ ਵਿੱਚ ਵੀ ਪਹਿਲਾਂ ਰਾਜੇ ਮਹਾਰਾਜੇ ਜਾਨਵਰਾਂ ਦਾ ਬਹੁਤ ਸ਼ਿਕਾਰ ਕਰਦੇ ਸਨ. ਉਹ ਆਪਣੇ ਲਈ ਬੜੇ ਮਹਿੰਗੇ ਹਥਿਆਰ ਬੰਦੂਕਾਂ ਆਦਿ ਬਨਵਾਓਂਦੇ ਸਨ. ਮਉੰਸ਼ਨ ਵਿਖੇ ਸ਼ਿਕਾਰਘਰ ਵਿੱਚ ਬਾਯਰਨ ਦੇ ਰਾਜਿਆਂ ਦੁਆਰਾ ਇਕੱਠੀਆਂ ਕੀਤੀਆਂ ਜਾਨਵਰਾਂ ਦੀਆਂ ਯਾਦਗਾਰਾਂ, ਉਹਨਾਂ ਦੇ ਹਥਿਆਰ ਆਦਿ ਦੇਖ ਸਕਦੇ ਹੋ.

म्युनिक के शिकार संग्रहालय में एक हज़ार से अधिक संरक्षित जानवर, पंछी और मछलियां देख सकते हैं। पूर्व में केवल राज या उंचे पद पर बैठे लोगों को हि शिकार करने का अधिकार होता था। वे कैसे शिकार करते थे, इनकी सचित्र उदहारणें आपको वहां देखने को मिलेंगी। वे पहले कुत्तों को जानवरों के पीछे दौड़ाकर जानवरों को थका देते थे, और वे पीछे घोड़ों पर आते थे। फिर वे थके हुए जानवर जैसे हिरण, लोमड़ी या रीछ को बन्दूक से मार देते थे। समय के साथ कैसे बारूद और बन्दूक का विकास और विस्तार हुआ, यह भी आपको वहां देखने को मिलेगा। हालांकि बारूद का अविष्कार पहले चीन में हुआ, पर इसे हथियार में बदलने का श्रेय यूरोप को जाता है। आरम्भिक युग की बन्दूकों का उपयोग बहुत कठिन होता था। उन्हें केवल खड़े होकर इस्तेमाल किया जा सकता था, क्योंकि वे बहुत लंबी होती थीं। लंबी बन्दूक में बारूद को गोली धकेलने के लिये लंबा रास्ता मिलता था। पर समय के साथ छोटी बन्दूकों का विकास हुआ जिन्हें घोड़ों पर सवारी करते समय उपयोग किया जा सकता था। यहां के एक प्रसिद्ध राजा Graf Arco ने सैंकड़ों की संख्या में बेशकीमती हिरण मारे। उनकी प्रदर्शनी भी आपको यहां देखने को मिलेगी। 1835 में बायरन के आखिरी रीछ का शिकार किया गया, इसके चित्र भी वहां देखने को मिलेंगे। इसके अलावा हज़ारों जंगली जानवरों, पंछियों और मछलियों के बारे में संरक्षित मॉडल के साथ जानकारी वहां उपलब्ध है। संग्रहालय देखने की टिकट बेहद कम है, केवल साढे तीन यूरो। हर बृहस्पतिवार शाम साढे पांच बजे केवल एक यूरो शुल्क के साथ टूर भी आयोजित होता है।

http://www.jagd-fischerei-museum.de/

Shahi Paneer (serves 2-3 people)

Ingredients
2- 3 Onions finely chopped
1 cup (250 ml) Tomato puree (or fresh 2-3 tomatoes finely chopped)
250 gms Paneer (Cottage cheese)
3 Tbsp Oil
1 Tsp Ginger garlic paste (or finely chopped fresh ginger and garlic)
1 Bay leaf
1 Black cardamom
2 Green cardamom
1small piece of Cinnamon
2 Black pepper
2-3 colves
1 Tsp Cumin Seed
1 Tbsp Coriander powder
0.5 Tsp Turmeric
0.5 Tsp Salt (As per taste)
0.25 Tsp Garam Masala
50 ml (0.25 Cup) Cream
Few drops of lemon
Pinch of sugar
1 Tbsp White flour (optional)

Preparation
Heat the oil in a pan over medium heat. Add bay leaf, cardamom, cinnamon, pepper and cloves and fry them a little then add cumin seeds and let them crackle. Now add ginger-garlic paste and chopped onions in the pan and stir until it gets golden brown. Now add tomato puree and stir again until all water evaporates from the mixture. Let this cool for few minutes and then add it to the blender and make a fine paste of it. Now add the blended mixture in warm pan and add rest spices – coriander powder, turmeric powder, garam masala, salt to taste and mix it well. After it is properly mixed then add the cream and stir it until oil starts separating from the mixture. Now add lemon and sugar. For a thicker gravy add white flour and leave it for few minutes. Now add pieces of Paneer to the gravy and let it cook for 5 more minutes.

http://cookcurry.de/

Christmas Cookies

Christmas के समय पर घर घर में cookies बनायी जाती हैं। हम यहां पर cookies बनाने की एक साधारण विधि दे रहे हैं।

लगभग 90 cookies के लिए सामग्रीः
3 अण्डे
250 ग्राम मक्खन
250 ग्राम चीनी
2 packet vanilla चीनी (सौगंध के लिए, बाज़़ार में 8 ग्राम के packet मिलते हैं)
500 ग्राम मैदा
आकृतियां काटने के लिए विभिन्न stencil (बाज़़ार में तरह तरह के packet मिलते हैं)

विधिः
दो अण्डे उबाल लें। अण्डों की जर्दी को अलग कर के चूरा बना लें। फ़िर मक्खन पिघला कर उसमें यह पिसी हुयी जर्दी, चीनी, एक कच्चा अण्डा और vanilla चीनी मिला कर झाग बना लें। फ़िर इसे आटे (मैदे) में मिला कर गून्थ लें। गुन्थे हुए आटे को एक घंटे के लिए बाहर ठण्डा होने के लिए पड़ा रहने दें। फ़िर उसे आधा centimetre पतली परत में बेल लें और उसमें से stencils की मदद से cookies की विभिन्न आकृतियां काटें। उबले हुए अण्डों के कारण आपको आटा बेलने में कठिनाई हो सकती है। ऐसी हालत में एक कच्चा अण्डा और मिला सकती हैं, या फ़िर aluminium foil में रख कर बेलने की कोशिश कर सकती हैं। इन आकृतियों को baking oven की plate में रख लें। cookies के बीच में अच्छी ख़ासी दूरी रखें क्योंकि बेक होने के बाद वे बहुत फूल जाती हैं और एक दूसरे के साथ चिपक सकती हैं। baking oven को 175°C पर एक minute के लिए गरम करें। फ़िर उसके ऊपर वाले खाने में cookies से भरी हुयी plate रख कर पांच minute तक बेक होने दें। फ़िर plate को नीचे वाले खाने में रख कर दस minute तक बेक होने दें जब तक cookies हल्के भूरी हो जाएं। cookies तैयार हैं। बाहर निकाल कर ठण्डी होने पर खाएं। आप चाहें तो बिना अण्डों की भी cookies बना सकती हैं।

बेबी कॉर्न मंचूरियन

सामग्री
babycorn: 18-20 पीस (canned या bottled)
cornflour: 8 बड़े चम्मच
टमाटर की चटनी (tomato sauce): 1 छोटी कटोरी
अदरक का पेस्टः 1 छोटा चम्मच
लहसुन का पेस्टः 1 छोटा चम्मच
प्याज़ बड़ाः 1 बारीक कटा हुआ
हरी मिर्चः 2-3 बारीक कटी हुयी
थोड़े अदरक और लहसुन बारीक कटे हुए
Paniermehl (सुपरमार्केट में मिलने वाला एक तरह का आटा) या मोटी सूजीः 3 चम्मच
धनिया पत्तीः सजाने के लिये (garnishing)
सिरका (Essig): 1-1½ चम्मच
नमक और तेल

विधिः
बेबीकॉर्न को थोड़ी देर के लिये गर्म पानी में उबाल लें और ठण्डा होने के लिये रख दें। अगर आप canned या शीशी वाले बेबी कॉर्न उपयोग कर रहे हैं तो उन्हें उबालने की ज़रूरत नहीं है। फिर एक कटोरे में कॉर्न फ़्लोर, 2 चम्मच टमाटर की चटनी, अदरक और लहसुन के पेस्ट को मिलाकर गाढ़ा घोल बना लें। फिर उसमें बेबीकॉर्न को एक इंच के दो भागों में बराबर काट कर घोल में लपेटें। फिर उसे Paniermehl या सूजी में लपेट कर सुनहरा होने तक तल लें। आप चाहें तो इन पकौड़ों को भी खा सकते हैं।

चटनी बनाने की विधिः
कड़ाही में दो चम्मच तेल डालकर गर्म करें। फिर उसमें कटी हुई हरी मिर्च अदरक, लहसुन और कटा हुआ प्याज डाल कर थोड़ी देर तक भूनें। फिर उसे आंच से उतार कर उसमें टमाटर की चटनी, सिरका और चिल्ली sauce डालें। अगर आप कम तीखा खाते हैं तो chilly sauce का उपयोग न करें।

अब चटनी को अच्छी तरह मिलाएं और उसमें तले हुए बेबी कॉर्न डाल कर दो मिनट तक आंच पर रख कर इस तरह मिलाएं कि सभी टुकड़ों पर चटनी की परत चढ़ जाये। अब इसे कटे हुए धनिए के साथ सजा कर प्लेट में गर्म गर्म परोसें।

-शालिनी सिन्हा, म्युनिक

रविवार, 26 अप्रैल 2020

एक वीडियो पर मेरी प्रतिक्रिया


इस वीडियो पर मेरी प्रतिक्रिया


क्या पत्रकार लोग social media से डर कर Reuters को शिकायत करने जाते हैं? वो अगर social media से डरते हैं तो पत्रकार किस काम के हैं? और Reuters क्या है? उसकी उदाहरण भारत में क्यों दी जानी चाहिए? सारी दुनिया और सारी दुनिया का मीडिया भारत से जल रहा है। ऐसे में Reuters, Washington Post, New York Times को भाव देना कहां तक ठीक है? और महाशय बार बार उदाहरण दे रहे हैं कि किस तरह Trump ने पत्रकार को snub किया। यानि वहां भी पत्रकार President से कुछ पूछ नहीं सकते। तो फिर भआरत में क्या नया है?जब आम जनमानस ले दे कर सरकार और उसकी नीतियाों से ख़ुश है तो क्यों कुछ लोगों को आग लगी रहती है? और अगर मीडिया सरकार के कहने पर काम कर भी रहा है तो क्यों ना करे? उन्होंने क्या ठेका ले रखा है केवल सच दिखाने का?मुझे तो ये महाशय भी fake लग रहे हैं।

और YouTube में सैंकड़ों interviews उपलब्ध हैं जहां मोदी जी को बार बार बेरहमी से grill किया गया है। फिर ये महाशय कैसे कह सकते हैं कि मोदी जी से कोई कुछ पूछ नहीं सकता? मोदी जी Trump से तो कई गुना अच्छे हैं जो किसी पत्रकार को मुंह पर तो नहीं कहते कि तुम fake news हो. शायद इन महाशय को Trump जैसा नेता चाहिए।

इन महाशय ने शुरू में चार सवाल ऐसे खड़े किए हैं जैसे हर किसी के मन वे प्रश्न घूम रहे हों. पर फिर सारा वीडियो केवल अपनी सोच, अपनी राय, अपने पूर्वाग्रहों के अनुसार बनाया है। मुझे नहीं लगता कि बहुत से लोग इनकी तरह सोचते होंगे.

अमरीकी सरकार की पारदर्शिता साबित करने के चक्कर में भाई साहब ने वीडियो में दो बार अपना मज़ाक उड़वाया. दोनों घटनाओं का हवाला देते हुए भाई साहब पहले बताते हैं कि कैसे वहां CNN आदि के पत्रकार ने राष्ट्रपति से असुविधाजनक प्रश्न पूछने की हिम्मत की. कायदे से इतना कहना काफ़ी था। पर अपनी मिट्टी पलीद करते हुए भाई साहब आगे पहले अंग्रेज़ी में बताते हैं कि कैसे Trump ने पत्रकार की बेइज्जती की. फिर उसका हिन्दी अनुवाद बताते हैं, फिर कहते हैं कि ये मायने नहीं रखता कि Trump ने क्या कहा. मायने यह रखता है कि पत्रकार ने हिम्मत की. मतलब height है time wastage की. दर्शक को बिल्कुल चूतिया समझ रखा है। script पर कोई तैयारी नहीं की.

आफताब हसनैन

Born on 21st September 1951 in Mumbai, India. Did his Secondary School education from Imperial High School, August Kranti Marg, Mumbai and graduation (B.A. with Economics & Political Science as majors) from K,C. College, Churchgate, Mumbai. Renowned Urdu/Hindi playwright and children's author. Many books have been published in both the languages. Author of the highly acclaimed full-length-plays viz; 
यहां अमीना बिकती है
चल उड़ जा रे पंछी
रौशनी
Allahumma Labaik
Aaram Baugh etc.

'Drama Nagar' in Urdu and 'नाटक नगर' in Hindi are the collections of his one-act-plays. Have written very many stories for children. Acclaimed books are:
कहानी नगर
कहानियां जानवरों की
कहानियां आफ़ताब हसनैन की
ख़ून की रोटी
मोटे मियां
जादूगर से इंतकाम
Mr. अफ़ीमची etc.

So far recipient of 16 prestigious Urdu/Hindi literary awards viz;
महाराष्ट्र राज्य पुरस्कार (youngest award winner, 1974)
साहित्य कला परिषद (New Delhi) award (1991)
मोहन राकेश सम्मान (New Delhi-2003)
बाबा गुनाकर साहित्यिक सम्मान (2003)
महाराष्ट्र राज्य साहित्य Academy's विष्णुदास भावे पुरस्कार (2008).

