मंगलवार, 12 फ़रवरी 2008

अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा सम्मेलन

10 फरवरी को म्युनिक के Bayerischer Hof होटल में 44वीं अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा सम्मेलन का आयोजन हुआ। अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा सम्मेलन हर साल म्युनिक में होता है जहाँ दुनिया भर के नेता जुटते हैं और तत्कालीन अन्तर्राष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान प्रदान करते हैं। इसकी शुरुआत शीत युद्ध काल में 1962 में हुई थी जहाँ NATO के सेनाध्यक्ष और नेता मिलते थे। आज रूस, भारत, इज़राइल, जापान, ईरान आदि देशों के सेनाध्यक्षों और नेताओं को आमंत्रित किया जाता है। इस सम्मेलन का खर्च जर्मनी का रक्षा मन्त्रालय और उद्योग उठाता है। इसे Helmut Kohl के पूर्वी सलाहकार CSU के 68 वर्षीय नेता Horst Teltschik आयोजित करवाते हैं। इस बार ईरान के अलावा अफ़गानिस्तान में संघर्षरत दक्षिणी इलाके में जर्मन सेना की तैनाती का मुद्दा गर्म रहा। अधिकतर जर्मन वोटर इसके विरोधी हैं। अमरीकी रक्षा मंत्री Robert Gates ने जर्मनी और NATO के अन्य देशों के रक्षा मंत्रियों को पत्र लिख कर दक्षिणी अफ़गानिस्तान में और 3200 सैनिक तैनात करने की मांग की थी। जर्मन चांसलर Angela Merkel ने वहाँ सैनिकों को भेजने की अमेरिका की मांग ठुकरा दी है। अमरीकी रक्षा मंत्री Robert Gates ने सैनिक न भेज पाने की स्थिति में हैलिकाप्टरों माँग की है। जर्मनी के 3200 सैनिक उत्तरी हिस्से में तैनात हैं और युद्धक कार्रवाई के बदले पुनर्निर्माण में मदद दे रहे हैं। दक्षिणी अफ़गानिस्तान में तालिबान और अल क़ायदा विद्रोही बहुत मजबूत हैं और वहाँ अमेरिकी सेना के नेतृत्व में NATO विद्रोहियों से लड़ रही है। इस मुद्दे पर सरकार में शामिल दोनों पार्टियों में सहमति लगती है. SPD के जर्मन विदेशमंत्री Frank-Walter Steinmeier का कहना है कि इसमें कोई तुक नहीं कि जिस क्षेत्र में जर्मन सेना ने स्थिरता और पुनर्निर्माण में सफल काम किया है, वहाँ उनकी उपस्थिति को घटाया जाए। उनका कहना है कि भविष्य में भी उत्तरी अफ़गानिस्तान जर्मन सेना का तैनाती क्षेत्र रहेगा. एक दूसरे से स्वतंत्र दो अध्ययन में कहा गया है कि अफ़गानिस्तान फिर से आतंकवादियों का गढ़ बनने की राह पर है. यदि युद्ध को जीतने और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के प्रयास तेज़ नहीं किए जाते हैं तो देश विफल हो सकता है।
Horst Teltschik का ये अंतिम आयोजन था। अगली बार से इस सम्मेलन की कमान Wolfgang Ischinger संभालेंगे।
http://www.bbc.co.uk/hindi/regionalnews/story/2008/02/080201_us_troops_demand.shtml
http://www.bbc.co.uk/hindi/news/story/2007/02/070211_iran_nuclear.shtml
http://www.iaea.org/
http://www.securityconference.de/
by Hartmut Kaiser