रविवार, 27 सितंबर 2009

DJ Babla के टॉप टेन गाने

म्युनिक निवासी मनोज मल्होत्रा उर्फ़ डीजे बाबला करीब नौ सालों से विभन्न ओरिएंटल/बॉलीवुड पार्टी आयोजकों के साथ बतौर डीजे काम कर रहे हैं। उन्होंने बॉलीवुड पार्टियों केवल मौज मस्ती से निकल कर एक व्यवसाय में बदलते हुए देखा है। भारतीय लोगों के बाद अब जर्मन लोग भी बॉलीवुड पार्टियो के मुख्य ग्राहक हो गए हैं, खास कर शाहरुख के गानों के। इस लिए पार्टी के पूरी तरह गर्म हो जाने के बाद शाहरुख के कुछ तेज़ गाने बजाना जैसे 'शावा शावा', 'दर्द-ए-डिस्को' और 'दीवानगी' (ओम शांति ओम) उन्होंने अपना नियम बना लिया है। पार्टी में और जान लाने के लिए वे ये गाने वीडियो के साथ लगाते हैं, जिससे लोग अपने चहेते हीरो को देख कर और भी जोश में आ जाते हैं। जर्मन लोगों के बाद पंजाबी लोगों का समुदाय सबसे बड़ा है जो पंजाबी या भांगड़ा आधारित गानों पर ही सबसे अधिक नाचते हैं। पिछले एक वर्ष में उनकी पार्टियों में 'Top 10 List' गानों की सूची इस प्रकार है।

  1. दर्द-ए-डिस्को (ओम शांति ओम) / शावा शावा (कभी खुशी कभी गम)

  2. दीवानगी (ओम शांति ओम)

  3. मौजां ही मौजां (Jab we met)

  4. मर जानी (बिल्लू बार्बर)

  5. हरे राम (भूल भुलइया)

  6. किया किया (पार्टनर)

  7. झूम बराबर झूम (झूम बराबर)

  8. क्रेज़ी किया रे (धूम-2)

  9. सिंग इज़ किंग (सिंग इज़ किंग)

  10. आलू चाट (आलू चाट)


आज कल लोकप्रिय हो रहे उनके 'Top 10' नए गानों की सूची निम्न प्रकार है।

  1. Twist (Love Aaj Kal)

  2. जी ले (Luck)

  3. ले ले मज़ा (Wanted)

  4. ढन टा ना (कमीने)

  5. जय हो (Slumdog Millionaire)

  6. आहूँ आहूँ (Love aaj Kal)

  7. दाँव लगा (आगे से राइट)

  8. Chigi Vigi (Blue)

  9. Wake up Sid (Sid)

  10. दिल इबादत (तुम मिले)


डीजे बाबला कहते हैं कि गाना 'जय हो' तो अब हर जर्मन डिस्को में बज रहा है। जर्मन लोग इस गाने के पीछे पागल हैं।
अक्टूबरफ़ेस्ट के मौके पर अपनी पसंदीदा पारंपरिक बायरिश पोशाक पहने मनोज मल्होत्रा उर्फ़ डीजे बाबला

शनिवार, 26 सितंबर 2009

म्युनिक में दो दुर्गा पूजा

म्युनिक शहर में इस बार पहली बार दुर्गा पूजा का आयोजन हुआ, वह भी अलग अलग दो जगहों पर। एक हरि ओम मंदिर में और एक सुरबहार रेस्त्रां में। जहां हरि ओम मंदिर वाले आयोजन में भारी मात्रा में भारतीय लोग एकत्रित हुए, स्थानीय टीवी चैनल द्वारा मीडिया कवरेज मिली, वहीं सुरबहार रेस्त्रां में समुदाय छोटा था पर पूजा को विशुद्ध पारंपरिक तरीके से मनाया गया। दोनों जगह षष्टी से लेकर दश्मी तक पाँच दिन पूजा की गई। साथ ही कई संस्कृतिक कार्यक्रमों को भी जगह दी गई। जैसे हरि ओम मंदिर में स्थानीय कलाकारों द्वारा हारमोनियम और तबले पर संगीत, बच्चों और बड़ों द्वारा गरबा/ डांडिया रास, बच्चों द्वारा श्लोक गायन, भारत से यूरोप टूर पर आए कुछ भारतनाटयम कलाकारों द्वारा कला प्रदर्शन आदि।

