बुधवार, 9 जनवरी 2008

भारतीय मूल के निवासी चुनाव में

Ani-ruth Lugani
भारतीय मूल के 39 वर्षीय म्युनिक निवासी अनिरुद्ध लुगानी (Ani-Ruth K. Lugani, http://lugani.de/) इन चुनावों में SPD पार्टी (http://www.spd-muenchen.de/) की तरफ़ से Stadtrat और BA (Schwabing-West), दोनों चुनावों में खड़े हो रहे हैं। Stadtrat में SPD पार्टी की 35 सीटें हैं और उनका स्थान SPD पार्टी के 80 उम्मीदवारों में 51वें नंबर पर है। यानि आप उन्हें वोट देकर ऊपर के 35 सदस्यों तक पहुँचा सकते हैं, ताकि वे Stadtrat में चुने जा सकें। BA (Schwabing-West)में SPD पार्टी की 14 सीटें हैं जिनमें वे पाँचवें स्थान पर हैं।

वे दो वर्ष के थे जब वे अपने पिता के साथ भारत से जर्मनी आ गए। वे पच्चीस वर्ष से म्युनिक में Schwabing में रह रहे हैं। उनका सारा परिवार, बहन भाई, माँ बाप और दोस्त सब पास में ही रहते हैं। उन्होंने LMU म्युनिक से MBA (BWL, Betriebswirtschaftslehre) किया और FH म्युनिक से अर्थशास्त्र (Wirtschaftswissenschaften, Economics) की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने कई बड़ी कंपनियों के साथ काम किया जैसे Dornier, Phonehouse, e-Sixt, Kultfabrik। फिलहाल वे एक परामर्शी सेवाएँ देने वाली कंपनी (Consultancy Company, Unternehmensberatungsfirma) में कार्यरत हैं।

उन्हें स्कूल के दिनों से ही राजनीति में रुची थी और कई सेमीनारों में जाते रहते थे। वे स्कूल की प्रेस और बायरन की युवा प्रेस में काम करने लगे। सन 1999 में पढ़ाई के अंतिम दिनों में उनका वास्ता SPD पार्टी से पड़ा जहाँ से उनका राजनैतिक सफ़र शुरू हुआ। सन 2002 के Schwabing-West के BA चुनावों में वे SPD की तरफ़ से चुन लिए गए। 2005 से वे Schwabing-West में SPD पार्टी के vice-speaker चुन लिए गए।

भारतीय मूल के होने के कारण वे विदेशियों की तकलीफ़ों को खूब समझते हैं। सामाजिक परिवेष का अंतर, भाषा की दिक्कतों को वे आसान करना चाहते हैं। जैसे स्कूल आधे दिन की बजाय पूरा दिन खुले रहने चाहिए ताकि वे बच्चे जिनके माँ बाप जर्मन नहीं बोलते, उन्हें जर्मन भाषा सीखने का अधिक मौका मिले। जर्मन सीखना यहाँ जीवन में सफ़लता प्रप्त करने और यहाँ के समाज में घुलने मिलने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। जर्मन भाषा सीखने का मतलब अपनी पहचान खोना नहीं है। इसके इलावा विदेशों से आकर बसे कुछ लोग अपने बच्चों को Kindergarten नहीं भेजते हैं। हम इसे भी अनिवार्य बनाना चाहते हैं क्योंकि बच्चा Kindergarten में ही स्कूल जाने लायक जर्मन सीखता है। अगर बच्चा बिना Kindergarten गए छह साल की उम्र में सीधा स्कूल जाता है तो वह जर्मन बच्चों की तुलना में वहाँ बहुत कम सीख पाएगा और दूसरे बच्चों के साथ दोस्ती नहीं कर पाएगा।

