शनिवार, 11 जनवरी 2025

असद राजवंश का उत्थान और पतन

इस फोटो में आप पूरे असद परिवार को देख सकते हैं. एक शक्तिशाली कबीला जिस ने Syria पर 50 वर्षों से अधिक समय तक शासन किया. सब से नीचे Syria के तानाशाह हाफिज़ अल-असद हैं, जिन्होंने लगभग तीन दशकों तक सत्ता सम्भाली थी और उनकी पत्नी अनीसा Machluf, जो उनके पांच बच्चों की मां हैं, हैं. उनके ऊपर उनके चार बेटे और उनकी इकलौती बेटी खड़ी थी. बशर अल-असद अपने ऊंचे कद के कारण अलग नज़र आते हैं. उनके बगल में उनके भाई Maher, Basel और Majed हैं. सब से दाहिनी ओर उस की बड़ी बहन Bushra है. 53 वर्षों तक इस परिवार ने अपने चारों ओर एक पन्थ का निर्माण किया. Syria में हर जगह असद की मूर्तियां, चित्र और poster थे. वे आधिकारिक और अजेय दिखते थे. वे चाहते थे कि लोग उन्हें ऐसे देवताओं के रूप में देखें जो निर्विवाद निष्ठा के पात्र हैं. जिस किसी ने भी उनका विरोध करने का साहस किया उसे क्रूर परिणाम भुगतने पड़े. असद को आम Syrian लोगों के जीवन की कोई परवाह नहीं थी. सत्ता में बने रहने के लिए वे अपनी ही लाखों की आबादी को नष्ट करने को तैयार थे. लेकिन अजेयता के मुखौटे के पीछे वे सामान्य लोग थे जिन की अपनी कमज़ोरियां थीं. असल में असद कौन हैं? हाफिज़ अल-असद ने अपनी पत्नी को तलाक देने पर विचार क्यों किया और उनकी इकलौती बेटी Bushra अपने भाई बशर से इतनी नफ़रत क्यों करती थी कि वह Syria भाग गई. क्या यह सच है कि बशर अल-असद की पत्नी अस्मा उन्हें तलाक दे कर London जाना चाहती हैं. दुनिया भर में फैले इस परिवार के सभी सदस्यों को आज कहां शरण मिली है. सभी सवालों के जवाब जानने के लिए अन्त तक देखें.

8 December 2024 को 24 साल के शासन के बाद बशर अल-असद का शासन गिर गया, जिस से Syria में एक युग का अन्त हो गया. देश भर में फैली शासन-विरोधी ताकतों के तीव्र आक्रमण का सामना करते हुए असद रूस भाग गए जहां उनके लम्बे समय से सहयोगी Vladimir Putin ने उन्हें राजनीतिक शरण दी. उनका प्रस्थान दमिश्क के ठीक एक दिन बाद हुआ. उनके शासन का केन्द्र विद्रोही ताकतों पर आ गया. बाद में असद ने कहा कि उन्होंने कभी भी पद छोड़ने या शरण लेने के बारे में नहीं सोचा था, उन्होंने जोर दे कर कहा कि उनका एक-मात्र ध्यान लड़ाई जारी रखने पर था. उन्होंने कहा कि विद्रोही बलों के शहर में प्रवेश करने तक वह दमिश्क में अपने कर्तव्यों का पालन करते रहे. तभी रूसी सेनाओं के साथ समन्वय में वह रूस के लिए अपनी अन्तिम उड़ान से पहले तटीय प्रांत Latakia में Moscow के बेस पर चले गए. हालांकि, कई लोग असद की घटनाओं के संस्करण पर सन्देह करते हैं. यह विश्वास करना कठिन है कि उस की भागने की कोई योजना नहीं थी, खास कर यह देखते हुए कि उस की पत्नी और तीन बच्चे कुछ समय पहले ही रूस चले गए थे. reports से पता चलता है कि असद वर्षों से रूस में एक सुरक्षित ठिकाना तैयार कर रहे थे. उन्होंने कथित तौर पर Moscow के प्रतिष्ठित Moscow city complex में कम से कम 20 luxury apartment ख़रीदे, जिन की अनुमानित कीमत 40 million Dollar थी. इस के अलावा 2019 में उन्होंने कथित तौर पर कई हवाई जहाज़ों का उपयोग कर के रूस को 250 million Dollar नकद हस्तांतरित किए. इन खुलासों के बावजूद, असद यह दावा करते रहे हैं कि उनका Syria छोड़ने का कभी इरादा नहीं था. फिर भी उस की हरकतें कुछ और ही कहानी बयां करती हैं. देश से भाग कर उन्होंने अपने वफ़ादार समर्थन और करीबी रिश्ते-दारों को पीछे छोड़ दिया. उन में से कई को दुखद भाग्य का सामना करना पड़ा और कुछ मारे गए क्योंकि विद्रोही बलों ने राजधानी पर कब्ज़ा कर लिया. असद, उनकी पत्नी और उनके तीन बच्चे अब रूस में विलासिता में रहते हैं, जो कि वर्षों से Syria से लूटी गई भारी सम्पत्ति से बना हुआ है.

