बुधवार, 1 अप्रैल 2020

हिन्दी-में-दोहरे-शब्दों-का-उपयोग

हिन्दी भाषा में दोहरे शब्दों का उपयोग अक्सर होता है। जैसे मैं दो दो लोगों से अकेले लड़ सकता हूं। बार बार मेरी ओर क्या देख रहे हो। थोड़ा थोड़ा कर के खाओ। मैंने अभी अभी किसी को यहां से गुज़रते हुए देखा। इस तरह की अभिव्यक्ति शायद ही किसी ओर भाषा में हो। क्या यह व्याकरण के किसी नियम के तहत आता है? इसे किस तरह से समझाया जा सकता है?

हिन्दी गानो में भी यह आम है। कुछ उदाहरणें-
दीवाना मुझसा नहीं इस अंबर के नीचे, आगे है कातिल मेरा और मैं पीछे पीछे।
खोए खोए रहे तेरी चाहों, सोए सोए रहे तेरी बाहों में
कुछ कुछ होता है
रोज़ रोज़ आंखों तले
हम साथ साथ हैं।
ढल गया दिन, हो गई शाम, जाने दो जाना है, अभी अभी तो आई हो, अभी अभी जाना है।
ओ पुत्तरा ठंडे ठंडे पानी से नहाना चाहिए।
भीगी भीगी रातों, मीठी मीठी बातों में कैसा लगता है।
ये रात भीगी भीगी
खोया खोया चांद
पल पल दिल के पास तुम रहती हो
बड़ी सूनी सूनी है ज़िन्दगी ये ज़िन्दगी
चलते चलते मेरे ये गीत याद रखना
दिल के टुकड़े टुकड़े कर के मुस्कुरा के चल दिए
धीरे धीरे ज़रा ज़रा जाने जाना, होने लगा तेरी मीठी बातों पे यकीन
धीरे धीरे से मेरी ज़िन्दगी में आना
बार बार देखो, हज़ार बार देखो
न जाने क्यों होता है यूं ज़िन्दगी के साथ, अचानक ये मन किसी के जाने के बाद, करे फ़िर उस की याद, छोटी छोटी सी बात
रफ़्ता रफ़्ता वो मेरी
रफ़्ता रफ़्ता देखो आंख मेरी लड़ी है.

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एक एक को चुन चुन कर मारूंगा।
आगे आगे चलना
पीछे पीछे चलना
supermarket से बासे फल ख़रीद ख़रीद कर हम ताज़े फलों का स्वाद भूल जाते हैं।