गुरुवार, 27 दिसंबर 2007

दक्षिण पूर्वी ऐशियाई सांस्कृतिक कार्यक्रम


16 दिसंबर को म्युनिक में दक्षिण पूर्वी ऐशियाई सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ जिसमें म्युनिक शहर में रहने वाले जर्मनी, भारत, अफ़्गानिस्तान, बंगलादेश और श्री लंका के कलाकारों ने विभिन्न कार्यक्रम पेश किये। कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण थे-म्युनिक के मशहूर जर्मन कामेडी कलाकार मोसिस (Moses Wolff, http://www.moses-wolff.de/) के द्वारा छोटा सा आईटम, दीपक आचार्य (SAP Consultant) के द्वारा गज़ल गायन, सैकत भट्टाचार्य द्वारा हिन्दी और बंगाली गीत, आदरणीय सुनील बैनर्जी द्वारा सितार वादन, अफ़्गानिस्तान के परवेज़ द्वारा तबला वादन, बंगलादेश की जासमीन द्वारा लोकगीत, लीना घोष के द्वारा भारतनाट्यम।

इस आयोजन के मुख्य कर्ता धर्ता श्री अमिताव दास (www.infoforu.de) का कहना है कि इस कार्यक्रम का आयोजन सफ़ल रहा और इसकी भारी सराहना हुई है। हम यहाँ गुमनाम जीवन व्यतीत कर रहे भारतीय उपमहाद्वीप के लोगों के लिए एक मंच तैयार करना चाहते हैं जहाँ हम अपने त्यौहार और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित कर सकें। म्युनिक में रहने वाले भारतीय उपमहाद्वीप के लोगों में अब तक ऐसे कार्यक्रम नहीं होते थे। विदेश में अपनी जड़ें बरकरार रखना आसान नहीं है। एक ही मूल के लोगों को पूजा, ईद, क्रिसमस आदि के मौकों पर एक साथ होकर आनंद लेना चाहिये। इस तरह के कार्यक्रमों में लोग एक दूसरे से मिल बैठ अपने सुख दुख बाँट सकते हैं। इस कार्यक्रम के दौरान हमने कलाकारों और दर्शकों में नया आत्मविश्वास जगता हुआ देखा। कलाकारों ने भरपूर मेहनत करके इस कार्यक्रम को सफ़ल बनाया है। खास कर युवा लड़की लीना घोष ने भारतनाट्यम पेश करके पश्चिमी दुनिया में बह जाने वाले प्रवासियों के लिये उदाहरण पेश किया है। सुझाव आमंत्रित हैं।

इस कार्यक्रम के फ़ोटो आप यहाँ देख सकते हैं-
https://plus.google.com/photos/104904719684307594934/albums/5147978778902504721