पुराने diaper, नए रंग
Germany में हर साल 100,000 टन से अधिक disposable diaper कूड़े में फेंक दिए जाते हैं. उनके साथ बहुत सारा मूल्यवान कच्चा माल भी व्यर्थ हो जाता है. यह एक पर्यावरणीय समस्या है, क्योंकि अब तक केवल मजबूत acids का उपयोग कर के pads में मौजूद सुपर-अवशोषक का पुनर्नवीनीकरण किया जा सकता था. पर अब इन्हें इन्हें आसानी से और आम तापमान पर recycle करने की सम्भावनाएं नज़र आ रही हैं. Karlsruhe Institute of Technology के शोध-कर्ता UV किरणों का उपयोग कर के polymer श्रृंखलाओं को तोड़ने में सफ़ल हो गए हैं, बिना किसी रसायन के, कमरे के तापमान पर और पहले की तुलना में 200 गुना तेज़ी से. फिर उन्हें आगे चिपकने वाले पदार्थों और रंगों में संसाधित किया जा सकता है.
क्या Colorado नदी मर रही है?
Colorado नदी एक समय एक शक्तिशाली नदी थी जो Rocky Mountain National Park में अपने स्रोत से ले कर USA के दक्षिण-पश्चिम में Mexico तक 2,000 km से अधिक दूरी तक बहती थी. इस के पानी से Grand Canyon जैसे कई शानदार परिदृश्य बने. अन्त में यह एक विशाल delta के द्वारा California की खाड़ी में बह जाती है. इस delta से प्रवासी पक्षी आकर्षित होते थे और वहां रुकते थे. Las Vegas जैसे शहरों से ले कर इस के तटों पर रहने वाली मछली पकड़ने और खेती करने वाली स्वदेशी जन-जातियों सहित लगभग साढे चार करोड़ लोग इस नदी के पानी पर निर्भर हैं. इसकी नहरों द्वारा Los Angeles, San Diego और phoenix जैसे शहरों को पानी मिलता है. लेकिन आज Colorado नदी केवल एक दयनीय धारा बन कर रह गई है और यह समुद्र तक भी नहीं पहुंच पाती है. इसका delta सूख चुका है और नमकीन हो चुका है. पक्षी भी अब वहां नहीं रुकते हैं और आगे बढ़ जाते हैं. नदी के सूखने का कारण पर्यावरण परिवर्तन के साथ साथ कपास के बागान जैसी औद्योगिक कृषि भी है जिस के लिए बहुत बड़ी मात्रा में पानी की आवश्यकता होती है. विशाल बांधों की झीलों की स्तह से इतना पानी वाष्पित हो जाता है कि इन में से अब आधी से कम बची हैं. बचाव कार्यों का कोई प्रभाव नज़र नहीं आ रहा. इस के तटों पर Europe से आयातित किए गए Tamarix नामक एक पौधे की झाड़ियां उगती हैं जिन्हें बहुत पानी चाहिए होता है. अमेरिकी कृषि विभाग ने इस पौधे को खाने वाला एक कीट छोड़ा पर फिर भी Colorado नदी पर कोई खास असर नहीं हुआ. इस के विपरीत उस की हालत लगातार बिगड़ती जा रही है. अगर ऐसा ही चलता रहा तो एक दिन यह पूरी तरह सूख जाएगी.
दुनिया का सब से बड़ा खेल मैदान
दुनिया के सब से बड़े खेल स्थल में baseball या football नहीं बल्कि cricket खेला जाता है. 132,000 दर्शकों के लिए विशाल मैदान 'नरेन्द्र मोदी stadium' भारतीय शहर अहमदाबाद के मोटेरा ज़िले में स्थित है और इसे February 2020 में पिछले stadium की site पर फिर से खोला गया. इस में रहने के लिए apartments, indoor व्यायाम क्षेत्र और एक swimming pool भी है. इस stadium का कुल क्षेत्र-फल लगभग 250,000m² है. भारत में cricket को सब से महत्वपूर्ण खेल माना जाता है. 18वीं शताब्दी में British नाविक इस खेल को भारत लाए. उत्तर Korea के एक stadium में मूल रूप से 150,000 दर्शक बैठ सकते थे, लेकिन पूर्ण नवीनीकरण के बाद, अनुमान के अनुसार अब यह संख्या 114,000 है.