हरि ओम मंदिर में तो पाँच दिन ऐसी रौनक लगी कि पूजा समाप्त होने के बाद लोगों को खालीपन सा महसूस होने लगा है। शायद इतना मज़ा लोगों को कभी नहीं आया होगा जब पूरे परिवार का भरपूर मनोरंजन हो और बहुत सारे भारतीय पवित्र और खुशनुमा माहौल में एक जगह उपस्थित हों। इस आयोजन का सेहरा 'अमिताव दास' को जाता है जिन्होंने कई सारे लोगों को प्रोत्साहित कर अनहोनी को होनी कर दिया। वे बताते हैं कि उनके पास फंड और मानव संसाधन की कमी थी। लेकिन उन्होंने म्युनिक में कम से कम एक बार बंगाल के सबसे बड़े उत्सव 'दुर्गा पूजा' को आयोजित करने की ठान रखी थी और उन्हें देवी पर पूरा भरोसा था। आखिर एक स्थानीय संग्रहालय ने कलकत्ता से माता दुर्गा की विशाल फ़ाईबर ग्लास की प्रतिमा और को अपने लिए खरिदने और वहां से लाने का ज़िम्मा ले लिया। बल्कि वे दुर्गा पूजा के लिए प्रतिमा को उधार देने के लिए भी राज़ी हो गए। ऊपर से हरि ओम मंदिर एक आयोजन स्थल के रूप में एक अच्छा विकल्प बन कर उभरा, जहां पवित्र माहौल के साथ साथ खुली जगह और ढेर सारी अन्य सुविधाएं उपलब्ध हैं। बस फिर क्या था, उनकी मुख्य समस्यायें समाप्त हो गई, फिर तो बस आयोजन पर ज़ोर लगाना बाकी था। आखिर उनकी मेहनत रंग लाई और ढेर सारे लोगों ने दुर्गा पूजा में सम्मिलित होकर उनकी मेहनत और सपने साकार किए। दुर्गा पूजा के लिए एक पुजारी जी को भी कलकत्ता से खास आमंत्रित किया गया। शालिनी सिन्हा, जिन्होंने पूजा और संस्कृतिक कार्यक्रम का संचालन किया, कहती हैं- 'हमने कई बार लोगों को हमारी बैठकों में आने के लिए आह्वान किया, लेकिन बहुत कम लोग देख कर हम हताश हो जाते। पर अमिताव जी को माता पर भरोसा था। अब देखिए कितने लोग पूजा में सम्मिलित होने आए हैं।'

चित्र में मध्य में 'अमिताव दास' और उनके सहायक। बाईं ओर इंद्रजीत और दाईं ओर 'शालिनी सिन्हा'।

इसके बाद तो लोगों की राय बन रही है कि अगर हरि ओम मंदिर में हर अवसर पर ऐसे कार्यक्रम होते रहें तो उन्हें सोचने और ध्यान रखने की ज़रूरत ही नहीं कि कहां क्या हो रहा है। म्युनिक में गरबा / डांडिया का एकमात्र सार्वजनिक कार्यक्रम यही था जो दुर्गा पूजा के मध्य मनाया गया। इसके बाद कई लोगों ने नियमित मंदिर जाने की इच्छा व्यक्त की है।

बिहार के बोकारो शहर में पले बड़े इंजीनियर 'मिथिलेश सिन्हा' कहते हैं कि वहां तो दुर्गा पूजा को लेकर विभिन्न समूहों में प्रतिस्पर्धा होती है, खूब गाना बजाना होता है, सबसे सुंदर प्रतिमा बनाने में भी प्रतिस्पर्धा होती है। उन्ही यादों को लेकर वे यहां इस आयोजन में हाथ बंटा रहे हैं।

कई साल अमरीका में मिशीगन में रहने के बाद करीब एक साल पहले जर्मनी रहने आए 'दीप चक्रवर्ती' कहते हैं- 'अमरीका में तो दुर्गा पूजा बहुत बड़े स्तर पर होती है। अकेले San Francisco' में तेरह दुर्गा पूजा का आयोजन हुआ था और हर पूजा में कम से कम चार सौ लोग थे। उसकी तुलना में तो यहां भारतीय समुदाय बहुत छोटा है। पर फिर भी अच्छा है कि कुछ तो हो रहा है।'

