शुक्रवार, 2 मई 2008

भेड़ों से टकराने से रेल पटरी से उतरी

26 अप्रैल रात नौ बज कर पाँच मिनट पर हैम्बर्ग से म्युनिक जा रही ICE 885 ट्रेन पटरी पर खड़े एक भेड़ों के झुंड से टकराने के कारण पटरी से उतर गयी। ये दुर्घटना Mittelkalbach के पास जर्मनी की सबसे लंबी (10779 मीटर) एक सुरंग में हुयी। ट्रेन में 170 यात्री थे जिनमें से 20 को हल्की चोट लगी है और तीन को थोड़ी गहरी चोट लगी है। उन्हें पास के अस्पताल में दाखिल करवाया गया। कोई मौत नहीं हुयी। ट्रेन में 12 डिब्बे और दो इंजन थे (आगे और पीछे)। दो डिब्बों को छोड़कर सारे डिब्बे पटरी से उतर गये थे। टकराने के करीब एक किलोमीटर बाद सुरंग में ही ट्रेन रुक गयी। टकराने के समय ट्रेन की गति करीब 220 किलोमीटर प्रति घंटा थी। टकराने से 20 भेड़े मर गयी हैं। भेड़ों के चरवाहे पर भेड़ों का ध्यान न रखने के लिये दोषी ठहराया गया है। पटरी के रुकने की वजह से बाकी रेल यातायात पर भी भारी असर पड़ा।


चरवाहा Norbert Werner मीडिया वालों को उत्तर देते हुये।

आमतौर पर किसी जानवर के टकराने से रेल को फ़र्क नहीं पड़ता लेकिन कयास लगाये जा रहे हैं कि इस बार बहुत अधिक भेड़ें एक-साथ रास्ते में आ गयी थी, और शायद कोई बड़ी हड्डी पहिये और पटरी के बीच फ़ंसी रह गयी होगी जिससे अंत में पहिया नीचे उतर गया। इस बात का शुक्र मनाया गया कि पटरी से उतरने के बाद रेल दूसरी पटरी पर नहीं चढ़ी, वर्ना दूसरी ओर से आती हुयी रेल के साथ इससे भी भयानक हादसा हो सकता था।

इस हादसे ने बहुत तेज़ चलने वाली रेलगाड़ियों की सुरक्षा पर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिये हैं। 3 जून 1998 को भी Eschede के स्टेशन के पास एक ICE 884 दुर्घटनाग्रस्त हो गयी थी जिसमें 101 लोगों की मृत्यु हो गयी थी और 88 लोगों को गंभीर चोटें आयी थीं। ICE रेलों की गति 300 किलोमीटर प्रति घंटा तक भी पहुँच जाती है। कहा जाता है कि 140 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक गति से चलने वाली रेलगाड़ियाँ अचानक ब्रेक लगने की स्थिति में मानव के लिये घातक हो सकती हैं।