Hitler Beetle
1945 तक Germany में Adolf Hitler के नाम पर अनेक सड़कें, पुल और चौक थे. आज के समय में केवल कीड़े, एक भृंग (beetle) का नाम Hitler पर है, 'Anophthalmus hitleri'. यह भूरे रंग का लगभग 5mm लम्बा बिना आंखों वाला भृंग है जो Slovenia की गुफ़ाओं में रहता है. Oscar Scheibel (1881-1953) नामक एक Austrian भृंग संग्रहक ने 1937 में इस प्रजाति को उस समय के Chancellor के सम्मान में यह नाम दिया. ज़ाहिर तौर पर उस समय यह नाम उचित था. प्राणी-शास्त्रीय नामकरण के अन्तर-राष्ट्रीय स्तर पर लागू नियमों (International Code of Zoological Nomenclature, ICZN) के अनुसार, नाम को बाद में नहीं बदला जा सकता है. ICZN जानवरों के वैज्ञानिक नामकरण को नियन्त्रित करता है. प्रत्येक प्रजाति का एक अलग नाम होना चाहिए ताकि दुनिया भर के शोध में यह हमेशा स्पष्ट रहे कि कौन से जानवर की बात हो रही है. इसी लिए ICZN ने Hitler Beetle का नाम बदलने से इनकार कर दिया. आयोग को डर है कि अगर Hitler beetle को नया नाम दिया गया तो उस के नियम कमज़ोर हो जाएंगे और भ्रम पैदा होगा. संगठन अनुपयुक्त नामों की बाद में जांच और समायोजन की अनुमति नहीं देना चाहता. सभी पशु प्रजातियों में से लगभग 20 प्रतिशत का नाम लोगों के नाम पर रखा गया है. एक बार नाम बदलना शुरू होने पर, सैकड़ों-हज़ारों नामों को चुनौती दी जा सकती है क्योंकि किसी को वे अनुपयुक्त लगते हैं. हालांकि प्राणी-शास्त्र में कई लोग कम से कम सब से ख़राब तानाशाहों और औपनिवेशिक अपराधियों को प्रायोजन के सम्मान से वंचित करने का आह्वान कर रहे हैं. (Katapult Nr. 32, Wikipedia)
Munich की जिला अदालत ने 73 वर्षीय star chef Alfons Schuhbeck, जो कई TV shows और कई रेस्त्रां आदि की वजह से लोक-प्रिय हैं, को 2009 और 2015 के बीच बाइस लाख Euro की कर चोरी के मामले में तीन साल दो महीने की बिना parole के jail की सजा सुनाई है और बारह लाख Euro की जब्ती का आदेश दिया है. लेकिन हो सकता है कि Schuhbeck इस के विरुद्ध appeal करें.
tennis जगत की चार सब से बड़ी सालाना स्पर्धाओं (Grand-Slam) में छह बार विजय प्राप्त कर चुके 55 वर्षीय German tennis खिलाड़ी Boris Becker को 15 December 2022 को UK की Huntercombe jail से रिहा कर दिया गया और वे Germany वापस आ गए. April अन्त में UK में दिवालिया कार्यवाही में सम्पत्ति छुपाने के जुर्म में उन्हें ढाई साल jail की सजा हुई थी जो सामान्यत: अक्तूबर 2024 तक चलनी थी. लेकिन अभी उन्हें विदेशी कैदियों के लिए एक खास नियम के अधीन इस शर्त पर रिहा कर दिया गया कि वे तत्काल UK छोड़ दें.
Film महोत्सव के हिस्से के रूप में 23 जून को Deutsch-Indische Gesellschaft e.V., Stuttgart द्वारा लोक-प्रिय सितार वादक प्रदीप गुप्ता और उनके सह-कलाकारों का उत्कृष्ट राग संगीत प्रस्तुत किया गया और नृत्य प्रदर्शन के रूप में भगवान गणेष और कृष्ण की कथाएं प्रस्तुत की गईं. इस के अलावा आयोजकों ने पटना (बिहार) में नेत्रहीन बच्चों के लिए "रौशनी" नामक एक स्कूल की प्रस्तुति दी. यह परियोजना DIG Stuttgart के प्रबन्ध निदेशक श्री बिमल अग्रवाल के मार्ग-दर्शन में सम्पन्न हुई. इस ख़ूबसूरत शाम में उत्कृष्ट भारतीय भोजन और jutevital company की ताज़ा पटसन की चाय भी उपलब्ध थी. Tiziana Zamponi, अनुवाद: प्रियंका आढा
Berlin निवासी डॉ॰ योजना साह जैन Healthprax नामक healthcare company की संस्थापक होने के साथ साथ एक हिन्दी लेखिका भी हैं. दो हिन्दी पुस्तकों (कविता संग्रह 'कागज़ पे फुदकती गिलहरियां', भारतीय ज्ञान-पीठ, 2019 और कहानी संग्रह 'इमली का चटकारा', प्रभात प्रकाशन) के अलावा उनके अनेक लेख, कविताएं और कहानियां भारत की प्रतिष्ठित पत्रिकाओं और समाचार पत्रों में प्रकाशित हुई हैं. कई देशों में आयोजित अनेक कवि सम्मेलनों, लेखन कार्य-शालाओं और सम्मेलनों में वे भाग लेती रही हैं. हिन्दी में सम्मानित कार्यों के लिए वे 'श्रेष्ठ साहित्य सृजन सम्मान', 'साहित्य रत्न', 'साहित्य शिरोमणि', 'मैथिलीशरण गुप्त सम्मान', 'साहित्य प्रज्ञा सम्मान', 'हिन्दी सेवी सम्मान', 'Golden Pinnacle Award', 'Indian Legacy Award' सहित अनेक पुरस्कारों से सम्मानित हैं. वे YouTube पर 'Yojna's Candid Talk Show' नामक धारावाहिक भी चला रही हैं. healthcare expert के रूप में वे TEDx NIT Rourkela पर एक व्याख्यान भी दे चुकी हैं.
