रविवार, 23 फ़रवरी 2020

Hindi Impro Games

Impulse

यह अभ्यास समूह के सभी लोगों को जगाने के लिए और पूरी तरह चौकन्ना करने लिए अच्छा है। सब लोग एक घेरे में इकट्ठे हो जाएं। कोई एक सदस्य खेल शुरू करने लिए किसी की ओर देखकर ताली बजाएगा, जैसे उसे कोई संदेश दे रहा हो। दूसरा उसे देखकर फिर किसी और की तरफ़ देखेगा ताली बजाएगा। फिर वो तीसरा व्यक्ति किसी और की तरफ़। आप वापस उसी व्यक्ति को भी संदेश दे सकते हैं जिससे आपने संदेश लिया। पहले पहले इसके अभ्यास में समय लगता है, खेल धीरे धीरे आगे बढ़ता है क्योंकि लोग चौकन्ने नहीं होते। वो देख नहीं रहे होते कि उन्हें संदेश मिल रहा है। फिर उन्हें समझ नहीं आता कि आगे संदेश किस को दें। कई बार वो किसी की तरफ़ देखते हैं लेकिन ताली बजाते वक्त किसी और की तरफ़ देखने लगते हैं। या फिर ताली बजाने के बाद नज़रें किसी और की तरफ़ घुमा लेते हैं। इससे पता नहीं चलता कि संदेश किसे दिया गया है और खेल बहुत धीरे धीरे आगे बढ़ता है। कई बार यूं होता है कि जिसे हम अच्छी तरह नहीं जानते या फिर जानते हैं लेकिन कुछ भेदभाव है, उसे हम संदेश देने से झिझकते हैं। अभ्यास से ये सब कमियां दूर होती रहती हैं, एक दूसरे में विश्वास बढ़ता जाता है। गति तेज़ होती जाती है, लोग चौकन्ने होते जाते हैं, सीधे खड़े होने लगते हैं। अगर आपको संदेश लेने के लिए हर समय तैयार रहना है तो आपको लगता देखना पड़ेगा कि संदेश किससे किसको जा रहा है। इससे सबकी आंखें लगातार तालियों के साथ तेज़ी से इधर उधर घूमती रहती हैं।

अरे हां

इस अभ्यास का उद्देश्य है कि दूसरा जो कहे, उसे उसी तरह स्वीकार करके उसमें कुछ अपना जोड़ना। भले वो आपको ठीक तरह से समझ आया या नहीं आया, उसमें रुची है या नहीं है आदि। अगर उसने कुछ कहा, आप कहेंगे कि ‘अरे हां’ सच, ठीक ही तो है। और फिर अपना कुछ जोड़ेंगे। इसमें सभी सदस्यों को दो दो के समूहों बांट दिया जाता है। उन्हें कल्पना करनी होती है कि वे दोनों जुड़वें पैदा हुए थे। जन्म से लेकर वे काफ़ी वर्ष इकट्ठे रहे। उन्होंने सब कुछ इकट्ठे किया, इकट्ठे खेले, घूमे, मुसीबतों का सामना किया (जो भी आप सोच सकें)। फिर वे अलग हो गए और अलग होने के कई वर्षों बाद अब वो दोबारा मिले हैं और पुराने दिन याद कर रहे हैं। जैसे एक कहता है, याद है तुम्हें हम लोनावला घूमने गए, तो दूसरा कहता है, ‘अरे हां’, वहां हम कितनी देर झरने के नीचे बैठे रहे। फिर पहला कहता है, ‘अरे हां’, हमारे कपड़े कोई उठाकर ले गया था। फिर दूसरा कहता है, ‘अरे हां’, फिर हम कितनी देर ठिठुरते हुए इधर उधर घूमते रहे आदि आदि। इसमें महत्वपूर्ण है कि कोई भी एक साथ एक से अधिक वाक्य न बोले। दूसरे सदस्य को अपने साथी द्वारा बोला गया वाक्य समझना है, स्वीकार करना है (‘अरे हां’ कह कर), फिर कुछ अपना कुछ जोड़ना है, एक वाक्य में। ऐसे कहानी बनती जाती है। कई बार दूसरे का कहा समझ नहीं आता, या उसमें रुची नहीं होती या फिर उसका ज्ञान नहीं होता (उदाहरण के लिए अगर दूसरा सदस्य कभी लोनावला गया ही नहीं तो वो क्या बोलेगा)। लेकिन नहीं, आपको ये दिखाना नहीं है। आपको यही दिखाना है कि आपको समझ आ गया है, उसके बारे में मालूम है। आप पूरे जोश के साथ स्वीकार करते हैं, ‘अरे हां’ फिर हमने वो पहाड़ तोड़े आदि आदि। उदाहरण के लिए दूसरा सदस्य कह सकता है- ‘हरे हां’ वहां हम तालाब में घुस गए थे। अब पहला सदस्य भले ही अच्छी तरह जानता हो कि लोनावला में न कोई तलाब है, न कभी था। लेकिन अब उसे यही मानना है कि लोनावला में तालाब है और वो उस में गए थे। फिर वो कह सकता है- ‘अरे हां’ उसमें तुम डूबने लगे थे। एक सदस्य का वाक्य ठीक तरह न समझ आने से कई बार दूसरा सदस्य कुछ और समझकर किसी दूसरे विषय में चला जाता है। इसपर भी पहले सदस्य को ये नहीं कहना है कि, अबे मैंने ये नहीं बोला था, बल्कि जो हो गया, सो गया समझकर नए विषय को आगे ले जाना है, ‘अरे हां’ कहकर।

काल्पनिक बक्सा

ये खेल थोड़ा मुश्किल है क्योंकि इसमें काफ़ी कल्पना शक्ति की ज़रूरत पड़ती है। इसमें सभी खिलाड़ियों को दो दो सदस्यों के समूहों में बांट दिया जाता है। उन्हें अपने अपने साथी को एक काल्पनिक बक्सा खोलकर, उसमें उसमें पड़ी चीज़ें अपने साथी को दिखानी होती हैं। लेकिन बक्सा किस तरह का हो, वह उनका साथी बताता है।

उदाहरण के लिए हम किन्ही दो सदस्यों के समूह की बात करते हैं। दोनों ज़मीन पर चौकड़ी मारकर आमने सामने बैठ जाते हैं। एक खिलाड़ी अपने साथी को कोई theme देता है। मान लीजिए वो कहता है कि तुम एक अध्यापक हो। तो दूसरे खिलाड़ी को एक बक्से की कल्पना करनी होती है जो उसके एक तरफ़ पड़ा है। उसे कल्पना करनी होती है कि एक अध्यापक के बक्से में क्या क्या हो सकता है। फिर उसे हाथों से उस काल्पनिक बक्से को खोलना होता है और एक एक चीज़ निकाल कर अपने साथी को दिखानी होती है, उसकी थोड़ी व्याख्या भी करनी होती है। उसका साथी भी उसकी मदद करता है, खुश होकर, हैरान होकर, चीज़ के बारे में कुछ बोलकर, पूछकर आदि।

मान लीजिए दूसरा सदस्य कहता है, अरे देखो, मेरे बक्से में कितना सुंदर पेन है। वो हाथ ऐसे चलाता है मानो बक्सा खोलकर उसमें से पेन निकाल कर दिखा रहा हो। फिर दूसरा सदस्य इस काल्पनिक कहानी को आगे बढ़ाने के लिए कुछ मदद कर सकता है, मान लीजिए वो कहता है, अरे हां, ये तो वाकई बहुत सुंदर पेन है, कितना सुंदर डिज़ाईन है, इसमें तो चार तरह के सिक्के भी हैं, आदि आदि। फिर दूसरा सदस्य कोई दूसरी चीज़ बक्से में से निकालता है, मान लीजिए चॉक का डिब्बा, या कागज़, या कोई पुस्तक आदि। इस खेल का उद्देश्य है कि आप कितनी कल्पना कर सकते हैं और किस हद तक चीज़ों को ऐसे दिखा सकते हैं जैसे वे वाकई आप के हाथों में हों और आप उनसे भली भांति परिचित हों।

