शनिवार, 25 सितंबर 2021

भारतीय कोंसलावास म्युनिक में हिन्दी कार्यक्रम आयोजित

14 से 28 तक हिन्दी पखवाड़े के तहत 24 सितंबर को भारतीय कोंसलावास म्युनिक ने एक कार्यक्रम आयोजित किया जिसमें म्युनिक और स्टुट्टगार्ट से अनेक बच्चों ने कविताएं और निबंध पेश किए और बड़ों ने कुछ व्याख्यान प्रस्तुत किए। कोंसल श्री हरविंदर सिंह जी ने हिन्दी भाषा का महत्व बताते हुए कहा कि आज हिन्दी भाषा संपूर्ण भारत में एक संपर्क भाषा मानी जाती है। भारतीय सरकार भी हिन्दी में काम काज करने पर ज़ोर दे रही है। इसलिए पूरे विश्व में स्थित भारतीय दूतावास और कोंसलावास भी 'सबका साथ सबका विकास, सबका प्रयास, सबका विश्वास' नारे के तहत हिन्दी प्रेमियों की मदद करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि उनके लिए यह कार्यक्रम केवल online आयोजित करना बहुत आसान होता, लेकिन वे चाहते थे कि सभी हिन्दी प्रेमी आपस में भी संपर्क में आएं। हालांकि ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने में उनका और कोंसलावास में कार्यरत उनके अन्य सहकर्मियों का काम बहुत बढ़ जाता है। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि विदेशों में अपने घर बसा चुके भारतीयों को अपनी मातृ भाषा, भले वह कोई भी भाषा हो, तमिल, तेलगू, पंजाबी, बंगाली आदि, अपने बच्चों को सिखानी चाहिए। Volkshochschule Munich की हिन्दी शिक्षिका Eva-Maria Glasbrenner ने अपनी पांच छात्राओं के साथ एक हिन्दी लघु नाटक प्रस्तुत किया जिसमें छात्राएं एक दूसरे का हाल हिन्दी में पूछती हैं और हिन्दी सीखने का कारण पूछती हैं। तो एक छात्रा उत्तर देती है कि उसे भारतीय भोजन बहुत पसंद है, और वह भारतीय पकवान विधियां मूल भाषा में सीख कर भारतीय भोजन बनाना सीखना चाहती है। दूसरी छात्रा कहती है कि वह भारत आती जाती रहती है, और हिन्दी बोलने से रिक्शा वाले कम किराया मांगते हैं। और शिक्षिका कहती है कि वह इसलिए सिखाती है क्योंकि हिन्दी बोलने और पढ़ने में बहुत मज़ा आता है। Indische Treffpunkt e.V. Stuttgart से नीतू दशोरा ने अपनी संस्था के बारे में बताया जो सभी भारतीय त्योहार और बच्चों के लिए online हिन्दी कोर्स आयोजित करती है। इसी संस्था से रामपाल शर्मा, जो 2005 से योग सिखा रहे हैं, ने योग पर व्याख्यान दिया। एक अतिथि ने म्युनिक के नए हिन्दू मंदिर शिवाल्यम के बारे में जानकारी दी जहां 15 अक्तूबर को प्रतिष्ठा महोत्सव आयोजित किया जाएगा। UP Families in Munich e.V. से सुशील पांडे जी ने अपनी संस्था के बारे में बताया। Schwandorf से रजनीश मंगला ने कंप्यूटर पर हिन्दी लिखने के लिए एक लघु-कार्यशाला की जिसमें उपस्थित अतिथियों में से अनेक ने projector screen पर हिन्दी में कुछ लिखने की कोशिश की। उपस्थित हिन्दी प्रेमियों में से केवल तीन लोग कंप्यूटर में हिन्दी लिखना जानते थे। लेकिन अनेक बच्चों और बड़ों ने स्क्रीन पर अपना नाम, या कोई नारा लिखने की कोशिश की। फिर कोंसल श्री हरविंदर सिंह जी ने सभी प्रतिभागियों को पुरस्कार दिए और सभी प्रतिभागियों और सभी उपस्थित अतिथियों के साथ फोटो की। इसके बाद स्वागत रेस्त्रां द्वारा प्रायोजित खान-पान के साथ कार्यकर्म समाप्त हुआ।