Maharashtra,Bihar, Uttar Pradesh and west Bengal Urdu Academies Awards and writers and journalist association's 'Sahitya Gaurav Samman' (2010) for meritorious contribution in literature. 'Urdu Times lifetime achievement Award' (2015), 'Rabindranath Tagore Award' (2016), 'Zainabia Award' (2017) and lately 'Vogue Theatre' & Bhartiya Vidhya Bhavan 's 'Lifetime Achievement Award' (2020).

Aftab Hasnain has written TV serials 'Jaanbaaz' and 'Suspense Hour' for Zee TV and dialogues of various episodes of popular serial,'Aahat' for Sony TV. Produced TV serials, 'Hostel' for BI TV and 'Dahshat' for B4U channel!

Have the honour of being appointed Hon. 'Special Executive Officer (SEO) by Govt. of Maharashtra!

AFTAB HASNAIN
65, Ashok Apartment
Gandhigram Marg
opp.: Hare Rama Hare Krishna Mandir
Juhu, Mumbai- 400 049
India
aftabhasnain1951@yahoo.com
+919820301874

हिन्दी फिल्म उद्योग पर कुछ प्रश्न

  1. भारत में फिल्मों का इतना महत्व क्यों है? फिल्मों से पहले लोग कैसे रहते थे?
  2. फिल्मों में विदेशी पूंजी, विदेशी कंपनियों का क्या हाल है? क्या उनकी भूमिका पिछले दशकों में घटी है या बढ़ी है?
  3. हिन्दी फिल्म उद्योग के लोग अंग्रेज़ी में बात क्यों करते हैं? अंग्रेज़ी में आत्मतथाएं क्यों लिखते या लिखवाते हैं?
  4. इतनी फिल्में बनने के बावजूद हिन्दी में फिल्म निर्माण, अभिनय, निर्देशन आदि के बारे में साहित्य की कमी क्यों है?
  5. अभिनेता लोग हमेशा यह क्यों कहते हैं कि उन्हें फ़लां फ़िल्म की पटकथा (script) पसंद आई या नहीं आई। वे यह क्यों नहीं कहते कि उन्हें फ़िल्म की कहानी पसंध आई या नहीं आई। पटकथा और कहानी में क्या अंतर है? पटकथा दिखने मैं कैसी होती है? क्या कुछ फ़िल्मों की पटकथाएं internet पर उपलब्ध हैं?
  6. हिन्दी फिल्मों में गाने क्यों ज़रूरी होते हैं? और पार्श्व गायक का चलन अभी तक क्यों बरकरार है? क्या अभिनेताओं अभिनेत्रियों को होंठ हिलाते हुए यह अहसास नहीं होता कि वे ख़ुद का दर्शकों को बुद्धु बना रहे हैं और मूल गायक के साथ नाइंसाफी कर रहे हैं?
  7. भारतीय और विदेशी फ़िल्मों में मूलतः क्या अंतर है और क्यों है?

सोमवार, 20 अप्रैल 2020

chalk निर्माण


chalk का उपयोग
chalk का उपयोग हम विभिन्न रूपों में करते हैं। chalk से black board पर लिख़ते हैं तथा इस से drawing भी बनाई जाती है। इस से दर्ज़ी कपड़े पर निशान भी लगाते हैं।

chalk कौन बना सकता है?
यह काम हम आसानी से सीख सकते हैं। इसे कोई भी कर सकता है। लेकिन पढ़ा-लिखा व्यक्ति इसे ज़्यादा अच्छे ढंग से कर सकता है। इस में बाज़ार भाव के उतार-चढ़ाव की जानकारी, लेन-देन के लिए पढ़ाई ज़रूरी है।

chalk बनाने के लिए training
chalk बनाने के लिए आज-कल training भी दी जाती है। training अवधि काफ़ी छोटी होती है, यह training सिर्फ पांच दिनों की होती है, प्रतिदिन तीन घंटे training दी जाती है। training में जो सिखाया जाता है, वह निम्न प्रकार है:
chalk बनाने में काम आने वाले ज़रूरी सामान की जानकारी
सांचों का rate, ख़रीदने की जगह, अच्छे सांचों की पहचान आदि।
chalk को रंगीन कैसे बनाते हैं।
अच्छा chalk बनाना तथा उसे बढ़िया तरीक़े से पैक करना।
chalk बेचने से सम्बन्धित जानकारियां।
कुल लागत का हिसाब और मुनाफा निकालना।
chalk बनाने में रुपए-पैसे की मदद तथा ऋण देने वाली सरकारी व ग़ैर-सरकारी इकाई के विषय में जानकारियां देना।

training देने वाली संस्थाएं
श्रमिक विद्यापीठ, west block नं. 8 wing 7, R.K.Puram, नई दिल्ली-110067, phone 26105868
स्वयं सेवी संस्थाएं - इन की विस्तृत जानकारी श्रमिक विद्यापीठ से प्राप्त कर सकते हैं।

कम स्थान, कम पूंजी
chalk बनाने का काम हम 500 रु. से शुरू कर सकते हैं। इस में बड़ी-बड़ी machines वग़ैरह की ज़रूरत नहीं पड़ती। यह काम हम छोटी-सी जगह में ही शुरू कर सकते हैं, इस के लिए बड़े स्थान की कोई ज़रूरत नहीं होती। chalk का कारोबार बढ़ाने के लिए विभिन्न इकाइयों से ऋण प्राप्त किया जा सकता है।

machine तथा उपकरण
1. सांचे
aluminium या बन्दूक वाली धातु, पीतल या रबड़ के सांचे
aluminium के सांचे टिकाऊ और अधिक सस्ते होते हैं।
एक आम सांचे की क़ीमत 100 से 150 रु. तक होती है।
बाज़ार में ज़्यादा chalk बनाने के लिए बड़े सांचे भी उपलब्ध हैं, जिन से बड़ी मात्रा में chalk बनाई जा सकती है।
आप ये सांचे दिल्ली में लाल कुआं, फतेहपुरी के बाज़ार से ख़रीद सकते हैं।
पीतल, gunmetal तथा रबर के सांचे थोड़े महंगे होते हैं।
chalk बनाने के लिए एक बड़े टब की अवश्यकता होती है जिस से कि उस में घोल आसानी से बनाया जा सके।
packing के लिए हम Polythene की थैलियां या गत्ते के डिब्बे ले सकते हैं।

कच्चा माल
1. plaster of paris
chalk, plaster of paris से बनाया जाता है। इसे Gypsum से तैयार किया जाता है। Gypsum एक पत्थर है। यह राजस्थान में मिलता है। plaster of paris सफ़ेद रंग का powder होता है।
plaster of paris एक, दो, पांच और पचास kilogram की थैलियों में मिलता है।
plaster of paris की विभिन्न qualities होती हैं, इन का rate इन की quality के हिसाब से होता है। कम या ज़्यादा मात्रा में ख़रीदने पर भी rate घटता-बढ़ता है।

2. तेल
सांचों में chalk चिपके नहीं इस के लिए सांचों में थोड़ा-सा तेल लगाया जाता है जिस से chalk आसानी से बाहर निकल आती है।
चाक सांचों से आसानी से बाहर आए इस के लिए 5 प्रतिशत गाढ़ा वनस्पति तेल या mobil oil मिट्टी के तेल में मिला कर लगाते हैं।
कोई भी तेल, जो आप को सस्ता व आसानी से मिल सके, प्रयोग कर सकते हैं।

3. रंग
रंगीन chalk बनाने के लिए उस में रंग डाला जाता है।
ऐसे रंगों का प्रयोग करें जो आसानी से पानी में घुल जाएं।
रंगीन chalk में प्रयोग होने वाले रंगों को pigment कहते हैं। ये कई रंगों में मिलते हैं। जैसे:
- लाल रंग के लिए पैरा red
- नीले रंग के लिए ultra marine blue
- brown रंग के लिए बनट अम्बर
- पीले रंग के लिए premier yellow
- हरे रंग के लिए chrome green

4. चीनी मिट्टी
5. नील
6. favicol / गोंद / acrylic emulsion paint या sodium oleate / stearate / pomet
7. पानी

chalk बनाने का तरीक़ा
1. एक चौड़े बर्तन में 1/2 litre पानी लें। इस में धीरे-धीरे plaster of paris powder डालें। powder को धीरे-धीरे फैलाते हुए पानी में डालें। powder नीचे बैठने लगेगा फ़िर इस को हिलाते रहें। ऐसा तब तक करें जब तक plaster जल की ऊपरी सतह तक ना आए। इस प्रक्रिया से एक गाढ़ा घोल तैयार हो जाएगा। powder में पानी डालकर घोल बनाएं। इस तरह घोल बनाने से गट्ठे रह सकते हैं। इस लिए powder पानी में अच्छी तरह से मिला लें।
2. सांचों में अच्छी तरह से तेल लगाएं। चार भाग मिट्टी के तेल में एक भाग मीन का तेल मिला कर लगाएं। इस से chalk सांचे में नहीं चिपकते और chalk आसानी से बाहर आ जाती है।
3. सांचे frame में मज़बूती से कसे होने चाहिए। फ़िर घोल को धीरे-धीरे सांचों में डालें। खांचों में घोल थोड़ा ऊपर तक भरें।
4. कुछ ही समय में घोल जमकर कड़ा हो जाता है।
5. सांचे को frame से हटाएं। चाक़ू की मदद से धीरे-धीरे chalk निकालें।
6. chalk निकाल कर खुले बर्तन या tray में रखें और धूप में दिन भर उसे सूखने दें।
7. शाम तक chalk तैयार हो जाएगी, फ़िर इस की packing कर लें।

महेश दूबे

बुधवार, 15 अप्रैल 2020

old police news

  • किसी ने एक 17 वर्षीय सीरीया के लड़के को चाकू मार कर हल्का सा घायल कर दिया। उसने उस लड़के से उसकी jacket छीन ली। जब उस लड़के के police बुलाने की कोशिश तो उसे चाकू से घायल कर दिया।
  • quad चलाते हुए एक 51 वर्षीय व्यक्ति का संतुलन खो गया और गाड़ी सड़क पर उलट गई। helmet ना पहनने के कारण व्यक्ति को गंभीर चोटें आईं और गाड़ी को करीब हज़ार यूरो का नुकसान हुआ।
  • गाड़ी चलाते हुए एक 37 वर्षीय महिला की गाड़ी अचानक सड़क के किनारे एक road sign से टकरा गई। उसे हल्की चोटें आईं और चीज़ों को कुल मिला कर करीब 8500 यूरो का नुकसान हुआ।
  • एक 62 वर्षीय व्यक्ति ने parking से अपनी VW निकालते हुए एक park की हुई एक BMW को टक्कर मार दी। कुल दो हज़ार यूरो का नुकसान।
  • एक 64 वर्षीय व्यक्ति ने साइकल चलाते हुए parking में से निकलती हुई एक VW को टक्कर मार दी और गिर पड़ा। हल्की चोटें।
  • http://www.presseportal.de/blaulicht/pm/65849/3713769
  • कुछ चोर छत पर एक खिड़की के द्वारा एक दफ़्तर में घुस कर एक laptop चुरा ले गए।