हालांकि, असद परिवार के लिए निर्वासन में जीवन आदर्श से बहुत दूर होने की अफ़वाह है. ऐसा प्रतीत होता है कि दम्पत्ति ने एक साथ अपनी कठिनाइयों को सहन करने के लिए संघर्ष किया है. हाल ही में तुर्की अखबार Haber Turk ने बताया कि अस्मा अल-असद ने Moscow में तलाक के लिए अर्ज़ी दी है और अपने माता-पिता के साथ London जाने की योजना बना रही है. अस्मा जो British और Syrian दोहरी नागरिकता रखने के लिए जानी जाती हैं, leukemia से भी पीड़ित हैं. और ऐसा माना जाता है कि उसे पश्चिम में बेहतर चिकित्सा देख-भाल मिल सकती है. प्रकाशन ने आगे दावा किया कि Moscow में बशर अल-असद की सम्पत्ति जब्त कर ली गई है. और अस्मा को रूस छोड़ने के लिए विशेष अनुमति की आवश्यकता होगी. हालांकि, Kremlin प्रतिनिधियों ने इन सभी आरोपों से इनकार किया है. दरअसल तुर्की अखबार की जानकारी पर भरोसा करना मुश्किल है. विशेष रूप से British अधिकारियों के पिछले बयानों को देखते हुए, जिस में अस्मा अल-असद को Britain में अवाञ्छित व्यक्ति घोषित किया गया था. इस के अलावा, अस्मा Britain में अपनी सारी सम्पत्ति जब्त कर अन्तर-राष्ट्रीय प्रतिबन्धों के अधीन है. असद शासन के युद्ध अपराधों में सन्दिग्ध संलिप्तता के कारण उन पर सम्भावित आपराधिक आरोप भी लगाए जा सकते हैं.

भले ही अस्मा वास्तव में London जाने की इच्छा रखती हो, लेकिन इसकी सम्भावना बहुत कम है कि वह ऐसा कर पाएगी. इस लिए Haber Turk के दावों की विश्वसनीयता अभी भी सन्दिग्ध बनी हुई है. अब हम जानते हैं कि बशर अल-असद, उनकी पत्नी और बच्चे कहां हैं. लेकिन इस कबीले के अन्य सदस्यों का क्या हुआ जिन्होंने Syria पर आधी सदी से अधिक समय तक शासन किया. आइए सब से पहले याद करें कि असद सत्ता में कैसे आए और यह सब कहां से शुरू हुआ.

जैसा कि आप जानते हैं अल-असद को सत्ता अपने पिता हाफिज़ अल-असद से विरास्त में मिली है. असद कबीला 1971 में सत्ता में आया जब हाफिज़ Syria का राष्ट्रपति बना. तब तक हाफिज़ की शादी अनीसा Machluf से कई साल पहले हो चुकी थी. उनके रिश्ते को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा. और कुछ का मानना ​​है कि अनीसा ने हाफिज़ के सत्ता में आने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. वह न सिर्फ़ उनकी पत्नी थीं, बल्कि उनके जीवन और राज्य में एक प्रभावशाली शख्सियत भी थीं. अनीसा ने अपने पति और बच्चों पर काफ़ी प्रभाव डाला. लेकिन वह लोगों की नज़रों से दूर रहना पसन्द करती थी. शायद ही कभी प्रकट होना या ध्यान आकर्षित करना. जब कि हाफिज़ एक साधारण ग्रामीण पृष्ठ-भूमि से आते थे, अनीसा Syria के सब से प्रमुख और प्रभावशाली परिवारों में से एक से थीं.

उनकी शादी तब हुई जब हाफिज़ Syrian अरब वायु सेना में एक उभरता हुआ अधिकारी था. कई लोग मानते हैं कि उनका मिलन प्रेम से अधिक पारस्परिक लाभ के बारे में था. हाफिज़ को अनीसा के परिवार के माध्यम से रुतबा और सम्पर्क प्राप्त हुआ जिस से उस की महत्वाकांक्षाओं को समर्थन मिला, जब कि अनीसा को एक शक्तिशाली और दृढ़निश्चयी पति मिला. हालांकि जो लोग इस जोड़े को जानते थे, उन्होंने देखा कि उनके बीच मजबूत भावनात्मक सम्बन्ध की कमी थी. प्रभावशाली वर्ग परिवार के खातों के अनुसार हाफिज़ को अनीसा का आरक्षित और गम्भीर व्यक्तित्व विशेष पसन्द नहीं था. कुछ सूत्रों का यह भी दावा है कि उसने उसे तलाक देने या दूसरी पत्नी लेने पर विचार किया. यह विचार आंशिक रूप से उनके इस विश्वास से प्रेरित था कि एक अधिक करिश्माई और मिलनसार साथी विश्व मंच पर उनकी भूमिका का बेहतर समर्थन कर सकता है. एक महिला जिस ने कथित तौर पर हाफिज़ का ध्यान खींचा, वह Lamia Tlass थी, जो हाफिज़ के करीबी सहयोगी और लम्बे समय तक रक्षा मन्त्री रहे मुस्तफ़ा Tlass की पत्नी थी. अनीसा के विपरीत, Lamia मिलनसार और आकर्षक थी, ये गुण हाफिज़ को आकर्षक लगे. हालांकि तलाक या दूसरी पत्नी लेने का कोई भी विचार केवल वे ही विचार बन कर रह गए. आखिरकार हाफिज़ अनीसा के साथ रहा, शायद वह उस के जीवन में आई स्थिरता और वफ़ादारी को महत्व दे रहा था.