इसमें पांच सात मिनट में ही बस होने लगती है। अब बंदा क्या क्या सोचे, उसके बारे में जो सामने है ही नहीं, जो दूसरे के द्वारा सुझाया गया है, जिसके बारे में कुछ पता ही नहीं या रुची नहीं। लेकिन आपने अपने मुख पर ऐसे मुस्कान रखनी है जैसे बड़े चाव से दिखा रहे हों, देखो ये, देखो वो आदि आदि।

अध्यापक तो फिर भी आसान है, अगर आपका साथी कह दे कि आप सपेरे हैं, खान में काम करने वाले मज़दूर हैं आदि तो आप क्या करेंगे? सपेरे के बक्से में क्या होगा? एक दो सांप, बीन, शायद बटुआ, रुमाल। लेकिन आप तब तक रुक नहीं सकते जब तक या तो आपका साथी कह दे कि चलो बस, या फिर आपके द्वारा निर्धारित अवधि समाप्त न हो जाए जैसे दस मिनट, पंद्रह मिनट आदि। जब आपकी बस होने लगे तो आपका साथी आपको छेड़ भी सकता है कि अरे अभी खत्म कहां हुआ, वो देखो वो साईड में क्या पड़ा हुआ है, लाल लाल, छोटा सा, गोल सा। तो आप फ़ंस गए। आप ये नहीं कह सकते, अबे कुछ नहीं है, बेकार में दिमाग मत चाट। आपको सोचना ही होगा कि एक अध्यापक, ये सपेरे या मज़दूर के बक्से में गोल गोल, लाल रंग की छोटी सी चीज़ क्या हो सकती है। अध्यापक के बक्से में कुछ प्रयोग करने के लिए कांच का बंटा हो सकता है, सपेरे के बक्से में सांपों को अभ्यास करवाने के लिए रबड़ की गेंद हो सकती है, मज़दूर के बक्से में कोई खाने की चीज़ हो सकती है, आदि। इसमें गल्त ठीक कुछ नहीं होता, सब चलता है। ये केवल आपकी कल्पना शक्ति टेस्ट करने और बढ़ाने के लिए है।

इक्कीस की गिनती

इसमें सभी लोग एक तंग घेरे में खड़े हो जाते हैं और आंखें बंद कर लेते हैं। उन्हें एक से लेकर इक्कीस तक गिनना है। लेकिन एक अंक एक सदस्य ही बोलेगा, दो लोग इकट्ठे नहीं बोल सकते। क्योंकि आंखें बंद हैं तो कोई देख नहीं सकता कि अगला अंक कौन बोलने वाला है। एक ने बोला ‘एक’, किसी दूसरे ने बोला ‘दो’, ऐसे इक्कीस तक पहुंचना है। अगर कोई अंक दो या दो से अधिक लोगों ने इकट्ठा बोल दिया तो गिनती दोबारा एक से शुरू होगी। इसमें अक्सर एक बार में इक्कीस तक नहीं पहुंचा जाता, अक्सर बीच में कोई न कोई अंक दो लोग इकट्ठे बोल देते हैं। इसके लिए एकाग्रता की ज़रूरत होती है। अंत में कोई भी ऐसा सदस्य नहीं बचना चाहिए जिसने कोई अंक नहीं बोला। अगर सदस्य इक्कीस से अधिक हैं तो गिनती बढ़ा सकते हैं।