old news 2

  1. पर्यावरण संरक्षण संस्था NABU ने कहा है कि चिरनोबिल आपदा के 25 वर्ष बाद अब विश्व दूसरी बड़ी परमाणु आपदा देख रहा है। हालांकि जापान में आपदा का पूरा आकलन अभी नहीं हुआ है, पर एक बात साफ़ है, इससे मनुष्य और प्रकृति को भारी क्षति पहुंची है। परमाणु ऊर्जा अरबों यूरो की कब्र खोद रही है। जर्मन करदाता भी इससे परे नहीं, भले मामला अन्दरूनी हो या बाहरी। इसी सप्ताह एक दानदाता सम्मेलन में यूक्रेन में परमाणु विस्फोट के परिणामों के लिए 55 करोड़ यूरो दिए जाने का निर्णय हुआ। इसमें से 4.2 करोड़ यूरो जर्मनी को देने हैं। कुल मिलाकर रिएक्टर के खण्डहर के सुरक्षित ताबूत की कीमत 1.6 अरब यूरो तक होगी। पर परमाणु कचरे के भण्डारण पर कभी भी सरकार या कम्पनियों द्वारा पर्याप्त चर्चा नहीं की जाती। परमाणु ऊर्जा की असली कीमत कभी दिखाई नहीं जाती। पवन और जल ऊर्जा बेशक परमाणु ऊर्जा से सस्ती है। इसके अलावा परमाणु ऊर्जा मनुष्य प्रकृति के लिए खतरा भी है। यूक्रेन और बेलारूस में अब तीसरी पीढ़ी रेडियोधर्मी सन्दूषण से पीड़ित है। जापान में भी लाखों लोग कई वर्षों तक संक्रमित घरों, खेतों और कृषि उत्पादों से प्रभावित रहेंगे।
    http://www.presseportal.de/pm/6347/2031098/
  2. Red Bull crashed ice में भारी भीड़
    16 जनवरी 2009 को म्युनिक के ओलंपिया पार्क में कोल्ड ड्रिंक बनाने वाली कंपनी रेड बुल द्वारा आयोजित तेज़ आईस स्केटिंग की विश्व चैंपियनशिप का क्वालीफाइंग राउण्ड आयोजित किया गया। इस चैंपियनशिप का नाम है ''Red Bull Crashed Ice''. इसमें 64 प्रतिभागियों ने भाग लिया जिसमें से 32 कनाडा के बेंकूवर शहर में होने वाले अगले राउण्ड में जायेंगे। साढे तीन सौ मीटर की इस दौड़ में प्रतिभागियों की गति अस्सी किलोमीटर प्रति घंटा तक जा सकती थी। उन्हें तीन स्पीड ब्रेकरों के ऊपर से होकर एक टॉवर के गिर्द घूमकर वापस आना था। यह आइस स्केंटिंग का एक नया और बेहद आक्रमक और खतरनाक रूप है। यह आयोजन मुफ़्त था और इसका खूब विज्ञापन किया गया था। इसलिये इसे देखने इतने लोग आये थे कि मेट्रो ट्रेन में, प्लैटफ़ार्म में, या ओलंपिया परिसर में, कहीं भी पैर रखने को जगह नहीं थी। जब एरीना चालीस हज़ार लोगों से भर गया थो अन्य लोगों के आने के लिये बन्द कर दिया गया।
  3. आज सवेरे सवेरे कार्यालय जाते समय मोबाइल बज गया। उठाया तो कोई सख्त आवाज़ में बोला ''मुझे रमा शंकर और सरबजीत सिंह सिद्धु'' का नंबर चाहिए। इतना तो मैं समझ गया कि यह व्यक्ति बसेरा पत्रिका के संबंध में बात कर रहा है। लेकिन बुरा लग रहा था कि वह बिना अपने बारे में कुछ बताए सीधे किसी का फोन नंबर क्यों मांग रहा है। मैंने विनम्रता से पूछा कि ाप उनका नंबर क्यों मांग रहे हैं? तो वह बोला कि उसने उनसे बात करनी है। तो मुझे फिर से बुरा लगा, कि भई बात करनी है तो मुझसे करो, यहां का कर्ता धर्ता तो मैं ही हूँ। साथ वह बोला कि मुझे आपसे भी बात करनी है। इतनी सख्त आवाज़ में ऐसी सुनकर तो मैं डर गया। लगा कि उसे ज़रूर पत्रिका में कुछ ऐसा दिखा होगा जो हमारे लिए समस्या खड़ी कर सकता है। मैंने उससे पूछा कि उसने क्या बात करनी है। साथ ही यह भी कहा कि आप अपना नंबर दे दें, मैं उनसे बात करके आप को नंबर दे दूँगा। तो उसने पूछा ''क्या बसेरा पत्रिका आप ही निकालते हैं?'' मैंने डरकर कहा ''हां''। तो अगला प्रश्न ''आप किस लिए यह पत्रिका निकाल रहे हैं? आपका मकसद क्या है? आप जर्मनी के बारे में क्या जानते हैं? आपको यहां कितना समय हो गया? नौ सालों में आपने इस देश के बारे में क्या जाना है आदि आदि।'' मैंने दिमाग ठंडा रखने की कोशिश की। मैं ट्रेन में था, अधिक स्वतंत्रता से और अधिक समय के लिए बात नहीं कर सकता था। मुझे समझ भी नहीं आ रहा था कि यह व्यक्ति आखिर किस लिए फोन कर रहा है। लेकिन धीरे धीरे इतना समझ आ गया था कि डरने वाली कोई बात नहीं है, यह व्यक्ति खुद परेशान है और बहुत सी बातें करना और बताना चाहता है। आगे जो कुछ भी उसने बताया, उससे ज़्यादा हैरानी तो नहीं हुई पर मैं काफी परेशान हो गया। आगे बाद में।
  4. बैंकों ने किए mobile TAN लागू', 'बैंकों ने कुछ देर से mobila TAN लागू कर दिए हैं। यानि online banking के लिए पहले डाक द्वारा छह अंकों वाले सौ TAN संख्याओं की सूचि मिलती थी। ये संख्यायें online banking में कोई भी काम निपटाने के लिए ज़रूरी होती थीं। लेकिन अब इस सूचियों की बजाय TAN नंबर मोबाइल पर SMS द्वारा भेज दिया जाता है। यानि अगर आप किसी को पैसे ट्रांस्फर कर रहे हैं, तो बटन दबाते ही आपको एक SMS प्राप्त हि जाएगा जिस पर उस transaction को पूरा करने के लिए TAN नंबर लिखा होगा। शायद यह इस लिए किया गया है ताकि लोग देश के बाहर रह कर online banking न कर सकें।
  5. 27 मार्च को मुझे एक कार्यक्रम देखने के लिए Saarbrücken जाना था पर मैंने अभी कोई टिकट बुक नहीं की थी, क्योंकि रेल टिकट बहुत महंगी थी (92 यूरो एक ओर का किराया, और मुझे वापस भी आना था)। मेरे पास Bahncard भी नहीं था। कुछ और लोगों ने भी जाना था, वे सब भी रेल द्वारा जाने वाले थे। अचानक 26 की रात को एक ईमेल देखी कि कोई 25 यूरो में रेल की Lidl टिकट बेच रहा है। मुझे पता था कि यह क्या होती है। मैंने सुबह ही उससे संपर्क किया और टिकट स्टेशन जाने से पहले उससे मिलकर टिकट ले ली। तब पता चला कि ये Lidl सुपरमार्केट द्वारा बेची जाने वाली रेल टिकट होती हैं जिनसे आप केवल 66 यूरो में दो बार जर्मनी के अंदर एक शहर से दूसरे शहर जा सकते हैं। इन यात्राओं के लिए आप ICE जैसी तेज़ रेलों में भी यात्रा कर सकते हैं। लेकिन यह टिकट केवल 31 मार्च तक ही वैध थी, यानि केवल दो तीन दिन और। वह यह टिकट एक बार उपयोग कर चुका था इसीलिए सस्ती दे रहा था। मैं स्टेशन गया। क्योंकि मैंने उसी रात वापस आना था, इसलिए वापस आने का समय और किराया देखने लगा। तभी एक महिला आकर कहने लगी कि उसके पास एक बिल्कुल नई Lidl टिकट बिकाऊ है। मैंने उसके साथ अपनी टिकट 30 यूरो में बदल ली। इसमें दोनों का फायदा था। मेरा वापस आने का जुगाड़ भी हो गया, और उसके लिए दो की बजाय एक टिकट बेचना अधिक आसान था। यानि 55 यूरो में मेरा आने जाने का जुगाड़ हो गया। मैं बहुत खुश था। पर उस दिन लगभग सभी लोग रेलों पर इसी टिकट द्वारा यात्रा कर रहे थे क्योंकि इसकि अवधि समाप्त होने वाली थी और यह सप्ताहांत था। बल्कि रेलों में टिकट चेकर भी इस टिकट से बहुत परेशान थे क्योंकि इसके कारण जर्मनी की तेज़ रेलें भी मुंबई की लोकल ट्रेनों की तरह भर भर के जा रहीं थीं।
  6. परमाणु बिजली घर बंद करो', '24 अप्रैल को जर्मनी में तीन जगह पर लोग कोई सवा सौ किलोमीटर लंबी पंक्ति बनाकर परमाणु ऊर्जा का विरोध करेंगे। वे परमाणु बिजली घरों को बंद करने की मांग कर रहे हैं। इस पर एक विज्ञापन बनाया गया है जिसमें मेरी कुछ जान पहचान वाले लोग हैं।
    http://www.ausgestrahlt.de/mitmachen/menschenkette/kinospot.html
  7. Nintendo खेलों की प्रदर्शनी
    म्युनिक के BMW Welt में वीडियो गेम्स बनाने वाली कंपनी ने Nintendo अपने नए खेलों की प्रदर्शनी लगाई है। ये खेल केवल बटन न दबा कर उसी तरह हिल डुल कर खेले जाते हैं जैसे असली खेलों में होता है। जैसे टेनिस, मोटरसाइकल चलाना, बाउलिंग करना, मोटरबोट चलाना। इन खेलों के साथ वायरलेस स्टीरिंग भी होता है जिसे घुमाने से मोटरबोट या मोटरसाइकल घूमता है। सामने स्क्रीन के नीचे पड़ा सेंसर आपकी हरकतों को स्क्रीन पर दिखाता है। यानि आप इसके सामने कहीं खड़े होकर खेल सकते हैं। बाउलिंग करने के लिए भी आपको खेल का रिमोट हाथ में लेकर वैसे ही हिलना होगा जैसे आप सचमुच बाउलिंग कर रहे हों। तीर कमान चलाने के लिए दो रिमोटों को हाथ में लेकर एक को ऐसे पीछे खींचना होता है जैसे आप सचमुच कमान की रस्सी खींच रहे हों। इसके साथ ही स्क्रीन निशाने का फोकस दिखाई देता है। फिर बटन छोड़ने पर तीर चलता है। यहां तक कि साइकल चलाने के लिए वायरलेस पैड भी हैं जिनपर खड़े होकर आप पैर चलाएंगे तो स्क्रीन पर साइकल चलेगा। इस पैड के साथ अनेक तरह की कसरतों के खेल भी विकसित किए गए हैं, जिन्हें बड़े और बूढ़े लोग बिना असली उपकरणों के कर सकते हैं। इन उत्पादों ने हर आयु के लोगों को निशाना बनाया है, भले वे बच्चे हों, या फिर बड़े और बूढे। यह ठीक है कि इनसे असली खेलों जैसा मज़ा नहीं आ सकता पर फिर भी लोगों को घर बैठे बैठे हिलने डुलने का बहाना मिल जाता है। खासकर वृद्ध-घरों में यह कंपनी जा जाकर उत्पादों का प्रदर्शन कर रही है, क्योंकि वृद्धों को बाहर आना जाना और खेलना नागवार गुज़रता है उन्हें इन खेलों के साथ खेलना आसान लगता है। प्रदर्शनी के कर्मियों के अनुसार माइक्रोसाफ़्ट के एक्सबॉक्स और सोनी कंपनी के प्लेस्टेशन में अभी इस तरह के उत्पाद नहीं आए।
    http://www.nintendo.de/NOE/de_DE/wii_54.html
  8. Atommüllverarbeitung, परमाणु कचरे में से कुछ हद तक radioactive material दोबारा पाने की विधि. जर्मनी में 17 परमाणु बिजली घर हैं। परमाणु कचरे को फिलहाल पुनरचक्रण के लिए फ्रांस या इंगलैण्ड भेजा जाता है, फिर वापस मंगवाया जाता है। Zwischenlager, अन्तरिम भण्डारण, Endlager, निपटान, radioaktive Abfälle, रेडियोधर्मी कचरा, international atomic energy agency, अन्तरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेन्सी, atomic power plant, परमाणु विद्युत संयन्त्र, atomic power, परमाणु ऊर्जा, nuclear supplier group, NSG, परमाणु आपूर्ति समूह, Nuclear non-Proliferation Treaty, नाभिकीय अप्रसार सन्धि, das Kernkraftwerk, nuclear power plant, नाभिकीय विद्युत संयन्त्र, Kernspinuntersuchung, Magnetic resonance imaging (MRI), nuclear magnetic resonance imaging (NMRI), thermal, hydel, nuclear, wind, solar, bio energy, Atomkraftwerk, परमाणु ऊर्जा संयन्त्र, रेडियोधर्मी कण, Chernobyl, चेरनोबिल
  9. ऑटोमोटिव क्षेत्र के लिए सामान बनाने वाली कम्पनी Valeo ने 2011 की पहली तिमाही में विश्वभर में राजस्व वृद्धि दर्ज की है। कम्पनी को 19.2% वृद्धि के साथ 226 करोड़ यूरो राजस्व प्राप्त हुआ। हालांकि जापान में परमाणु आपदा के कारण 22% गिरावट आई।
    http://www.presseportal.de/pm/35826/2031406/
  10. 110331 को एक 87 वर्षीय महिला के घर के द्वार पर आकर एक लगभग 20 वर्षीय युवक ने खुद को सीवर कर्मचारी बताकर कहा कि वह घर की पाइपों का निरीक्षण करना चाहता है। घर में आकर उसने महिला से तलघर में कुछ देखकर आने के लिए आग्रह किया। जब महिला तलघर से वापस आई तो वह महिला से मरम्मत के लिए अग्रिम राशि की मांग करने लगा। महिला को पहले ही शक हो चुका था। उसने युवक को घर से बाहर निकल जाने के लिए कहा। और वह युवक चला गया। 20 अप्रैल को महिला को पता चला कि उसकी अल्मारी से गहने चोरी हो चुके हैं। उसने पुलिस को सूचित किया। तलाश जारी है।
    http://www.presseportal.de/polizeipresse/pm/10374/2031051/
  11. essen. पुरानी और पुरातन गाड़ियों, पुरज़ों और सेवाओं के विश्व के सबसे बड़े व्यापार मेले techno-classica का आज शुभारम्भ हुआ। पिछले सालों की तरह grugaparkt में 1200 प्रदर्शकों को बीस भवनों में बाण्ट कर यह मेला पूरी तरह भर गया। आयोजक siha के अनुसार 400 से अधिक प्रदर्शक आवेदनों को अस्वीकार करना पड़ा। इस मेले में करीब दो लाख आङ्गतुक अपेक्षित हैं। मेले में कार निर्माता, आपूर्तिकर्ता, वितरक और प्रदाता पहले से अधिक जटिल और भव्य ढङ्ग से पेश किए गए हैं। अगले साल इस मेले को और बढ़ाया जाएगा। इस जमावड़े से पुरानी और पुरातन गाड़ियों के आर्थिक महत्व का पता चलता है। एक प्रतिनिधि सर्वेक्षण के अनुसार करीब 43 लाख जर्मन पुरानी गाड़ियों को पसन्द करते हैं। जर्मन सड़कों पर करीब सात लाख बीस हज़ार एतिहासिक गाड़ियां और मोटर साइकल दौड़ रहे हैं। 2000 से लेकर पुरानी गाड़ियों की सङ्ख्या दोगुनी हो गई है। इस मेले में ढाई हज़ार पुरानी गाड़ियां बिक्री के लिए पेश की गई हैं। इस बार कुछ बड़ी कार कम्पनियां अपनी पुरानी कारों को प्रदर्शित करेङ्गी, जैसे mercedes-benz की sports car sl की साठ साल की कहानी। bmw भी mini के अलावा तीस के दशक के phantom model की दो कारों के साथ विलासिता-मार्का rolls-royce का इतिहास पेश कर रही है। audi भी अपनी एतिहासिक विजेता धावक गाड़ियों के साथ उपस्थित रहेगीम जैसे प्रसिद्ध धावक चालक bernd rosemeyer की पहाड़ी दौड़ लगाने वाली गाड़ी typ c और walter röhrl की quattro s1 जिससे उसने पच्चीस साल पहले pikes peak में record बनाया था। opel भी इस मेले में अपना डेढ सौ साल का इतिहास प्रस्तुत कर रही है। rüsselsheim स्थित यह कम्पनी गाड़ियों में सफ़लता हासिल करने से पहले साइकल और सिलाई मशीनें बनाती थी। तीस के दशक में ङह कम्पनी यूरोप की सबसे बड़ी कार कम्पनी थी। यह इतिहास अब कम्पनी के मुख़यालय में भी प्रस्तुत किया जाएगा। 2014 में कम्पनी अपने पुराने कारखाने में एक सङ्ग्रहालय खोलेगी। friedrichshafen स्थित गियर विशेषज्ञ कम्पनी zf की तरह कई महत्वपूर्ण आपूर्तिकर्ता भी मेले में भाग ले रहे हैं। यह कम्पनी mercedes sl pagode और bmw 328 roadster जैसी पुरानी गाड़ियों के गियर भी कॉपी करके बनाती है। stuttgart स्थित वाहन की विद्युत और ignition विशेषज्ञ bosch भी अपनी तमाम पुरज़ों की सूचियों और नियम पुस्तिकाओं सहित उपस्थित हैं। आयातित markों में से peugeot सब से वफ़ादार प्रदर्शकों के रूप में उपस्थित है। यह कम्पनी गाड़ियों में सबसे पुरानी और अभी तक अस्तित्व बनाए रखने वाली कम्पनी होने का दावा करती है। यह कम्पनी 1810 में चक्की बनाने वाली कम्पनी के रूप में शुरू हुई थी।
  12. Garmisch-Partenkirchen में 21 अक्तूबर रात नौ बजे पुलिस ने सड़क पर एक फ़्रेंच नम्बर वाली मिनी बस को चेक करने के रोका। उसमें कई लोग थे। चेक करने के लिए एक 38 और एक 39 वर्षीय पुलिसकर्मी सड़क पर खड़े थे। एक उनकी 29 वर्षीय साथिन पुलिस गाड़ी में बैठी थी। तभी अचानक तेज़ गति से एक कार आई और उसने सड़क पर खड़े दोनों पुलिस कर्मियों को हवा में उड़ा दिया। दोनों पुलिसकर्मियों को बहुत चोट आई और उन्हें अस्पताल में दाखिल करवाया गया। उनमें से 39 वर्षीय पुलिसकर्मी की अस्पताल में मृत्यु हो गई। गाड़ी में बैठी महिला पुलिसकर्मी को भी हल्की चोटें आई। गाड़ी चला रही 25 वर्षीय युवती को सड़क पर खड़ी मिनी बस और पुलिस कर्मियों का पता ही नहीं चला। उसे भी गहरा मानसिक धक्का लगा है।
    http://www.polizei.bayern.de/oberbayern/news/presse/aktuell/index.html/125416
    http://www.polizei.bayern.de/oberbayern/news/presse/aktuell/index.html/125511
  13. Lüdenscheid, 110421, एक युवक को एक मरणासन्न रोगियों के अस्पताल का कर्मचारी बनकर चन्दा मांगते हुए देखा गया है।
  14. Kassel, 110420, रात ग्यारह बजे पैदल चल रहे एक 28 वर्षीय व्यक्ति को अचानक चार लगभग 17-19 वर्षीय युवकों ने पीछे से आकर घूंसों और लातों से मारना शुरू कर दिया। व्यक्ति नीचे गिर पड़ा। फिर एक ने उससे उसका मोबाइल और डेबिट कार्ड मांगा और चारों ने फिर उसे लातों और घूंसों से मरना शुरू कर दिया। इससे पहले कि स्थिति काफ़ी बिगड़ती, वहां एक कार आकर रुकी। चारों युवक बिना कुछ लिए वहां से भाग लिए। 31 वर्षीय कार चालक ने कुछ दूर तक पीछा किया।
    http://www.presseportal.de/polizeipresse/pm/44143/2031049/
  15. भारत में हर साल सैंकड़ों फ़िल्में बनती हैं लेकिन अभिनय की तकनीक पर शायद ही कोई साहित्य उपलब्ध हो। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय और Fim and Television Institute of India Pune के वेबसाईट पर भी कोई महत्वपूर्ण सूचना नहीं है। यहां पर एक चीज़ प्रचलित है जो भारत में कभी नहीं सुनी impro theatre. इसमें तीन चार कलाकार स्टेज पर वो करते हैं जो दर्शक उन्हें कहते हैं। जैसे दर्शकों द्वारा दिए गए किसी विषय पर एक scene बनाना। ज़ाहिर है कि उन्हें स्टेज पर आने से पहले पता ही नहीं होता कि उन्हें करना क्या है और न ही उन्हें तैयारी के लिए कोई समय दिया जाता है। बस पांच चार तीन दो एक गिना जाता है और दृश्य शुरू। एक उदाहरण you tube पर मिला देखिए। इसमें दर्शक हंस हंस के पागल हो जाते हैं। ये दिखने में जितना आसान और सहज है करने में उतना ही मुश्किल। इसमें पूरी तरह चौकन्ना रहना पड़ता है दूसरा क्या कह रहा है उसपर ध्यान रखकर उसे आगे बढ़ाना होता है भाषा और दुनिया भर के विषयों पर अच्छी पकड़ रखनी पड़ती है। munich में भी कई इंप्रो थिएटर समूह हैं जैसे
    http://www.fastfood-theater.de/home.php
    munich impro centre, info@munichimprocenter.com
    Felix
    Robin
    Bake this
    Mixit
    Äpfeltaschen
    Bühnenpolka
    Mike Meister
    http://www.tatwort.de/
  16. fastfood theater की एक छंटी हुई कलाकार Karin Krug जो 20 साल से impro theatre कर रही हैं सिखाती भी हैं। उनके पति ने भारत में 1700 किलोमीटर की पैदल यात्रा की और ये पुस्तक प्रकाशित की। उनके पति यहां फ़्रांसिसी फ़ोटोग्राफ़र Nicolas Chorier की किताब A Kites Eye View के जर्मन संस्करण Indien von oben के उद्घाटन समारोह पर मौजूद थे। इस पुस्तक में भारत में कई जगह पर पतंग पर कैमरा लगाकर फ़ोटो दिखाई गई हैं। इस समारोह में ज़ुबिन मेहता भी मौजूद थे।
  17. The equation of a Parabola 2D is x = y² / 4*f where f = Focal Length. To construct one in V5 Space which has a specific focal length three points have to be calculated. These are the Start Point End Point and the Tangent Intersection Point. In the picture a parabola of 100 units focal length has been constructed on a Support XY-plane so that its vertex is at the point000 and the focus at 10000. In this example the start and end points are to have an arbitrary value of 400 so to find their y value the equation is transposed and x = 400 plugged into it. The Focal Point is at the centre of the small circle. y = 4 * f * x ^0.5 Therefore y = 400 The tangent intersection point is on the X-axis at the negative value of the start and end points. Thus the three points required to make a 100 focal length parabola are Start Point = 400 4000 End Point = 400-4000 Tangent Intersection Point = -40000
  18. Westfalen-Blatt ने जापान की परमाणु आपदा के बाद जर्मनी में छिड़े विवाद पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि परमाणु ऊर्जा से बाहर निकलना, कम से कम तुरन्त निकलना एक सपना ही रहेगा। कम से कम 2020 तक तो प्रतीक्षा करनी ही पड़ेगी। इसकी कीमत भी बहुत ऊंची होगी और जर्मनी की अर्थ व्यवस्था पर इसका भारी असर पड़ेगा।
    http://www.presseportal.de/pm/66306/2031427/
  19. एक दो तीन
    तेज़ाब फ़िल्म के इस गाने का मुखड़ा देखिए स्टाफ़ नोटेशन (staff notation) में। ये रही सुनने के लिए इसकी मिडी (midi) फ़ाईल, और ये रही प्रिण्ट करने के लिए पीडीएफ़ फ़ाईल।
  20. अंग्रेज़ी फ़िल्मों की हिन्दी dubbing, vcd पर
    भारत में हिन्दी में डब की हुई बेशुमार हॉलीवुड फ़िल्में मिलती हैं, लेकिन vcd पर। और वहीं अंग्रेज़ी फ़िल्मों की dvd मिलती हैं, लेकिन केवल अंग्रेज़ी soundtrack के साथ, जबकि dvd एक से अधिक soundtrack जोड़े जा सकते हैं। आपको फ़िल्म जिस भाषा में देखनी हो, देख लें। यहां जर्मनी में भी अधिकतर मिलने वाली हॉलीवुड फ़िल्मों की dvds में अंग्रेज़ी और जर्मन के अलावा कई अन्य भाषाओं के न केवल soundtracks होते हैं, बल्कि उपशीर्षक भी होते हैं। आप फ़िल्म देखने के लिए जो चाहें, combination लगा सकते हैं। ख़ासकर अन्य भाषाएं सीखने में यह बहुत सहायक है। तो फिर ऐसा भारत में क्यों नहीं हैं। क्यों एक ही फ़िल्म के दो अलग अलग बाज़ार हैं, एक पढ़े लिखे अंग्रेज़ लोगों के लिए जो 200-300 रुपए की original dvd ख़रीदते हैं, जिसमें हिन्दी soundtrack की ज़रूरत ही नहीं समझी जाती, अंग्रेज़ी ही ठीक है, और एक आम कम पढ़े लिखे रिक्शाछाप लोगों के लिए जो 50 रुपए की देसी vcd ख़रीदते हैं जिसमें अंग्रेज़ी फ़िल्म को हिन्दी में डब करके दिखाया जाता है। केवल inglourious bastards की vcd पर हिन्दी में synopsis देखा। उसमें नाम भी रोमन लिपि में लिखे थे और खुशप्रद है। जबकि walt disney की हिन्दी vcd में synopsis तो हिन्दी में हैं पर नाम भी देवनागरी में लिखे हुए हैं। eagle में तो synopsis हिन्दी में हैं ही नहीं, अंग्रेज़ी में हैं।
  21. गाएं या बजाएं
    कुछ दिन पहले यहां (जर्मनी) के किसी टीवी चैनल पर बॉलीवुड फ़िल्मों में संगीत (गानों) की भूमिका पर एक वृतचित्र दिखाया गया। इसमें कुछ बड़े अभिनेताओं (शा्हरुख खान), संगीत निर्देशकों (अल्ला रक्खा रहमान), गायकों (आशा भोंसले), choreographers (Shiamak Davar) तथा लेखकों के साक्षात्कार के साथ साथ आम लोग गाने गा कर झूमते हुए, मज़ा लेते हुए तथा अन्ताक्षरी खेलते हुए दिखाए गए। यहां हिन्दी फ़िल्मों का टीवी पर, तथा बड़ी सुपरमार्किटों में हिन्दी डीवीडी बिकने का चलन काफ़ी बढ़ रहा है। कुछ बातें जो मुझे खटकती रहीं, वो ये, एक तो सभी ने साक्षात्कार अंग्रेज़ी में दिए। दूसरा, इस पौने घण्टे क वृतचित्र में इन लोगों ने कम से कम 200 बार शब्द ''संगीत'' का उपयोग किया। यहां लोगों को संगीत का बहुत शौक है, संगीत की वजह से बॉलीवुड हॉलीवुड का मुकाबला कर पा रही है, इत्यादि। क्या गाने ही संगीत हैं? क्या ये गाने एक आम आदमी को संगीत के बारे में सही प्रकार से रूची जगाने में सक्षम होते हैं? कितनी ही टीवी प्रतियोगिताओं में सिर्फ़ गाने वाले प्रतियोगी ही बुलाए जाते हैं। कभी कुछ वादकों की प्रतियोगिता होते देखी है? क्या बोलों के बगैर संगीत नहीं होता? होता है। एक तो गाना, उससे भी मुश्किल एक दूसरे के साथ स्वर मिला के गाना, उससे भी मुश्किल कोई संगीत वाद्य बजाना, उससे भी मुश्किल एक दूसरे के साथ स्वर मिला के वाद्य बजाना। हम किस श्रेणी में आते हैं? शायद सबसे पहले वाली में।
  22. Orientalismus in Europa

