मंगलवार, 15 अक्तूबर 2013

कढ़ाई करना सीखें

मृदुला पंडित
अनुक्रम
कढ़ाई की कला 5
सुन्दर कढ़ाई और विभिन्न टाँके 9
नमूना छापने के लिए विभिन्न संयोजना 21
रूमाल, मेजपोश और ट्रे कवर के लिए बूटे 22
मेजपोश और तकिए के लिए कोने 23
टीकोजी के लिए नमूना 24
बेलों के नमूने 25
गले, दामन और आस्तीन के लिए बूटे 25
बच्चों के कपड़ों के लिए नमूने 26
कट वर्क के लिए नमूने 27

कढ़ाई की कला

कढ़ाई एक कला है। कपड़े को सुन्दर बनाने में इसका बहुत महत्त्व है। हम इस पुस्तक में तकिए के गिलाफ, मेजपोश, टीकोजी, ट्रे-कवर, रूमाल, ब्लाउज, साड़ी के बॉर्डर और बच्चों के कपड़ों आदि के लिए नमूने दे रहे हैं। लेकिन यह सभी नमूने तभी सुन्दर कढ़ेंगे जब इन आवश्यक बातों पर ध्यान रखा जाए:
(क) कहाँ छापें कपड़े पर नमूना
वैसे तो यह आपकी अपनी पसंद पर निर्भर होता है। विभिन्न प्रकार की संयोजना पृष्ठ 21 और 27 पर दी जा रही है। इनके अलावा भी आप अपनी पसंद की संयोजना बना सकते हैं।
(ख) कपड़े पर नमूने को छापना
कभी भी नमूने को सीधे किताब से कपड़े पर न उतारें। इससे किताब फट सकती है। नमूना छापने का सही ढंग इस प्रकार है:

  1. आप butter’ papar (tracing papar) को किताब पर रख लीजिए। उसके बाद पेंसिल से papar पर नमूना उतार दीजिए।(butter papar (ट्रेसिंग papar) और carbon किताबों की दुकान पर मिलते हैं।)

  2. नमूना छापने से पहले कपड़े पर उन जगहों पर निशान लगाएँ जहाँ नमूना छापना है।

  3. आप कपड़ा किसी स्लेट, दफ्ती या तख्ते पर अच्छी तरह से बिछाकर सेट करें।

  4. उसके बाद कपड़े पर carbon papar रख लें। carbon papar इस प्रकार रखें कि उसका गहरा रंग कपड़े की ओर रहे।

  5. जिस पर नमूना उतारा था इसके ऊपर वह butter papar रखें। कपड़े के चारों कोनों पर चार आलपिनें लगा दें ताकि नमूना उतारते समय कागज़ खिसके नहीं।

  6. तब किसी बारीक नोक की पेंसिल या रिफिल पेन को हल्के हाथ से हर लाइन पर फेरें। हाथ अगर दबाकर चलाएँगे तो butter papar फट सकता है। उसके बाद नमूना कपड़े पर उतर जाएगा।


(ग) धागा कैसा हो

  1. जब हम धागा खरीदें तो ध्यान रखें कि धागा मजबूत हो और उसका रंग कच्चा न हो।

  2. धागों को कपड़ों का रंग और डिजाइन ध्यान में रखते हुए चुनें।

  3. सूई में धागा बहुत लम्बा नहीं रखना चाहिए। लम्बा धागा काढ़ते समय उलझ सकता है।

  4. धागे में गाँठ बहुत हलकी लगाएँ।

  5. सुई का नम्बर कढ़ाई की सुन्दरता के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है। कढ़ाई की सुन्दरता में सुई का ठीक नम्बर का होना जरूरी है।