अपने शांत स्वभाव के बावजूद अनीसा ने परदे के पीछे से असद परिवार को आकार देने और उनके निजी जीवन में मजबूत उपस्थिति बनाए रखने में काफ़ी प्रभाव डाला. हालांकि उनकी शादी एक कहानी की किताब जैसा romance नहीं रही होगी, लेकिन यह एक सांझेदारी थी जिस ने हाफिज़ के मध्य पूर्व में सब से शक्तिशाली नेताओं में से एक बनने की यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. अनीसा के लिए हाफिज़ से शादी करने से उस के परिवार का रुतबा और दौलत बहुत बढ़ गई. Syria में पहले से ही प्रभावशाली Machluf परिवार को हाफिज़ के शासन में अभूत-पूर्व शक्ति प्राप्त हुई. उनके रिश्ते-दारों को प्रमुख banking तेल और दूर-संचार क्षेत्रों में आकर्षक अनुबन्ध दिए गए. 2012 तक उनके भतीजे रामी Machluf को 5 अरब Dollar की अनुमानित सम्पत्ति के साथ Syria का सब से धनी व्यक्ति माना जाता था.

अपने रिश्ते में गर्माहट की कमी के बावजूद अनीसा ने पांच बच्चों को जन्म दे कर एक पत्नी और मां के रूप में अपनी भूमिका निभाई. उनकी पहली सन्तान एक बेटी Bushra थी जो 1960 में दुनिया में आई.

Bushra बड़ी हो कर एक मजबूत इरादों वाली और बुद्धिमान महिला बनीं, जो बाद में परिवार की सब से प्रमुख शख्सियतों में से एक बन गईं. उनके सब से बड़े बेटे Basel अल-असद को हाफिज़ का उत्तराधिकारी और Syrian राजनीति में एक उभरता हुआ सितारा माना जाता था. इस के बाद बशर अल-असद आया, जो अब उस व्यक्ति के रूप में कुख्यात है जिस ने अपमान के साथ अपदस्थ होने से पहले 24 वर्षों तक Syria पर शासन किया था. हाफिज़ और अनीसा के दो छोटे बेटे भी थे. Majed, उनके शांत और आरक्षित बच्चे ने अपनी प्रारम्भिक मृत्यु तक काफ़ी हद तक निजी जीवन व्यतीत किया. सब से छोटा Maher बड़ा हो कर असद शासन में एक प्रमुख खिलाड़ी बन गया. अपनी क्रूर प्रतिष्ठा और सत्ता पर परिवार की पकड़ बनाए रखने में भूमिका के लिए जाने जाते हैं.

अपनी शादी के माध्यम से अनीसा ने असद Machluf alliance की विरास्त को मजबूत किया और अपने बच्चों के जीवन को आकार दिया. प्रत्येक ने पांच दशकों से अधिक समय तक Syria पर परिवार के प्रभुत्व में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. असद परिवार में पारिवारिक गतिशीलता सामान्य से बहुत दूर थी. जैसा कि Basel अल-असद द्वारा सांझा किए गए खातों से पता चला है. उन्होंने उनके पिता हाफिज़ को एक दूर के व्यक्ति के रूप में वर्णित किया, जो अक्सर Syria के नेता के रूप में अपनी ज़िम्मेदारियों से इतना त्रस्त रहते थे कि वे अपने बच्चों के साथ समय नहीं बिता पाते थे. हालांकि हाफिज़ घर पर मौजूद था, फिर भी कई दिन ऐसे गुज़रते थे जब वह अपने परिवार से एक भी बात नहीं करता था. एक साथ भोजन करना दुर्लभ था. Basel याद करते हैं कि उन्होंने एक परिवार के रूप में कभी नाश्ता या रात का खाना नहीं खाया और दोपहर का भोजन केवल एक या दो बार सांझा किया, आम-तौर पर जब यह राज्य के मामलों से जुड़ा होता था. यहां तक ​​कि Latakia की उनकी ग्रीष्म-कालीन यात्राएं, जो पारिवारिक मेल-जोल का समय मानी जाती थीं, हाफिज़ के काम पर हावी थीं. जब परिवार पास में रहता था तो वह अपने कार्यालय में रहता था और बमुश्किल उनसे बात-चीत करता था. इस detachment ने राष्ट्रपति के रूप में उनकी भूमिका की भारी मांगों और उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के लिए परिवार द्वारा किए गए बलिदानों पर प्रकाश डाला.

बशर अल-असद के साथ college में पढ़ने वाले Syrian लेखक ईमान Abdel के अनुसार, बशर और उनके पिता हाफिज़ अल-असद के बीच उल्लेखनीय भावनात्मक दूरी थी. उनके रिश्ते में इस अन्तर का मतलब था कि बशर की मां अनीसा Machluf ने परिवार के भीतर बहुत बड़ी भूमिका निभाई. Abdel नो ने उन्हें अपने बच्चों के लिए माता, पिता तुल्य और गुरु बताया, बच्चे उनका मार्ग-दर्शन कर रहे हैं और उनके विकास को आकार दे रहे हैं. उनका प्रभाव बशर के जीवन में विशेष रूप से महत्वपूर्ण था क्योंकि उन्होंने भावनात्मक समर्थन और दिशा प्रदान की थी, जिस का उनके पिता के दूरवर्ती और सत्तावादी स्वभाव में अक्सर अभाव था.