    110128-110501. दो तीन सौ साल पहले तक अरबी और अफ्रीकी देशों की उन्नत संस्कृति ने यूरोप के अनेक व्यापारियों, कलाकारों और राजा महाराजाओं ने आकर्षित किया था। वहां की जन जीवन, कला, आभूषण आदि यूरोप के लोगों के लिए बहुत आकर्षक थे। बहुत से लोगों ने यहां यात्राएं करके अनेक वृत्तान्त सुनाए, चित्र बनाए। ऐसे ही अनोखे चित्रों की प्रदर्शनी चल रही है म्युनिक के Kunsthalle में। कोई डेढ सौ चित्रों और मूर्तियों के द्वारा पूरब और पश्चिम के बीच के अनोखे सम्बन्ध और टकराव दर्शाए गए हैं। ज़रूर देखें।
    http://www.hypo-kunsthalle.de/newweb/orientalismus.html
  23. 5 फरवरी की रात को Neuhausen में एक डिस्को के बाहर एक लड़ाई में एक 18 वर्षीय नवयुवक को चाकू से बुरी तरह घायल कर दिया गया। उसपर कम से कम दस बार चाकू से घाव किये गये। सर्दी के मोटे कपड़ों के कारण उसकी जान बच गई। वह अपने एक दोस्त को बचाने के लिये लड़ाई में कूद पड़ा था और एक विरोधी को घूंसा जड़ दिया जिससे लड़ाई नये सिरे से शुरू हो गई। ज़ख्मी करने के बाद लगभग दस लोगों का विरोधी समूह वहां से भाग गया। पुलिस ने इस केस में एक 17 वर्षीय जर्मन-ट्युनिशियन को और एक 17 वर्षीय इराकी को पकड़ा है। इराकी ने चाकू से हमला करने का अपराध स्वीकार किया है।
    http://www.polizei.bayern.de/muenchen/news/presse/aktuell/index.html/109756
    http://www.polizei.bayern.de/muenchen/news/presse/aktuell/index.html/109769
    http://www.polizei.bayern.de/muenchen/news/presse/aktuell/index.html/110048
  24. अक्सर अपनाये जाने वाले तरीकों की तरह 8 फरवरी को Neuhausen में एक करीब तीस वर्षीय व्यक्ति ने करीब तीन बजे एक वृद्धा के फ़्लैट की घण्टी बजायी और कहने लगा कि वह नगलपालिका से है और पानी की पाइपें चेक करने आया है। उसने फोटो वाला एक identity card भी दिखाया। वृद्धा ने उसे अन्दर आने दिया। अन्दर आकर उसने बाथरूम के सारे नल खोल दिये और वृद्धा को कोई खाली बक्सा लाने के लिये कहने लगा। पर वृद्धा ने एक पल के लिये भी उसे आंख से ओझल नहीं होने दिया। आखिर हारके वह कहने लगा कि उसने बहुत पानी बहा दिया है, वह इसके पैसे देना चाहता है। इससे वृद्धा को उसपर बहुत शक हो गया और उसने उसे घर से निकल जाने के लिये कह दिया। शक की स्थिति में ऐसे व्यक्ति को बाहर दरवाज़े पर प्रतीक्षा करने और 089-2361-6110 नम्बर पर सूचना प्राप्त करने की सलाह दी गई है।
    http://www.polizei.bayern.de/muenchen/news/presse/aktuell/index.html/109891
  25. दो महिलायें चर्च की ओर से झूठी रसीदें दिखाकर दुकानों से चन्दा मांगती देखी गई हैं। पहले 29 जनवरी को Milbertshofen की एक फार्मेसी में वे एक चर्च की रसोई के लिये चन्दा मांगने गईं। फिर 18 फरवरी को Haidhausen की एक संगीत वाद्यों की दुकान में वे Obersendling की एक चर्च की झूठी रसीदें दिखाकर चन्दा मांगती दिखायी दीं। वे अभी पकड़ी नहीं गई हैं।
  26. 17 फरवरी शाम साढे पांच बजे Thierschstraße पर स्थित एक सुनार की दुकान में एक तीस-चालीस वर्ष का बायरिश बोलने वाला व्यक्ति घुस आया और हथियार दिखाकर कई हज़ार यूरो के गहने उड़ा ले गया। उसने मास्क पहना था। हथियार से डरा कर उसने 46 वर्षीय मालकिन और एक 24 वर्षीय महिला कर्मचारी को ज़मीन पर लेटने के लिये मजबूर किया। फिर खिड़कियों से गहने उठा कर भाग गया। बाहर निकलने से पहले उसने मास्क भी उतार लिया था।
  27. 16 फरवरी को सुबह साढे तीन बजे किसी ने पुलिस को फोन पर बताया कि Moosach में एक फ़्लैट में गोली चली है। फ्लैट में पहुंच कर पुलिस को पता चला कि गोली चलने की खबर झूठी थी पर टॉयलेट में से कोकीन का एक बैग पाया गया। जांच से पता चला कि वहां उपस्थित चार व्यक्तियों और एक महिला ने थोड़ी देर पहले नशीली दवाओं का सेवन किया था। उन्हें गिरफ़्तार करके खून, बाल और मूत्र जांच के लिये भेजा गया।
    http://www.polizei.bayern.de/muenchen/news/presse/aktuell/index.html/110438
  28. 16 फरवरी सुबह साढे ग्यारह बजे Sendlinger Straße पर वहां घूम रही एक ब्रिटिश पर्यटक के पास एक करीब चालीस वर्षीय औरत कोई समाचार पत्र बेचने आई। जब पर्यटक महिला ने अंग्रेज़ी में समझाया कि उसे जर्मन अखबार की ज़रूरत नहीं तो बेचने वाली औरत अंग्रेज़ी में कहने लगी कि उसके दो बच्चे हैं और उन्हें खाने के लिये पैसों की ज़रूरत है। इस पर पर्यटक महिला पर्स निकाल कर छुट्टे पैसे खोजने लगी। फिर बेचने वाली औरत ने उसके हाथ पर हाथ रखा और चुपके से कुछ नोट निकाल लिये, और चली गई। करीब एक घण्टे बाद पर्यटक महिला को चोरी का पता चला।
    http://www.polizei.bayern.de/muenchen/news/presse/aktuell/index.html/110438
  29. 13 फरवरी को Unterschleißheim में एक कार्निवाल कार्यक्रम के दौरान एक 18 वर्षीय लड़का अन्य अतिथियों के साथ गाली गलोच करते हुये देखा गया। पुलिस को बुलाने पर भी हिंसक विरोध करने लगा और बुरी बुरी गालियां बकने लगा। एक पुलिसकर्मी की तो उसने दान्त मारकर अंगुली काट ली। उसकी तलाशी लेने पर उसके पास लगभग एक ग्राम हशीश पायी गई। थाने ले जाने पर भी वह अन्य पुलिसकर्मियों को अपमानित करने लगा। उस पर अब शारीरिक चोट करने, अपमान करने, पुलिस कारवाई का विरोध करने और नशीली दवाओं के सेवन के आरोप लगाये गये हैं।
  30. 'एक बारह वर्षीय बेटे के साथ एक दम्पत्ति शहर की दुकानों में चोरियों के लिये सक्रिय है। अक्सर दम्पत्ति दुकानों में घुसकर कर्मचारी या कैशियर को प्रश्न पूछने लगते हैं और बातों में उलझा लेते हैं और बेटा पर्स आदि उड़ाने की ताक में रहता है। 8 फरवरी को भी वे दो दुकानों में गये। एक पर्यटन एजेंसी में तो कर्मचारी बहुत चौकस थी। बाप ने उसका ध्यान बण्टाने और बेटे को ओझल करने की बहुत कोशिश की, पर उसने उसे कार्यलय के अन्दर घूमते हुये देख लिया और परिवार को बाहर निकल जाने का आदेश दे दिया।
    http://www.polizei.bayern.de/muenchen/news/presse/aktuell/index.html/110299
  31. शुक्रवार 12 फरवरी को Stachus में एक दुकान में किसी ग्राहक औरत की प्रैम में पड़ा पर्स किसी ने उड़ा लिया जिसमें लगभग दो सौ यूरो थे। अगले दिन पुलिस दिकान की वीडियो रिकार्डिंग चेक करके जाने ही वाली थी कि उन्हें दुकान में वही व्यक्ति नज़र आया जो वीडियो रिकार्डिंग में चोरी करता हुआ पाया गया था। वह एक अन्य ग्राहक का पर्स उड़ाने की तैयारी में था। पुलिस ने उस 46 वर्षीय तुर्क को तुरन्त गिरफ़्तार कर लिया। उस नशीली दवाओं के डीलर पर पहले भी दो बार गिरफ़्तारी वारण्ट जारी हो चुका है।
    http://www.polizei.bayern.de/muenchen/news/presse/aktuell/index.html/110299
  32. शनिवार 13 फरवरी को Ostbahnhof के पास सुबह चार बजे एक 20 वर्षीय ऑस्ट्रियन पर्यटक पैदल जा रहा था कि पांच युवकों के एक झुण्ड ने उससे किसी फास्ट फूड रेस्त्रां का पता पूछा जो इस समय खुला हो। अभी बातचीत हो ही रही थी अचानक उनमें से एक बायिरश बपलने वाले करीब पच्चीस वर्षीय युवक ने उसे नीचे गिरा दिया। उसके नीचे गिरते ही पांचों उस पर टूट पड़े और उसे पीटने लगे। फिर एक ने उसका बटुआ निकाल कर उसमें से पैसे निकाल लिये और फिर वे सभी भाग गये।
    http://www.polizei.bayern.de/muenchen/news/presse/aktuell/index.html/110299
  33. 'शनिवार 13 फरवरी को Ostbahnhof के पास सुबह पौने पांच बजे एक 30 वर्षीय युवक पैदल घर आ रहा था कि एक नवयुवक आकर उससे ''रास्ता इस्तेमाल करने का शुल्क'' मांगने लगा। इसपर युवक ने दस यूरो देने की भेण्ट की तो नवयुवक ने धमकाया कि वह बटुआ उसके हवाले करदे नहीं तो उसे जान से हाथ धोना पड़ेगा। साथ ही उसने उसे घूंसा भी जड़ दिया। इससे डर कर युवक ने अपना बटुआ उसके हवाले कर दिया। नवयुवक ने बटुए से पैसे निकाल कर बटुआ वापस कर दिया और वहां से चला गया।
    http://www.polizei.bayern.de/muenchen/news/presse/aktuell/index.html/110299
  34. बच्चे को भी बनाया चोर
    10 फरवरी दोपहर को एक दम्पत्ति एक सात आठ साल के बच्चे के साथ रेलवे स्टेशन के पास एक नाखून स्टुडियो में गये। उन्होंने स्टुडियो के कर्मचारियों को इधर उधर की बातों में उलझा लिया, इतने में बच्चे ने कहा कि वह टॉयलेट जाना चाहता है। टॉयलेट के रास्ते में उसे कर्मचारियों के कमरे से भी होकर जाना था। उसने वहां पड़े एक वियतनामी महिला कर्मचारी के थैले में से पैसों का पर्स चुरा लिया। उन लोगों के जाने के बाद ही चोरी का पता चला।
    http://www.polizei.bayern.de/muenchen/news/presse/aktuell/index.html/110125
  35. 10 फरवरी को भी एक व्यक्ति ने खुद को नगरपालिका का कर्मचारी कह कर एक वृद्धा को दो सौ यूरो का चूना लगा दिया। Maxvorstadt में वृद्धा के फ़्लैट की बिल्डिंग के बाहर खड़ा वह व्यक्ति कहने लगा कि बिजली का रेट दोबारा तय किये के लिये फ़्लैट को दोबारा ठीक तरह से मापना पड़ेगा। वृद्धा ने विश्वास करके उसे अन्दर आने दिया। थोड़ी देर बाद उसने कहा कि वृद्धा ने ज़रूरत से अधिक बिजली का बिल अदा किया है, उसे तीन यूरो वापस मिलेंगे, पर इसके लिये उसे पांच सौ यूरो का नोट तोड़ना होगा। वृद्धा ने विश्वास करके उसे दो सौ यूरो दे दिये और वह पैसे लेकर भाग गया।
    http://www.polizei.bayern.de/muenchen/news/presse/aktuell/index.html/110125
  36. दस फरवरी को सुबह दस बजे Englschalking में एक 87 वर्षीय वृद्धा के फ़्लैट में किसी ने आकर घण्टी बजायी और बढ़िया जर्मन जुबान में कहने लगा कि वह बिल्डर और मकान मालिक की ओर से फ़्लैट का माप लेने आया है। वृद्धा ने विश्वास करके उसे अन्दर आने दिया और अधिक चल फिर न सकने की स्थिति में उस पर नज़र न रख सकी। वह एक दराज में से गहने और सोने के दान्त चुरा ले गया।
    http://www.polizei.bayern.de/muenchen/news/presse/aktuell/index.html/110048
  37. एक वृद्धा बैंक से बाहर निकली तो एक अज्ञात व्यक्ति उसके पास आकर दो यूरो के छुट्टे पैसे मांगने लगा। वह अपने पर्स में छुट्टे पैसे खोज ही रही थी कि व्यक्ति ने उसे बातों में उलझा लिया और खुद पर्स में पैसे खोजने लगा। घर पहुंच कर वृद्धा को पता चला कि उसके पर्स में से कई सौ यूरो गायब हैं।
    http://www.polizei.bayern.de/muenchen/news/presse/aktuell/index.html/110405
  38. सोमवार, 8 फरवरी को रात नौ बजे ISPO व्यापार मेले में एक 31 वर्षीय और एक 27 वर्षीय व्यक्ति साइकलिंग से सम्बन्धित उत्पाद बनाने वाली एक कम्पनी के स्टैण्ड पर खड़े इधर उधर घूर रहे थे। सुरक्षा कर्मियों ने देखा कि उन्होंने एक Downhill कम्पनी का हेल्मेट और चश्मा चुरा लिया। उन्होंने उसे रोक लिया और पुलिस को बुला लिया। पूछताछ पर वे कहने लगे कि उन्हें हेल्मेट का डिज़ाइन अच्छा लगा, और वे उसे केवल देख रहे थे।
    http://www.polizei.bayern.de/muenchen/news/presse/aktuell/index.html/109963
  39. म्युनिक के Gern क्षेत्र में मालिक की अनुपस्थिति में एक बंगले में 5 और 7 फरवरी के मध्य एक चोर घुस आया, लेकिन बुरी तरह ज़ख्मी होकर गया। वह खिड़की तोड़कर अन्दर तो आ गया लेकिन अन्दर किसी चीज़ से टकरा कर उससे इतना खून बहा कि कि सारे घर में खून के धब्बे पाये गये हैं। अनुमानित करीब दो लीटर खून बहा है। चोरी के नाम पर वह केवल मर्दों के जूते उठा सका पर बदले में वह अपने सड़े हुये जूते छोड़ गया। पुलिस का अन्दाज़ा है कि वह चोरी के बाद पट्टी बन्धवाने के लिये तुरन्त किसी डॉक्टर के पास गया होगा।
    http://www.polizei.bayern.de/muenchen/news/presse/aktuell/index.html/109891
  40. सात फरवरी को रात बारह बजे एक युवती अपने घर जा रही थी कि दो व्यक्तियों ने उस पर झपट कर उसका बैग हथिया लिया और वहां से भाग गये।
    http://www.polizei.bayern.de/muenchen/news/presse/aktuell/index.html/109769