उधर सुरबहार रेस्त्रां में पूजा की शुद्धता मुख्य आकर्षण थी। पूजा के दौरान कई महिलाओं द्वारा विचित्र आवाज़ें निकालना, जिसे 'उलू देना' कहते हैं, माहौल को पवित्र बना रहा था। केवल पूजा में ही नहीं, शादियों में भी 'उलू' दिया जाता है। साथ ही एक दो बच्चे और महिलाएं काशया बजा रहे थे। धनुची में से उठते हुए धुएं से वातावरण में पवित्रता फैल रही थी। स्पीकर में टेप पर चल रही ढाक की आवाज़ आ रही थी और स्वीडन से आए पूजारी जी पूजा संचालन कर रहे थे।

लगभग डेढ वर्ष पहले शोध के सिलसिले में जर्मनी आए 'पिंटू बदोपाध्याय' और उनकी पत्नी 'ऋतु बदोपाध्याय' कहते हैं- 'दुर्गा पूजा हमारा सबसे बड़ा उत्सव है। यहां आने के बाद एकदम से इसकी कमी बहुत खल रही थी। पर भगवान ने यह कमी बहुत जल्द पूरी कर दी। हम दोनों जगहों पर पूजा में भाग लेने के लिए गए। हमें यहां अपने घर जैसा माहौल पाकर बहुत हर्ष हो रहा है।'

चित्र में हरि ओम मंदिर में दुर्गा पूजा की एक झल्की। पश्चिम बंगाल से खास तौर पर आमंत्रित पुजारी जी आरती करते हुए।

सुरबहार रेस्त्रां में दुर्गा पूजा का एक दृश्य। चित्र में गणेष जी, लक्षमी जी, दुर्गा माता, माता सरस्वती और कार्तिक की मूर्तियां और स्वीडन से आए पूजारी जी।

सुरबहार रेस्त्रां में एकत्रित हुए श्रधालु।

बुधवार, 23 सितंबर 2009

A word from DJ Stephen Lobo

Dear Music Friends,

Please keep me in your mind whenever you need an Experienced, Entertaining DJ anywhere in Europe, or rest of the World. Presently settled in Frankfurt and working with various Event Organisations. Also worked in India and Dubai with Leading DJ´s and Clubs and Various International Performance to my name. Now entertaining since last 10 Years our fellow Indians in Europe under the motto “Let’s Party”

Three things I can assure you,

  • Best DJ performance, thus making your Gala Nights “A Night to Remember”

  • Best competitive price

  • Dance Music from all Across India and around the Globe


Some Important References

  • BBC Asia, London

  • Zee Tv, London

  • Thomas Cook Limited, India

  • Orbitz, India

  • In Orbit tours and travels, India

  • Havells India Limited, India

  • Ashok Leyland, India

  • Nerolac Paints Limited, India

  • Trivedi Consulting, Germany

  • Royal Jordanian Airlines, Germany

  • Intercontinental Hotel, Frankfurt Germany

  • Sahni GMBH Damstadt, Germany

  • Mahindra Satyam, Germany

  • Bharat Verein Frankfurt, Germany

  • Cocoon Club Frankfurt, Germany

  • Shekhar Rahate, Miss India Worldwide, USA And Many More…

सोमवार, 21 सितंबर 2009

मशरूम की ग्रेवी वाली बाटी

इस बार हम एक स्वादिष्ट बायरिश शाकाहारी पाक विधि पेश कर रहे हैं जिसका नाम है 'Semmelknödel mit Rahmschwammerl', यानि 'मशरूम की ग्रेवी वाली बाटी'

सामग्रीः
300 ग्राम कतरी हुई पुरानी सफ़ेद ब्रैड (Semmelbrot के नाम से सुपरमार्केट में मिलती है)
200ml दूध
दो बड़े चम्मच मक्खन
दो अंडे
एक बड़ा प्याज़, बारीक कटा हुआ
एक गुच्छी हरा धनिया, बारीक कटी हुई
200ml व्हिप्ड क्रीम (Schlagsahne के नाम से सुपरमार्केट में मिलता है)
600 ग्राम मशरूम
नमक और काली मिर्च
एक बड़ा चम्मच मैदा
एक चम्मच सब्ज़ी के सूप का पाउडर (Gemüsebrühe के नाम से सभी सुपरमार्केट में मिलता है)