हमारा दूसरा मुद्दा है रहने की जगह। म्युनिक में ज़मीन, घरों और अपार्टमेंटों की कीमत बहुत अधिक हैं। किराए भी बहुत अधिक हैं। हम कोशिश कर रहे हैं कि जो लोग अच्छी कमाई के बावजूद म्युनिक में अपना घर नहीं खरीद पाते और जिनके छोटे बच्चे हैं, उन्हें आर्थिक सहायता दी जाए ताकि लोग म्युनिक में ही रहें, बाहर न जाएं। ये सहायता €300 प्रति वर्गमीटर तक हो सकती है। इसे Munich Model का नाम दिया गया है। SPD म्युनिक शहर की ज़मीन, घर, अपार्टमेंट, बिजली, यातायात आदि शहर के नियंत्रण में ही रहने देना चाहती है, बाहर की कंपनिओं को नहीं बेचना चाहती। वो चाहती है कि शहर का पैसा शहर में ही रहे, दूसरी जगहों पर न जाए। इससे कीमतें कम रहती हैं और गुणवत्ता बरकरार रहती है। जैसे बायरन सरकार ने बिजली पैदा करने वाली कंपनी e-on को बेच दिया। अब अगर e-on बिजली की कीमतें बढ़ाती है तो इसमें बायरन सरकार कुछ नहीं कर सकती। इसलिए हम चाहते हैं कि SWM (Stadtwerke München, बिजली और पानी की कंपनी) म्युनिक शहर के पास रहे। अगर वो मुनाफ़ा कमाती है तो ये धन शहर के अन्य कार्यों के लिए उपयोग होता है जैसे बच्चों के लिए Kindergarten बनवाना। लेकिन अगर इसे बेच दिया जाए तो मुनाफ़ा नहीं और चला जाएगा। पिछले साल SWM ने शहर को 40 करोड़ यूरो कमाकर दिए।

SPD चाहती है कि सभी लोग कम से कम सम्मानजनक जीवन जीने योग्य वेतन पाएं।

हम जर्मन लोगों से थोड़ी और सहनशीलता चाहते हैं। कोई तकलीफ़ होने पर केवल नियमों के अनुसार चलकर सीधे एक्शन ले लेने की बजाय बातचीत और विचार विमर्श करके समस्या को सुलझाना बहुत अच्छा साबित हो सकता है। थोड़ी 'चलता है' टाईप प्रवृत्ति जर्मन लोगों को भी अपनानी चाहिए। हम धार्मिक सहिष्णुता भी चाहते हैं। अगर यहाँ हज़ारों लाखों मुस्लिम, हिन्दू आदि रहते हैं और अपने लिए बिना शहर से आर्थिक मदद लिए मस्जिद, मंदिर बनाना चाहते हैं तो इसमें क्या बुराई है? भारत में मंदिर हैं, मस्जिदें हैं, चर्चें हैं, फिर भी अधिकतर वहाँ शाँति रहती है। इस संदर्भ में भारत से कुछ सीखा जा सकता है।

इसके इलावा जर्मनी को थोड़ा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम करना चाहिए। सरकारी दफ़्तरों में अभी भी केवल जर्मन बोली जाती है जिससे नए लोगों को काफ़ी तकलीफ़ होती है। दूसरे देशों से पढ़ने आए छात्रों के लिए Kreisverwaltungreferat में युनिवर्सिटी के स्टैंड लगाए जा सकते हैं जिससे छात्रों का सारा काम एक ही जगह पर हो जाए।

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राजनैतिक मुख्य मुद्देः
प्रवासन और अनुकरण (Migration und Integration), बच्चे, आवास, शहरी समाज और संस्कृति
शहर सामाजिक जीवन के सुधार के लिए भारतीय सहिष्नुता और सहनशीलता।

Stadtrat के लए वोट इस प्रकार दें (चित्र देखें)
सूची नंबर दो देखें
कोई वोट बेकार न जाए, इसलिए पहले SPD पर क्रास कीजिए।
फिर तीन वोट Christian Ude को और तीन वोट Christine Strobl को दें (जो पहले और दूसरे नंबर पर हैं)
फिर तीन वोट 51वें नंबर पर खड़े अनिरुद्ध लुगानी को दें
www.lugani.de
SPD Wahlvorschlag

Politische Schwerpunkte:
Migration und Integration, Soziales und Kinder, Wohnen, Stadtteilkultur.
„Indische Toleranz und Geduld für die Weiterentwicklung der sozialen Stadtgesellschaft.
Ich möchte mich für ein Miteinander der Kulturen in München einsetzen.“