कपड़ा सूई का नम्बर
लट्ठा, केसमेंट 6
पापलीन, रुबिया, नायलोन, टेरीकॉट 7,8
जॉर्जेट, मलमल, आरगन्डी, वायल 9,10
पतले बढ़िया सूती कपड़े नेट, जारजेट 11
पोत (बारीक मोती) का काम करने के लिए 12
धागों की मोटाई पर भी सूई का नम्बर निर्भर करता है। एक या दो धागों के लिए पतली और अधिक धागों के लिए मोटी सूई का प्रयोग कर सकते हैं।
(ङ) सदैव लम्बे नाके की सूई का प्रयोग करें। सूई खोंसने के लिए कुशन बना सकते हैं। इससे सूई में मुर्चा नहीं लगता।
(च) अगर आपको कढ़ाई का ज़्यादा अभ्यास नहीं है तो, कढ़ाई करते समय फ्रेम का प्रयोग कर सकते हैं।
(छ) यह चुनाव आप पहले ही कर लें कि कहाँ पर कौन-सा टाँका काढ़ना है।
(ज) सफाई का, सुन्दर कढ़ाई में काफ़ी योगदान होता है। कढ़ाई करने से पहले हाथों को अच्छी तरह साफ कर लेना चाहिए ताकि कपड़े और धागे गंदे न हों। जब आप कढ़ाई कर लें तो कपड़े और धागों को संभाल कर साफ जगह पर रखें।
(झ) जब आप कढ़ाई कर लें तो उस पर उलटी तरफ़ अच्छी तरह इस्त्री करें जिससे कपड़े की सिकुड़न खत्म हो जाए।
(×ा) अगर कपड़े में सिलवटें हों तो काढ़ने से पहले उस पर इस्त्री अवश्य कर लें।
(ट) कट वर्क काटने के लिए बारीक तेज कैंची या blade का प्रयोग करें। लेकिन सावधान रहें कि कपड़ा और कढ़ाई न कटने पाए।
सुन्दर कढ़ाई और विभिन्न टाँके

स्टेम stitch
सबसे पहले लाइन के ऊपर बाईं ओर से दाईं ओर थोड़े तिरछे टाँके मारें। टाँके बराबर लम्बाई के होने चाहिए। धागा हमेशा पिछले टाँके की बाईं ओर से ऊपर निकलता है। यह stitch तने और आउट लाइन बनाने के लिए प्रयोग की जाती है। भरवाँ कढ़ाई के लिए स्टेम stitch की बहुत-सी लाइनें पास-पास बनाकर आकार को भर देना चाहिए।

running stitch (कच्चे टाँके)
हम सभी जानते हैं कि कच्चे टाँकों का प्रयोग सिलाई करते समय होता है। लेकिन कढ़ाई के लिए भी इनका प्रयोग किया जा सकता है। टाँके बराबर की लम्बाई के लें। नीचे के टाँकों की लम्बाई भी बराबर रखें। परन्तु नीचे के टाँकों की लम्बाई ऊपर के टाँकों की आधी या उससे कम होनी जरूरी होती है।

बैक stitch (उलटी बखिया)
डिजाइन की लाइन पर से धागा ऊपर लाएँ। फिर एक टाँका पीछे की ओर लेकर सूई को पहले टाँके से थोड़ा आगे की ओर निकालें। अब पीछे की ओर एक और टाँका इस प्रकार लें कि सूई वहीं से नीचे डाली जाए जहाँ से उसे पहले आपने निकाला था।

straight stitch (सीधे टाँके)
इसे हम कच्चा टाँका कहते हैं या कहिए कि यह एक कच्चे टाँके जैसा होता है। इसके टाँके बराबर की दूरी पर लिए जाते हैं। हर टाँके की लम्बाई एक-सी या छोटी-बड़ी हो सकती है। टाँके पास-पास या दूर-दूर लिए जा सकते हैं। इसमें जरूरी यह होता है कि टाँके बहुत ढीले या बहुत लम्बे नहीं होने चाहिए।