02.08.2022 ਨੂੰ ਡਾ. ਅੰਬੇਡਕਰ mission Society Europe 'Germany' ਵੱਲੋਂ consulate ਡਾ. ਅਮਿਤ ਤੇਲੰਗ ਜੀ Frankfurt ਵਿਖੇ ਬੋਧੀ ਲੀਡਰ, ਕਈ ਕਿਤਾਬਾਂ ਦੇ ਲੇਖਕ ਅਤੇ ਭੀਮ ਪਤਰਿਕਾ ਕੱਢਣ ਵਾਲੇ ਸ਼੍ਰੀ ਲਹੋਰੀ ਰਾਮਬਾਲੀ (L.R.Balley) ਜੀ ਦੀ ਅੰਗਰੇਜ਼ੀ ਵਿੱਚ ਲਿਖੀ ਕਿਤਾਬ 'ਅੰਬੇਡਕਰ life ਅਤੇ mission' ਭੇਂਟ ਕੀਤੀ ਗਈ. consulate ਡਾ. ਤੇਲੰਗ ਜੀ ਨੇ ਇਸ ਨੂੰ German ਭਾਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਕਰਨ ਦਾ ਵਾਇਦਾ ਵੀ ਕੀਤਾ. ਇਸ ਦੌਰਾਨ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ passport ਅਤੇ OCI card ਦੇ ਸੰਬੰਧ ਵਿੱਚ ਮੁਸ਼ਕਲਾਂ ਦਾ ਆਸਾਨੀ ਨਾਲ ਨਿਪਟਾਰਾ ਵੀ ਕੀਤਾ. ਡਾ. ਸਾਹਿਬ ਮਿਲਣਸਾਰ ਅਤੇ ਚੰਗੇ ਸੁਭਾਅ ਦੇ ਇਨਸਾਨ ਹਨ. ਸਾਰੀ ਗੱਲ ਧਿਆਨ ਨਾਲ ਸੁਣਦੇ ਹਨ. ਕਿਤਾਬ ਭੇਂਟ ਕਰਨ ਵਾਲੇ ਸੋਹਨਲਾਲ ਸਾਪਲਾ (ਪ੍ਰਧਾਨ), ਮਨਦੀਪ ਥਿੰਦ, ਬੱਬਾ ਸਿੰਘ ਗਿੱਲ ਅਤੇ ਸਹਾਇਕ consulate ਅਜੇਨਾਥ ਔਜਾਹ, ਅਮਰਨਾਥ ਮੀਨਾ ਜੀ ਸਨ. ਬਾਦ ਵਿੱਚ ਸਾਪਲਾ ਜੀ ਨੇ ਸਭ ਦਾ ਧੰਨਵਾਦ ਕੀਤਾ.
মিউনিখত অসমীয়া আড্ডা
ভাৰতৰ বিভিন্ন অঞ্চলৰ ভাল সংখ্যক লোক মিউনিখত বাস কৰে. আমি জনাত মিউনিখত প্ৰায় ১০০ জন অসমীয়াও থাকে. যোৱা মাহত এটা শনিবাৰে সন্ধিয়া আমাৰ প্ৰায় ২৫ জনে ইংলিচাৰ গাৰ্টেনত লগ কৰিছিলোঁ. যদিও বেছিভাগ মানুহ মিউনিখৰ পৰা আহিছিল, কিছুমানে আউগছবাৰ্গৰ পৰা যাত্ৰা কৰিছিল আৰু এজন আনকি উলমৰ পৰাও আহিছিল. আমি সকলোৱে একেলগে খেল খেলি, খাদ্য উপভোগ কৰি আৰু গীত গাই এটা সুন্দৰ সন্ধিয়া কটালোঁ. আমি এতিয়াৰ পৰা অধিক নিয়মীয়াকৈ লগ কৰাৰ পৰিকল্পনা কৰিছো. প্ৰগতি প্ৰাণ বড়া
