मंगलवार, 29 दिसंबर 2009

न्यूर्नबर्ग क्रिस्ट किंड मार्केट

 Nürnberg Christmas Market is world known. Shalini Sinha visits and writes about it.

मुझे इस बार 6 दिसंबर को न्यूर्नबर्ग की प्रसिद्ध क्रिस्ट किंड मार्केट देखने का मौका मिला। जब हम सुबह नौ बजे म्युनिक से न्यूर्नबर्ग के लिये रवाना हुये तो ट्रेन में भीड़ देखकर बड़ी हैरानी हुयी। बड़ी मुश्किल से बैठने को सीट मिल पायी। लगभग दो घंटे बाद जब हम स्टेशन पर उतरे तो लगा कि इस शहर की आज की भीड़ तो म्युनिक से भी ज़्यादा है। हमने पता किया कि स्टेशन से लगभग आधा किलोमीटर दूर सिटी सक्वायर में क्रिस्ट किंड मार्केट लगा हुआ है। जब हम वहां पहुँचे तो देखा कि हज़ारों संख्या में लोग घूम रहे थे। Lorenz Kirche से Rathaus तक सड़कें दुल्हन की तरह सजी हुयीं थीं। इनके बीच में सिटी सक्वायर था जहां लगभग 200 छोटी छोटी दुकानें लगीं थीं। इन दुकानों के बीच के रास्तों में चलने की जगह भी नहीं मिल रही थी। सारी दुकानें बड़े सुंदर ढंग से सजी हुई थीं। कहीं क्रिस्मस ट्री को सजाने का सामान मिल रहा था तो कहीं लकड़ी के गुड्डे गुड़ियां, सूखे मेवे, कहीं ऊनी कपड़े और दस्ताने थे तो कहीं बच्चों के प्रिय सांतांक्लॉस और खिलौने। खास बात यह थी कि जो भी सामान बिक रहा था, अधिकतर गांव के लोगों द्वारा हाथ से बनाया हुआ था। सबसे अधिक भीड़ तो खाने पीने वाली स्टालों पर थी। पीने के लिये मिल रही गर्म गर्म ग्लू वाईन (Glühwein, गर्म वाईन)। कंपकपाती ठंड में ग्लू वाईन पीने का मज़ा ही कुछ और है। खाने वाली चीज़ों में न्यूर्नबर्ग की सॉसेज (Nürnberger Rostbratwurst) और जिंजरब्रेड (Lebkuchen) को कौन नहीं जानता? ये सॉसेज काफ़ी छोटे पर बहुत स्वादिष्ट होते हैं। सभी लोग मस्ती से खाते पीते दुकानें घूम रहे थे। कहते हैं कि न्यूर्नबर्ग का क्रिस्ट किंड मार्केट विश्व के सबसे प्रसिद्ध और प्राचीन मार्किटों में से एक है। लगभग दस लाख लोग अलग अलग जगहों से प्रतिवर्ष इसे देखने आते हैं।

इसके पास ही Rathausplatz में सबसे अलग बात देखने को मिली। यहां भी कोई 20-25 दुकानें थीं, और वे भी अलग अलग देशों से, जैसे कनाडा, ग्रीस, तुर्की, मैसेडोनिया, चाइना, चेक रिपब्लिक, इटली आदि। इन दुकानों में इन देशों की प्रसिद्ध चीज़ें बिक रहीं थीं जैसे वेनेज़िया का मुखौटा, फ्रांस की वाइन, चीन के रेशमी कपड़े, मैसेडोनिया के गर्म वस्त्र इत्यादि। वास्तव में लोगों जोड़ने का यह अच्छा ज़रिया है और ठंड के मौसम में आनंद उठाने का अच्छा मौका भी।

शालिनी सिन्हा, म्युनिक