बाटी बनाने की विधिः
एक बर्तन में दूध उबालने के बाद उसमें ब्रैड डाल दें और उसे ढक कर 15-20 मिनट तक ठंडा होने के लिए रख दें ताकि ब्रैड नर्म हो जाए। फिर उसमें अंडे, बारीक कटा हुआ धनिया, बारीक कटा प्याज़, थोड़ा नमक और काली मिर्च डाल गूंथ लें और 10-12 छोटे छोटे गोले बना लें। फिर एक अलग बर्तन में एक लीटर पानी उबाल कर उसमें थोड़ा नमक डालें। उबलते हुए पानी में ऊपर तैयार किए हुए गोले डाल कर 15-20 मिनट तक पकाएं। बस बाटी (Knödel) तैयार है। इन्हें पानी से निकाल कर एक ओर रख लें।

मशरूम की सब्ज़ी बनाने की विधिः
मशरूम को अच्छी तरह धोकर दो से चार टुकड़ों में काट लें। एक बर्तन में मशरूम डाल कर एक चम्मच मक्खन, बारीक कटा हुआ प्याज़, नमक और काली मिर्च डाल दें। इन्हें ढक कर 10-12 मिनट तक (मशरूम का पानी सूखने तक) पकाएं। मशरूम की सब्ज़ी तैयार है।

मशरूम की ग्रेवी बनाने की विधिः
आधा लीटर पानी में एक चम्मच Gemüsebrühe डालकर उबालें। यह सब्ज़ी का सूप तैयार हो गया। इसके लिए बाज़ार से ख़रीदा हुआ पाउडर ही उपयोग करें, खुद सूप न बनाएं। फिर एक अलग बर्तन में एक चम्मच मक्खन को गर्म करें। इसमें एक चम्मच मैदा डालकर धीमी आंच पर हल्का भूरा होने तक भूनें। इस मिश्रण को अच्छी तरह लगातार हिलाते रहें ताकि गांठें न बने। उसमें व्हिप्ड क्रीम डाल कर अच्छी तरह हिलाएं। यह white sauce बन गई। फिर इसमें ऊपर बनाया हुआ सूप डाल कर अच्छी तरह हिलाएं और एक बार उबालें। यह क्रीमी सूप तैयार हो गया। इसमें ऊपर बनाई हुई मशरूम की सब्ज़ी डाल दें। एक मिनट पका कर बंद कर दें। यह मशरूम की ग्रेवी बन गई।

फिर एक प्लेट में बाटी के ऊपर ग्रेवी डाल कर, कटा धनिया छिड़क कर, स्वादानुसार नमक और काली मिर्च डाल कर परोसें।

शुक्रवार, 11 सितंबर 2009

कुछ नई हिंदी फ़िल्में म्युनिक सिनेमा में

म्युनिक में लगभग तीन सप्ताह तक सफ़लतापूर्वक प्रदर्शित होने के बाद हिंदी फ़िल्म 'Luck by Chance' सोमवार 14 सितंबर को शाम सवा पाँच बजे 'Museum Lichtspiele' में एक बार फिर दिखाई जाएगी, और वो बहुत कम दाम पर, यानि साढे छह यूरो में। सोमवार का दिन इस सिनेमा में सबसे सस्ता होता है। सामान्य शुल्क केवल साढे पाँच यूरो है पर 125 मिनट से अधिक लंबी फ़िल्मों के लिए एक या आधा यूरो अधिक लिया जाता है।
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17 सितंबर से इसी सिनेमा में शाहिद कपूर और रानी मुखर्जी अभीनीत नई फ़िल्म 'दिल बोले हड़िप्पा' शुरु होने जा रही है। Rapid Eye Movies द्वारा वितरित यह फ़िल्म और कई शहरों में इसी तिथि के आस पास शुरू होगी।

http://muenchen.movietown.eu/
http://www.rapideyemovies.de/
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जर्मनी में बॉलीवुड फ़िल्मों के अन्य वितरक 'अशरफ़ खान' भी अपनी अगली फ़िल्म, सलमान खान और आयशा टाकिया‎ अभीनीत 'Wanted' लेकर शहर शहर घूमने की तैयारी कर रहे हैं। सबसे पहला शो म्युनिक में 17 सितंबर को रात आठ बजे होगा।

http://wanted-thefilm.com/
http://bollywood-corner.de/

इसके बाद अशरफ़ 2 अक्तूबर से गोविंदा, लारा दत्ता, सुषमिता सेन और रितेश देशमुख अभीनीत हिंदी फ़िल्म 'Do Knot Disturb' और 16 अक्तूबर से अक्षय कुमार, संजय दत्त और लारा दत्ता अभीनीत 'ब्लू' भी लेकर आ रहे हैं।

कैलेंडर देखें.

RTL टीवी पर 'अशरफ़ खान' पर एक छोटा सा समाचार भी दिखाया गया है।