कई वर्षों तक Syria पर विशाल और शक्तिशाली असद परिवार कबीले का शासन था. परिवार का प्रत्येक सदस्य देश के महत्वपूर्ण क्षेत्रों की देख-रेख करने वाली सरकार में प्रमुख पदों पर था. रिश्ते-दारों के इस करीबी network ने यह सुनिश्चित किया कि असद circle के भीतर सत्ता मजबूत बनी रहे और बाहरी लोगों के लिए उनके अधिकार को चुनौती देने के लिए बहुत कम जगह बची. Syria में औपचारिक राष्ट्रपति चुनाव हुए लेकिन यह कोई रहस्य नहीं है कि कोई भी प्रतिद्वन्द्वी वास्तव में तानाशाह का मुकाबला नहीं कर सका. भारी जन-समर्थन का भ्रम पैदा करते हुए लगातार हाफिज़ अल-असद को 90% से अधिक vote देने के लिए चुनाव परिणामों में हेर-फेर किया गया. किसी भी तानाशाह की तरह हाफिज़ का अपने परिवार के बाहर किसी को सत्ता छोड़ने का कोई इरादा नहीं था. उनकी योजना अपने बच्चों में से एक को राष्ट्रपति के रूप में सफ़ल बनाने की थी, जिस से यह सुनिश्चित हो सके कि Syria पीढ़ियों तक असद के नियन्त्रण में रहे. ऐसी अफ़वाहें थीं कि हाफिज़ की पसन्दीदा सन्तान उस की इकलौती बेटी Bushra थी. वह अपनी बुद्धिमत्ता और तीक्ष्ण व्यावसायिक कौशल के कारण असद के सभी बच्चों में सब से अलग थी. कहा जाता है कि हाफिज़ और उनकी पत्नी अनीसा की इच्छा थी कि Bushra को Syria का नेतृत्व विरास्त में मिले. हालांकि, एक अत्यन्त पितृ-सत्तात्मक Muslim देश होने के नाते Syria एक महिला को अपने राज्य प्रमुख के रूप में स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं था. जब कि असद परिवार की महिलाओं ने शासन को आकार देने में प्रभावशाली भूमिका निभाई, वे अपने पतियों और भाइयों की छत्र-छाया में रहीं. उनका योगदान महत्वपूर्ण था लेकिन सार्वजनिक रूप से उन सामाजिक मापदण्डों को प्रतिबिम्बित करने के लिए उन्हें स्वीकार नहीं किया गया जो वे संचालित करते थे.

Bushra के नेतृत्व के सवाल से बाहर होने पर हाफिज़ ने अपने सब से बड़े बेटे Basel को अपना उत्तराधिकारी चुना. Basel को इस भूमिका के लिए तैयार करने के लिए वर्षों तक प्रशिक्षण और ज़िम्मेदारियां प्राप्त करते हुए राष्ट्रपति पद सम्भालने के लिए तैयार किया गया था. हालांकि, 1994 में त्रासदी हुई जब Basel की एक कार दुर्घटना में मृत्यु हो गई. ज़ाहिर तौर पर यह एक दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना का परिणाम है. यदि आप Basel के जीवन के बारे में अधिक जानने में रुचि रखते हैं तो मैंने अपने पिछले video में उनकी कहानी को विस्तार से cover किया है. वहां आपको Jordan के राजा हुसैन के बच्चों के साथ उनके सम्बन्धों, विशेष रूप से राज-कुमारी हया के साथ उनके सम्बन्धों के बारे में दिलचस्प जानकारियां मिलेंगी.

1994 में अपने बड़े भाई Basel की अचानक मृत्यु के बाद, बशर अल-असद के जीवन में एक नाटकीय मोड़ आया. बशर, जो एक नेत्र रोग विशेषज्ञ के रूप में प्रशिक्षण के दौरान England में एक शांत जीवन जी रहे थे, को Syria वापस बुलाया गया और सूचित किया गया कि वह परिवार के चुने हुए उत्तराधिकारी के रूप में Basel की जगह लेंगे. इस अप्रत्याशित ज़िम्मेदारी ने बशर को झकझोर दिया जिन की राजनीति या नेतृत्व में बहुत कम रुचि थी. यह सर्वविदित है कि अनीसा Machluf को अपने बेटे Maher अल-असद से विशेष लगाव था. कथित तौर पर उनका मानना ​​था कि Maher अपने तेज दिमाग और मजबूत व्यक्तित्व के साथ असद परिवार के मुखिया के रूप में कार्य-भार सम्भालने और हाफिज़ की मौत के बाद Syria का नेतृत्व करने के लिए बेहतर उपयुक्त थे. हालांकि हाफिज़ ने अपने जीवन-काल में ही तय कर लिया था कि सत्ता बशर को सौंप दी जाएगी जो सार्वजनिक रूप से उस के बेटों के लिए अधिक उपयुक्त होगी. अपनी व्यक्तिगत प्राथमिकताओं के बावजूद, अनीसा ने परिवार के भीतर एकता बनाए रखने और उनके शासन की निरन्तरता सुनिश्चित करने के महत्व को समझते हुए, अपने पति की इच्छाओं को चुनौती नहीं दी.