मंगलवार, 14 अप्रैल 2020

jokes

That epic moment when SUNNY LEONE comes in COMEDY NIGHT WITH KAPIL and audience say: जी, मैं आप का बहुत बड़ा fan हूं .. सारी movies देखी हैं आप की. आप के साथ आप की movie का एक step करना चाहता हूं. n siddhu says:

गुरु, हर पीला fruit आम नहीं होता...
glass में मूत के पीयो तो वो जाम नहीं होता...
हर सीता का पति राम नहीं होता..
थोड़ी जेब ढीली करो और उठाओ hotel का ख़र्चा...
क्योंकि ये वो step है जो खुले आम नहीं होता..
ठोको ताली



Nepali anthem:
सुनो गौर से दुनिया वालो,
चाहे कितने महल बना लो,
उस के आगे garden बना लो,
उस के आगे gate लगा लो,
उस के आगे होंगे हम Nepali



छोटू, तुम्हारा नाम क्या है?
निसार
तुम्हारा जन्म कैसे हुआ?
जवानी जान-ए-मन, हसीन दिलरुबा, मिले जो दिल जवां, निसार हो गया।

सोमवार, 13 अप्रैल 2020

आषाढ़ का एक दिन

Rangmanch Theatre Company (Satvik Art Society), जनसंपर्क एवं संस्कृति विभाग, हरियाणा के सहयोग से प्रस्तुत करते हैं मोहन राकेश द्वारा रचित नाटक 'आषाढ़ का एक दिन'.
निर्देशन: अमित सनौरिया, सरवर अली
परिकल्पना: आत्म प्रकाश मिश्रा
संगीत परिकल्पना: देवेन्द्र अहिरवार

