बुधवार, 16 फ़रवरी 2011

फ़िल्म 'वीर' म्युनिक में प्रदर्शित



Salman's latest film 'Veer' is on german tour. First show in Munich witnessed half filled hall with sufficiently satisfied filmgoers. Most watchers find it to be entertaining and a clean film.




ਸਲਮਾਨ ਦੀਆਂ ਫਿਲਮਾਂ ਆਮ ਪੰਜਾਬੀ ਲੋਕਾਂ ਲਈ ਕਾਫੀ ਮਨੋਰੰਜਕ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ. ਪਿਛਲੀ ਫਿਲਮ 'ਵੀਰ' ਵੀ ਕੁੱਝ ਇਸ ਤਰਾਂ ਦੀ ਸੀ.




सलमान खान की नयी फ़िल्म 'वीर' का पहला शो म्युनिक के Neue Rottmann नामक एक सिनेमाघर में 21 जनवरी को आयोजित हुआ। लेकिन फ़िल्म को देखने उम्मीद से बहुत कम लोग आये। शो के निर्धारित समय तक बहुत कम लोग आये थे। इस लिये फ़िल्म देर से शुरू की गई। तब लगभग आधा हॉल भर गया था। फ़िल्म देखने वालों में कुछ पंजाबी लड़के थे, कुछ जर्मन लोग थे, बाकी पाकिस्तान, अफ़्गानिस्तान आदि के कुछ परिवार थे।  अधिकतर देसी लोगों को फ़िल्म ठीकठाक, साफ़ सुथरी, मनोरंजक और परिवार के साथ बैठकर देखने लायक लगी। फ़िल्म की कहानी और सन्देश किसी को कितना प्रभावित या प्रेरित कर पाये, यह कहना मुश्किल है। फ़िल्म के वितरक अशरफ़ क्षुब्ध हैं। कहते हैं म्युनिक में एक तो भारतीय लोग कम हैं, ऊपर से उन्हें फ़िल्म देखने का कोई चाव नहीं है। यही शाहरुख खान की फ़िल्म होती तो बाहर खड़े होने को भी जगह नहीं मिलती। लेकिन बड़ी फ़िल्में उन्हें मिल नहीं पातीं। अब शाहरुख की नयी फ़िल्म 'My Name is Khan' को लोग पूछ रहे हैं। लेकिन यह फ़िल्म भी किसी जर्मन वितरक कंपनी के पास है। लोग कहते हैं कि Cinemaxx या Mathäser जैसे किसी अच्छे सिनेमाघर में फ़िल्म लगाओ, तब देखने आयेंगे, लेकिन उनके किराये बहुत मंहगे हैं। इस हॉल में भी कोई खराबी नहीं है। साउण्ड, स्क्रीन, सीटें आदि सब कुछ ठीक ठाक है।

फ़िल्म में अपने देश और संस्कृति में विश्वास जगाने का प्रयत्न किया गया है। लेकिन ब्रिटिशों के विरुद्ध अत्यधिक रोष, और कई सारे भावुक सीन फ़िल्म को कई जगह पर, खास कर अन्त में बिना वजह बहुत लंबा और बोझिल बना देते हैं। गाने बहुत अच्छे हैं। एडिटिंग बहुत ही नपी तुली है।

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