MIDI का मतलब है Musical Instrument Digital Interface. ये एक तकनीक है जिससे एक musical keyboard को computer के साथ जोड़ा जा सकता है। पहले keyboards को desktop के साथ जोड़ने के लिए game port का इस्तेमाल होता था। पर अब बहुत सालों से game port की जगह USB ने ले ली है। MIDI तकनीक में हर स्वर का एक नंबर होता है और एक frequency होती है। MIDI तकनीक में कुल 128 स्वर संभव हैं जिन में से अधिक से अधिक 100 स्वरों वाले keyboard बनाए जाते हैं। यानि उनमें अधिक से अधिक नौ सप्तक होते हैं। एक सप्तक में 12 स्वर होते हैं। जैसा कि आप ऊपर चित्र में देख रहे हैं, इन स्वरों के नाम हैं (C, C#, D, D# इत्यादि)। इन स्वरों की frequency दाईं और बढ़ती रहती है और हर अगले सप्तक में दोगुनी हो जाती है। इस वजह से हमें हर सप्तक के C, D या E की ध्वनि एक जैसी लगती है। ये स्वर geometric progression में होते हैं। यानि हर स्वर की frequency कुछ definite ratio में बढ़ती है। यानि C#/C = D/C# and so on. और क्योंकि frequency हर बारह सवरों के बाद दोगुनी हो जाती है, इसलिए ये ratio 21/12 होती है। geometric progression का formula होता है an=a.rn-1. यानि a13=a1.r13-1=a1.r12=2.a1. यानि r12=2. यानि r=21/12. यानि C#/C = D/C# = 21/12. यानि C# = Cx21/12, D = C#x21/12 and so on. इस सूचि में सभी स्वरों के नंबर और frequencies देख सकते हैं। लेकिन अधिकतर गानों में इन बारह स्वरों में से केवल सात स्वर ही इस्तेमाल होते हैं। कुछ टेढे गानों में आठ, नौ या दस स्वर भी इस्तेमाल हो सकते हैं। और इस्तेमाल होने वाले स्वर ज़रूरी नहीं साथ साथ वाले हों। बल्कि उनमें कुछ अंतर भी हो सकता है। इसीलिए इस्तेमाल वाले स्वरों के समूह को scale या राग कहते हैं। उन स्वरों में अंतर दर्शाने वाली संख्या को intervallic structure कहते हैं। इस सूचि में आप बहुत तरह के scales और उनके intervallic structure देख सकते हैं।