ਕਬੱਡੀ Tournament Frankfurt
17 ਜੁਲਾਈ 2022 ਨੂੰ ਬਾਬਾ ਮੱਖਣ ਸ਼ਾਹ ਲੁਭਾਣਾ ਸਿੱਖ Welfare Association (Regi.) Frankfurt ਵੱਲੋਂ ਸੰਤ ਬਾਬਾ ਪ੍ਰੇਮ ਸਿੰਘ ਮੁਰਾਲੇ ਵਾਲਿਆਂ ਜੀ ਦੀ ਮਿੱਠੀ ਅਤੇ ਨਿੱਘੀ ਯਾਦ ਵਿੱਚ 23ਵਾਂ ਕਬੱਡੀ Tournament ਅਤੇ ਸੱਭਿਆਚਾਰਕ ਮੇਲਾ ਕਰਵਾਇਆ ਗਿਆ. ਪੰਜ ਕਬੱਡੀ ਟੀਮਾਂ ਦੇ ਆਪਸ ਵਿੱਚ 6 ਮੁਕਾਬਲਿਆਂ ਵਿੱਚੋਂ ਮਹਾਰਾਜਾ ਰਣਜੀਤ ਸਿੰਘ ਕਬੱਡੀ Club Köln ਜੇਤੂ ਹੋਈ ਜਿਸਨੂੰ 3100 ਯੂਰੋ ਦੇ ਇਨਾਮ ਨਾਲ ਸਨਮਾਨਿਤ ਕਿੱਤਾ ਗਿਆ. Punjab Sports Club Amsterdam runner up ਘੋਸ਼ਿਤ ਹੋਇਆ ਅਤੇ ਉਸ ਟੀਮ ਨੂੰ 2500 ਯੂਰੋ ਦੇ ਇਨਾਮ ਨਾਲ ਸਨਮਾਨਿਤ ਕਿੱਤਾ ਗਿਆ. ਗੁਰੂ ਕਾ ਲੰਗਰ ਹੈਪੀ ਸੱਲਾਂ ਪਰਿਵਾਰ ਵੱਲੋਂ ਲਗਾਇਆ ਗਿਆ. ਡਾ. ਅੰਬੇਡਕਰ mission Society Europe 'Germany' ਦੇ ਪ੍ਰਧਾਨ ਸੋਹਨਲਾਲ ਸਾਪਲਾ ਵੱਲੋਂ ਸੰਸਥਾ ਦੇ ਪ੍ਰਧਾਨ ਹਰਭਜਨ ਸਿੰਘ ਕੈਰੋਂ, ਚੇਅਰਮੈਨ ਕਰਨੈਲ ਸਿੰਘ, ਮੀਤ ਪ੍ਰਧਾਨ ਗੁਰਮੇਲ ਸਿੰਘ ਪਿਹੋਵਾ, ਗੁਰੁਦ੍ਵਾਰਾ ਸਿੰਘ ਸੈਂਟਰ ਦੇ ਪ੍ਰਧਾਨ ਬਲਕਾਰ ਸਿੰਘ, ਬੱਬਾ ਸਿੰਘ ਗਿੱਲ, ਨਿਰਮਲ ਸਿੰਘ ਨਿੰਮਾ, ਸਾਬਕਾ ਪ੍ਰਧਾਨ ਕੁਲਵੰਤ ਸਿੰਘ, ਪਾਲਾ ਸਿੰਘ, ਸੁਰਾਇਣ ਸਿੰਘ ਅਤੇ ਬਾਕੀ ਕਮੇਟੀ members ਨੂੰ ਕਬੱਡੀ ਖੇਡ ਨੂੰ ਪ੍ਰਫੁੱਲਤ ਕਰਨ ਲਈ ਭਾਰਤੀ ਸੰਵਿਧਾਨ ਦਾ ਪੰਜਾਬੀ ਸੰਸਕਰਣ ਭੇਂਟ ਕੀਤਾ ਗਿਆ.