साटन stitch
प्रस्तुत चित्र में बताई गई विधि से straight stitch से शुरूआत करें। अगर चाहते हों कि कढ़ाई उभरी दिखे तो पहले चेन stitch या running stitch उसे भर दीजिए। ये टाँके गद्दी का काम करेंगे और कढ़ाई उभरी हुई प्रतीत होगी। बस ध्यान रखें कि टाँके सीमा रेखा से बाहर न आ पावें।

long and short stitch (असम टाँके)
एक छोटा और एक बड़ा टाँका सीध में जब डाला जाता है तो वह अ-सम टाँका कहलाया जाता है। सबसे पहली पंक्ति में बारी-बारी से एक लम्बा और एक छोटा टाँका लें। यह टाँके ख़ूब पास-पास लें। ध्यान रखें कि टाँके सीमा रेखा से बाहर न जाने पाएँ। दूसरी पंक्ति में टाँकों की लम्बाई बराबर रखें ताकि कढ़ाई इकसार हो जाए।  यदि आपको shade-दार कढ़ाई करनी है तो इस कढ़ाई के लिए अलग-अलग पंक्ति में हल्के और गहरे रंग के धागों का इस्तेमाल करें तो अच्छा है।

चेन stitch (जंजीरा)
नीचे से धागा ऊपर लाएं और उसे बाएँ अंगूठे से दबाए रखें। फिर सूई को दुबारा वहीं से नीचे डालें जहाँ से पहले ऊपर निकाली गई थी। सूई को कुछ आगे से बाहर निकालें। अब धागे को सूई की नोक के नीचे रखते हुए बाहर खींचें। हम इसका प्रयोग भरवा कढ़ाई के लिए भी किया करते हैं।

open chain stitch
धागे को ‘क’ स्थान से ऊपर लाएं। धागे को बाएँ अंगूठे से दबाकर रखें। अब सूई को ‘ख’ से नीचे डालकर ‘ग’ पर बाहर निकाल लीजिए। इस तरह बने फंदे को थोड़ा ढीला रखें। सूई को ‘घ’ से नीचे डालें और धागे को सूई की नोक के नीचे रखते हुए इस प्रकार ऊपर लाएं कि दूसरा टाँका लगाया जा सके। अंतिम फंदे के दोनों ओर दो छोटे टाँके लगाने चाहिए।

lady daisy stitch
यह टाँका चेन stitch के ही समान है। लेकिन इसमें हर फंदे को एक छोटे से टाँके से बन्द किया जाता है। यह टाँका फूल की पंखुड़ियाँ और पत्ती बनाने के लिए इस्तेमाल होता है।

Feather stitch
इसमें सबसे पहले धागे को ऊपर लाएँ। उसे बाएँ अंगूठे से नीचे दबाए रखें। थोड़ी दाहिनी ओर पहले टाँके की बराबर ऊँचाई पर से सूई नीचे डालें। अब सूई इस प्रकार बाहर लाएँ कि धागा सूई की नोक के नीचे ही रहे। अगली बार सूई को बाईं ओर टाँके की बराबर ऊँचाई पर से नीचे डाल दीजिए। अब फंदे के बीच में धागा सूई की नोक के नीचे रखते हुए टाँका लगा लें। इस तरह से बारी-बारी दाहिनी और बाईं ओर टाँके लगाइए।

फ्लाई stitch
इससे पहले एक ढीला-सा टाँका लीजिए। धागे को दाहिने अंगूठे से नीचे की ओर दबाए रखें। इस टाँके के बीच में थोड़ा नीचे एक छोटा-सा टाँका लगाएँ (जैसे प्रस्तुत चित्र में दर्शाया गया है) इन टाँकों को लम्बाई में या खड़ी पंक्तियों में काढ़ा जाता है।