तस्वीर

इसमें सभी सदस्यों को पांच या छह सदस्यों के समूहों में बांट दिया जाता है। हर समूह को बारी बारी से एक कहानी कहनी है जिसका शीर्षक दर्शकों द्वारा दिया जाएगा। इस संदर्भ में दूसरे समूहों के लोग दर्शक हैं जो बैठकर देखेंगे और मज़े लेंगे। दर्शकों में से कोई एक पर्दर्शन करने वाले समूह के सामने बैठ जाएगा और उंगली से एक एक करके पर्दर्शन कर रहे सदस्यों की तरफ़ तेज़ी से इशारे करेगा, लेकिन किसी क्रम में नहीं बल्कि randomly. जिसकी तरफ़ इशारा हुआ, वो अगला शब्द बोलेगा, कुछ इस तरह से उससे कोई वाक्य बनता दिखे। इस तरह on the spot वाक्य बनाए जाएंगे और कहानी गढ़ी जाएगी। प्रदर्शन करने वाले समूह के लोग एक दूसरे से पास पास या जुड़कर ऐसे खड़े हो जाएंगे जैसे फ़ोटो खिंचवा रहे हों ताकि इशारा करने वाला तेज़ी से विभिन्न सदस्यों की तरफ़ इशारा कर सके। एक दो लोग नीचे भी बैठ सकते हैं।

इसमें सदस्यों को बहुत ध्यान से दूसरों द्वारा बोले जाने वाले शब्द सुनने होते हैं ताकि अपनी बारी आने पर (जो कभी भी आ सकती है) वे कोई वाक्य में फ़िट बैठने वाला शब्द बोल सकें। क्योंकि हर कोई अलग अलग तरह से सोचता है तो एकदम से चुनींदा शब्द ढूंढना बहुत मुश्किल होता है, खासकर जब दूसरे शब्द ध्यान से न सुनें जाएं। वाक्यों और कहानी के अर्थ भी निकलने चाहिए और अंत में कोई शिक्षा भी बोली जानी चाहिए। इसमें अक्सर काफ़ी हास्यास्पद स्थितियां पैदा हो जाती हैं, उल्टे पुल्टे वाक्य बन जाते हैं। कहानी की तैयारी के लिए समय नहीं दिया जाता, बल्कि शीर्षक देने के बाद पांच, चार, तीन, दो, एक गिना जाता है और दृश्य शुरू करना होता है। दर्शक कोई भी टेढ़ा मेढ़ा शीर्षक दे सकते हैं जैसे ‘बंदर के हाथ में लाल छड़ी’। अब बताइए इस पर क्या कहानी बनाएंगे, वो भी बिना तैयारी के, वो भी एक एक शब्द अलग अलग मूंह से।

अर्थहीन भाषा

ये काफ़ी रोचक खेल है। लेकिन खेल के परिचय से पहले हम शब्द Gibberish यानि अर्थहीन भाषा का मतलब जान लें। Gibberish बोले तो ऐसी भाषा जिसका कोई अर्थ न हो लेकिन सुनने में लगे जैसे किसी देश की भाषा हो। जैसे ‘अलदउकिग कजोन मिउहती हरबी’। Gibberish के नाम पर आप ऐसा नहीं बोल सकते ‘वुश वुश वुश’ क्योंकि ये केवल वैसा है जैसे हम गंदा वंदा, गोल मटोल आदि बोलते हैं। इस खेल में Gibberish बोलने और समझने का प्रयास करेंगे।

इस खेल को हम दो भागों में बांट सकते हैं। पहले भाग में हम अर्थहीन भाषा का थोड़ा अभ्यास करेंगे, दूसरे भाग में बड़ा खेल खेलेंगे। दुनिया की हर भाषा सुनने में एक दूसरे से भिन्न है, भले वो समझ आए या ना आए। कई भाषाओं में च की ध्वनी का बहुत प्रयोग होता है, कईयों में ट, ड आदि। जब आप किसी ऐसी अर्थहीन भाषा बोलने का प्रयत्न करेंगे तो पाएंगे कि आप कुछ खास ध्वनियां बार बार बोल रहे हैं।