मंच पर:
पात्र, परिचय
मल्लिका, रणजोत कौर
कालिदास, सरवर अली
विलोम, अमित सनौरिया
अम्बिका, हरलीन मिनोचा
मातुल, आत्म प्रकाश मिश्रा
निक्षेप, दिव्यांशु मंगला
दन्तुल, अरुण ठाकुर
रंगिनी, शिबाजी दत्ता
संगिनी, दुर्गेश अत्वाल
अनुस्वार, मनीष पचियारू/विक्रम सिंह
अनुनासिक, साहिल बाघरा
प्रियंगु मंजरी, निशा ठाकुर/अकृति न्यूटन

मंच से परे:
मूल रचना: मोहन राकेश
मंच सहायक: संजीव मित्तल, अश्वनी, सुखनसार
प्रकाश परिकल्पना: अमित सनौरिया
प्रकाश संचालन: मोहनीश कल्याण
वस्त्र विन्यास: अदिति महाजन
सहायक, संजीव मित्तल
Stage property: राजा सुब्रामनियम, नितेश शर्मा, मनीष पचियारू, वरनिका
रूप सज्जा: मीना चौधरी, निशा ठाकुर, तान्या सिंह, पूनम शर्मा
संगीत संयोजन: दिनेश, पुरनेन्दु बैंस, सुरभी सहगल
मंच प्रबंधक: अरुण ठाकुर

मंगलवार, 7 अप्रैल 2020

redewendungen

  1. hitze frei
  2. schicht in schacht
  3. Ehe man eigene Kinder hat, hat man nicht die leiseste Vorstellung davon, welches Ausmaß die eigene Stärke, Liebe oder Erschöpfung annehmen kann.
  4. unter vier augen besprechen
  5. auf die offene Ohren stoßen, offene Ohren kriegen
  6. arger ärger
  7. auf verschwitzten Fellen wälzen
  8. ausnahme bestätigt die regel
  9. bis über beide ohren verliebt
  10. blümentopferde, blümento pferde
  11. da liegt der hund begraben
  12. Das Leben ist kein Ponyhof.
  13. Der Wink mit dem Zaunpfahl. Auch hier wird auf etwas angespielt, man will jemandem etwas zu verstehen geben durch einen zwar nur indirekten, aber dennoch sehr deutlichen und unmißverständlichen Hinweis Im Gegensatz zu "etwas durch die Blume sagen" (siehe Redewendung oben), wird man hier aber schon deutlicher. Beispiel: "Er hat ihm einen Wink mit dem Zaunpfahl gegeben."
  14. doppel genäht hält besser
  15. eigenlob stinkt
  16. einhörnchen: ohrkatzel schwurf
  17. etwas verläuft aalglatt = ohne probleme, hindernislos. glitschige haut des aals, beweglich, leicht gleitbar.
  18. Fluch und Segen
  19. Kaffee am morgen vertreibt Kummer und Sorgen
  20. keine katze mit sieben kinder durchspringen
  21. kokoloris
  22. offizierre haben seber
  23. sich etwas durch die Lappen gehen lassen = sich etwas vor der Nase wegschnappen lassen - etwas schon sicher Geglaubtes doch nicht bekommen
  24. so läuft eine Hase
  25. spaß muss sein, sprach
  26. अक्ल का चरने जाना - (समझ का अभाव होना) - इतना भी समझ नहीं सके,क्या अक्ल चरने गई है?
  27. अक्ल का दुश्मन - (मूर्ख) - आजकल तुम अक्ल के दुश्मन हो गए हो।
  28. अपना उल्लू सीधा करना -(मतलब निकालना) -आजकल के नेता अपना अपना उल्लू सीधा करने के लिए ही लोगों को भड़काते हैं।
  29. अपने पैरों पर खड़ा होना - (स्वालंबी होना) - युवकों को अपने पैरों पर खड़े होने पर ही विवाह करना चाहिए।
  30. अपने मुंह मियां मिट्ठू बनना - (स्वयं अपनी प्रशंसा करना ) - अच्छे आदमियों को अपने मुहं मियां मिट्ठू बनना शोभा नहीं देता।
  31. आंख का तारा - (बहुत प्यारा) - आज्ञाकारी बच्चा मां-बाप की आंखों का तारा होता है।
  32. आंखे खुलना - (सचेत होना) - ठोकर खाने के बाद ही बहुत से लोगों की आंखें खुलती हैं।
  33. आंखे दिखाना - (बहुत क्रोध करना) - राम से मैंने सच बातें कह दी , तो वह मुझे आंख दिखाने लगा।
  34. आसमान से बातें करना - (बहुत ऊंचा होना) - आजकल ऐसी ऐसी इमारते बनने लगी है ,जो आसमान से बातें करती है।
  35. ईंट का जबाब पत्थर से देना - (जबरदस्त बदला लेना) - भारत अपने दुश्मनों को ईंट का जबाब पत्थर से देगा।
  36. ईंट से ईंट बजाना - (पूरी तरह से नष्ट करना) - राम चाहता था कि वह अपने शत्रु के घर की ईंट से ईंट बजा दे।
  37. ईद का चांद होना - (बहुत दिनों बाद दिखाई देना) - तुम तो दिखाई ही नहीं देते, लगता है कि ईद के चांद हो गए हो।
  38. उड़ती चिड़िया पहचानना, रहस्य की बात दूर से जान लेना, वह इतना अनुभवी है कि उसे उड़ती चिड़िया पहचानने में देर नहीं लगती।
  39. उलटी गंगा बहाना - (अनहोनी हो जाना) - राम इतना गुस्सैल है कि किसी से प्रेम से बात कर ले, तो समझो उलटी गंगा बह जाए। उन्नीस बीस का अंतर होना, बहुत कम अंतर होना, राम और श्याम की पहचान कर पाना बहुत कठिन है, क्योंकि दोनों में उन्नीस- बीस का ही अंतर है।
  40. Auf dem Holzweg sein. भूल भुलइया में खोना। Holz यानि लकड़ी, Weg यानि रास्ता। पहले जब जंगल बहुत घने होते थे तो पेड़ काट के लाए जाने के लिए रास्ते बनाए जाते थे, पर अक्सर लोग उन में खो जाते थे। उदाहरण: Wer nur etwas nachdenkt, wird ganz schnell merken, daß man nur auf dem Holzweg sein kann. यानि जो ज़्यादा सोचता है, भूल भलइया में खो जाता है।
  41. aalglatt. यह शब्द आम-तौर पर एक बहुत ही चतुर व्यक्ति के लिए प्रयोग किया जाता है जो किसी भी परिस्थिति में बिना नुक़सान उठाए निकल आता है। aal एक मछली होती है जिस की त्वचा इतनी चिकनी होती है कि वह पकड़ में नहीं आती। glatt का तो मतलब ही चिकना होता है। यानि इतनी चिकनी मछली जो कहीं से भी टेढी मेढी हो कर निकल जाए।
  42. Auf alten Pferden lernt man reiten. इस का साहित्यिक अर्थ है कि घुड़सवारी सीखने के लिए बूढा घोड़ा ठीक रहता है। पर इसे अन्य सन्दर्भों में उपयोग किया जाता है, जैसे girlfriend बनाने की शुरूआत वृद्ध औरतों से करना, क्योंकि वे अनुभवी और सहनशील होती हैं।
  43. Auf den Hund gekommen sein, ग़रीब होना, पतन होना। पहले जब bank नहीं होते थे तो लोग धन और कीमती चीज़ें लकड़ी के डिब्बों में रख कर ज़मीन के अन्दर दब देते थे। सामान के साथ साथ चोरी की सुरक्षा की उम्मीद लिए वे कुत्तों या अन्य जानवरों की मूर्तियां भी दबा देते थे।
  44. Auf der Leitung stehen, किसी मौके पर अचानक कुछ ना समझ पाना।
  45. auf die Schliche kommen, to find something out, किसी चीज़ का पता चलना
  46. Auf jeden Topf passt ein Deckel. सब से अभद्र और बदसूरत व्यक्ति को भी कोई ना कोई साथी मिल जाता है।
  47. auf mehrere Hochzeiten tanzen, कई काम एक साथ करना
  48. Da beißt sich die Katze in den Schwanz. यानि बिल्ली अपनी ही पूंछ को काट रही है। यानि जब हम किसी के साथ विवाद में पड़ कर किसी मुद्दे को आगे ले जाने में असक्षम होते हैं, तो उस सन्दर्भ में इस मुहावरे का इस्तेमाल किया जाता है।
  49. Das Heft in der Hand haben. यानि कमान अपने हाथ में रखना, ख़ुद को सत्ता या नेतृत्व में रखना, ख़ुद निर्धारित करना कि क्या होना चाहिए। उदाहरणः Der will von Beginn an das Heft in seine Hand haben. यानि वह शुरू से ही नेतृत्व अपने हाथ में रखना चाहता है।
  50. Das ist doch Jacke wie Hose. यानि इन दोनो में कोई अन्तर नहीं, या कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम इन दोनों में से कन सा चुनें। यह मुहावरा सताहरवीं सदी में प्रचलन में आया जब jacket और पतलून एक ही कपड़े से सिलने का फैशन शुरू हुआ। jacket- Jacke, पतलून- Hose.
  51. Do not pray for an easy life, pray for the strength to endure a difficult one. Bruce Lee
  52. Dürfen darf Man alles, Man muss nur es können. आप को सब कुछ करने की इजाज़त है, बस आप को करना आना चाहिए.
  53. nichts wird so heiß gegessen, wie es gekocht wird. इस का शाब्दिक अर्थ है, चीज़ें उतनी गरम खाई नहीं जातीं जितनी गरम पकाई जाती हैं। यानि कुछ गलत होने पर इतना परेशान होने की ज़रूरत नहीं होती, क्योंकि अक्सर नुक़सान उतना ज़्यादा नहीं होता जितना अचानक दिखने लगता है।
  54. Wenn du nicht mehr weiter weißt, gründe einen Arbeitskreis, जब आगे कुछ समझ ना आए तो एक team बनाओ। यहां प्रचलित Arbeitskreis बनाने की प्रथा पर मज़ाक।
  55. आप से प्यार करना तो रिश्ते की मजबूरी है. पर काश मैं आप की इज़्ज़त भी कर सकता
  56. holz auge sei wachsam
  57. wir leben im augenblick
  58. If you fall into a rut, dont furnish it.
  59. auf Teufel rauskommen, नरक से बाहर निकलना
  60. gelegenheit macht diebe
  61. Alter geht vor Schönheit. यानि सुन्दरता आयु से अधिक महत्वपूर्ण है। यह तब उपयोग किया जाता है जब बड़ों और वृद्धों की तुलना में अधिक सुन्दर दिखने वाले लोगों को वरीयता मिलती है।
  62. Appetit holt man sich auf der Straße, gegessen wird zuhause. बाहर लड़कियां जितनी मर्ज़ी देखो, सेक्स घर आकर ही होगा।

भारतीय-उपनाम

business career job professions
उपनाम कारोबार कुल जातियां धन्धा पेशे वन्श समाज समुदाय सम्प्रदाय
****
अजामिल ओराम्व गज गणिका गुर्जर चमार चारण चूहड़े डोगरा डोमवा ढाणी पासी बनिया बहेलिया बुनकर बढ़ई भंगी भिल मछुआरा मुसहर मेहतरवा राजपूत लोहार व्याध शबरी सन्ताल सुतार सुनार हांड़ी
****
मज़हबी सिखः वे लोग जो पंजाब में आतंकवाद के दौरान डर के मारे सिख बन गए थे।
बुरकी कबीला
metzger, कसाई
आर्य समाज
इस्मायली खोजा सम्प्रदाय: जिन्ना
कश्मीरी पण्डित: कौल
गोण्ड जाति
चन्देला वन्श
पख्तून, पश्तोभाषी
पण्डव कुल
परगनैत आदिवासी
पारसी: वाडिया, पेटिट, टाटा
ब्रह्म समाज
भील जाति
मेव समुदाय
मोहाजिर, उर्दू बोलने वाले
यादव कुल