जैसा कि इतिहास से पता चलता है कि असद कबीले के प्रत्येक सदस्य ने Syria के परिवार के शासन में एक विशिष्ट भूमिका निभाई. प्रत्येक ने सत्ता पर शासन की पकड़ में योगदान दिया, एक उल्लेखनीय अपवाद के साथ, सब से छोटा बच्चा Majed अल-असद. अपने भाई-बहनों के विपरीत Majed ने सक्रिय रूप से राजनीति में भाग नहीं लिया या सरकार में कोई महत्वपूर्ण पद नहीं सम्भाला. Majed अल-असद को अपने पूरे जीवन में भावनात्मक या मानसिक चुनौतियों का सामना करने के लिए जाना जाता है. जिस ने सम्भवत: राज्य मामलों में उनकी सीमित भागीदारी को प्रभावित किया. इन कठिनाइयों के बावजूद वह अपने लिए एक रास्ता बनाने में कामयाब रहे. electrical engineer बनना. अपने भाई-बहनों के विपरीत, Majed ने एक शांत और अधिक निजी जीवन व्यतीत किया, वह शायद ही कभी लोगों की नज़रों में आता था या परिवार की सत्ता संरचना के भीतर ज़िम्मेदारियां लेता था. Majed ने रुआ अय्यूब से शादी की. लेकिन दम्पत्ति के कोई सन्तान नहीं थी. उनका जीवन लम्बे समय तक बीमारी से संघर्ष से भरा रहा जिस के कारण अन्तत: 2009 में उनकी असामयिक मृत्यु हो गई.

2000 में असद परिवार के मुखिया हाफिज़ अल-असद की Syria पर 30 वर्षों तक शासन करने के बाद मृत्यु हो गई. अपने पिता के चले जाने के बाद बशर को जल्द ही नए राष्ट्रपति के रूप में स्थापित कर दिया गया. कई Syrian लोगों को उम्मीद थी कि बशर अपनी पश्चिमी शिक्षा और हल्के व्यवहार के साथ शासन में सुधार और नर्म रुख ला सकते हैं. उनकी पत्नी अस्मा, British मूल की और वित्त क्षेत्र में career बनाने वाली बड़ी महिला थीं, जिन्होंने आधुनिकीकरण और बदलाव की इन उम्मीदों को और बढ़ावा दिया. हालांकि, एक नेता के रूप में बशर का मार्ग उनकी मां अनीसा Machluf से काफ़ी प्रभावित था, जिन के बारे में कई लोग मानते थे कि वह अपने पति के बाद परिवार की सब से क्रूर सदस्य थीं.

हाफिज़ की मृत्यु के बाद भी अनीसा का प्रभाव उस के बेटे पर कायम रहा. वह यह सुनिश्चित करने के लिए दृढ़ थी कि बशर ने परिवार की सत्तावादी शासन की विरास्त को बरकरार रखा और सत्ता पर अपनी पकड़ ढीली करने के किसी भी दबाव का विरोध किया. पूर्व अमेरिकी रक्षा सचिव Leon Panetta के अनुसार, बशर का अपनी मां के साथ सम्बन्ध उनके राष्ट्रपति पद के महत्वपूर्ण क्षणों के दौरान महत्वपूर्ण था. 2011 में जब अरब spring विरोध प्रदर्शन पूरे Syria में फैल गया तो बशर को एक महत्वपूर्ण निर्णय का सामना करना पड़ा. अपने लोगों द्वारा मांगे गए सुधारों की पेशकश करें या क्रूर उत्पीड़न के साथ जवाब दें. Panetta ने खुलासा किया कि बशर की प्रति-क्रिया को आकार देने में अनीसा ने केन्द्रीय भूमिका निभाई. अपने कट्टर-पन्थी रुख के लिए मशहूर अनीसा ने शासन के रुख में किसी भी तरह की नर्मी का कड़ा विरोध किया. अपने पति की मृत्यु के बावजूद वह परिवार के भीतर एक सशक्त शक्ति बनी रहीं. Panetta ने बताया कि एक समय ऐसा लगा कि बशर के पास सत्ता के लिए लड़ने का संकल्प नहीं है. लेकिन अनीसा ने अपने पिता की याद का हवाला देते हुए अपने बेटे पर अत्यधिक दबाव डाला और जोर दे कर कहा कि असद परिवार के शासन को जारी रखना उस का कर्तव्य है. हाफिज़ की विरास्त का लाभ उठाने की उनकी रणनीति प्रभावी साबित हुई. अन्तत: बशर ने अपने पिता के नक्श-ए-कदम पर चलते हुए अथक क्रूरता के साथ वंश पर नकेल कसी. इस निर्णय ने एक ख़ूनी संघर्ष की शुरुआत को चिन्हित किया जो उनके शासन को परिभाषित करेगा और आने वाले वर्षों में Syria को तबाह कर देगा. अनीसा की दृढ़ इच्छा-शक्ति और प्रभाव ने यह सुनिश्चित कर दिया कि देश में अराजकता के बावजूद असद राजवंश की सत्ता पर पकड़ आसानी से ढीली नहीं होगी.