खैर, पहले भाग में सभी लोग एक घेरे में खड़े होंगे। कोई अपनी तरफ़ से अर्थहीन भाषा का कोई वाक्य या शब्दांश बोलेगा और किसी की तरफ़ इशारा करेगा। दूसरा उस इशारे को स्वीकार करेगा और उस वाक्य / वाक्यांश को दोहराएगा, फिर अपनी तरफ़ से कोई और अर्थहीन भाषा बोलेगा और किसी और की तरफ़ इशारा करेगा। खेल इस प्रकार चलता रहेगा जब तक सभी को एक दूसरे के बोलने के स्टाईल का थोड़ा बहुत अंदाज़ा न हो जाए।

अब शुरू करते हैं असली खेल। इसमें आप कल्पना कीजिए जैसे जाने माने अंतरराष्ट्रीय लेखकों का समारोह हो रहा हो। वहां दूसरे देशों के जाने माने लेखक अपनी किसी मशहूर कृति के कुछ अंश दर्शकों के सामने पढ़ेंगे और एक अनुवादक उन्हें साथ साथ हिन्दी में अनुवाद करके सुनाएगा।

सभापति (कोई भी एक सदस्य) कहता है, भईयो और बहनों, आज हमारे बीच विश्व के जाने माने साहित्यकार मौजूद हैं। ये हमारी खुशकिस्मती है कि आज हम खुद उनके मुख से उनकी कृतियां सुन सकेंगे। तो सबसे पहले आप किस देश के साहित्यकार को सुनना चाहेंगे। इस पर लोग अपनी पसंद बोलते हैं, जैसे इज़राईल, फ़्रांस इत्यादि। फिर सभापति कहता है, हां इज़राईल। हां तो दोस्तो, आज हमारे बीच मौजूद है इज़राईल के मशहूर साहित्यकार ‘श्री इदमगीज गोचु’ (कुछ भी टेढा मेढा नाम)। (वह बाकी सदस्यों में से किसी एक को उठने के लिए कहता है। उसे इज़राईल के साहित्यकार ‘इदमगीज गोचु’ का रोल करना है, Gibberish बोलकर)। फिर कहता है- और इनका हिन्दी में अनुवाद करेंगे श्री विकास मलहोत्रा (कोई भी काल्पनिक नाम) जिन्होंने कई वर्ष इज़राईल में बिताकर वहां की भाषा, सांस्कृति और साहित्य का अध्धययन किया (फिर वो एक और सदस्य को उठने के लिए कहता है जो श्री विकास मलहोत्रा का रोल करेगा अनुवाद करके)। फिर सभापति कहता है- तो श्रोतागण, आप श्री इदमगीज गोचु की कौन सी कृति सुनना चाहेंगे? तो लोग कुछ भी बोल सकते हैं (हिन्दी में), जैसे ‘कागज़ पर काली चींटी’। तो सभापति कहता है- हां बहुत बढ़िया। सचमुच उनकी पुस्तक ‘कागज़ पर काली चींटी’ ने अंतरराष्ट्रीय बाज़ार के सारे रिकार्ड तोड़ दिए। आईए सुनें उनकी सबसे अधिक बिकने वाली पुस्तक ‘कागज़ पर काली चींटी’ उनके सम्मुख से।

