गुरुवार, 4 मार्च 2021

कौन देसी कौन विदेशी?

हम भारतीय अपनी सुविधा अनुसार लोगों को देसी या विदेशी होने का label चिपका देते हैं। सोनिया गांधी, जिसने प्रेम की ख़ातिर अपना घर, देश, संस्कृति छोड़ दी (Javier Moro की पुस्तक 'लाल साड़ी' के अनुसार), भारत में परिवार बसाया, बच्चे जनमे, भारतीय नागरिकता ली, अपनी सास और अपने पति को बड़े हिंसक तरीके से खो दिया, हम केवल उसके मूल के कारण अब भी इटालियन मानते हैं और अक्षय कुमार को, जिसने शायद केवल पैसे देकर कनाडा की नागरिकता ली है, लेकिन रहता भारत में है, भारत में ही परिवार बसाया, भारत में रह कर वह फ़िल्मों में काम करता है और करोड़ों लोगों का मनोरंजन करता है, उसे हम जब दिल चाहे कनाडियन कह देते हैं। और कल्पना चावला, सुनीता Williams, Kamal Harris जैसे लोगों को, जिनका भारत के साथ जन्म को छोड़ कर कोई रिश्ता नहीं, जो रहते अमरीका में हैं (या थे), उनकी निष्ठा अमरीका के प्रति है (या थी), यहां तक कि कइयों के वीकिपीडिया पृष्ठ पर तो हल्का सा संकेत भी नहीं होता कि भारत के साथ उनका कुछ रिश्ता है, उन्हें हम बड़े गर्व से कहते हैं कि भारतीय मूल के हैं। ऐसे तो विदेशों में रह रहे लाखों अप्रवासी भाारतीयों को तो भारत में बारे में बात करने का बिलकुल भी हक नहीं होना चाहिए। क्योंकि वे तो रह भी वहीं रहे हैं, कमा भी वहीं रहे हैं, tax भी वहीं दे रहे हैं, उनके बच्चे भी वहीं पढ़ रहे हैं, सब वहीं के नागरिक हैं। लेकिन अगर वे भारत में निवेश या दान करना चाहें तो भारतीयों की बांछें खिल जाती हैं। ये दोहरे मापदंड क्यों? क्या यह इस बात का संकेत है कि भारतीयों का ख़ुद में विश्वास नहीं? बस वे विरोध करने के लिए सुविधानुसार कोई ऊट-पटांग तर्क ढूंढ लेते हैं?

बुधवार, 3 मार्च 2021

कैसे हटाया गया कश्मीर से अनुच्छेद 370?

मैं कश्मीर और पटेल पर अब तक दो तीन पुस्तकें पढ़ चुका हूं। पर कश्मीर और article 370 के बारे में जैसा इस साढ़े तीन घंटे के वीडियो में समझाया गया है, वह आपको कहीं और जानने को नहीं मिलेगा। यह दरअसल प्रशासनिक सेवाओं की परीक्षा के लिए तैयारी कर रहे छात्रों की एक कक्षा का वीडियो है। दिल्ली के मुखर्जी नगर में 'दृष्टि' नामक इस शैक्षणिक संस्था के मालिक (शायद) डॉ. विकास दिव्यकीर्ति जी के बताने समझाने का ढंग आपको किसी फ़िल्म से कम रोमांचित नहीं करेगा। इसके अलावा आपको अमरीका, अंडेमान निकोबार, लक्षद्वीप आदि के बारे में भी आपको कुछ जानने को मिलेगा।

कुछ अनजान तथ्य, सुब्रह्मण्यम स्वामी जी द्वारा

सुब्रह्मण्यम स्वामी जी जो कुछ इस वीडियो में कह रहे हैं, उस पर यकीन नहीं हो रहा। वे कह रहे हैं कि भिंडरांवाला एक संत था, उस ने किसी को नहीं मारा या मरवाया, खालिस्तान उनकी मांग नहीं थी, आदि। सच क्या है? इसके अलावा वे मेरे लिए कई अनजान तथ्य बता रहे हैं, जैसे कि इंदिरा गांधी पूरी तरह से रूस के प्रभाव में थी, जो वो कहते थे, करती थी। आदि।

बाहरवीं फ़ेल से DIG तक का सफ़र

मुझे नहीं पता था कि कुछ सप्ताह पहले मैंने Kindle पर 'Twelfth Fail' के शीर्षक से जो उपन्यास पढ़ा था, वह इन DIG मनोज कुमार शर्मा जी के जीवन पर आधारित है

Civil Services Mock Interview

2018 की प्रशासणिक सेवा परीक्षा में हिन्दी माध्यम से पहली बार में सफ़ल होने वाले राजस्थान के रवि कुमार सिहाग ने इस mock interview में हिन्दी भाषा को जो सम्मान दिया है, वह देखने लायक है। केवल एक दो उत्तरों से मैं सहमत नहीं हूं। जब उनसे पूछा गया कि एक IPS officer होने के नाते क्या वे एक ब्लात्कारी को अदालती कारवाई के लिए पकड़ेंगे या मार देंगे, तो मेरे ख्याल से इसका उत्तर 'मार देना' होना चाहिए था। खास कर जब परिस्थितियां ऐसी हों जो उस प्रश्न में बयान की गई हैं। इसके अलावा जब उनसे पूछा गया कि अगर उनको अपने माता-पिता और अपने प्यार में से किसी एक को चुनना पड़े तो किसे चुनेंगे, तो उन्होंने माता-पिता को चुना। मेरे ख्याल से हमारी ज़िम्मेदारी आगे की ओर होती है, पीछे की ओर नहीं। अगर आज हमें माता-पिता के कारण कुछ त्याग करना पड़ता है तो कल हम अपने बच्चों से भी यही उम्मीद करेंगे।