बशर अल-असद के राष्ट्रपति रहने के दौरान उनकी मां अनीसा Machluf एक प्रमुख सलाहकार रहीं, इस बीच बशर का छोटा भाई Maher अल-असद उनका सब से भरोसेमन्द सहयोगी और Syrian सेना का प्रमुख बन गया. Maher को अक्सर Syria में दूसरा सब से शक्तिशाली व्यक्ति माना जाता था, जो प्रभावी रूप से शासन और सुरक्षा मामलों में बशर के दाहिने हाथ के रूप में कार्य करता था. अपने क्रूर और समझौता न करने वाले स्वभाव के लिए जाने जाने वाले Maher ने सत्ता पर असद शासन की पकड़ बनाए रखने में केन्द्रीय भूमिका निभाई. वह एक कट्टर-पन्थी था जिस ने कथित तौर पर दमिश्क वसन्त के दमन सहित गम्भीर कार्यवाही का समर्थन किया था. 2000 के दशक की शुरुआत में राजनीतिक खुलेपन की एक संक्षिप्त अवधि. Syrian क्रांति शुरू होते ही Maher का कट्टर-पन्थी रुख और भी स्पष्ट हो गया. उन पर विपक्षी ताकतों और नागरिकों के खिलाफ़ क्रूर अभियानों को निर्देशित करने का आरोप लगाया गया था.

Maher की प्रतिष्ठा उनकी सैन्य भूमिका से परे तक फैली हुई है. जो लोग उसे जानते थे, वे उसे कठोर और निर्दयी बताते थे, एक ऐसा व्यक्ति जिस के बारे में उस के अपने circle में भी डर था कि उस पर भ्रष्टाचार और प्रतिबन्धित पदार्थों के उत्पादन और तस्करी सहित अवैध कार्यों का नेतृत्व करने का भी आरोप लगाया गया था. कथित तौर पर इन गतिविधियों ने असद शासन के लिए अरबों Dollar का मुनाफ़ा कमाया और उनकी शक्ति और सम्पत्ति को और मजबूत किया. Syrian क्रांति के दौरान सामने आई अराजकता के बावजूद Maher देश में दृढ़तापूर्वक अपने भाई का समर्थन करते रहे. उन्हें शासन के एक स्तम्भ के रूप में देखा जाता था जो सेना के भीतर वफ़ादारी का आदेश देते थे और विद्रोह को दबाने के प्रयासों का समन्वय करते थे. हालांकि जब विद्रोही सेनाओं ने दमिश्क में प्रवेश किया तो बशर ने अकेले ही आगे बढ़ती विपक्षी ताकतों का सामना करने के लिए Maher को छोड़ कर रूस भागने का फ़ैसला किया. दमिश्क से Maher का भागना नाटकीय था. वह अपनी आलीशान हवेली से जुड़ी भूमिगत सुरंगों का उपयोग कर के कैद से बचने में कामयाब रहा. वहां से वह एक helicopter में सवार हुआ और पड़ोसी देश इराक भाग गया. पुन: संगठित होने और अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के बाद Maher अन्तत: अपने भाई बशर के साथ पुन: रूस लौट आया. इस उड़ान ने Syrian संघर्ष में Maher की प्रत्यक्ष भागीदारी के अन्त को चिन्हित किया लेकिन उनकी कहानी असद परिवार की शक्ति गतिशीलता के भीतर वफ़ादारी और जटिलता का एक प्रमाण बनी हुई है.

