शुक्रवार, 26 जून 2009

भारतीय मूल की युवतियां टीवी के फाइनल शो में

25 जून 2009 को Pro7 टीवी चैनल में 'Germany's next Showstars' के फ़ाईनल शो में प्रसारित दस सर्वोत्तम आईटमों में से एक फ़्रैंकफ़र्ट निवासी दो नवयुवतिओं द्वारा प्रदर्शित बॉलीवुड डांस भी शामिल था। मॉडल Verona Pooth और डीजे बोबो (DJ BoBo) जैसे जाने माने जूरी सदस्यों के सामने 18 वर्षीय देबीरथी मण्डल और उनकी 14 वर्षीय बहन नीता मण्डल ने बॉलीवुड और अर्ध शास्त्रीय नृत्य का मिश्रण पेश किया। शो में बॉलीवुड डांस को एक अन्तरराष्ट्रीय रूप देने के लिए शामिल किया गया।दोनों युवा कलाकारों के पिता श्री मिहिर कुमार मण्डल जो बहुत पहले कोलकाता से जर्मनी आ गए थे, बताते हैं कि देबी और नीता को नृत्य की प्रेरणा अपनी माता 'संजू मण्डल' से मिली जिन्होंने कोलकाता से नृत्य प्रशिक्षण लिया पर जर्मनी आने के कारण छोड़ना पड़ा। देबी और नीता मण्डल, जो जर्मनी में पैदा और बड़ी हुईं, और क्रमश बारहवीं और नवीं कक्षा में पढ़ती हैं, हर वर्ष दो तीन बार कुछ सप्ताह के लिए कोलकाता जाकर एक प्रतिष्ठित नृत्य स्कूल से प्रशिक्षण भी लेती हैं, नियमित तौर पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों में कला प्रदर्शन करती रहती हैं। वे इटली, यूनान, बेल्जियम आदि में भी शो कर चुकी हैं।

देबी और नीता 13 मार्च को फ़्रैंकफ़र्ट में हुए एक कार्यक्रम में

सोमवार, 1 जून 2009

नकली नोट चलाने वाला अपराधी अभी लापता

2007 में क्रिस्मस से पहले एक अपराधी ने Wuppertal शहर में कई दुकानों पर दो दो सौ यूरो के नकली नोट चलाए (13 बार)। उसका अभी तक पता नहीं चल पाया है। उसी की तरह दिखने वाले एक व्यक्ति ने Duisburg, Hagen और बर्लिन में भी दो सौ यूरो के नकली नोट चलाए हैं। एक गवाह की मदद से उसकी एक प्रेत छवि तैयार की गई है। उसकी आयु पच्चीस और पैंतीस वर्ष के बीच है, जीभ में पीर्सींग की हुई है, अच्छा खासा दिखता है और अंग्रेज़ी बोलता है। ZDF चैनल पर चलने वाले अपराध आधारित धारावाहिक 'Aktenzeichen XY... ungelöst' में 3 जून को प्रसारित होने वाली कड़ी में उसके तौर तरीकों पर गौर किया जाएगा।

अवैध शरणार्थी घुसे घर में

6 जनवरी को शाम करीब चार बजे Wuppertal में Uellendahler Straße में दो अपराधी एक घर के पिछवाड़े से घुस कर ढाई मीटर ऊँचे छज्जे पर चढ़ गए। जब वे बलकनी का दरवाज़ा तोड़कर अंदर घुसने लगे तो कुछ लोगों ने उन्हें देख लिया। इससे वे वहां से भाग गए। उनमें से एक की प्रेत छवि (Phantombild, Facial composite) तैयार करके सार्वजनिक की गई थी जिसकी मदद से 23 फरवरी को उसी क्षेत्र में एक 48 वर्षीय पूर्व यूगोस्लाविया का एक व्यक्ति गिरफ़्तार किया गया जिसकी शक्ल इस छवि से मिलती जुलती थी। एक गवाह ने उसे पहचान भी लिया। उसका कोई स्थाई पता नहीं है और वह इस अपराध के बारे में कुछ भी नहीं बता रहा है। आपराधिक पुलिस का मानना है कि जर्मनी में अपने साथी के साथ अवैध रूप से रहता रहा है। पुलिस को उसके अस्थाई ठिकाने और उसके साथी की तलाश है।

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बचत बैंक में डकैती

22 मई को दोपहर पौने बारह बजे Wuppertal-Barmen में एक बैंक में दो अजनबियों ने कैश काउंटर पर पिस्तौल दिखा कर कई हज़ार यूरो लूट लिए और साथ में लाए एक प्लास्टिक के लिफ़ाफे में भर कर पैदल वहां से भाग गए। तत्काल आरंभ की गई छानबीन से अभी सफ़लता नहीं मिली है। लेकिन बैंक में लगे कैमरे से उन दोनों की कुछ तस्वीरें ली गई हैं।

पैट्रोल पंप से लूटा कैश

30 अप्रैल रात साढे नौ बजे Wuppertal-Ronsdorf में Lindestraße पर स्थित एक पैट्रोल पंप में एक लंबे बालों वाला 20-25 वर्षीय युवक आकर काउंटर पर विक्रेता की प्रतीक्षा करने लगा। दुकान के पीछे काम रही औरत जब काउंटर पर वापस आई तो युवक ने उसे पिस्तौल दिखा कर सारा कैश हथिया लिया और वहां से भाग गया। Wuppertal की आपराधिक पुलिस ने औरत द्वारा दिए युवक के विवरण के अनुसार अपराधी का फ़ैंटम चित्र तैयार किया है और उसे ढूँढ रही है।

हैम्बर्ग में जर्मनी का सबसे खतरनाक अपराधी गिरफ़्तार

28 मई को शाम साढे छह बजे हैम्बर्ग शहर के Reeperbahn रेड लाइट इलाके में से Thomas WOLF नामक 56 वर्षीय खुंखार अपराधी को पकड़ लिया गया जो पिछले 9 सालों से फरार था। यह अपराधी मूलतः डुसलडोर्फ का निवासी माना जाता है। यह कई युरोपीय भाषाओं का जानकार है और समय समय पर दूसरा रुप धारन करके भागता रहा है। गत 8 सालों से यह आदमी डच बन कर फ़्रैंकफ़र्ट में अपनी प्रेमिका के साथ रह रहा था। जर्मन पुलिस इसे कई बैंक डाकों, फिरौती और धमकाने की घटनाओं मे शामिल मानती है। इसके सर पर 100,000€ का ईनाम रखा गया था।

सन् 2000 में इसने नकली बम दिखा के एक बैंक से 250,000€ लूटे। मार्च 2008 में इसने Wiesbaden शहर में एक बडे बैंक अधिकारी की बीवी को अगुआ कर के 18 लाख यूरो बटोरे। बार-बार नाम और भाषा बदल कर भागने वाला यह अपराधी अपराध जगत में "गिरगिट" के नाम से जाना जाता है। बटोरे गए पैसों में से करीब डेढ लाख यूरो एक होटल के कमरे और भागने के लिए उपयोग की एक गाड़ी में से मिल गए हैं। बाकी पैसों का अभी पता लगाया जा रहा है।

अभिषेक कुमार