ನಾವು ಜೀವನದಲ್ಲಿ ಹಲವಾರು ಕನಸುಗಳನ್ನು ಕಾಣುತ್ತೇವೆ, ಆದರೆ ಕಂಡ ಪ್ರತಿ ಕನಸು ನನಸಾಗುವುದಿಲ್ಲ. ನನಸಾಗುವ ಕೆಲವು ಆಸೆಗಳು ಮಾಯೆಯಂತೆ ಅನಿಸುತ್ತದೆ.ನಾನು ಸಹ ಇಂಥ ಒಂದು ಕನಸನ್ನು ಕಂಡಿದ್ದೆ, ಅದೇನೆಂದರೆ ವಿದೇಶಕ್ಕೆ ಹೋಗಿ ಓದಬೇಕು ಎಂದು. ಎಲ್ಲೆ ಇಲ್ಲದ ಬಾನಿನಲ್ಲಿ ಹಾರಿ ದೇಶ ವಿದೇಶಗಳನ್ನು ಸುತ್ತಿ ಕೋಶ ಓಡಬೇಕೆಂದು. ಅಂದು ನಾನು ಬೆಂಗಳೂರಿನ ಅಂತರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ವಿಮಾನ ನಿಲ್ದಾಣದಲ್ಲಿ ನನ್ನವರಿಗೆಲ್ಲ ವಿದಾಯ ಹೇಳಿ ಒಳಗೆ ತೆರಳಿದ್ದೆ. ಚೆಕ್ ಇನ್ ಮುಗಿದು ವಿಮಾನದತ್ತ ಹೊರಡುವ ಮುನ್ನ, ಒಂದು ಬಾರಿ ಗಾಜಿನ ಕಿಟಕಿಯ ಮೂಲಕ ನನ್ನ ಪ್ರೀತಿ ಪಾತ್ರರನ್ನು ನೋಡಿದೆ, ಆ ಕ್ಷಣದಲ್ಲಿ ಮನಸ್ಸಿನಲ್ಲಿ ಹಲವಾರು ಭಾವನೆಗಳು ಮೂಡಿತ್ತು ಅದರಲ್ಲಿ ಅತಿಯಾಗಿ ದುಕ್ಕವೇ ಆಗಿದ್ದು. ನಾನು ನನ್ನ ಕನಸಿಗೆ ಸಮೀಪಿಸಿದ್ದರು ನನ್ನ ಮನಸ್ಸಿನಿಂದ ದೂರವೇ ಆಗುತ್ತಿದೆ ಎಂಬ ತಳಮಳ ಹೆಚ್ಚಾಗಿತ್ತು. ಇದು ತಂತ್ರಜ್ಞಾನದ ಯುಗ. ಅಂಗೈ ನಲ್ಲಿ ಮೊಬೈಲ್ ಹಿಡಿದು ಜಗತ್ತನ್ನೇ ಆಳ ಬಹುದಾದ ಯುಗ. ಇಂತಹ ಪೀಳಿಗೆಯಲ್ಲಿದರೂ ನನ್ನ ಜೀವನದ ಮುಖ್ಯವಾದವರಿಂದ ದೂರವಿರುವ ತಳಮಳ ನನಗೆ ತಿಳಿದಿರಲಿಲ್ಲ. ಓದಲು ನಿರ್ಧರಿಸಿದಾಗ ನಾನು ಪ್ರತಿ ಅಡಚಣೆಯನ್ನು ಎದುರಿಸಲು ಸಿದ್ದವಾಗಿದ್ದೆ, ಆದರೆ ಭಾವನಾತ್ಮಕ ಅಂಶವನ್ನು ಹೊರತು ಪಡಿಸಿ. ಮನಸ್ಸಿಲ್ಲದ ಮನಸ್ಸಿನಿಂದ ಅಂತೂ ಇಂತೂ ಹೊರಟೆ. ಹೊರಟು ವಿಮಾನದಲ್ಲಿ ಕುಳಿತು ಆಗಸದಲ್ಲಿ ತೀಲಾಡುತ್ತ ಕಣ್ಣುಗಳು ಕಂಬನಿಯ ಮಳೆಯನ್ನೇ ಸುರಿಸಿತ್ತು. ಸ್ವದೇಶದಿಂದ ಹೊರಟು ಬಂದಿದ್ದು ಜರ್ಮನಿಗೆ. ಇಲ್ಲಿನ ಜನರು ಅಪ್ಪಟ ಭಾಷಾಭಿಮಾನಿಗಳು, ಹಾಗೂ ನೇರ ಮಾತಿನವರು. ಗೋತಿಲ್ಲದ ದೇಶ ಬರದ ಭಾಷೆಯ ಮಧ್ಯ ಬಿಸಿ ತುಪ್ಪದಂತೆ ನನ್ನ ಪರಿಸ್ಥಿತಿ ಯಾಗಿತ್ತು. ಇಂತಹ ಸಂದರ್ಭದಲ್ಲಿ ನನಗೆ ಪರಿಚಯವಾಗಿದ್ದು ನನ್ನ ಜರ್ಮನಿ ಕುಟುಂಬ. ನಾವೆಲ್ಲರೂ ಜೊತೆಗೆ ಬಾರದಿದ್ದರೂ ಕೂಡ ಇದೊಂದು ಅಧ್ಯಾಯವನ್ನು ಒಟ್ಟಿಗೆ ಪ್ರಾರಂಭಿಸಿದ್ದೇವು. ನಾನು ಇಲ್ಲಿ ಕಂಡುಕೊಂಡ ಪರಿವಾರ ನನ್ನನ್ನು ಮಾನಸಿಕವಾಗಿ ಸ್ಥಿರವಾಗಿ ಇರಿಸಿತ್ತು. ಇಲ್ಲಿ ಬಂದ ಹೊಸತರಲ್ಲಿ ನನಗೆ ಉಳಿದುಕೊಳ್ಳಲು ಯಾವುದೇ ಹಾಸ್ಟೇಲ್ ಸಿಕ್ಕಿರಲಿಲ್ಲ , ಹೀಗೆ ಇರುವಾಗ ಅಪರಿಚಿತರಿಬ್ಬರು ನನಗೆ ಉಳಿದುಕೊಳ್ಳಲು ಸಹಾಯ ಮಾಡಿದರು. ಒಳ್ಳೆಯ ವಿಷಯವೇನೆಂದರೆ ಆಕೆ ಇಂದಿಗೂ ನನ್ನ ಒಳ್ಳೆ ಸ್ನೇಹಿತೆ! ನಾವು ಕೆಲವರನ್ನು ನಮ್ಮ ಜೀವನದ ಹಾದಿಯಲ್ಲಿ ಸಾಕಷ್ಟು ಸಲ ನೋಡಿದ್ದರೂ ಸಹ ವಿಧಿ ನಮ್ಮನ್ನು ಭೇಟಿಯಾಗುವ ವರೆಗೂ ಅವರೊಂದಿಗೆ ಸಂವಹಿಸಿರುವುದಿಲ್ಲ. ಹೀಗೆ ನಾನು ಬೆಂಗಳೂರಿನಲ್ಲಿದ್ದಾಗ ಅಕ್ಕಪಕ್ಕ ಇದ್ದರೂ ಗೊಟ್ಟಿರದವರು ಇಂದು ಜರ್ಮನಿಗೆ ಬಂದಮೇಲೆ ನನ್ನ ಪರಿವಾರದವರ ಹಾಗೆ ಜೊತೆಯಾಗಿದ್ದಾರೆ. ನಾವು ಎಷ್ಟೇ ದೇಶಗಳನ್ನು ಸುತ್ತಿದರೂ ಕೂಡ ಅಮ್ಮನ ಕೈರುಚಿಯನ್ನು ಬೇರೆಲ್ಲೂ ಸವಿಯಲು ಸಾಧ್ಯವಾಗುವುದಿಲ್ಲ. ನಾನು ಮೊದಲೇ ತಿಂಡಿಪೋತಿ, ಇಲ್ಲಿ ಎಷ್ಟೇ ಥರಾವರಿ ಬ್ರೀಡ್ ಸಿಕ್ಕಿದರೂ ಕೂಡ ನಮ್ಮ ಇಡ್ಲಿ ವಾಡೆ ದೋಸೆ ಪೂರಿ ಮುಂದೆ ಏನೂ ಇಲ್ಲ ಅನ್ಸತ್ತೆ. ಎಷ್ಟೇ ವಿಧವಾದ ಕಾಫಿ ಸಿಕ್ಕಿದರೂ ಕೂಡ ನಮ್ಮ ಫಿಲ್ಟರ್ ಕಾಫಿ ಥರ ಇರೋದಿಲ್ಲ. ಮನೆಯಲ್ಲಿ ಮಾಡ್ತಿದ್ದ ಹಬ್ಬ, ಹಬ್ಬದ ಅಡುಗೆ, ಆ ಸಂಬ್ರಮ ಎಲ್ಲಾ ತುಂಬಾ ನೆನಪಾಗುತ್ತೆ. ದೂರವಿದ್ದಷ್ಟೂ ಪ್ರೀತಿ ಹೆಚ್ಚು ಎಂಬ ಮಾತು ನೂರರಷ್ಟು ಸತ್ಯ, ನಾನು ಇಲ್ಲಿಗೆ ಬಂದ ನಂತರ ನನ್ನ ಕುಟುಂಬದೊಂದಿಗೆ ಅನೇಕ ಸಂಭ್ರಮಾಚರಣೆಗಳಲ್ಲಿ ನೇರವಾಗಿ ಭಾಗವಹಿಸಲು ಸಾಧ್ಯವಾಗಿಲ್ಲ ಆದರೆ ವಾಟ್ಸಾಪ್ ಫೇಸ್ಬುಕ್ ಗಳ ಸಹಾಯದಿಂದ ವರ್ಚುವಲ್ ಆಗೆ ಜೊತೆಯಾಗಲು ಸಾಧ್ಯವಾಗಿದೆ. ಒಂದೇ ನಾಣ್ಯದ ಎರಡು ಮುಖಗಳು, ಒಂದೆಡೆ ಬೇಸರ ವಾದರೆ ಇನ್ನೊಂದೆಡೆ ನಾನು ವೈಯಕ್ತಿಕವಾಗಿ ಬಹಳ ಬೆಳೆದಿದ್ದೇನೆ. ನಾನು ಈಗ ಹೆಚ್ಚು ಸ್ವಾವಲಂಬಿಯಾಗಿರುವೆ, ಹೆಚ್ಚು ಸ್ವತಂತ್ರಳುಎಂದೆನಿಸುತ್ತದೆ. ಜರ್ಮನಿಯೊಂದು ಮಾಯಾನಗರಿ, ಇಲ್ಲಿನ ಸಾರಿಗೆ ವ್ಯವಸ್ಥೆಯಾಗಲಿ, ಉತ್ತಮ ಶಿಕ್ಷಣ ವ್ಯವಸ್ಥೆಯಾಗಲಿ, ಎಷ್ಟೇ ದೇಶಗಳನ್ನು ಸುತ್ತಿದಿದರೂಕೂಡ ನಮ್ಮ ಬೀರಿಗೆ ಹಿಂಡಿರುಗಲೇಬೇಕು ಎಂಬುದು ಮನಸ್ಸಿನಲ್ಲಿ ಸ್ಥಿರವಾಗಿ ಉಳಿದಿದೆ.