जैसा कि आप देख सकते हैं, असद कबीले के केवल तीन सदस्य आज जीवित बचे हैं. बशर अल-असद और उनके भाई Maher दोनों रूस भाग गए और उनकी बड़ी बहन Bushra. बशर अल-असद की मां अनीसा Machluf की 2016 में दमिश्क में 85 वर्ष की आयु में मृत्यु हो गई. वह उस क्रूर शासन के पतन को देखे बिना ही गुज़र गईं, जिसे उन्होंने इतने वर्षों तक नियन्त्रित करने में मदद की थी. लेकिन Syria में एक समय प्रभावशाली शख्सियत रहीं Bushra क्या बनीं. जैसा कि आपको याद होगा Bushra ने असद परिवार में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और उस के माता-पिता उसे बहुत प्यार करते थे और उस की प्रशंसा करते थे. हाफिज़ और अनीसा को अपनी बुद्धिमत्ता और क्षमताओं पर इतना गर्व था कि उन्होंने उस के राष्ट्रपति बनने का भी सपना देखा था. Bushra परिवार में एक-मात्र सन्तान थीं, जिन्होंने अपने पिता हाफिज़ अल-असद के साथ घनिष्ठ सम्बन्ध बनाए. उनका बन्धन विशिष्ट रूप से आपसी सम्मान और विश्वास पर बना था. हाफिज़ के राष्ट्रपति रहने के दौरान Bushra का अपना कार्यालय उनके पास था, जो विभिन्न प्रशासनिक कार्यों को सम्भालती थीं और महत्वपूर्ण मामलों पर सलाह देती थीं. अपने पिता पर उनका प्रभाव निर्विवाद था. और वह अक्सर उनके साथ अन्तर-राष्ट्रीय यात्राओं पर जाती थीं, उनके नेतृत्व का समर्थन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती थीं. उनके प्रभाव का सब से उल्लेखनीय उदाहरण 1984 में आया, जब असद परिवार के लिए एक तनावपूर्ण अवधि थी. उस के चाचा रिफअत अल-असद के असफ़ल तख्ता-पलट के प्रयास के बाद उस के विश्वास-घात के लिए सजा के रूप में उसे कैद करने की योजना बनाई गई थी. हालांकि Bushra ने हस्तक्षेप करते हुए अपने पिता को समझाया कि इस तरह के कदम से परिवार की प्रतिष्ठा धूमिल होगी. उस के तर्क इतने प्रभावशाली थे कि हाफिज़ ने अन्तत: अपने भाई को jail में डालने के बजाय निर्वासित करने का विकल्प चुन कर उसे बचा लिया. 1995 में Bushra ने सैन्य अधिकारी आसिफ शौक़त से 10 साल या उससे अधिक उम्र के व्यक्ति से शादी की. इस संघ ने असद परिवार के भीतर महत्वपूर्ण तनाव पैदा कर दिया. शौक़त की पृष्ठ-भूमि अस्वीकृति का एक स्रोत थी. उन्होंने पहले एक सन्दिग्ध प्रतिष्ठा वाली महिला से शादी की थी और उस शादी से उनके कई बच्चे थे. असद, एक परिवार जो प्रतिष्ठा और सार्वजनिक छवि पर जोर देने के लिए जाना जाता है, शौक़त को Bushra के लिए अनुपयुक्त match मानता था. अपनी दृढ़ इच्छा-शक्ति और स्वतन्त्र स्वभाव के लिए मशहूर Bushra ने अपने परिवार की आपत्तियों को नज़र-अन्दाज़ किया और शादी के लिए आगे बढ़ीं. समय के साथ शौक़त ने Syria के सैन्य और सुरक्षा तन्त्र में महत्वपूर्ण भूमिकाएं हासिल कीं और वह अपने आप में एक शक्तिशाली व्यक्ति बन गया. 2000 में हाफिज़ अल-असद की मृत्यु के बाद असद परिवार के भीतर की गतिशीलता तेज़ी से तनावपूर्ण हो गई. हाफिज़ हमेशा Bushra के कट्टर समर्थक रहे हैं और उनकी महत्वाकांक्षाओं को प्रोत्साहित करते रहे हैं और उनकी सलाह का मूल्यांकन करते रहे हैं. Bushra और उस के भाइयों विशेष कर बशर के बीच तनाव उस की सुरक्षा के बिना बढ़ गया. Bushra को देश का नेतृत्व करने की बशर की क्षमता पर सन्देह था, उनका मानना ​​था कि उन में राष्ट्रपति पद के लिए आवश्यक ताकत और राजनीतिक कौशल की कमी है. उनकी अस्वीकृति बशर की पत्नी अस्मा तक बढ़ गई, जिन की बढ़ती सार्वजनिक उपस्थिति और पत्रकारों के सामने लगातार उपस्थिति ने Bushra को निराश कर दिया. उन्हें लगा कि सार्वजनिक जीवन में अस्मा की सक्रिय भूमिका अनुचित थी और उन्होंने उन्हें इस दिशा में आगे बढ़ने से रोकने की कोशिश की. Bushra और अस्मा के बीच संघर्ष अन्तत: एक गम्भीर विवाद में बदल गया, जिस से दोनों महिलाओं के बीच स्थायी दरार पैदा हो गई. परिणाम-स्वरूप बशर और अस्मा एक प्यारे और सहायक जोड़े के रूप में एक-जुट हुए और Bushra को पृष्ठ-भूमि में धकेलने की कोशिश की. बशर के राष्ट्रपति के रूप में सत्ता मजबूत करने और अस्मा के खुद को शासन में एक प्रमुख व्यक्ति के रूप में स्थापित करने के साथ, Bushra ने खुद को असद परिवार के भीतर तेज़ी से दरकिनार पाया. इस पारिवारिक झगड़े ने Syria के नेतृत्व पर अपनी पकड़ बनाए रखने की कोशिश में व्यक्तिगत प्रतिद्वन्द्विता और महत्वाकांक्षाओं को सन्तुलित करने की चुनौतियों को उजागर करते हुए, असद कबीले के भीतर गहरी दरार को रेखांकित किया.

Bushra अल-असद के उथल-पुथल भरे जीवन का चरमोत्कर्ष 2012 में उनके पति आसिफ शौक़त की दुखद मौत के साथ हुआ. 18 July को दमिश्क में एक बम हमले में शौक़त के साथ तीन अन्य उच्च पदस्थ Syrian सरकारी अधिकारी मारे गए. कथित तौर पर विपक्षी विद्रोही समूहों के गठ-बन्धन, free Syrian army द्वारा आयोजित हमले ने असद शासन और Bushra दोनों को व्यक्तिगत रूप से एक विनाशकारी झटका दिया. आसिफ की मौत से Bushra का दिल टूट गया. वह उनका प्रिय पति और उनके पांच बच्चों का पिता था. उनके दर्द को बढ़ाते हुए, न तो बशर और न ही महर अल-असद आसिफ के अन्तिम संस्कार में शामिल हुए और न ही उनके सम्मान का भुगतान किया और एक mission ने असद परिवार के भीतर पहले से ही नाज़ुक रिश्तों को और अधिक तनावपूर्ण बना दिया. इस महत्वपूर्ण क्षण में अपने भाइयों की अनुपस्थिति ने सम्भवत: उनके प्रति Bushra की नाराज़गी को और गहरा कर दिया.