शब्दों के एक से अधिक अर्थ

  1. Fine, i am fine, I got fined
  2. Left, बचा हुआ, बायां
  3. Paste. toothpaste, cut paste, चिपकाना
  4. Race, दौड़, जाति
  5. Schweiß m पसीना (in German) m, switzerland (in English), welding (verb in German)
  6. march. soldiers march. month of march.
  7. plant, oil is extracted from plants, cars are manufactured in plants
  8. scale, in which scale are you singing, scale down the model by 10%
  9. stick, stick to your words, he needs a stick to walk, non-stick pan
  10. अकाल। अकाल पड़ जाना। यह सृष्टि अकाल है। एक मन्त्र से पाएं अकाल मृत्यु पर विजय।
  11. अपना। काश यहां कोई अपना होता। यह अपना घर है। मैंने उसे अपना लिया।
  12. आचार। उसने चुनावी आचार संहिता का उलंघन किया। यह आचार (pickle) बहुत स्वादिष्ट है।
  13. आप। आप कौन हैं? मैं यह काम आप (खुद) करूँगा।
  14. उत्तर। हिमालय उत्तर में है। उत्तर दो।
  15. उसने दौड़ में भाग लिया। वह यह सुनते ही भाग लिया
  16. कड़ी। मेरी कड़ी से कड़ी मिला लो। तुम्हें कड़ी से कड़ी सज़ा मिलेगी।
  17. कदर। इस कदर प्यार है तुमसे ओ हमसफ़र। उसकी कदर बढ़ गई।
  18. कर। यह क्या कर रहे हो? उसने घबरा कर शीशा तोड़ दिया। उसने पिछले साल का कर नहीं दिया।
  19. कहना। मेरा कहना (aussage) यह है कि आज तुम मत जाओ। मुझे तुमसे कुछ कहना है (sagen).
  20. कड़की। बिजली कड़की। कड़की में रोटी खाना भी दूभर हो जाता है।
  21. कड़ी। आज धूप बहुत कड़ी है। आज मुझे इस मुद्दे की कड़ी मिल गई।
  22. खाने। आज खाने में क्या बनाया है? ज़ेवर उस खाने में पड़े हैं।
  23. खिलाया। मैंने दिन भर बच्चों को खिलाया (make him play, esp. children). मैंने दिन भर बच्चों को पेट भर खिलाया (to feed)
  24. खोया। खोया खोया चांद। दूध को काढ़ के खोया बना लो।
  25. गाएं। आप अपना मनपसंद गीत गाएं। वह अपनी गाएं ले कर चला गया।
  26. घटना, to substract self, intransitive, infinitive, an incident
  27. घुटना, to suffocate, knee
  28. चश्मा। चश्मा पहनो। पानी का चश्मा
  29. चाहिए। तुम्हें क्या चाहिए (want)? तुम्हें ऐसे काम नहीं करने चाहिए (should)।
  30. चैन। साइकल की चैन टूट गई तो मैं भी चैन से बैठ गया।
  31. छाया। वह उस महफिल में इतना छाया कि पूछो मत। मैं तुम्हारी छाया हूं।
  32. छोरों। आपके छोरों का क्या हाल है? कमरे के दोनों छोरों पर मेज़ें थीं।
  33. जल। घर जल गया। मैंने जल पी लिया।
  34. जहाँ। जहाँ में कोई तुम सी हसीं नहीं है, जहाँ तुम हो, वहाँ मैं भी हूँ
  35. जाना। तुझे देखा तो ये जाना सनम। मैंने / मुझे जाना है।
  36. जीता। वह शान से जीता है। वह खेल में तीन बार जीता।
  37. जीया। जीया बेकरार है, आई बहार है। तेरे बिना जीया जाए न। कि जान चली जाए जीया नहीं जाए। जीया जाए तो फिर जीया नहीं जाए।
  38. जी। मैं बस जी रहा हूं। मेरा जी नहीं लग रहा।
  39. जोड़ा। मैंने दोनों भागों को जोड़ा। मेरे आगे एक नव विवाहित जोड़ा बैठा था।
  40. झूला। मैं झूले पर झूला। यह झूला नया है।
  41. टांग। उसकी टांग मत खींचो। यह कोट वहां टांग दो।
  42. टीका। injection, माथे का टीका
  43. ठहरो। तुम कुछ दिन दिल्ली में ठहरो / रुको (aufhalten, stay). ज़रा ठहरो / रुको (anhalten, stop).
  44. डर। मैं डर गया (got afraid of)। मुझे डर (fear) लगा।
  45. डाल। प्याले मां पानी डाल। डाल डाल पे सोने की चिड़ियां हैं।
  46. तंग। यह गली बहुत तंग (eng) है। मुझे तंग (nerven) मत करो।
  47. तनों। पेड़ों के तनों पर डालियां हैं। सब के तनों पर रंग मला हुआ था।
  48. तलब। जवाब तलब करना। तलब (प्यास) लगना।
  49. दफ़ा 302, दफ़ा हो, हज़ारों दफ़ा
  50. दराज़। वह एक उम्र-दराज़ व्यक्ति है। दराज़ खोलो।
  51. दर। इसकी ब्याज दर क्या है? दर दर की ठोकरें खाना।
  52. दाल कैसे गले, आ गले लग जा
  53. दुख। मेरा सर दुख रहा है। मुझे दुख है कि....
  54. दो। मैंने दो सेब खाए। ये संतरा मुझे दो।
  55. दौरा। दौरा किया। दौरा पड़ा।
  56. धारणा। मेरी यह धारणा है। उसने साधू का रूप धारना / धारण है।
  57. पटना. पटना कहां है
  58. पर। उसके पर कुतर दो। पर मैंने तो ऐसा नहीं कहा। वह पुल पर चढ़ रहा है।
  59. पल। वह हमारे यहाँ पल रहा है। कुछ पल हमारे साथ भी बैठो।
  60. पाई। मैं अभी तक कुछ नहीं कर पाई। मैं आपकी पाई-पाई चुका दूंगा।
  61. पालक खाओ, इस बच्चे का पालक कौन है?
  62. पीठ। मेरी पीठ रगड़ो। फैसला करने वाली तीन सदस्यों की पीठ।
  63. प्रति। मुझे इसकी एक प्रति (copy) दो। वह अपनी पत्नी के प्रति वफ़ादार है।
  64. प्रयोग। इस शब्द को आजकल बहुत कम प्रयोग किया जाता है। मैं आजकल गुरुत्वाकर्षण पर एक प्रयोग कर रहा हूं।
  65. फबती। वह तुम पर फबती कस रहा है। यह पोशाक तुम पर फबती है।
  66. फूलों का तारों का, बिजली की तारों का जंगल
  67. बंदी। तुम्हें बंदी बनाया जा रहा है। क्यों मेरे gender में कोई कमी है क्या?
  68. बजाए। इसकी बजाए वह करो। dj ने बहुत अच्छे गाने बजाए।
  69. बजे। कितने बजे हैं? जब भोंपू बजे तो उसकी नींद खुली।
  70. बनिए। अमीर बनिए। बनिए की दुकान से शक्कर लाओ।
  71. बहाना. ये बहाना है आपका. उनका तो काम है पसीना बहाना
  72. बिना। फैसले सबूतों की बिना पर होते हैं। फैसले सबूतों के बिना नहीं होते।
  73. भेजा। मेरा भेजा मत खाओ। मैंने उसे खाना लाने के लिए भेजा
  74. मत। सब ने अपना अपना मत दे दिया है। ऐसा मत करो।
  75. मनाया। हमने धूमधाम से दशहरा मनाया (celebrate)। मैंने उसे बड़ी मुश्किल से मनाया (to make agree)।
  76. मना। मना लेना। मना कर देना।
  77. मांग। मांग के साथ तुम्हारा। मांग नहीं रहा, छीन रहा हूं।
  78. रंग। यह कौन सा रंग है। मुझे रंग दे।
  79. वैज्ञानिक। हमारे यहां दो वैज्ञानिक (scientist) काम करते हैं। यह वैज्ञानिक रूप से (scientifically) साबित हो चुका है।
  80. शर्मा। वह शर्मा गई। शर्मा जी, इधर आइए।
  81. सत्ता। यह दल आज सत्ता (power) में है। तुम चिड़ी का सत्ता (card 7) फेंको। सत्ता फेंक, सत्ता मेरी है
  82. सलामी (hindi), salami (english, german)
  83. सही. दूरी सही जाए ना. सही कह रहे हो।
  84. सोना। मुझे अब सोना है। यह ढाई किलो सोना मेरा है।
  85. सोया। मैं सोया हुआ था। soya का पौधा, soya milk
  86. सौगंध, swear, odor
  87. हल, solution, agricultural tool
  88. ज़माना। ज़माना (world) क्या कहेगा। कैसा ज़माना (time) आ गया।

words with -ओ-

अक्ल-ओ-होश
अजीब-ओ-गरीब
आब-ओ-हवा
गर्द-ओ-गुबार
चैन-ओ-अमन
जान-ओ-तन
ज़ुल्म-ओ-सितम
दिल-ओ-जान
दीवार-ओ-दर
नाम-ओ-निशान
बीच-ओ-बीच
रंज-ओ-ग़म
रहम-ओ-करम
शर्म-ओ-हया
शाम-ओ-सहर
शेयर-ओ-शायरी
साज़-ओ-सामान

old news

Kassel, 110419, रात करीब साढे दस बजे एक 24 वर्षीय युवती Audi कार द्वारा शहर से बाहर जा रही थी। एक गाड़ी को overtake समय अधिक गति के कारण उस की गाड़ी सड़क से उतर गई, सड़क पर लगे पत्थर से छू गई। कुछ गवाहों के अनुसार कुछ समय के लिए तो गाड़ी केवल दो पहियों पर चल रही थी। फ़िर वह सड़क के किनारे लगे बिजली के खम्भे से टकरा गई। गाड़ी में बैठे सभी पांच लोगों को चोटें आई हैं, कुछ तो ग़म्भीर रूप से ज़ख्मी हैं। गाड़ी में फ़ंसी चालक को दमकलकर्मियों ने बाहर निकाला। उस की हालत ग़म्भीर बताई जा रही है। सड़क को एक घण्टे के लिए पूरी तरह बन्द किया गया। रेल यातायात में भी बाधा आई।
http://www.presseportal.de/polizeipresse/pm/44143/2030006/

Germany के 70 शहरों में easter जलूस
अफ्गानिस्तान से german फ़ौज वापस बुलाने, ईरान के परमाणु कार्यक्रम के बारे में media में बेतुके रवैये को रोकने, फ़ौज में भर्ती के लिए schools में विज्ञापनों को रोकने और नाटो को समाप्त करने के लिए easter के दिनों में Germany भर में जलूस निकले। Germany के सत्तर शहरों में पचास साल से चल रहे Ostermarsch (यानि easter जलूस) नामक इस जलूस में बहुत सारी संस्थाओं और parties ने हिस्सा लिया। बहुत सारे भाषणों में मौजूदा राजनीति और अर्थव्यवस्था पर कड़े कटाक्ष किए गए। इन में कहा गया कि फ़ौजी प्रशिक्षण देना एक अपराधी का प्रशिक्षण देने के समान है क्योंकि फ़ौजी का काम होता है दूसरों को मारना। अफ्गानिस्तान में जितना ख़र्च युद्ध पर ख़र्च किया जा रहा है, उतना में वहां का हरेक नागरिक रोज़ सत्तर Dollar कमा सकता था। पर वह युद्ध शान्ति के लिए नहीं है। ना तो आज तक ओसामा बिन लादेन पकड़ा जा सका है जो सब से महत्वपूर्ण है, और ना ही वहां drug्स की खेती रोकी जा रही है, केवल बेबस जनता को मारा जा रहा है। वहां हर बच्चे का हर दिन बमों के बीच गुज़रता है। दुर्भाग्य से फ़ौज के साथ साथ Germany हथियारों का विश्व में तीसरा सब से बड़ा निर्यातक है। नाटो भी एक बड़ी आपराधिक संस्था ही है जिसे तत्काल समाप्त किया जाना चाहिए। उस का काम है लाखों की संख्या में इंसानों को मारना। पहले ईराक, अफ़्गानिस्तान जैसे देशों के प्रति मिडिया में झूठी ख़बरें फैलाई जाती हैं, फ़िर युद्ध किया जाता है, शान्ति के लिए नहीं, बल्कि प्रकृतिक स्त्रोतों पर क़ब्जा करने के लिए। अरबों यूरो हथियारों पर ख़र्च करने की बजाए नागरिकों को ढंग की ज़िन्दगी देने पर ख़र्च किया जाना चाहिए। आम लोगों में भी इन मुद्दों पर जागरुकता बढ़ रही है। पर फ़िर भी इन जलूसों का आकार पहले से कम हुआ है।
http://www.muenchner-friedensbuendnis.de/aktuelles/A10/10OstermAufr.php

एक प्रकार का बहुत ही दुर्लभ बाज़ Africa में सर्दियां गुज़ारने के बाद दो महीने की यात्रा कर के लातविया के जंगल में वापस आ गया है। इस के लिए ख़ास घोंसले तैयार किए गए थे क्योंकि इस प्रजाति के केवल कुछ ही पक्षी बचे हैं। साइट पर दिए गए वेबकैम द्वारा इस के घोंसले को live देखा जा सकता है।
http://www.presseportal.de/pm/37587/2031149/


090524
+433131072115
michael dekacs polizei wien. sikhs fought in wien
http://www.bundespolizei.gv.at/

Gronau, 110425 को शहर के अन्दर easter उत्सव के कारण कई सड़कें दोपहर बारह बजे से ले कर कुछ घण्टों के लिए बन्द कर दी जाएंगी। इस से यातायात में बाधा आएगी।
http://www.presseportal.de/polizeipresse/pm/24843/2030027/

India सर्कस का निकला दिवाला
India Circus नामक शो का दिवाला निकल गया है और बीच में ही बन्द कर दिया गया है। Hamburg में कुछ दिन चलने के बाद यह बन्द कर दिया गया है।
http://video.apps.abendblatt.de/watch/64044494001

London, Telnic Limited (http://telnic.tel), एक .tel शीर्ष स्तर Domain (TLD) registration operator को Context Aware Computing द्वारा छह बढ़िया आपूर्तिकर्ताओं में से एक घोषित किया गया है।
http://www.presseportal.de/pm/62234/2031147/

20 August से Frankfurt-Bockenheim वासी 47 वर्षीय महिला Saray Güven गायब है। इस मामले में उस के 51 वर्षीय दोस्त Hayreddin Tandogan को सन्दिग्ध माना जा रहा है जो एक सूचना के अनुसार मानसिक बीमारी से ग्रस्त है। दोनों को अन्तिम बार एक भूरे रंग की Opel Zafira Tourer में देखा गया था जिस का number ERB-EE 995 है।
http://www.presseportal.de/blaulicht/pm/4970/3718503
http://www.presseportal.de/blaulicht/pm/4970/3716182
Einbeck, 110416, किसी ने रात को एक 50 वर्षीय व्यक्ति के बकरियों के अस्तबल में से रस्सी के साथ बन्धा हुआ कुत्ता चुरा लिया।
http://www.presseportal.de/polizeipresse/pm/57929/2030047/

101214
Staatsanwaltschaft Saarbrücken Ford Bestechung
http://www.sta-sb.saarland.de/
http://www.justiz.bayern.de/gericht/ag/m/presse/aktuell/

रविवार रात को Stuttgart में एक BMW 530d xDrive गाड़ी चुरा ली गई है। एक साल पुरानी इस गाड़ी की कीमत करीब पैंतीस हज़ार यूरो है।
http://www.presseportal.de/blaulicht/pm/110974/3714480

Ostercappeln में आज सुबह एक व्यक्ति जब घर से बाहर निकला तो उस ने पाया कि बाहर खड़ी उस की काले रंग की Daimler Viano गाड़ी रात को चोरी कर ली गई है।
http://www.presseportal.de/blaulicht/pm/104236/3718391

Reutlingen में सोमवार रात को एक चोर कई दुकानों में चोरी करने के लिए घुसा पर उस के हाथ कोई कीमती चीज़ नहीं लगी। दो दुकानों में सैंध लगाने के बाद उस ने एक Video library में घुसने की कोशिश की पर असफ़ल रहा। फ़िर वह एक नाई की दुकान की खिड़की खोल कर घुस गया और कीमती चीज़ें ढूंढने लगा। पर उसे कुछ नहीं मिला।