स्पाइडर वेब फिलिंग stitch (मकड़ी जाला stitch)
सबसे पहले गोले में चित्र के अनुसार एक टाँका फ्लाई stitch का काढ़ें। उसके बाद दो सीधे टाँके लें। ऐसे गोला पाँच बराबर भागों में बँट जाएगा। ये पाँच टाँके जाले की नींव हैं। अब इन टाँकों के ऊपर और नीचे से धागा भरें। धागा तब तक भरें जब तक गोला पूरा न भर जाए।

rose stitch (फ्रेंच नॉट)
जिस जगह french knot बनाना है वहाँ से धागा ऊपर लाएं। धागे को बाएँ अंगूठे से दबाते हुए सूई पर दो बार लपेटें। धागे को कस कर दबाते हुए सूई को मोड़ कर उसी जगह लाएं जहाँ से पहले ऊपर लाए थे। अब सूई को उसी जगह के पास से नीचे घुसेड़ें। धागा खींच कर पीछे निकाल लीजिए। चित्र के अनुसार सूई को वहाँ निकालें जहाँ दूसरा टाँका लेना है। यदि rose stitch से फूल बनाना हो तो सूई पर धागा बहुत बार लपेटें। इससे फूल सुन्दर बनेगा।

स्क्रोल stitch
स्क्रोल stitch बाईं ओर से दाईं ओर काढ़ी जाती है। धागे को दाहिनी ओर से बाईं ओर इस प्रकार ले जाएँ कि एक फंदा-सा बन जाए। इस फंदे के बीच में चित्र के अनुसार एक छोटा-सा तिरछा टाँका लीजिए। यह टाँका लाइन से थोड़ा नीचे धागे को सूई की नोक से दबाते हुए लें। ये टाँके बराबर दूरी पर लगाएँ तभी सुन्दर लगेंगे।

फिश बोन stitch (मछली काँटा)
धागे का ‘क’ पर बाहर निकालें और एक छोटा-सा टाँका बीच की लाइन पर लीजिए। धागा ‘ख’ पर निकाल लें फिर बीच की लाइन पार करके पहले टाँके के नीचे सूई डालें। धागे को ‘ग’ पर निकालें। इसी प्रकार दूसरा टाँका पिछले टाँके के ऊपर चढ़ा कर लें। इसी प्रकार बारी-बारी दोनों ओर से टाँके लेकर पूरा आकार भर दें।

couching
इसमें लाइन के आरम्भ में एक धागा पिरोएँ। इस धागे को लाइन के साथ-साथ ही रखें। दूसरा धागा सूई में पिरोएँ। लाइन के साथ वाले धागे को सूई के धागे से कपड़े के साथ टाँकें। ध्यान रहे कि टाँके छोटे और बराबर दूरी पर लगने चाहिए।
seeding stitch
इस प्रकार के टाँके आकार को भरने के लिए प्रयोग किए जाते हैं। बराबर की लम्बाई के छोटे टाँके लगाए जाते हैं। ये टाँके बिखेर कर काढ़े जाते हैं।

काज stitch (button hole stitch) और blanket stitch
इस तरह की stitches एक ही ढंग से बनाए जाते हैं। काज stitch में टाँके पास-पास और किनारे पर कसते हुए लगाए जाते हैं। जब टाँके ढीले डाले जाते हैं तो उन्हें blanket stitch कहते हैं। readymade कम्बलों के किनारे इसी stitch से सजाए जाते हैं इसलिए इसे blanket stitch कहते हैं। काज stitch cut work बनाने के लिए प्रयोग की जाती है।

cross stitch
आप चित्र की मदद से पहले एक दिशा में फिर दूसरी दिशा में टाँके लगाएँ।
herring bone stitch (जाली टाँके)
पहले दो टाँके क्रास stitch के लें। अब सूई को ‘क’ से निकालें और ‘ख’ से अन्दर डालें। ‘ग’ से सूई ऊपर लाकर ‘घ’ पर अन्दर डालें। इस प्रकार विभिन्न तरह की कढ़ाई के लिए अनेकों प्रकार की विधि बताई गई है। सुन्दर कढ़ाई के लिए टाँकों एवं धागों तथा कपड़े का सही चुनाव बहुत जरूरी होता है।
नमूना छापने के लिए विभिन्न संयोजना