अपने पति की हत्या के बाद Bushra ने Syria छोड़ने का नाटकीय फ़ैसला लिया. वह अपने बच्चों के साथ दुबई चली गईं जहां उन्हें शरण दी गई. उनके जाने से असद शासन से स्पष्ट अलगाव हुआ, जिस से कई लोगों ने अनुमान लगाया कि वह अब अपने भाई बशर के शासन का समर्थन नहीं करती हैं और चल रहे संघर्ष से खुद को दूर करने की कोशिश कर रही हैं. Bushra अपनी और अपने बच्चों की सुरक्षा की चिन्ता से Syria से भाग गईं. सूत्रों ने अलावित सांप्रदाय के भीतर बढ़ते तनाव की report दी है, जिस से असद परिवार सम्बन्धित है. उनके दिवंगत पति आसिफ शौक़त पर नागरिक हत्याओं में शामिल होने का आरोप लगने के बाद विवाद पैदा हो गया, जिस के कारण कुछ अलावाइयों ने उनके परिवार को जवाबदेह ठहराया. प्रतिशोध के डर से Bushra संयुक्त अरब अमीरात चली गईं. हालांकि उसने असद शासन के साथ सम्बन्ध बनाए रखा, जिस ने उसे और उस के बच्चों को अन्तर-राष्ट्रीय प्रतिबन्धों के तहत रखा.

2019 में असद परिवार पर अन्तर-राष्ट्रीय जांच का दायरा Bushra की बेटी Anna तक बढ़ गया, जिस ने university of arts London में स्थानिक design का अध्ययन किया. एक ऐसे परिवार का हिस्सा होने के बावजूद जिसे अन्तर-राष्ट्रीय समुदाय द्वारा भारी मञ्ज़ूरी मिली हुई थी, Anna ने विदेश में एक प्रतिष्ठित संस्थान में दाखिला लिया. हालांकि शासन से उस के सम्बन्ध पर किसी का ध्यान नहीं गया. united kingdom की राष्ट्रीय अपराध agency ने उस के bank खाते से शेष 25,000 जब्त कर लिए, जो असद परिवार को उनके कार्यों के लिए जवाबदेह ठहराने के वैश्विक प्रयासों की एक कड़ी याद दिलाता है. Bushra की ज़िन्दगी महत्वाकांक्षा, त्रासदी और अलगाव की कहानी है. उनका दुबई जाना उनके परिवार के शासन की अराजकता से व्यक्तिगत पलायन और अपने और अपने बच्चों के लिए एक अलग भविष्य बनाने के जान-बूझ-कर किए गए प्रयास का प्रतीक है. अपने भाइयों की छाया और असद राजवंश की विरास्त से दूर.

असद परिवार से सम्बन्धित होने से कोई अपने आप अपराधी नहीं बन जाता. वास्तव में विस्तारित परिवार के कुछ सदस्यों ने शुरू से ही बशर अल-असद के शासन का विरोध किया है और उनके दमनकारी शासन से खुद को दूर रखने का फ़ैसला किया है. एक मुखर आलोचक Majed Jadaan हैं, जो Syria के सुन्नी उच्च मध्यम वर्ग से आने वाली 50 वर्ष की व्यवसायी महिला हैं. उस की बहन मनाल की शादी बशर के भाई Maher अल-असद से हुई है, जो उसे शासन के दिल के करीब रखती है. हालांकि, Majed हमेशा से बशर और उनके नेतृत्व का कट्टर विरोधी रहा है. एक बिन्दु पर उसने कथित तौर पर बशर को सीधे चुनौती देने का साहस किया. अवज्ञा का एक कार्य जिस के परिणाम-स्वरूप उसे चाकू से धमकाना पड़ा. Majed कई वर्षों से London में निर्वासन में रह रही है जहां वह शासन के खिलाफ़ बोलती रहती है. बशर अल-असद का एक और उल्लेखनीय प्रतिद्वन्द्वी उस का चचेरा भाई रिबल अल-असद है. एक राजनीतिक कार्य-कर्ता रिबल ने Syria में विरोधी शासन और लोकतांत्रिक सुधारों की वकालत के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया है. Majed की तरह, रिबल ने भी बशर के शासन की वास्तविक प्रकृति को जल्दी ही समझ लिया और परिवार की दमनकारी विरास्त के साथ गम्भीर सम्बन्ध बनाने का फ़ैसला किया.

जिन लोगों ने खुद को असद शासन और उस के अपराधों से दूर कर लिया, उन्हें अक्सर विदेश में सुरक्षा और सफ़लता मिली. हालांकि जो लोग बशर के प्रति वफ़ादार रहे उनका भाग्य बहुत कम भाग्यशाली रहा है. उनके कई निकटतम समर्थक दमिश्क के पतन के दौरान नष्ट हो गए, जिस नेता की उन्होंने सेवा करने की प्रतिज्ञा की थी, उसे उन्होंने त्याग दिया. जैसे ही विद्रोही सेनाओं ने शहर पर कब्ज़ा कर लिया, बशर अपने सहयोगियों को अकेले विपक्ष के क्रोध का सामना करने के लिए छोड़ कर रूस भाग गया. असद कबीले की कहानी इस बात की गम्भीर याद दिलाती है कि कैसे एक क्रूर शासन के प्रति वफ़ादारी विनाशकारी परिणामों का कारण बन सकती है. जब कि बशर अब रूस में अपने परिवार के साथ विलासिता में रहता है, भविष्य अनिश्चित है. वर्षों के भ्रष्टाचार और उत्पीड़न से समर्थित यह असाधारण जीवन-शैली हमेशा के लिए नहीं रह सकती. आप इस कहानी के बारे में क्या सोचते हैं, टिप्पणियों में लिखें, इसे like करें और channel को subscribe करें, देखने के लिए धन्यवाद.