ये कहकर सभापति बैठ जाता है, और दोनों सदस्य स्टेज पर आते हैं। तो लोग गिनते हैं पांच, चार, तीन, दो, एक- और दृश्य शुरू होता है। जो सदस्य लेखक बना है, वो Gibberish में कोई वाक्य बोलता है, साथ में कुछ हाव भाव भी देता है जैसे मूंह पर हाथ रखकर हैरान होना, या माथे पर हाथ रखकर हताश होना आदि। दूसरा सदस्य जो अनुवादक बना है, वो लेखक द्वारा कहा गया वाक्य सुनता है, उसके हाव भाव देखता है, फिर दिए गए विषय (कहानी या किताब का नाम) के साथ जोडकर हिन्दी में कोई वाक्य बोलता है जैसे सचमुच अनुवाद कर रहा हो। इससे अक्सर बहुत ही हास्यस्पद स्थितियां पैदा होती हैं और दर्शकों को बहुत मज़ा आता है। इसके बाद यही क्रम किन्ही अन्य दो लोगों के साथ चलता है किसी और देश की कहानी लेकर।

zip, zap, zop

स्तर्क होने के लिए पहला अभ्यास तो आपने पढ़ा ही होगा। अब उसी खेल को एक एक करके और मुश्किल करेंगे। पहले अभ्यास में घेरे में खड़े लोग दूसरे को ताली बजाकर और आंखों में देखकर इशारा देते थे, अब ताली की बजाए एक हाथ से इशारा करेंगे और साथ में बोलेंगे ‘zip’। यानि आपको दूसरे की आंखों में देखना है, हाथ से इशारा करना है और बोलना है ‘zip’। ऐसे खेल आगे बढ़ता जाएगा।

अब आईए खेल को थोड़ा और मुश्किल करते हैं। अब ‘zip’ की बजाय तीन शब्द लेते हैं, zip, zap, zop। यानि पहला बोलेगा ‘zip’, दूसरा ‘zap’, तीसरा ‘zop’, चौथा फिर से ‘zip’। ऐसे लूप में तीनों शब्दों को बोलना है। थोड़ी देर इसका अभ्यास कीजिए, लूप टूटने न पाए।

अब आईए नियम थोड़े और कठिन करते हैं। जो कोई भी गल्ती करेगा, वो घेरे से बाहर जाएगा। गल्ती बोले तो जैसे, ‘zip’ शब्द के बाद फिर ‘zip’ बोल दिया, या आंखें किसी की तरफ़ और हाथ किसी और की तरफ़, या फिर zip, zap, zop की बजाए ziop बोल दिया (ऐसा होता है क्योंकि खेल की गति इतनी बढ़ जाती है कि कई बार ध्यान नहीं रहता कि क्या सुना और क्या बोलना है।) थोड़ी देर ऐसे अभ्यास करें।

अब आईए खेल को थोड़ा और मुश्किल करते हैं। जो घेरे के बाहर चला गया, वो आगे खेल रहे लोगों का ध्यान बंटाने की, गल्ती करवाने की कोशिश कर सकता है। जैसे घेरे के बाहर घूम घूम कर लोगों के कानों के पास ‘zip’ ‘zap’ 'zop' आदि बोलते रहना ताकि लोग confuse हो जाएं, या फिर किसी की तरफ़ देख कर ऊट पटांग हरकतें करने लगना, या फिर और कुछ कहना। लेकिन आवाज़ इतनी उंची नहीं हो कि खेल रहे लोग अपने साथियों की आवाज़ ही न सुन सकें। और इतनी पास भी न आएं कि शरीर छूने लगे, यानि हाथ नहीं लगाना। घेरे के अंदर भी नहीं आना। अगर खेल में लड़कियां और लड़के दोनों हैं तो ध्यान बंटाने का बढ़िया तरीका है flirt करना, जैसे कान के पास आकर शर्मा कर धीरे से कहना, आज कहीं घूमने चलें? इसमें खेल रहे लोग जम कर politics भी खेल सकते हैं जैसे दो तीन लोगों का समूह बना लेना और बस उसी में zip zap zop करते रहना, या फिर किसी को बार बार ईशारा देकर जानबूझ कर बहुत तंग करना आदि। यानि जितनी राजनीति आप कर सकते हैं, करें। याद रखें; आखिरी क्षणों में खेल की गति बहुत बढ़ जाती है, बाहर disturb करने वाले लोग बहुत बढ़ जाते हैं, और बहुत अधिक एकाग्रता की ज़रूरत होती है।

