शुक्रवार, 24 दिसंबर 2021

Sholay trailor


अरे ओ साम्भा। कितना ईनाम रखे है सरकार हम पर?
पूरे पचास हज़ार।
और यह ईनाम इसलिए है कि यहां से पचास पचास कोस दूर गांव में, जब बच्चा रात को रोता है, तो मां कहती है बेटे सो जा। सो जा नहीं तो गब्बर सिंह आ जाएगा।
हम रामगढ़ के बाप हैं।
रामगढ़ वालों ने पागल कुत्तों के सामने रोटी डालना बन्द कर दिया है।
जो डर गया, समझो मर गया।
कुत्ते।
ये गांव है साहब। यहां मोटर गाड़ी नहीं मिलेगी कि बैठे और गर्रर्र से चल दिए।
ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे। तोड़ेंगे दम मगर तेरा साथ न छोड़ेंगे।
मैंने तुझे क्या समझा था जय लेकिन तू, तू क्या निकला।
गब्बर सिंह को पकड़ना है वो भी ज़िन्दा।
हरामजादा। बहुत याराना लगता है।
होली के दिन दिल खिल जाते हैं, रंगों में रंग मिल जाते हैं।
तुम यहां गब्बर को पकड़ के मेरे हवाले करने आए हो।
तुमने सुना मैंने क्या कहा?
गब्बर सिंह। आ रहा हूं मैं।
चल धन्नो।
तुम अगर एक मारोगे तो हम चार मारेंगे।
अब आएगा मज़ा खेल का।
ठहरो