ಸಿಂಧು ಸುಬ್ರಮಣ್ಯ
महाराष्ट्र की लोनावला के पास स्थित आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के विशाल केन्द्र ‘आत्मसन्तुलन village’ में 25 August को केन्द्र के संस्थापक पद्मश्री डॉ॰ बाlawsी ताम्बे के अर्द्व पुतला एवं समारक का उद्घाटन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के हाथों किया गया. श्री बाlawsी ताम्बे जी ने आयुर्वेद एवं योग का प्रचार सारी दुनिया में किया. खास कर Germany के Munich शहर में उनके बेटे सञ्जय ताम्बे ने 'सन्तुलन' के नाम से एक आयुर्वेद चिकित्सा केन्द्र खोलने में उनकी मदद की. श्री बाlawsी ताम्बे जी 10 August 2021 को 81 वर्ष की आयु में स्वर्ग सिधार गए थे. अपने सक्रिय वर्षों में विभिन्न व्याख्यान एवं कार्य-शालाएं आयोजित करने के लिए वे नियमित Germany आते रहे हैं.
www.balajitambe.com
Germany के बारे में कुछ तथ्य
Rügen Germany का सब से बड़ा द्वीप है. 2962m ऊंचाई के साथ Zugspitze Germany का सब से ऊंचा पहाड़ है. 865km के साथ Rhein Germany की सब से लम्बी नदी है. Germany में बच्चों को कम से कम नौ साल के लिए स्कूल भेजना अनिवार्य है. 13000km के साथ Germany का highway network दुनिया का चौथा सब से लम्बा network है.
बदलते दौर में व्यावसायिक ज़रूरतें भी बदलती जा रही हैं. आज के इस high technology के दौर में हर तरह के व्यवसायों के लिए अनेक सम्भावनाएं उपलब्ध हैं. फिर चाहे वह व्यवसाय का प्रचार करना (business promotion) ही क्यों ना हो. इस प्रतिस्पर्धा के दौर में व्यवसायी अपने ग्राहकों की पसन्द- नापसन्द व सुविधाओं को ध्यान रख कर अपनी services को उम्दा बनाने का हर सम्भव प्रयास करते हैं, अपने client satisfaction के लक्ष्य को पूरा कर के अपने व्यवसाय को सफ़लता के नए आयाम तक ले जाना चाहते हैं. व्यावसायिक ग्राहकीकरण (Business Customization) का बाज़ार बहुत विस्तृत है और यदि यह कहा जाए कि अन्तहीन है तो गलत नहीं होगा. restaurants, coffee shop, pizza / burger shop (या फिर कोई भी ऐसा Food and entertainment से जुड़ा व्यावसायिक केन्द्र जहां ग्राहक अपना समय बिताने के लिए कम या ज़्यादा संख्या में आते हों) में ग्राहकों को खाने पीने के साथ ही संगीत का एक अच्छा अनुभव देने के लिए एक ऐसा समाधान बनाया गया है Instore Radio नामक विशेष software के द्वारा संचालितएक एक संगीत सेवा (music service). इसे अलग अलग restaurants की ज़रूरत, दिन के अलग अलग समय व आने वाले ग्राहकों की पसन्द को ध्यान में रख कर customise किया जा सकता है. इस में restaurant manager को बार बार गाने लगाने का झंझट भी नहीं होता क्योंकि यह प्रशिक्षित Music Experts के द्वारा संचालित होता है. इस सेवा की Music Library में श्रेणी के आधार पर सैकड़ों गीत / संगीत उपलब्ध रहते हैं जो programming के आधार पर बजते रहते हैं. इस में ज़रूरत पड़ने पर कभी भी बदलाव किया जा सकता है. Instore Radio हर तरह की दुकान या व्यवसाय की ज़रूरत को पूरा करता है. यहां तक कि ग्राहकों को जानकारी देने के लिए दुकान / रेस्त्रां आदि में उपलब्ध सामान और नए जोड़े गए सामान की जानकारी देने के लिए promotional advertisement बनाने व चलाने की सुविधा भी होती है, जैसा कि हम किसी भी radio station पर सुनते हैं. Instore Radio में संगीत / गीतों के साथ ही साथ store का Brand Name भी Play किया जा सकता है जो कि ग्राहकों पर एक अलग प्रभाव छोड़ता है. वैसे तो यह हर देश की भाषा व संगीत में बनाया जा रहा है परन्तु Germany में कई भारतीय restaurants अपना Bollywood radio बजा कर अपने ग्राहकों को खाने के साथ-साथ ही साथ Indian Bollywood Radio की कमी को भी पूरा करना चाहते है वहीं कई Indo-German संगीत का Mixed Version बनवाना चाहते है. इस क्षेत्र में Customization की जितनी सम्भावनाएं है मांग भी उतनी ही अधिक है. श्रद्धा मिश्रा (Senior Media Professional, Germany)