आखिर में जो बच गया, वो विजेता।

तीन खिलाड़ी

इस खेल का उद्देश्य मोटे तौर पर यही है कि आपके दिमाग में तुरंत कितनी उपयुक्त चीज़ें और शब्द आ सकते हैं। इसमें सभी सदस्य तीन तीन के समूहों में वितरित हो जाते हैं। एक सदस्य कुछ करने का नाटक करता है, साथ में बोलता है कि वो कौन है और क्या कर रहा है। दूसरे को उससे मिलता जुलता और उस कल्पना को आगे बढ़ाने के लिए कुछ करना होता है, साथ में बोलना होता है कि वो कौन है और वो क्या कर रहा है। तीसरे सदस्य को भी यही करना होता है। फिर पहला सदस्य अन्य दो में से किसी एक को लेकर अलग हो जाता है। बचा हुआ सदस्य अपनी क्रिया और कथन दोहराता है। फिर से दूसरे दोनों सदस्यों को वही खेल आगे बढ़ाना है कुछ नया सोच कर।

उदाहरण के लिए, पहला सदस्य बाल कंघी करने का नाटक करता है, और कहता है, मैं व्यक्ति हूं और कंघी कर रहा हूं। तो दूसरा उसके सामने खड़ा हो सकता है और कह सकता है, मैं शीशा हूं। तीसरा सदस्य पहले सदस्य के सिर के आस पास मंडरा सकता है और कह सकता है, मैं कंघा हूं। फिर मान लीजिए पहला सदस्य दूसरे (यानि शीशे) को लेकर अलग हो जाता है (ये कहकर कि मैं शीशे को साथ ले रहा हूं)। फिर तीसरा सदस्य हिल जुल कर दोहराता है कि मैं कंघा हूं। फिर अन्य दो में से किसी एक को चल रही कंघी से मिलता जुलता कुछ करना है। जैसे वो ये कहकर आगे आ सकता है कि मैं लड़की हूं और कंघी कर रही हूं। फिर बचा हुआ सदस्य लड़की के पास आकर बैठ सकता है और कह सकता है कि मैं लड़की का प्रेमी हूं और उससे प्यार कर रहा हूं आदि। ये खेल जितनी देर तक चला सकें चलाएं, आप इसका आनंद और मुश्किल महसूस करेंगे।

समय रेखा

इस खेल में सभी प्रतिभागियों को एक एक वाक्य सोचना है और सभी वाक्यों को क्रम में बोलकर एक छोटी सी कहानी गढ़नी है। पहले एक प्रतिभागी मंच पर जाकर खड़ा हो जाएगा और एक वाक्य कहेगा। फिर एक प्रतिभागी एक अलग वाक्य कुछ इस तरह से सोचेगा कि वह पहले वाले वाक्य से पहले या बाद में आए और कहानी को थोड़ा और रोचक बनाए। फिर वह मंच पर जाकर पहले वाले प्रतिभागी के दाएं या बाएं खड़ा हो जाएगा। अगर वह अपना वाक्य पहले वाले वाक्य से पहले बोलना चाहता है तो वह पहले वाले प्रतिभागी की बाईं ओर खड़ा हो जाएगा। और अगर वह अपना वाक्य पहले वाले वाक्य के बाद बोलना चाहता है तो वह पहले वाले प्रतिभागी की दाईं ओर खड़ा हो जाएगा। फिर बाईं ओर से लेकर सब अपना अपना वाक्य दोहराएंगे। अब यह कहानी दर्शकों को कुछ बेहतर लगनी चाहिए। फिर अगला प्रतिभागी कहानी को और बेहतर बनाने के लिए एक और वाक्य सोचेगा और मंच पर जाकर पहले वाले किसी दो प्रतिभागियों के बीच या उनके दाईं ओर या बाईं ओर खड़ा हो जाएगा। फिर बाईं ओर से लेकर सब अपना अपना वाक्य दोहराएंगे। इस तरह कहानी रोचक बनती जाएगी।