Einbeck, 110419, दोपहर सवा तीन बजे दो हथियारबन्द लोग एक छोटे से रेस्त्रां में घुस आए। रेस्त्रां में दो अतिथि भोजन कर रहे थे और 41 वर्षीय मालिकन रसोई में थी। एक ने गल्ले में से कुछ एक हज़ार यूरो का धन निकाल लिया। मालकिन ने रसोई की खिड़की में यह होते देखा। वे दोनों भाग गए पर रास्ते में उन्हें कई लोगों ने भागते हुए देखा। कुछ लोगों ने उन में से एक बीस वर्षीय युवक को पकड़ लिया और police के हवाले कर दिया। दूसरा लापता है।
http://www.presseportal.de/polizeipresse/pm/57929/2030050/

Einbeck, 110418, बाज़ार में एक 66 वर्षीय महिला का बटुआ खो गया। उस में थोड़ा सा धन था। police को शक है कि किसी ने उसे चुरा लिया है।
http://www.presseportal.de/polizeipresse/pm/57929/2030043/

Gemeinsame Pressemitteilung der Staatsanwaltschaft Münster und der Polizeibehörden Steinfurt und Münster.
15-Jähriger gesteht Tötung seines 66-jährigen Vaters.
Münster /Nordwalde - 28.12.2010 - 11:28
Am Montagabend 27.12.2010 meldete ein Mann aus Nordwalde gegen 20:45 Uhr der Leitstelle Steinfurt dass er seinen 66-jährigen Nachbarn soeben tot in dessen Wohnung gefunden habe. Fast zeitgleich meldete sich auf der Kriminalwache des Polizeipräsidiums Münster der 15-jährige Sohn des Toten und gab an seinen Vater ermordet zu haben. Der 15-jährige wohnt bei seiner Mutter in einem anderen Ort im Münsterland. Vater und Mutter leben getrennt. Die Staatsanwaltschaft Münster und eine achtköpfige Mordkommission des Polizeipräsidiums unter Leitung von Kriminalhauptkommissar Herbert Mengelkamp haben die Ermittlungen aufgenommen. „Der 66-Jährige lag tot vor seinem Bett. Der Körper wies Stichverletzungen auf. In der Nähe haben wir ein ca. 30 Zentimeter langes Küchenmesser gefunden das vermutlich zur Tatausführung genutzt wurde“ beschreibt KHK Herbert Mengelkamp den ersten Eindruck von der Auffindesituation im Wohnhaus. „Vorbehaltlich des Ergebnisses der Obduktion deuten die sichtbaren Verletzungen darauf hin dass der Junge mit einem Messer auf seinen Vater eingestochen und ihn gewürgt hat“ sagt Staatsanwalt Stefan Lechtape von der Staatsanwaltschaft Münster. Das deckt sich mit den ersten Aussagen des 15-Jährigen. Der Junge befindet sich seit längerer Zeit in psychiatrischer Behandlung. Inwieweit seine Erkrankung möglicherweise verbunden mit temporären familiären Spannungen zur Tat führten muss noch geklärt werden. Auskünfte erteilt die Staatsanwaltschaft Münster Staatsanwalt Stefan Lechtape Tel. 0251-494-2400.
http://www.polizei-nrw.de/presseportal/behoerden/muenster/article/meldung-101228-112753-73-28.html 2011-01-23 08:58:40

http://www.presseportal.de/blaulicht/pm/110969/3713774
एक चोर रात के करीब दस बजे एक aprtment में घुस आया। मालकिन ने सोते हुए कुछ आवाज़ें सुनीं पर पर नज़रअन्दाज़ कर दिया। अगली सुबह उसे पता चला कि कुछ पैसे और card वग़ैरह गायब हैं।

Hameln में बृहस्पतिवार को police ने नशीली दवाओं की तस्करी में सन्दिग्ध तो युवकों के घरों की तलाशी ली नशीली दवा Marihuana के अलावा electroshocker, चाक़ू और बारूद आदि पाए गए। एक और घर की तलाशी के दौरान सौ ग्राम से भी अधिक हशीश, ecstasy tablets, Marihuana और Amphetamine पाए गए। इन सभी व्यक्तियों पर कई तरह के आरोप लगाए गए हैं।
http://www.presseportal.de/blaulicht/pm/57895/3718429
http://www.presseportal.de/blaulicht/pm/70276/3713833
Holland से आती हुई एक पर्यटक बस में से सीमा police ने 300g cocaine पकड़ी जिस की बाज़ार में कीमत करीब साढे बीस हज़ार euro है। सामान में रखे एक सन्दूक में रखी एक jacket में से यह लिफ़ाफ़ा मिला। पर यह सन्दूक, यात्रियों में से किस का है, यह पता नहीं चला।

http://www.presseportal.de/blaulicht/pm/59458/3713814
रविवार रात को किसी ने एक Maserati कार चुरा ली। अगली सुबह जब मालिकों को इस का पता चला और उन्होंने police को बताया तो उन्हें एक ख़ुशख़बरी मिली कि Poland की police ने checking के दौरान सन्देह के कारण उस कार के वाहक को गिरफ़्तार कर लिया है। क्या वह ही चोर है या केवल एक वाहक, यह अभी पता नहीं।

110213
शनिवार 13 february शाम सवा सात बजे मुख्य रेलवे station के पास एक 54 वर्षीय बोसनियन सड़क पर जा रहा था कि सामने से तीन लोगों ने आ कर उसे दबोच लिया। दो लोगों ने उन की पीठ और पेट पर चाक़ू लगा दिया और तीसरा उस से पैसे मांगने लगा। डरकर उस ने हिप से बन्धे पर्स का पैसा उन के हवाले कर दिया। पैसे ले कर वे भाग गए।
http://www.polizei.bayern.de/muenchen/news/presse/aktuell/index.html/110299

Germany के internet उद्योग संगठन eco ने उपभोक्ताओं को एक नए आक्रमक program के बारे में चेताया है जो computer पर स्थापित हो कर उपभोक्ताओं से धन उगाही करता है। eco के अनुसार यह program कहता है कि आप के computer पर आन्तकवाद से सम्बन्धित email हैं, या बच्चों की अश्लील तस्वीरें हैं, इस लिए संघीय अपराध विभाग ने आप के computer को बन्द कर दिया है। computer को दोबारा चालु करने के लिए uKash नामक सेवा द्वारा 24 घण्टे के अन्दर अन्दर 100 euro जमा कीजिए नहीं तो आप की hard disc से सारा data मिट जाएगा। इस की रोकथाम और उपचार के लिए संगठन के अपने सदस्यों के लिए botfrei नामक phone सेवा और hotline शुरू की है।
http://www.presseportal.de/pm/6699/2031262/

manager की गोलियां मार कर हत्या
100114_dirk_poschinger.jpg
16 January को एक गुमशुदा 36 वर्षीय manager की लाश म्युनिक में एक वैन में पड़ी मिली। उस के शरीर में कई गोलियों के घाव थे। पड़ताल से पक्का हो गया है कि उस की हत्या गोलियों से ही हुयी है। उसी दिन म्युनिक के मुख्य रेलवे station के पास एक 40 वर्षीय german और एक 54 वर्षीय macedonian/ बुल्गारियन को इस मामले में सन्दिग्ध होने पर गिरफ़्तार कर लिया गया। वह वैन जिस में लाश पड़ी मिली, इन में से एक व्यक्ति के नाम पर पंजीकृत है। उस के घर और garage की छान-बीन से कुछ अवैध pistol और गोलियां बरामद हुयी हैं। अनुमानित यह हत्या मृत manager की गाड़ी Audi A8 से सम्बन्धित है जिसे बेचने के लिए वह 14 January को सुबह घर से निकला था। कुछ घंटों बाद उस की पत्नी को पता चला कि वह काम पर भी नहीं पहुंचा, और दोपहर के आस पास उसे किसी से मिलना था, वहां भी नहीं पहुंचा। और सामान्यत Dirk Poschinger नामक वह manager दिन में वह अपनी पत्नी से phone पर बात किया करता था, पर उस दिन उस ने phone भी नहीं किया था। इस लिए उस की पत्नी ने उस की गुमशुदा होने की report police में लिखवायी। उस की Audi गाड़ी भी वैन के पास पड़ी मिल गई। अभी यह जांच चल रही है कि गाड़ी ख़रीदने के इच्छुक ही तो अपराधी नहीं हैं! 19 January को एक 46 वर्षीय german को भी इस गाड़ी के सौदे में भागी होने के सन्देह पर पकड़ लिया गया। पर सन्देह साबित ना हो पाने पर उसे छोड़ दिया गया।
http://www.polizei.bayern.de/muenchen/news/presse/aktuell/index.html/108365
http://www.polizei.bayern.de/muenchen/news/presse/aktuell/index.html/108472
http://www.polizei.bayern.de/muenchen/news/presse/aktuell/index.html/108709

इंगland के शाही विवाह को ले कर सट्टेबाज़ी की अग्रणी company Paddy Power के पास विश्वभर से सट्टा लगाया जा रहा है। दुलहन चर्च में कितनी देर से आएगी, रानी की टोपी का रंग क्या होगा, सब से अधिक बोकने वाली स्मारिकाएं कौन सी होंगी आदि बातों को ले कर लगभग पांच हज़ार सट्टे लगाए जा चुके हैं। 2005 में पोप पर सट्टेबाज़ी के बाद Paddy Power के इतिहास में यह दूसरा सब से बड़ा घटनाक्रम है। सारे सट्टा उद्योग में इस शादी पर लगभग दस लाख angrezi पाउंड का जुआ खेले जाने का अनुमान है।
http://www.presseportal.de/pm/100830/2031343/

Essling station पर सोमवार दोपहर को एक चोर दम्पत्ति को पकड़ लिया गया। station के पास एक दुकान विक्रेता ने देखा कि एक दम्पत्ति कई थैलों को station के पिछवाड़े में रख कर थोड़ी देर के लिए गायब हो गई। उसे दाल में कुछ काला नज़र आया और उस ने police को बुला लिया। जब दम्पत्ति थैले लेने वापिस आई तो police को देख कर थैले ले कर दोनों station की ओर भाग लिए। पर police ने 36 वर्षीय पुरुष को station पर और उस के साथ वाली 27 वर्षीय महिला को S-Bahn में पकड़ लिया। थैलों में से कपड़ों, जूतों के अलावा करीब पन्द्रह सौ यूरो की चोरी की हुई वस्तुएं मिलीं।
http://www.presseportal.de/blaulicht/pm/110976/3715188

170524
Olfen शहर में गलत parking करते समय एक सफ़ेद रंग की VW Tiguan पकड़ी गई जो करीब एक साल पहले 10 August 2016 की रात को उत्तरी france में किसी के घर से चुराई गई थी। उस के चोरों का अभी तक पता नहीं चल सका था। चोरों ने रात को घर में घुस कर कुत्ते समेत सब को गैस के साथ बेहोश कर के चाबी समेत गाड़ी को चुरा लिया था। पकड़ी गई गाड़ी से सम्बन्धित लोगों ने यह बताने से इन कार किया कि उन्हें यह गाड़ी कहां से मिली। उन पर मुकद्दमा चलाया गया है और गाड़ी मालिक को वापिस कर दी गई है।
http://www.presseportal.de/blaulicht/pm/6006/3735495

110419
Kassel
सुबह दस बजे एक उन्नीस वर्षीय लड़का motorcycle पर सो लेन वाली सड़क द्वारा शहर से बाहर जा रहा था। उस ने आगे जा रही गाड़ी को overtake करने के लिए दाएं से बाएं track में जाना चाहा। पर इसी समय उस के पीछे जा रही गाड़ी ने भी लेन बदल लिया। motorcycle चालक ने बचने के लिए motorcycle और बाईं ओर कर लिया जिस से वह सड़क की बाज़ू में लगे पत्थर से टकरा गया और घास पर लुढक गया। पर गाड़ी वाला उसे अनदेखा कर के, बिना रुके आगे बढ़ गया। यह सब इतना तेज़ हुआ कि लड़का गाड़ी के बारे में कुछ भी नहीं बता पाया। केवल इतना ही कि वह एक चान्दी के रंग की गाड़ी थी। हालांकि यातायात काफ़ी था पर फ़िर भी कोई गवाह नहीं मिला। लड़के को ग़म्भीर चोटें आई हैं।
http://www.presseportal.de/polizeipresse/pm/44143/2030661/polizeipraesid

110420
Heiligenhaus
शाम सात बजे औद्योगिक क्षेत्र में एक ढलाईखाने के करीब 1500 वर्ग़मीटर बड़े hall की छत में आग लग गई। छत के नीचे चिंगारियां होने के डर से दमकल विभाग ने छत को पूरी तरह उतार दिया। क्षति का अनुमान अभी नहीं लग पाया है। कोई घायल नहीं हुआ।
http://www.presseportal.de/polizeipresse/pm/43777/2030742/

110421
Düsseldorf
GEA समूह की वा्रषिक आम बैठक में पर्यवेक्षी board के कुछ सदस्यों को दोबारा निर्वाचित किया। GEA समूह 2010 में 4.4 अरब यूरो के राजस्व के साथ खाद्य और ऊर्जा उत्पादन के लिए सब से बड़े प्रणाली प्रदाताओं में से एक है। विश्वभर में company में लगभग बीस हज़ार कर्मचारी कार्यरत हैं। company german सूचकांक में सूचिबद्ध है।
http://www.presseportal.de/pm/33230/2031347/

110419
Havixbeck
एक 19 वर्षीय की गाड़ी अज्ञात कारणों से दाईं ओर सड़क से उतर गई। मोड़ने का प्रयास करते हुए उस का नियन्त्रण खो गया और गाड़ी एक खाई में गिर गई। फ़िर पल्टी खाने के बाद पास के मैदान में छत के बल उलट कर रुक गई। police के आने तक आपातकालीन कर्मियों द्वारा उसे गाड़ी से निकाला जा चुका था और उस की चिकित्सा चल रही थी। उसे पास के अस्पताल में दाखिल करवाया गया। गाड़ी पूरी तरह नष्ट हो चुकी है।
http://www.presseportal.de/polizeipresse/pm/6006/2030017/