पेशे और जुनून को बहुत कम लोग सन्तुलित कर पाते हैं. उन में से एक हैं Munich निवासी software engineer पवन प्रसाद सेतिबलीजा जिन की dance team D4Dance अब तक Germany सहित Europe के बारह देशों में एक हज़ार से अधिक stage shows और पांच सौ से अधिक कार्य-शालाएं कर चुकी है. भारत के कर्नाटक के सन्दूर में जन्मे पवन, जो साल चार वर्ष की से ही नृत्य सीखने लगे थे, ने बेलगाम में तकनीकी विश्व-विद्यालय से computer विज्ञान स्नातक की degree की. भारत में रहते हुए उन्होंने राज्य और राष्ट्रीय स्तर की कई नृत्य प्रतियोगिताएं जीतीं, कई dance reality shows में हिस्सा लिया, 3-Idiots सहित कुछ हिन्दी और तेलगू films में dancer के तौर पर काम किया. 2013 में Germany में नौकरी पाने के बाद वे नृत्य के अपने जुनून को German लोगों तक पहुंचाने के लिए Europe के विभिन्न शहरों में Bollywood dance, भारतीय लोक और शास्त्रीय नृत्य, freestyle dance और कई पश्चिमी नृत्य शैलियों का मिश्रण कर के flash mobs, dance shows और कार्य-शालाएं आयोजित करने लगे, जिस से स्थानीय लोगों को भारतीय नृत्य की ऊर्जा और जीवन शक्ति देखने को मिली. Berlin Bollywood Film समारोह में और पर्यटन मेले ITB में उनकी team का प्रदर्शन उल्लेखनीय है. इस के अलावा 2016 Munich में 'उड़ान-an inspiring journey to India' और 'Ana in Wonderland-Bharat of Bavaria' के शीर्षक से दो बड़े shows, जिन में दो सौ से अधिक स्थानीय कलाकारों ने भाग लिया, ने उन्हें ना केवल लोक-प्रियता की शिखर पर पहुंचाया, बल्कि यह भी साबित कर दिया कि बड़े shows आयोजित करने के लिए भारत से या कहीं और से कलाकारों को आमन्त्रित करना आवश्यक नहीं है. इस के अलावा Germany में रहते हुए वे शाहरुख खान, ऋतिक रौशन, सरोज खान और नरगिस फाखरी के साथ काम कर चुके हैं.
https://d4dance-germany.de/
ठण्ड के कारण मुझे और मेरे पति सुहास को सप्ताहांत पर भी घर पर ही पड़े रहने की आदत हो गई थी. पर April 2022 के दूसरे सप्ताहांत पर अचानक थोड़ी धूप निकली और मौसम गर्म हुआ. तो हम ने अन्तत व्यस्त जीवन से विराम लेने के लिए Neuschwanstein महल देखने का मन बनाया. बर्फ़ीले Alps में बने हुए इस महल को देखने के लिए हम ने Munich Hauptbahnhof से Füssen जाने वाली train पकड़ी. यह ढाई घण्टे का सफ़र था जो निचले Bavarian क्षेत्र के सुन्दर दृश्यों का आनन्द लेते हुए बीत गया. पर जैसे ही हम Alps के भीतर पहुंचे, बर्फ़बारी शुरू हो गई. हमारे पास सर्दियों के कपड़े नहीं थे, इस लिए हम काफ़ी चिन्तित थे. महल का ticket लेने के बाद अपने शरीर को गर्म रखने के लिए हम ऊंचाई पर बने Neuschwanstein महल की ओर पैदल चलने लगे. यह लगभग बीस minute की पैदल यात्रा थी जो आस-पास के बेहद सुन्दर पहाड़ी नज़ारों को देखते हुए बीत गई. Neuschwanstein महल का tour लगभग 40 minute का था जिस में एक अनुभवी guide ने हमें महल के इतिहास और रहस्यमयी राजा Ludwig II के बारे में बताया. इस अनोखे Bavarian आकर्षण के अन्दरूनी हिस्सों को देखना बहुत दिलचस्प था. महल देखने के बाद हम आस-पास के क्षेत्र में घूमते रहे अनगिनत तस्वीरें लीं. सञ्जना सुन्द्रेष, Munich