I am a good improvisor

इस खेल में एक बैंच अथवा तीन कुरसियां जोड़ कर मंच पर रख दी जाती हैं। एक खिलाड़ी बैंच पर बैठ जाता है। फिर कोई अन्य खिलाड़ी उससे बातें कर के उसे बैंच से उठ कर चले जाने के लिए मजबूर करता है और ख़ुद वहां बैठ जाता है। इसके लिए वह हर तरह के तर्क इस्तेमाल करता है। जैसे कहना कि मैं बूढ़ा और बीमार हूं, कृपया मुझे एक गिलास पानी ला दीजिए। या फिर यह कहना कि 'अरे तुम यहां बाग में क्या कर रहे हो? जाओ तुम्हारी बीवी घर में चिल्ला चिल्ला कर पागल हो गई है'। पहला खिलाड़ी कोशिश करता है कि वह बातों में ना आए और अपनी जगह पर डटा रहे। अगर दूसरा खिलाड़ी कुछ देर तक पहले खिलाड़ी को बैंच से उठाने में असफ़ल रहता है तो बाकी के खिलाड़ी उसे खींच कर वापस ले आते हैं। ऐसे ही अन्य खिलाड़ी एक एक कर के बैंच पर बैठे खिलाड़ी को उठाने की कोशिश करते हैं।

Taxi

इस खेल में तीन कुर्सियां मंच पर रख दी जाती हैं। दो आगे और एक पीछे। एक टैक्सी की तरह आगे वाली एक सीट टैक्सी चालक के लिए है, एक सवारी के लिए और पीछे वाली सीट भी सवारी के लिए है। तीन लोग मंच पर आ कर कुर्सियों पर बैठ जाते हैं और एक scene बनाते हैं। फिर चालक कोई बहाना ढूंढ कर टैक्सी छोड़ कर चला जाता है। आगे वाली सवारी चालक की सीट पर आ कर चालक बन जाती है। पीछे वाली सवारी आगे बैठ जाती है और उसकी जगह एक नया खिलाड़ी आ कर पीछे बैठ जाता है। फिर वे और एक नया scene बनाते हैं। इस तरह खेल चलता रहता है।

  • Was machst du, mit zwei Buchstaben 
  • Darf ich? 
  • 1-2-3 words. A scene with three people. One is allowed to speak only one word at a time. Second only two words, third only three words at a time. 
  • Klappbuch
  • Crow, character, relation, object, where 
  • 1 till 7 in circle and change numbers with action
  • Clap at same time with neighbor and give impulse further in circle 
  • Zip zap zop boing
  • Orgel, der alles weißt. Antwortet immer mit vier Worte 
  • Karoline verkauft Kokosnüsse in karakao
  • In circle, monster in the middle, leads towards one of the participants to eat him. Participant makes eye contact with another participant before monster reaches him. Second participant calls the name of third participant. Monster starts leading towards the third participant. If monster reaches the first participant before a name being called, the first participant becomes monster. Good for remembering names.
  • Two players lead the blind with sounds 
  • In circle, look down. And 123 up. The ones with eye contact die. 
  • Conversation only with questions 
  • In circle, washing machine, cowboy, bikini, broken washing machine. 
  • Scene with two dead people 
  • Three areas of different moods
  • Wahrheitsager. With three or four people who can answer anything but speak only one word at a time.
  • slapping
  • falling down by lowering the centre of gravity
  • Scientist being interviewed about his invention
  • Freeze
  • Museum
  • Two groups. Each advances slowly with some particular growing emotion. Other group has to tell which emotion is it.
  • In circle, 5 things
  • Everyone holds a particular speech distinction throughout the evening
  • स्वयंवर