गुरुवार, 10 अप्रैल 2008

ऐसे सजाती हैं लड़कियां नाखून

लड़कियों और महिलाओं में आज कल studio में बहुत सारा पैसा और समय खर्च कर के तरह तरह से नाख़ून सजाने का रिवाज़ है. इस में नाख़ूनों पर कृत्रिम नाख़ून चिपका कर ऊपर तरह तरह के design बनाए जाते हैं. इसे German भाषा में Neumodellage कहते हैं. कई बार उन पर छोटे छोटे पत्थर और मोती भी जोड़े जाते हैं. Mira shopping complex में 'New York Nails' नामक studio (http://www.mira-nails.de/) इस काम के लिए आज-कल बहुत मशहूर है.

आज-कल नाख़ून सजाने की दो विधाएं प्रचलित हैं, American और French. French विधा में नाख़ूनों पर केवल सफ़ेद paint लगाया जाता है जब कि अमरीकन विधा में बहुत बारीक brush के साथ design बनाने पर अधिक ज़ोर दिया जाता है. 'New York Nails' American विधा से नाख़ून सजाते हैं. ये studio भारतीय महिलाओं के लिए काफ़ी रोचक है क्योंकि वे कपड़ों पर हुई कढ़ाई पर फबते design भी बनाते हैं. 18 वर्षीय अनुप्रिया कहती हैं कि Munich में और भी American विधा के studio हैं लेकिन वे plastic के नाख़ून को बिल्कुल जड़ में चिपका देते हैं जिस से वह मांस से चिपक जाता है. जब नाख़ून बढ़ते हैं तो मांस खिञ्चने लगता है जिस से बहुत दर्द होता है और कई बार ख़ून भी निकलने लगता है. New York Nails वाले plastic के नाख़ून को बिल्कुल tip पर चिपकाते हैं. इस से कोई दर्द नहीं होता.

वैसे ये सफ़ेद हाथी पालने वाला शौक़ है, क्योंकि नाख़ून पर plastic नाख़ून चिपकाने के बाद उसके ऊपर Gel की एक मोटी कठोर परत जमायी जाती है, और उस के बाद उस के ऊपर paint किया जाता है. दो तीन हफ़्ते बाद जब नाख़ून बढ़ जाते हैं तो नीचे से उन्हें दोबारा Gel से भरवाना पड़ता है. इसे Gel auffüllen कहते हैं. इस में लगभग तीन Euro प्रति नाख़ून का खर्च आता है. यानि हर दो तीन हफ़्ते बाद तीस Euro का चूना.